Results for "UPI"
PayTM UPI पर बड़ा अपडेट
PayTM gets npci nod for UPI अगर आप PayTM QR कोड का इस्तेमाल करते हैं तो ताजा अपडेट आप जरूर जानें। इसके लिए इस एपिसोड को अंत तक देखें।



('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 

-Videos on IPO, share market: -Videos on Mutual Fund -Insurance हर किसी के लिए क्यों जरूरी पर Video -Videos on FD/RD,Bank,Post office -Videos on Home Loan, Home -Videos on PF, Pension Scheme, Retirement Fund -Videos on Children & Women's Fin. Planning -Videos on Savings, Investment, Fin.Literacy, Fin.Planning -Income Tax & How to save Tax पर Video -Video on Gold & Silver Investment; सोना और चांदी में निवेश पर वीडियो -Videos on Bitcoin, Cryptocurrency investment -Video on Commodities - Money, investment, savings in Marathi (beyourmoneymanagerMarathi)

A: My Youtube Channels:

1) beyourmoneymanager
2)beyourmoneymanagermarathi
3)RangaRang India
4)Sadabahar Romantic Raja

5)Housing Society Solutions


Rajanish Kant शुक्रवार, 15 मार्च 2024
UPI से भुगतान करने और IPO में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी

देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक या आरबीआई ने 6 से 8 दिसंबर तक चली अपनी मौद्रिक पॉलिसी बैठक यानी एमपीसी में यूपीआई से भुगतान की सीमा में बढ़ोतरी करने के साथ साथ कई अहम फैसले लिये। आप भी इसे देख सकते हैं-। 



विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार (ii) विनियमन (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।

I. वित्तीय बाज़ार

1. विदेशी मुद्रा जोखिमों से हेजिंग के लिए विनियामक ढांचे की समीक्षा

विदेशी मुद्रा जोखिमों की हेजिंग को नियंत्रित करने वाले विनियामक ढांचे की सिद्धांत-आधारित व्यवस्था में प्रवेश करने की दृष्टि से वर्ष 2020 में व्यापक समीक्षा की गई थी। बाज़ार सहभागियों से प्राप्त फीडबैक और तब से प्राप्त अनुभव के आधार पर, सभी प्रकार के लेनदेन - ओवर- दि -काउंटर (ओटीसी) और एक्सचेंज ट्रेडेड – संबंधी निदेशों को एक मास्टर निदेश के अंतर्गत समेकित करके विनियामक ढांचे को और अधिक व्यापक बनाया गया है। परिचालन दक्षता बढ़ाने और विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव तक पहुंच को आसान बनाने के लिए ढांचे को भी संशोधित किया गया है, विशेषकर छोटे एक्स्पोज़र वाले उपयोगकर्ताओं के लिए। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि आवश्यक जोखिम प्रबंधन विशेषज्ञता वाले ग्राहकों के एक व्यापक समूह को अपने जोखिम को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने की सुविधा दी जाए। मास्टर निदेश अलग से जारी किया जाएगा।

II. विनियमन

2. संबद्ध (कनेक्टेड) उधार के लिए रूपरेखा

संबद्ध उधार या ऐसे व्यक्तियों को उधार जो ऋणदाता के निर्णय को नियंत्रित करने या प्रभावित करने की स्थिति में हैं, यदि ऋणदाता ऐसे उधारकर्ताओं के साथ एक दूरी का संबंध बनाए नहीं रखता है तो यह चिंता का विषय हो सकता है। इस तरह के उधार में नैतिक खतरे के मुद्दे शामिल हो सकते हैं जिससे मूल्य निर्धारण और ऋण प्रबंधन में समझौता हो सकता है। इस मुद्दे पर मौजूदा दिशानिर्देशों का दायरा सीमित है और ये सभी विनियमित संस्थाओं पर समान रूप से लागू नहीं होते हैं। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक की सभी विनियमित संस्थाओं के लिए संबद्ध ऋण पर एक एकीकृत विनियामक ढांचा लाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में एक मसौदा परिपत्र जनता की टिप्पणियों के लिए जारी किया जाएगा।

3. ऋण उत्पादों के वेब-एकत्रीकरण के लिए विनियामक ढांचा

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 अगस्त 2022 की अपनी प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से डिजिटल ऋण पर कार्य समूह (अध्यक्ष: श्री जयंत कुमार दाश) की ऋण उत्पादों के वेब- एकत्रीकरण के लिए एक विनियामक ढांचा (डब्ल्यूएएलपी) लाए जाने की सिफारिश को स्वीकार कर लिया था। डब्ल्यूएएलपी में एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफ़ॉर्म पर कई ऋणदाताओं से ऋण प्रस्तावों का एकत्रीकरण शामिल है जो उधारकर्ताओं को उपलब्ध ऋणदाताओं में से किसी एक से ऋण प्राप्त करने हेतु सर्वोत्तम उपलब्ध विकल्प की तुलना करने और चुनने में सक्षम बनाता है।

कार्य समूह की सिफारिश के आधार पर, ऋण सेवा प्रदाताओं (एलएसपी) द्वारा दी जाने वाली ऐसी ऋण एकत्रीकरण सेवाओं को एक व्यापक विनियामक ढांचे के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया गया है। यह ढांचा डब्ल्यूएएलपी के परिचालन में पारदर्शिता बढ़ाने, ग्राहक केंद्रितता बढ़ाने और उधारकर्ताओं को सूचित विकल्प चुनने में सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किये जायेंगे।

III. भुगतान प्रणाली और फिनटेक

4. निर्दिष्ट श्रेणियों के लिए यूपीआई लेनदेन सीमा बढ़ाना

एकीकृत भुगतान इंटरफेस या यूपीआई की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। यूपीआई के लिए, पूंजी बाज़ार (एएमसी, ब्रोकिंग, म्यूचुअल फंड इत्यादि), संग्रहण (क्रेडिट कार्ड भुगतान, ऋण पुनर्भुगतान, ईएमआई), बीमा आदि जैसी कुछ श्रेणियों, जहां लेन-देन की सीमा 2 लाख है, को छोड़कर, लेनदेन की सीमा 1 लाख तक सीमित है। दिसंबर 2021 में, रिटेल डायरेक्ट योजना और आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए यूपीआई भुगतान की लेनदेन सीमा बढ़ाकर 5 लाख कर दी गई थी।

चिकित्सा और शैक्षिक सेवाओं के लिए यूपीआई के उपयोग को प्रोत्साहित करने हेतु, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को भुगतान की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख प्रति लेनदेन करने का प्रस्ताव है। शीघ्र ही अलग से निर्देश जारी किये जायेंगे।

5. आवर्ती ऑनलाइन लेनदेन के लिए ई-अधिदेश - निर्दिष्ट श्रेणियों के लिए सीमा में वृद्धि

ग्राहक सुविधा के साथ डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा और संरक्षा को संतुलित करने हेतु आवर्ती लेनदेन के लिए ई-अधिदेश के प्रसंस्करण का ढांचा अगस्त 2019 में जारी किया गया था। प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) के बिना ई-अधिदेश के निष्पादन की सीमा वर्तमान में 15,000/- है (अंतिम बार जून 2022 में अद्यतन किया गया)।

वर्तमान में पंजीकृत ई-अधिदेशों की संख्या 8.5 करोड़ है, जो प्रति माह लगभग 2800 करोड़ के लेनदेन का प्रसंस्करण करते हैं। यह प्रणाली स्थिर हो गई है, लेकिन म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, बीमा प्रीमियम का भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान जैसी श्रेणियों में, जहां लेनदेन की मात्रा 15,000 से अधिक है, इसे कम अपनाए जाने के कारण, सीमा बढ़ाने की आवश्यकता व्यक्त की गई है।

अतः, निम्नलिखित श्रेणियों, अर्थात म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, बीमा प्रीमियम का भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिलों के भुगतान के लिए 1 लाख तक के लेनदेन के लिए एएफए की आवश्यकता से छूट देने का प्रस्ताव है। अन्य मौजूदा आवश्यकताएं जैसे लेनदेन से पहले और बाद की अधिसूचनाएं, उपयोगकर्ता के लिए ऑप्ट-आउट सुविधा आदि इन लेनदेन पर लागू रहेंगी। संशोधित परिपत्र शीघ्र ही जारी किया जाएगा।

6. भारत में वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा की स्थापना

बैंक और वित्तीय संस्थाएँ डेटा की लगातार बढ़ती मात्रा का रखरखाव करते हैं। उनमें से कई इस उद्देश्य के लिए विभिन्न सार्वजनिक और निजी क्लाउड सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा स्थापित करने पर कार्य कर रहा है। प्रस्तावित सुविधा वित्तीय क्षेत्र के डेटा की सुरक्षा, अखंडता और गोपनीयता को बढ़ाएगी। इससे मापनीयता (स्केलेबिलिटी) और व्यवसाय निरंतरता की सुविधा प्राप्त होने की भी आशा है। क्लाउड सुविधा की स्थापना और शुरुआत में संचालन भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाएं (आईएफटीएएस) द्वारा किया जाएगा। बाद में, क्लाउड सुविधा को वित्तीय क्षेत्र के सहभागियों के स्वामित्व वाली एक अलग इकाई में अंतरित कर दिया जाएगा। इस क्लाउड सुविधा को मध्यम अवधि में सुविचारित तरीके से शुरू करने का इरादा है।

7. फिनटेक रिपॉजिटरी की स्थापना

एक आघात-सह फिनटेक क्षेत्र सुनिश्चित करने और सर्वोत्तम परिपाटी को बढ़ावा देने के लिए, विनियामकों और हितधारकों को फिनटेक संस्थाओं के बारे में उनकी गतिविधियों की प्रकृति सहित प्रासंगिक और सामयिक जानकारी रखने की आवश्यकता है। आज, फिनटेक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) इत्यादि जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर रहे हैं। इस क्षेत्र को उचित समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र की गतिविधियों की बेहतर समझ के लिए, फिनटेक के बारे में उनकी गतिविधियों, उत्पादों, प्रौद्योगिकी स्टैक, वित्तीय जानकारी आदि को शामिल करने वाली आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए एक रिपोजिटरी स्थापित करने का प्रस्ताव है। फिनटेक को स्वेच्छा से रिपॉजिटरी को प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जो उचित नीति दृष्टिकोण डिजाइन करने में सहायता करेगा। रिपॉजिटरी की स्थापना रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब द्वारा अप्रैल 2024 या उससे पहले की जाएगी। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश अलग से जारी किये जाएंगे।

(साभार- www.rbi.org.in)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 

-Videos on IPO, share market: -Videos on Mutual Fund -Insurance हर किसी के लिए क्यों जरूरी पर Video -Videos on FD/RD,Bank,Post office -Videos on Home Loan, Home -Videos on PF, Pension Scheme, Retirement Fund -Videos on Children & Women's Fin. Planning -Videos on Savings, Investment, Fin.Literacy, Fin.Planning -Income Tax & How to save Tax पर Video -Video on Gold & Silver Investment; सोना और चांदी में निवेश पर वीडियो -Videos on Bitcoin, Cryptocurrency investment -Video on Commodities - Money, investment, savings in Marathi (beyourmoneymanagerMarathi)


A: My Youtube Channels:
1) beyourmoneymanager
2)beyourmoneymanagermarathi
3)RangaRang India
4)Sadabahar Romantic Raja

5)Housing Society Solutions


1)Hindi website on Money- 


  


Rajanish Kant शनिवार, 9 दिसंबर 2023
RBI ने छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए लेनदेन सीमा बढ़ाई

देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन दिनों की मौद्रिक पॉलिसी बैठक में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए लेनदेन सीमा बढ़ाने की घोषणा की है। बैठक में क्या क्या प्रस्ताव किया गया है, आप विस्तार से पढ़ सकते हैं- 

विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाजारों; (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण; (iii) भुगतान प्रणालियों; और (iv) फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है।

I. वित्तीय बाज़ार

1. वित्तीय बेंचमार्क प्रशासकों के लिए विनियामकीय ढांचे की समीक्षा

जून 2019 में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित वित्तीय बाज़ारों में बेंचमार्क प्रशासकों द्वारा 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' के प्रशासन पर एक विनियामक ढांचा जारी किया था, यथा यूएसडी/आईएनआर संदर्भ दर, ओवरनाइट माइबोर, और फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफ़बीआईएल) द्वारा प्रशासित सरकारी प्रतिभूतियों का मूल्यांकन। उस समय से घरेलू वित्तीय बाज़ारों में हुए विकास और वैश्विक सर्वोत्तम प्रणालियों को ध्यान में रखते हुए, वित्तीय बेंचमार्क के विनियमों की समीक्षा की गई है और विदेशी मुद्रा, ब्याज दरें, मुद्रा बाज़ार और सरकारी प्रतिभूतियाँ यथा जमा प्रमाणपत्र (सीडी) दरों पर बेंचमार्क, रेपो दरें, और एफएक्स ऑप्शंस अस्थिरता मैट्रिक्स के साथ-साथ सरकारी प्रतिभूतियों पर अन्य बेंचमार्क से संबंधित सभी बेंचमार्क के प्रशासन को शामिल करने वाला एक व्यापक, जोखिम-आधारित ढांचा तैयार करने का निर्णय लिया गया है। संशोधित निदेश जो अलग से जारी किए जा रहे हैं, उनमें बेंचमार्क प्रशासकों के लिए विनियामक निर्देशों की परिकल्पना की गई है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ सुशासन और निरीक्षण व्यवस्था, हितों का टकराव, नियंत्रण और पारदर्शिता शामिल है। ये निदेश बेंचमार्क की सटीकता और सत्यनिष्ठा के बारे में अधिक आश्वासन प्रदान करेंगे।

II. विनियमन और पर्यवेक्षण

2. अवसंरचना उधार निधि- एनबीएफसी (आईडीएफ-एनबीएफसी) के लिए विनियामकीय ढांचे की समीक्षा

अवसंरचना उधार निधि को 2011 में एनबीएफसी की एक अलग श्रेणी के रूप में बनाया गया था। आईडीएफ को अवसंरचना क्षेत्र के वित्तपोषण में एक बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम बनाने और एनबीएफसी की विभिन्न श्रेणियों पर लागू विनियमों के सामंजस्य के विनियामक उद्देश्य की ओर बढ़ने के लिए, भारत सरकार के परामर्श से आईडीएफ के लिए मौजूदा विनियामक ढांचे की समीक्षा की गई है। संशोधित ढांचे में: (i) आईडीएफ के लिए प्रायोजक की आवश्यकता को वापस लेने; (ii) आईडीएफ को प्रत्यक्ष ऋणदाताओं के रूप में टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) परियोजनाओं को वित्तपोषित करने की अनुमति देने; (iii) ईसीबी तक पहुंच; और (iv) पीपीपी परियोजनाओं के लिए त्रिपक्षीय करार को वैकल्पिक बनाने की परिकल्पना की गई है। विस्तृत दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

3. उधार देने में जिम्मेदार आचरण: समान मासिक किस्त (ईएमआई) आधारित अस्थिर ब्याज वाले ऋणों की ब्याज दर पुनर्निर्धारण में अधिक पारदर्शिता

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की गई पर्यवेक्षी समीक्षा और जनता के सदस्यों के फीडबैक और संदर्भों से उधारकर्ताओं को उचित सहमति और संचार के बिना उधारदाताओं द्वारा अस्थिर ब्याज वाले ऋणों की अवधि को अनुचित रूप से बढ़ाने के कई उदाहरण सामने आए हैं। इस मुद्दे को हल करने के लिए, उधारकर्ताओं के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए सभी आरई द्वारा लागू किए जाने वाले एक उचित आचरण ढांचे को स्थापित करने का प्रस्ताव है। इस ढांचे में ऋणदाताओं द्वारा अवधि और/या ईएमआई के पुनर्निर्धारण के लिए उधारकर्ताओं के साथ स्पष्ट रूप से संवाद करने, नियत दर वाले ऋणों पर स्विच करने या ऋणों को पहले बंद करने का विकल्प प्रदान करने, इन विकल्पों के प्रयोग से संबंधित विभिन्न शुल्कों का पारदर्शी खुलासा करने और उधारकर्ताओं को महत्वपूर्ण जानकारी देने हेतु पर्याप्त संचार की परिकल्पना की गई है। इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

4. पर्यवेक्षी डेटा प्रस्तुत करने के लिए निर्देशों का समेकन और सामंजस्य

भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर अपनी पर्यवेक्षित संस्थाओं (एसई) अर्थात एससीबी, एनबीएफसी, यूसीबी, एआईएफआई आदि को पर्यवेक्षी विवरणियां प्रस्तुत करने के लिए कई दिशानिर्देश और निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुपालन में प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों, विवरणियां प्रस्तुत करने के तरीकों और विवरणियां प्रस्तुत करने की समय-सीमा में बदलाव के कारण एसई को कतिपय मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

लागू पर्यवेक्षी विवरणियों को प्रस्तुत करने संबंधी निर्देशों को समेकित और सुसंगत बनाने, अधिक स्पष्टता प्रदान करने और अनुपालन बोझ को कम करने के लिए, आंकड़े प्रस्तुत करने संबंधी सभी मौजूदा निर्देशों को एक ही मास्टर निदेश में समेकित करने का प्रस्ताव है जो सभी एसई के लिए संदर्भ का एक एकल बिंदु होगा।

III. भुगतान प्रणालियां

5. यूपीआई में संवादात्मक भुगतान

यूपीआई ने अपने उपयोग में आसानी, सुरक्षा और संरक्षा तथा वास्तविक समय सुविधा के साथ, भारत में डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को बदल दिया है। समय के साथ कई नई सुविधाओं के जुड़ने से यूपीआई को अर्थव्यवस्था की विविध भुगतान आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिली है। जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था में एकीकृत हो रहा है, संवादात्मक निर्देशों की यूपीआई प्रणाली के उपयोग में आसानी और इसके परिणामस्वरूप पहुंच को बढ़ाने में काफी संभावनाएं हैं। अतः, यूपीआई पर एक नवोन्मेषी भुगतान मोड अर्थात "संवादात्मक भुगतान" शुरू करने का प्रस्ताव है, जो उपयोगकर्ताओं को एआई-संचालित प्रणाली के साथ संवाद के माध्यम से सुरक्षित और संरक्षित वातावरण में लेनदेन शुरू करने और पूरा करने में सक्षम करेगा। यह चैनल स्मार्टफोन और फीचर फोन-आधारित यूपीआई चैनल दोनों में उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे देश में डिजिटल पहुंच को बढ़ाने में मदद मिलेगी। शुरुआत में यह सुविधा हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध होगी और बाद में इसे और अधिक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। एनपीसीआई को शीघ्र ही निर्देश जारी किए जाएंगे।

6. यूपीआई में ऑफलाइन भुगतान

यूपीआई पर छोटे मूल्य के लेनदेन की गति बढ़ाने के लिए, बैंकों के लिए प्रसंस्करण संसाधनों को अनुकूलित करने के लिए सितंबर 2022 में "यूपीआई-लाइट" नामक एक ऑन-डिवाइस वॉलेट की शुरुआत की गई थी, जिससे लेनदेन विफलताओं को कम किया जा सके। उत्पाद को लोकप्रियता मिली है और वर्तमान में प्रति माह दस मिलियन से अधिक लेनदेन का प्रसंस्करण कर रहा है। यूपीआई-लाइट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) तकनीक का उपयोग करके ऑफ़लाइन लेनदेन की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव है। यह सुविधा न केवल उन स्थितियों में खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम करेगी जहां इंटरनेट/ दूरसंचार कनेक्टिविटी कमजोर है या उपलब्ध नहीं है, बल्कि यह न्यूनतम लेनदेन विफलता के साथ गति भी सुनिश्चित करेगी। एनपीसीआई को शीघ्र ही निर्देश जारी किए जाएंगे।

7. छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए लेनदेन सीमा बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) और यूपीआई लाइट सहित ऑफ़लाइन मोड में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए प्रति लेनदेन 200 की सीमा और प्रति भुगतान लिखत 2000 की समग्र सीमा निर्धारित की गई है। छोटे मूल्य के लेनदेन के लिए द्वि-कारक प्रमाणीकरण की आवश्यकता को हटाकर, ये चैनल रोजमर्रा के छोटे मूल्य के भुगतान, पारगमन भुगतान आदि के लिए भुगतान के तेज़, विश्वसनीय और संपर्क रहित तरीके को सक्षम करते हैं। तब से, इन सीमाओं को बढ़ाने की मांग की जा रही है। भुगतान के इस तरीके को व्यापक रूप से अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने और अधिक उपयोग के मामलों को इस मोड में लाने के लिए, अब प्रति लेनदेन सीमा को बढ़ाकर 500 करने का प्रस्ताव है। तथापि, द्वि-कारक प्रमाणीकरण में छूट से जुड़े जोखिमों को रोकने के लिए समग्र सीमा 2000 पर बरकरार रखी गई है। इस संबंध में शीघ्र ही निर्देश जारी किये जायेंगे।

IV. फिनटेक

8. घर्षण रहित ऋण के लिए सार्वजनिक तकनीकी मंच

डिजिटलीकरण में तेजी से प्रगति के साथ, भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की अवधारणा को अपनाया है जो फिनटेक कंपनियों और स्टार्ट-अप को भुगतान, ऋण और अन्य वित्तीय गतिविधियों हेतु नवोन्मेषी समाधान बनाने और प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। डिजिटल ऋण वितरण के लिए, साख मूल्यांकन हेतु आवश्यक डेटा केंद्र और राज्य सरकारों, खाता एग्रीगेटरों, बैंकों, साख सूचना कंपनियों, डिजिटल पहचान प्राधिकरणों आदि जैसी विभिन्न संस्थाओं के पास उपलब्ध है। तथापि, ये अलग-अलग प्रणालियों में हैं, जिससे समय पर और घर्षण रहित नियम-आधारित ऋण वितरण में बाधा उत्पन्न होती है।

इस स्थिति से निपटने के लिए, सितंबर 2022 में 1.60 लाख से कम के किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋणों के डिजिटलीकरण के लिए एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की गई थी। प्रायोगिक परियोजना में कागज रहित और परेशानी मुक्त तरीके से ऋण देने की प्रक्रिया के एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण का परीक्षण किया गया। केसीसी प्रायोगिक परियोजना वर्तमान में मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, यूपी, महाराष्ट्र के चुनिंदा जिलों में चल रही है और प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक हैं। प्रायोगिक परियोजना बिना किसी कागजी कार्रवाई के सहायता प्राप्त या स्व-सेवा मोड में घर-घर ऋण वितरण को भी सक्षम बनाता है। गुजरात में अमूल के साथ दूध बेचने के आंकड़ों के आधार पर डेयरी ऋण के लिए एक समान प्रायोगिक परियोजना चलाई जा रही है।

उपरोक्त प्रायोगिकों से मिली सीख के आधार पर और सभी प्रकार के डिजिटल ऋणों के दायरे का विस्तार करते हुए, रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) द्वारा एक डिजिटल पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म विकसित किया जा रहा है। यह प्लेटफ़ॉर्म ऋणदाताओं को आवश्यक डिजिटल जानकारी के निर्बाध प्रवाह की सुविधा प्रदान करके घर्षण रहित ऋण वितरण में सक्षम बनाएगा। एंड-टू-एंड डिजिटल प्लेटफॉर्म में एक ओपन आर्किटेक्चर, ओपन एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) और मानक होंगे, जिससे वित्तीय क्षेत्र के सभी सहभागी 'प्लग एंड प्ले' मॉडल में निर्बाध रूप से जुड़ सकते हैं।

इस प्लेटफ़ॉर्म को सूचना प्रदाताओं तक पहुंच और उपयोग के मामलों दोनों के संदर्भ में एक सुविचारित रूप में एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू करने का प्रस्ताव है। यह लागत में कमी, त्वरित संवितरण और मापनीयता के मामले में ऋण देने की प्रक्रिया में दक्षता लाएगा।

 




(साभार- www.rbi.org.in)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 

-Videos on IPO, share market: -Videos on Mutual Fund -Insurance हर किसी के लिए क्यों जरूरी पर Video -Videos on FD/RD,Bank,Post office -Videos on Home Loan, Home -Videos on PF, Pension Scheme, Retirement Fund -Videos on Children & Women's Fin. Planning -Videos on Savings, Investment, Fin.Literacy, Fin.Planning -Income Tax & How to save Tax पर Video -Video on Gold & Silver Investment; सोना और चांदी में निवेश पर वीडियो -Videos on Bitcoin, Cryptocurrency investment -Video on Commodities 

- Money, investment, savings in Marathi (beyourmoneymanagerMarathi) 

Rajanish Kant गुरुवार, 10 अगस्त 2023
यूपीआई-पेनाउ लिंकेज-अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न II UPI PayNow Linkage- FAQs II


1. यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से भारत और सिंगापुर के बीच प्रेषण लेनदेन कौन कर सकता है?

भारत और सिंगापुर में प्रतिभागी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के खाताधारक यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से सीमा पार प्रेषण लेनदेन कर सकते हैं।

2. यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से प्रेषण प्राप्त करने के लिए भारत में कौन से भाग लेने वाले बैंक हैं?

वर्तमान में, यूपीआई-पे नउ लिंकेज के माध्यम से प्रेषण प्राप्त करने के लिए भारत में भाग लेने वाले बैंक हैं:

  • एक्सिस बैंक

  • डीबीएस बैंक इंडिया

  • आईसीआईसीआई बैंक

  • इंडियन बैंक

  • इंडियन ओवरसीज बैंक

  • भारतीय स्टेट बैंक

3. वर्तमान में भारत में कौन से बैंक यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से प्रेषण भेजने में सक्षम हैं?

वर्तमान में यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से प्रेषण हेतु भारत में निम्नलिखित बैंक सक्षम हैं:

  • आईसीआईसीआई बैंक

  • इंडियन बैंक

  • इंडियन ओवरसीज बैंक

  • भारतीय स्टेट बैंक

4. यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से भारत से सिंगापुर को धन प्राप्त करने और भेजने के लिए कौन से ऐप/प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा सकता है?

प्रेषण प्राप्त करने और भेजने के लिए भारत के बैंकों, उनके यूपीआई हैंडल और के लिए प्लेटफॉर्म निम्नानुसार सारणीबद्ध हैं:

प्रेषण प्राप्त करनाप्रेषण भेजना
बैंकसक्षम किए गए यूपीआई हैंडलफीचरिंग ऐपबैंकएप्स/इंटरनेट बैंकिंग
एक्सिस बैंक@axisbankएक्सिस पेआईसीआईसीआई बैंकइंटरनेट बैंकिंग
डीबीएस बैंक इंडिया@dbsडीबीएस डिजीबैंकइंडियन बैंकमोबाइल ऐप (इंडओएसिस)
आईसीआईसीआई बैंक@iciciआईसीआईसी आईमोबाइलइंडियन ओवरसीज बैंकइंटरनेट बैंकिंग
इंडियन बैंक@indianbankइंडओएसिस
इंडियन ओवरसीज बैंक@iobभीम आईओबी पेभारतीय स्टेट बैंकमोबाइल एप (भीम एसबीआई पे)
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया@sbiभीम एसबीआई पे

5. प्रेषण भेजने और प्राप्त करने के लिए सिंगापुर में भाग लेने वाली संस्थाएं और उनका वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) कौन हैं?

यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के लिए सक्षम सिंगापुर की संस्थाएं और उनके वीपीए इस प्रकार हैं:

बैंक / गैर-बैंकसक्षम किए गए वीपीए हैंडल
डीबीएस बैंक सिंगापुरपंजीकृत मोबाइल नंबर
लिक्विड ग्रुप (गैर-बैंक वित्तीय संस्थान)पंजीकृत मोबाइल नंबर जिसके बाद एक्सएनएपी है
(उदा., 123456789 एक्सएनएपी)

6. क्या मैं भारत में किसी भी सहभागी बैंक के अपने खाते में प्रेषण प्राप्त कर सकता हूँ, भले ही मेरी यूपीआई आईडी उसी बैंक में पंजीकृत न हो?

जिस बैंक में उपभोक्ता का खाता है वर्तमान में, उसी बैंक में पंजीकृत यूपीआई आईडी का उपयोग किया जा सकता है।

7. क्या यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से सीमा पार प्रेषण लेनदेन करने के लिए कोई लेनदेन सीमा है?

लिंकेज के माध्यम से सीमा पार प्रेषण लेनदेन करने के लिए एक दिन में 60,000 की दैनिक लेनदेन सीमा है (लगभग 1,000 एसजीडी के बराबर)।

8. किन उद्देश्यों के लिए प्रेषण दोनों ओर से भेजे या प्राप्त किए जा सकते हैं?

वर्तमान में, "विदेश में रिश्तेदारों के रखरखाव" और "उपहार" के प्रयोजनों के लिए केवल व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) प्रेषण की अनुमति है।

9. क्या लिंकेज के माध्यम से आवक लेनदेन प्राप्त करने के लिए सहमति का प्रावधान है?

हां, सिंगापुर से विप्रेषण प्राप्त करने के लिए भारत में भाग लेने वाले बैंकों के ऐप्स में ऑप्ट इन/ऑप्ट आउट सुविधा है।

10. इस लिंकेज का उपयोग करके लेनदेन करने में कितना समय लगेगा?

यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से लेन-देन उसी तरह आसानी से किया जा सकता है जैसे यूपीआई या पेनाउ के माध्यम से घरेलू लेनदेन किया जाता है, और लेनदेन एक मिनट के भीतर पूरा किया जा सकता है।

11. भारत से विप्रेषण भेजते समय उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के अंतर्गत सीमाएं इस लिंकेज पर कैसे लागू होंगी?

यूपीआई-पेनाउ लिंकेज लेनदेन में, उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत "विदेश में रिश्तेदारों का भरण-पोषण" और "उपहार" के उद्देश्य से केवल व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) प्रेषण की अनुमति है, और निर्धारित एलआरएस सीमा लागू होगी।

12. क्या यूपीआई-पेनाउ लिंकेज अन्य भारतीय बैंकों/वित्तीय संस्थानों को शामिल करेगा?

हां, आगे चलकर, यूपीआई-पेनाउ लिंकेज से भारत में और अधिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों को शामिल करने की उम्मीद की जा सकती है।

13. मैं कब से अपने यूपीआई एप के माध्यम से यूपीआई-पेनाउ लिंकेज का उपयोग करते वित्तीय लेनदेन कर सकता हूँ?

भाग लेने वाले बैंक चरणबद्ध तरीके से अपने संबंधित यूपीआई ऐप में एक अपडेट जारी करेंगे और ग्राहकों को अपने यूपीआई ऐप को अपडेट करना होगा ताकि वैश्विक प्रेषण सुविधा को उनके एप में सक्षम किया जा सके।

ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। उसके आधार पर की गई कार्रवाई और/या लिए गए निर्णयों के लिए रिज़र्व बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।

 (साभार- www.rbi.org.in)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 


Rajanish Kant गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023