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महिलायें तलाक के बाद सेटलमेंट के तौर पर मिले पैसों का क्या करें
तलाक...डिवोर्स...किसी भी शादी-शुदा शख्स के लिए इमोशनल ट्रॉमा से कम नहीं है। इमोशवल लेवल पर यह पति-पत्नी दोनों को बहुत चोट पहुंचाता है। हालांकि, दोनों पर इसका असर अलग-अलग मात्रा में हो सकता है। इमोशनल ट्रॉमा के साथ-साथ इसके आर्थिक परिणाम भी कम गंभीर नहीं होते और यही वजह है कि तलाक के समय किसी भी समस्या के बारे में हम तर्कसंगत तरीके से फैसला नहीं कर पाते हैं। तलाक से सबसे ज्यादा झटका उन महिलाओं को लग सकता है, जिन्हें फाइनेंशियल मामलों की ज्यादा समझ नहीं होती या जो परिवार के खर्च, सेविंग्स या इन्वेस्टमेंट और इस तरह के दूसरे फैसलों से जुड़ी नहीं रही हैं।

आप भी तलाक की पीड़िता हैं और फाइनेंशियल सेटलमेंट के रूप में एकसाथ काफी पैसे मिले हैं, और अभी तक इसका क्या करना है, नहीं सोचा है, तो चलिए हम कुछ टिप्स बता रहे हैं। हालांकि, इसे आप जानकारी के तौर पर समझें, ना कि सलाह के तौर पर। इन टिप्स पर अमल करने से पहले आप खुद से फैसला लें या फिर अपने भरोसेमंद जानकारों की मदद से ऐसा करें। 


> ये रही टिप्स: 

1-छोटी अवधि के लिए इन पैसों को कहीं सुरक्षित रखें। अगर इन पैसों का क्या करना है, इसको लेकर कुछ उपाय नहीं सुझ रहा हो, तो आकर्षक बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश करें। इससे पहले अगर आपका बैंक अकाउंट नहीं है, तो तुरंत किसी बैंक में अपना अकाउंट खुलवायें और पैसों को कम से कम बचत खाते में तो रख ही दीजिए। ताकि जरूरत पड़ने पर खर्च के लिए आप इसमें से पैसा निकाल सकें। घर पर रखने से कोई फायदा नहीं है। आपको बता दें कि बैंक एफडी निवेश का सबसे आसान, सस्ता और सरल साधन है। बिना कोई खास माथा-पच्ची किए आप अपने पैसों का एफडी कर सकती हैं। 

कैसे खुलवायें बैंक अकाउंट: अब सवाल उठता है कि बैंक अकाउंट कैसे खुलवायें। तो एकदम आसान है। अपने नजदीक के किसी भरोसेमंद बैंक में जाइए। वहां जाकर आप मैनेजर या किसी स्टाफ से बैंक अकाउंट खोलने के बारे में डीटेल्स से जानकारी ले सकती हैं। उनके बताये अनुसार सारे काम कीजिए और अकाउंट खुलवा लीजिए। 
आप ऐसा भी कर सकती हैं कि अगर आप अकाउंट खुलवाने के लिए बैंक जा रही हैं तो अपने साथ पासपोर्ट साइज का अपना फोटो, पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट बगैरह, फिर अपना एड्रेस प्रूफ जैसे कि बिजली बिजली, टेलीफोन बिल, आधार कार्ड, राशन कार्ड बगैरह साथ रख लें। ऐसा इसलिए क्योंकि अकाउंट खुलवाते वक्त इन चीजों की जरूरत पड़ेगी। साथ में कलम भी ले ते जाइगा। बैंक में आपको अकाउंट खोलने के लिए फॉर्म मिलेगा जिसे सही-सही भरकर बैंक को वापस करना होगा। इसमें हस्ताक्षर करना और अपने नॉमिनी का नाम देना मत भूलिएगा। 

2-पैसे को सुरक्षित करने के बाद अपने भविष्य को सुरक्षित कीजिए। भविष्य में आप अपनी जरूरतों को पूरी करने लिए इत्मिनान से फाइनेंशियल प्लान बनाइए। इस काम में आप किसी जानकार की भी मदद ले सकती हैं। फाइनेंशियल प्लान कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे-आपको कितना पैसा बचाना है या निवेश करना है, क्या आपको कोई कर्ज या बकाया चुकाना है, आप अपने पैसों को कितने समय तक बचत खाते या सेविंग्स अकाउंट में रख सकती हैं या फिर निवेशित रह सकती हैं, आप अपने पैसों पर कितना जोखिम लेने की स्थिति में है यानी अगर कभी नुकसान होने की आशंका हो तो कितना नुकसान सह सकती हैं बगैरह-बगरैह। 


हां, कुछ और बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे, फाइनेंशियल प्लानिंग हड़बड़ी में मत तैयार करें, बल्कि इसपर सोचने के लिए कुछ वक्त लें। इसके अलावा, सारी रकम निवेश करने से पहले यह देख लें कि आपके पास कम से कम छह महीने के खर्च के लिए पास में पैसे हैं कि नहीं। जब आप निवेश के बारे में खुद से फैसला ले सकते हैं तो खुद से स्वतंत्र रूप से लीजिए, किसी से सलाह लेने की जरूरत नहीं है। लोग कई बार शेयर बाजार या म्युचुअल फंड में तब निवेश करते हैं जबकि कीमत काफी बढ़ जाती है और मुनाफा होने की संभावना कम हो जाती है जबकि नुकसान की आशंका बढ़ जाती है, तो ऐसे में आपको काफी सावधान रहना पड़ेगा। 

जिन निवेश साधनों के बारे में आप नहीं जानते हैं, उसमें निवेश मत कीजिए। एक बार में बड़ी रकम निवेश करना नुकसान पहुंचा सकता है। निवेश की शुरुआत छोटी-छोटी रकम और छोटी अवधि मसलन, 500 या 1000 रुपए और 6 महीने से करें। इसके अलावा, अपना कर्ज चुकाने के पहले निवेश करने  से बचें। 

3) नई प्रॉपर्टी खरीदें: अगर आपकी जेब आपको नया घर खरीदने की इजाजत दे, तो घर खरीदने के बारे में सोचें। खरीदने से पहले उस घर की पूरी कीमत मसलन, स्टैंप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फी, सर्विस टैक्स भी जोड़ लें। अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो आप पहले ये देख लीजिए कि डाउन पेमेंट के लिए आप पैसों का इंतजाम कर पाएंगी या नहीं। 


4)किसी पेंशन स्कीम में निवेश करें। 


5)अगर आपके साथ आपका बच्चा हो, तो उसके भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए भी कुछ निवेश करें। 


6)लाइफ इंश्योरेंस और मेडिक्लेम लेना मत भूलिएगा। 

7)अगर कोई टैक्स की देनदारी बनती हो, तो उस पर भी गौर फरमा लीजिएगा। 

तो, अगर ये छोटे-छोटे काम कर लेंगे, तो तलाक के बाद फाइनेंशियल संघर्ष से निपटने में आपको काफी सहुलियत होगी। 

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Rajanish Kant शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2017