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एक्सचेंज को मिली कमोडिटी इंडेक्स लांच करने की मंजूरी, सेबी ने जारी किया सर्कुलर, जानें खास बातें

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कमोडिटी एक्सचेंज और कमोडिटी के कारोबार वाले स्टॉक एक्सचेंज को कमोडिटी इंडेक्स लांच करने की मंजूरी दे दी है। सेबी ने इस संबंध में आज ही सर्कुलर जारी किया और कहा सर्कुलर जारी होने वाले दिन से ही इसे लागू माना जाए।  


>सर्कलर की खास बातें:
-एक्सचेंज मौसम और मालभाड़े का फ्यूचर के अलावा कमोडिटी इंडेक्स लांच कर सकते हैं
-कोई भी फ्यूचर या कमोडिटी इंडेक्स लांच करने से पहले सेबी से अनुमति लेनी होगी
-एक्सचेंज को पहले से अपनी वेबसाइट पर कमोडिटी से जुड़े आंकड़े और जानकारी देनी होगी
-कमोडिटी इंडेक्स के पहले उसे लांच करने वाले एक्सचेंज का नाम देना होगा
-उसी कमोडिटी का इंडेक्स लांच करने की मंजूरी दी जाएगी, जिसकी पिछले 12 महीने के दौरान
कुल कारोबारी दिन का 90 प्रतिशत दिन ट्रेडिंग हुई होगी
-एग्रो और एग्री प्रोसेस्ड कमोडिटी का इंडेक्स लांच करने के लिए जरूरी है कि उस कमोडिटी का  पिछले 12 महीने के दौरान औसत रोजाना टर्नओवर कम से कम 75 करोड़ होना चाहिए, जबकि दूसरे कमोडिटी के लिए
यही सीमा कम से कम 500 करोड़ होना चाहिए

((कच्चे तेल और नैचुरल गैस के निवेशक इन आंकड़ों पर नजर रखेंगे तो फायदे में रहेंगे
((सोने-चांदी के निवेशक इन आंकड़ों को लेकर अलर्ट रहें, नुकसान से बचे रहेंगे
((बेस मेटल्स में कारोबार करते हैं, तो इन आंकड़ों को नजरअंदाज मत करें, फायदा होगा
((कमोडिटी में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, पहले जान लीजिए कुछ खास बातें
((आप अगर कमोडिटीज डेरिवेटिव्ज ट्रेनर्स बनना चाहते हैं, तो सेबी के इन नियमों का पालन करें
(सेबी ने कमोडिटी फ्यूचर्स में ऑप्शंस ट्रेडिंग के संबंध में गाइडलाइंस जारी की, जानिए इसके फायदे
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां जल्दी से कैश (तरलता) की उम्मीद करते हैं-म्युचुअल फंड्स, इक्विटीज, डिबेंचर्स, कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करते हैं-कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स, डिबेंचर्स,  इक्विटीज या  म्युचुअल फंड्स ?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: बॉन्ड्स, इक्विटीज, म्युचुअल फंड्स में से किसको सबसे ज्यादा सुरक्षित मानते हैं निवेशक ?

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


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Rajanish Kant मंगलवार, 18 जून 2019
कमोडिटी मार्केट में अब म्युचुअल फंड कर सकेंगे निवेश, सर्कुलर जारी, जानें खास बाते
सेबी ने कमोडिटी मार्केट में म्युचुअल फंड निवेश को लेकर जारी कर दिया सर्कुलर, जानें क्या है खास बाते 

घरेलू कमोडिटी डेरिवेटिव्ज मार्केट में अब और तेजी आने की उम्मीद है। दरअसल,  मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कमोडिटी डेरिवेटिव्ज मार्केट में म्युचुअल फंड के निवेश के संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया है। सर्कुलर में कहा गया है कि सर्कुलर जारी होने के दिन से कमोडिटी डेरिवेटिव्ज मार्केट में म्युचुअल फंड के निवेश से जुड़े नियम लागू हो जाएंगे। 


सेबी ने कहा है कि म्युचुअल फंड संवेदनशील कमोडिटीज (एग्री सेगमेंट के जरूरी कमोडिटीज संवेदनशील कमोडिटीज कहलाते हैं) को छोड़कर सभी एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटीज में हिस्सा ले सकते हैं। म्युचुअल फंड के साथ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को भी कमोडिटीज डेरिवेटिव्ज में भाग लेने की मंजूरी दी गई है लेकिन केवल गोल्ड डेरिवेटिव्ज में ही। लगभग एक साल की लंबी बहस के बाद सेबी ने कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में म्युचुअल फंड के निवेश के संबंध में सर्कुलर जारी किया है। हालांकि, म्युचुअल फंड को फिजीकल डिलीवरी लेने से रोका गया है। अगर फंड्स सेटलमेंट के तौर पर फिजीकल डिलीवरी लेते भी हैं तो उसे 30 दिनों के भीतर सामान को  अनिवार्य रूप से निपटाना (Dispose) होगा। 

जिन म्यचुअल फंड्स में एफआईआई का पैसा लगा होगा, वो फंड्स कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में उस समय तक निवेश नहीं कर सकेंगे, जब तक कि एफआईआई को कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में निवेश करने की सेबी से अनुमति नहीं मिल जाती है। 

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Rajanish Kant बुधवार, 22 मई 2019
NSE पर शुरू हुआ कमोडिटी डेरिवेटिव्ज कारोबार, सोना और चांदी वायदा में कर सकेंगे खरीद-बिक्री
अगर आप सोना, चांदी समेत दूसरे कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार करते हैं तो आपके लिए अब ज्यादा विकल्प हो गए हैं। आप MCX, NCDEX, BSE के अलावा, NSE पर कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार कर सकते हैं। आज से NSE पर भी कमोडिटी डेेरिवेटिव्ज लांच हो गया है। 


हाल ही में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने देश के दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई को कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार शुरू करने की मंजूरी दी थी। इससे पहले इसी महीने बीएसई पर कमोडिटी डेरिवेटिव्ज कारोबार शुरू किया गया।  


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Rajanish Kant शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2018
कमोडिटीज वायदा कारोबार सभी वर्गों के लिए उपयोगी: कृषि और कल्याण मंत्री
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने नयी दिल्ली में कमोडिटीज मार्केट पर आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित किया
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा सरकार किसानों को मार्केट से जोड़ने और उनके लिए एक ठोस मार्केंटिंग ढांचा खड़ा करने का प्रयास कर रही है
             केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि सरकार किसानों को मार्केट से जोड़ने और उनके लिए एक ठोस मार्केंटिंग ढांचा खड़ा करने का  प्रयास कर रही है ताकि देश के किसान खेती के साथ फसलों से जुड़े व्यापार में हिस्सेदारी करें और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। उन्होंने यह बात कमोडिटीज मार्केट की गतिशीलता बदलना विषय पर सीपीएआई द्वारा आयोजित सम्मेलन में ये बात कही।
            कृषि मंत्री ने कहा कि किसानो की आय दोगुनी करने के लिए उत्पादन बढाने, उत्पादन लागत कम करने तथा आय के अन्य सहायक स्त्रोतो को अपनाने के साथ किसानो की उपज की सही मार्केटिंग का इंतजाम करना भी बेहद जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि इसमें जिंसों के डेरीवेटिव्स व्यापार, मूल्य खोज एवं मूल्य जोखिम प्रबंधन में सहायक हो सकता है और अर्थव्यवस्था के सभी वर्ग के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। यह कृषि जिंसों की मांग और पूर्ति के असुंतलन को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

      उन्होंने कहा कि वायदा कारोबार सिर्फ आज के बाजार के मूल्य संकेत नहीं देता, अपितु आने वाले कुछ महीनों के लिए भी मूल्य संकेत देता है जिससे क्रेता और विक्रेता दोनों ही आने वाले समय में अपनी खरीद बिक्री की योजना बना सकते हैं जिससे मांग और आपूर्ति का संतुलन बना रह सके I इस तरह यह किसान और उपभोक्ता दोनों के लिए ही फायदेमंद साबित हो सकता है I इससे किसान पहले ही योजना बना सकते हैं कि उन्हें कब, कौन सी और कितनी फसल की खेती करनी है I उन्होंने कहा कि   इसके लिए जरूरी है कि बाजार किसानों की पहुच के अन्दर हो तथा बाजार व्यवस्था में बिचौलिये नहीं हों I उन्होंने कहा कि उपज का मूल्य पारदर्शी तरीके से तय होना चाहिए और किसान को अपनी उपज का अविलंब मूल्य मिलना चाहिए I  साथ ही, किसान और बाजार के बीच की दूरी यथासंभव कम होनी चाहिए I
(2017 में एग्री कमोडिटीज का कैसा रहेगा प्रदर्शन; क्या कहते हैं फंडामेंटल के सितारे 
      कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि उपज का संगठित विपणन राज्य सरकारों द्वारा विनियमित मंडियों  द्वारा किया जाता है, जिनकी कुल संख्या देश में 6746 है I किसानो पर गठित राष्ट्रीय आयोग की अनुशंसा के अनुसार 80 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक मंडी होनी चाहिए, जबकि वर्तमान में लगभग 580 वर्गकिलोमीटर में एक मंडी है। वर्तमान सरकार ए पी एम सी मंडी खोलने के साथ  विपणन कानूनों में सुधार करवाकर निजी क्षेत्र में भी मंडी स्थापित करवाने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार खाद्य भंडारो को बजार सब यार्ड में विकसित करने पर विचार कर रही है।
            उन्होंने कहा कि ई-नैम के द्वारा किसानों की पहुच देश के अनेक मंडियों एवं क्रेताओं से स्थापित हो रही है।  ई-नैम के जरिए किसान किसी भी जगह बैठकर ऑनलाइन ट्रेडिंग के द्वारा अपनी फसल को बेच सकता है तथा इसके लिए वह उपज की गुणवत्ता अनुरूप उत्तम मूल्य प्राप्त कर सकता है। यदि उसे मूल्य पसंद न हो तो वह ऑनलाइन द्वारा की गयी सर्वोच्च बोली को भी नकार सकता है। इसमें किसान को अपने फसल की धनराशि का ऑनलाइन भुगतान सीधे उनके खाते में प्राप्त होती है। ई-नाम पोर्टल से वर्ष 2018 तक कुल 585 मंडियों को जोड़े जाने की योजना है । अब तक 12 राज्यों के 277 मंडियों को ई-नैम से जोड़ दिया गया है।
            उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर और अन्य देशों के लिए अनाज का निर्यात करने वाला देश बन गया है कृषि विकास दर 2% से बढ़कर 4.4% हो गई है जो यह दर्शाती है कि सरकार किसानों और कृषि की भलाई के लिए गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले साल बजट की तुलना में वर्ष 2017-18 के बजट में, ग्रामीण, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए निधि में 24% की वृद्धि हुई है, अब यह 1,87,223 करोड़ रुपये है।
(Source: pib.nic.in)

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

Rajanish Kant रविवार, 19 मार्च 2017