Results for "WGC"
सोने की मांग 2011 के बाद 2022 में सबसे ज्यादा, किसने खरीदा इतना सोना


दुनिया भर में 2022 में सोने की मांग 2021 के मुकाबले सालाना 18 प्रतिशत बढ़कर 4711 टन पर पहुंच गई, जो कि 2011 के बाद सबसे ज्यादा है। इसका प्रमुख कारण दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सोने की भारी मांग को बताया जा रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने ताजा रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।  WGC की ताजा 'स्वर्ण मांग रुझान' (Gold Demand Trends') में कहा गया है कि 2021 में सोने की कुल मांग 4,012.8 टन थी। 

2021 के मुकाबले 2022 में केंद्रीय बैंकों की कुल वार्षिक स्वर्ण मांग दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर 55 साल की नई ऊंचाई 450 टन से 1,136 टन पर पहुंच गई। अकेले पिछले साल की चौथी तिमाही में 417 टन सोने की मांग दर्ज की गई। इससे दूसरी छमाही में सोने की मांग रिकॉर्ड 800 टन से ज्यादा पर पहुंच गई। 



हालांकि, इस दौरान निवेश के लिए सोने की मांग में 10 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई। इसका मुख्य कारण गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों का मोहभंग होना और सोने के सिक्के और सोने के बार की मजबूत मांग को बताया जा रहा है। चीन में सोने के सिक्के और सोने के बार की मांग में कमी रही, लेकिन दूसरे कई देशों में इसकी भरपूर मांग रही। 

2022 में सोने के गहने-जेवर की मांग 3 प्रतिशत घटकर 2086 टन पर आ गई। इसके लिए तीन प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। पहला, चीन में गहने-जेवर की वार्षिक मांग में 15 प्रतिशत की कमी आना, दूसरा, कोविड लॉकडाउन की वजह से उपभोक्ता की गितिविधियों में कमी आना और तीसरा, चौथी तिमाही में सोने की कीमत आसमान पर पहुंचना। 

इसी बीच, सोने की खपत को लेकर एक अच्छी खबर ये रही है कि 2022 में सोने की वार्षिक आपूर्ति 2 प्रतिशत बढ़कर 4755 टन रही, जो कि कोविड-पूर्व अवधि के स्तरों से अधिक है। 

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Rajanish Kant मंगलवार, 31 जनवरी 2023
भारत में सोने के गहने-जेवर की मांग 11 साल में सबसे कम-WGC (वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल)
सोने की आसमान छूती कीमत और लॉकडाउन का असर भारत में सोने के गहने-जेवर की मांग पर भी पड़ रही है। इस साल की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान भारत में सालाना आधार पर सोने के गहने की मांग में 41% की गिरावट आई है। सोने के कारोबार पर नजर रखने वाले वैश्विक संगठन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में जानकारी दी है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जनवरी-मार्च 2020 के दौरान 73.9 टन सोने के गहने की मांग रही, जो कि पिछले साल की इसी तिमाही के 125.4 टन के मुकाबले 41 प्रतिशत कम है। वहीं दूसरी ओर, इस दौरान दुनिया भर में सोने के गहने की मांग 39 प्रतिशत जबकि चीन में 65 प्रतिशत घटी है। 



इस साल की मार्च तिमाही में अगर भारत में सोने की औसत कीमत की बात करें, तो 41,124 रुपए प्रति 10 ग्राम रही है जो कि पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 26.6 प्रतिशत ज्यादा है। WGC का कहना है कि डॉलर टर्म में सोने की कीमत बढ़ने की वजह से भारत के स्थानीय बाजारों में इसकी कीमत मार्च में 44,315 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। काउंसिल का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से आने वाले दिनों में भी सोने के गहने की मांग घटेगी। 
>गोल्ड ETF की मांग में जोरदार बढ़ोतरी:
उधर, दूसरी ओर इस साल की मार्च तिमाही  दुनिया भर में गोल्ड ETF की मांग में जोरदार इजाफा देखा गया है। दुनिया भर में गोल्ड ETF की मांग करीब 300% बढ़ गई। 




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Rajanish Kant गुरुवार, 30 अप्रैल 2020
कोरोना संकट में भारतीयों को सोने पर कितना भरोसा?
वैसे तो भारतीय हमेशा से सोने के दीवाने रहे हैं, लेकिन कोरोना संकट के समय सोने पर उनको कितना भरोसा है, ये जानना भी दिलचस्प होगा। सोने पर भारतीयों को कितना भरोसा है, उसको लेकर एक सर्वे किया गया है। इसमें 2000 से ज्यादा रिटेल इन्वेस्टर्स यानी खुदरा निवेशकों ने भाग लिया है। सर्वे वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने किया है। इन 2000 से ज्यादा निवेशकों में 1,005 ग्रामीण और 1,280 शहरी निवेशक शामिल हैं। शहरी निवेशकों से ऑनलाइन सर्वे किया गया जबकि ग्रामीणों से उनके पास जाकर सर्वे किया गया। 

> सर्वे की खास बातें:

-सर्वे में भाग लेने वाले 29% ने पहले कभी सोना नहीं खरीदा लेकिन भविष्य में सोना खरीदना चाहते हैं, इसलिए आने वाले दिनों में सोने की मांग बढ़ सकती है
-सर्वे में शामिल 61% ने पहले कभी सोना नहीं खरीदा, क्योंकि प्रोडक्ट या इंडस्ट्री पर उनका भरोसा नहीं है, अगर भरोसा कायम करने के लिए कुछ कदम उठाया जाता है तो वो भविष्य में सोना खरीदने पर विचार कर सकते हैं 
-सर्वे में शामिल 65% का कहना है कि वो सोना खरीदना चाहते हैं लेकिन जानकारी की कमी के कारण नहीं खरीद पाते हैं, जानकारी में शामिल है जैसे- सोने की कीमत कैसे प्रभावित होती है, उन्हें नहीं पता होता है। उनका कहना है सोने के संबंध में जानकारी होने पर वो सोना खरीदना चाहेंगे 


इस सर्वे को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



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Rajanish Kant शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020
जुलाई-सितंबर में भारत की सोने की मांग में 10 प्रतिशत इजाफा : विश्व स्वर्ण परिषद
देश में सोने की मांग जुलाई-सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 183.2 टन हो गई। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने बृहस्पतिवार को अपनी रपट में यह जानकारी दी।

सोने की बढ़ती कीमतों और बाजार में नकदी/तरलता की कमी से इस बार धनतेरस और दिवाली पर सोने की मांग सामान्य रह सकती है।

डब्ल्यूजीसी की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की ‘स्वर्ण मांग रुख’ रपट के अनुसार मूल्य के आधार पर देश में इस दौरान सोने की मांग 14 प्रतिशत बढ़ी। यह 50,090 करोड़ रुपये रही जबकि 2017 की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 43,800 करोड़ रुपये था।

डब्ल्यूजीसी के भारत के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पी. आर. ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ तिमाही की शुरुआत में सोने के दाम में कमी देखी गई। यह कर सहित 29,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर पर आ गए, जो जनवरी 2018 के बाद सोना भाव का सबसे निचला स्तर था। इससे सोने की मांग में तेजी आयी।’’ 

हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से सोने के स्थानीय भाव प्रभावित हुए और इनमें तेजी देखी गई। जल्द ही इसका भाव बिना किसी कर के 32,000 रुपये से 33,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, इसलिए तिमाही में बाद के दौरान इसकी मांग घट गई।

उन्होंने कहा, ‘‘ सोना खरीद के अवसर कम होने और केरल जैसे प्रमुख बाजार के बाढ़ से प्रभावित होने जैसे कई कारणों के चलते इस तिमाही में सोने की मांग पर असर पड़ा।’’ 

साल की आखिरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) आम तौर पर सोने की मांग के लिए अच्छी रहती है। त्यौहारों और शादियों के चलते इस दौरान सोने की मांग और खरीद बढ़ती है।

सोमसुंदरम ने कहा कि इसके बावजूद हालांकि इस साल सोने की मांग इस दौरान सामान्य ही रह सकती है, क्योंकि बाजार तरलता की कमी है, वहीं भारत में इसकी कीमतें भी बढ़ रही हैं। इसके अलावा कुछ राज्यों में चुनाव के चलते इसकी आवाजाही भी प्रभावित होगी।

उन्होंने कहा सालभर में सोने की मांग कम रहने का अनुमान है। यह 700 से 800 टन के दायरे में रह सकती है।

रपट में कहा गया है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में इस साल आभूषणों की कुल मांग 10 प्रतिशत बढ़कर 148.8 टन है जो पिछले साल समान अवधि में 134.8 टन थी। मूल्य के आधार पर आभूषण की मांग में वृद्धि 14 प्रतिशत रही है। यह 40,690 करोड़ रुपये रही जो पिछले साल की इसी अवधि में 35,610 करोड़ रुपये थी।

इसी दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने अपना स्वर्ण भंडार 13.7 टन बढ़ाया है। इससे उसका कुल स्वर्ण भंडार 21.8 टन हो गया।

स्वर्ण क्षेत्र में निवेश मांग भी इस अवधि में 11 प्रतिशत बढ़ी और यह 34.4 टन रही। जबकि 2017 की तीसरी तिमाही में यह 31 टन थी। मूल्य के आधार पर यह 15 प्रतिशत बढ़कर 9,400 करोड़ रुपये रही जो 2017 की इसी अवधि में 8,200 करोड़ रुपये थी।

रपट के अनुसार देश में पुन: प्रसंस्करण किए जाने वाले सोने की कुल मात्रा 13.85 प्रतिशत घटकर 23 टन रही जो 2017 की इसी अवधि में 26.7 टन थी।

देश में सोने के आयात पर सोमसुंदरम ने कहा कि तिमाही के शुरुआती समय में इसके भाव कम रहने से इसमें 55 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।

(सौ. पीटीआई भाषा )
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Rajanish Kant गुरुवार, 1 नवंबर 2018
भारत में जल्द मुमकिन होगी एक्सचेंज के जरिये हाजिर (स्पॉट) सोने की खरीद-बिक्री करना
अगर अभी आप हाजिर में सोना खरीदने या बेचने जाते हैं तो आपको जूलरी के यहां जाना पड़ता है। इसके लिए अभी तक हमारे यहां कोई एक्सचेंज नहीं है, जहां पर नियमों के मुताबिक, जूलरी, रिटेलर्स, रिफाइनर्स और बैंक फिजीकल सोने की खरीद-बिक्री कर सकें। 

अभी हमारे यहां मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) तो हैं लेकिन इन पर केवल फ्यूचर गोल्ड में कारोबार होता है, स्पॉट फिजीकल गोल्ड में नहीं। एक्सचेंज के जरिये स्पॉट फिजीकल गोल्ड में ट्रेडिंग का मतलब हुआ कि आपने कैश दिया और सोना लिया  या फिर आपने सोना बेचा और हाथों-हाथ उसके पैसे ले लिये और ये सारा कुछ एक्सचेंज के जरिये हुआ। चीन में एक्सचेंज के जरिये जूलरी, रिटेलर्स, रिफाइनर्स और बैंक को फिजीकल सोने की खरीद-बिक्री करने की सुविधा मिली हुई है। 

अब भारत में वैश्विक स्वर्ण परिषद (World Gold Council-WGC) समर्पित स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज के लिए सक्रिय हुआ है। काउंसिल ने एक कमिटी गठित करने की बात कही है जो भारत में अगले एक से डेढ़ साल में स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना में मदद करेगी। एक्सचेंज का कहना है कि इससे सोने की मानक कीमत को लेकर एकरूपता और सोने के हाजिर बाजार में पारदर्शिता आने की उम्मीद है। पूरी संभावना है कि इस साल के अंत तक यह कमिटी गठित हो जाएगी। भारत सरकार ने 2015 में स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना के बारे पहली बार सोचा था। 

Rajanish Kant गुरुवार, 28 सितंबर 2017
भारत में सोने की मांग पहली तिमाही में 15 प्रतिशत बढ़कर 123.5 टन: गोल्ड काउंसिल

भारत में एक बार फिर सोने की मांग में तेजी का रख बना है। कैलेंडर वर्ष 2017 की पहली तिमाही :जनवरी से मार्च: अवधि में सोने की मांग 15 प्रतिशत बढ़कर 123.5 टन पर पहुंच गई। विश्व स्वर्ण परिषद :डब्ल्यूजीसी: ने यह आंकड़ा जारी किया है।


डब्ल्यूजीसी के मुताबिक भारत में सोने की मांग बढ़ने से स्वर्ण उद्योग में उम्मीद जगी है। पिछले साल जनवरी से मार्च 2016 अवधि में देश में 107.3 टन सोने की मांग रही थी। आभूषण उद्योग में उत्पाद शुल्क लगाये जाने से पिछले साल आभूषण व्यापारियों की हड़ताल से कारोबार प्रभावित हुआ था।



डब्ल्यूजीसी की ‘पहली तिमाही स्वर्ण मांग रझान’ पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2017 की पहली तिमाही में मूल्य के लिहाज से सोने की मांग 18 प्रतिशत बढ़कर 32,420 करोड़ रपये हो गई जो कि पिछले साल 27,540 करोड़ रपये रही थी।



डब्ल्यूजीसी भारत प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम पीआर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘2017 की पहली तिमाही में सोने की मांग 15 प्रतिशत बढ़ी है, मांग में यह वृद्धि हालांकि पिछले साल के निम्न आधार की वजह से दर्ज की गई है, पिछले साल उत्पाद शुल्क लगाये जाने से आभूषण विक्रेताओं की हड़ताल से कामकाज प्रभावित हुआ था। मांग में आई इस वृद्धि से स्वर्ण उद्योग में उम्मीद जगी है और इससे उद्योग की मजबूती के बारे में संकेत मिलता है। स्वर्ण उद्योग वर्ष 2013 से कुछ कड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।’’

(स्रोत- भाषा)

Rajanish Kant गुरुवार, 4 मई 2017