नई दिल्ली: सरकार ने किसी सूचीबद्ध कंपनी की ओर से जारी आईपीओ, बोनस या राइट इश्यू के जरिए न्यायोचित शेयर पूंजी निवेश निवेश को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर से मुक्त कर दिया है, भले ही उसमें प्रतिभूतियों के हस्तांतरण पर किसी तरह का प्रतिभूति सौदा कर (एसटीटी) का भुगतान नहीं किया गया हो.
इसी तरह होल्डिंग और अनुषंगी कंपनी के बीच प्रतिभूतियों के लेनदेन या विलय-विघटन से जुड़े सौदों, प्रवासी नागरिक द्वारा एफडीआई नियमों के तहत किए गए इक्विटी निवेश, कर्मचारी शेयर विकल्प या शेयर के रूप में उपहारों को भी दीर्घकालक लाभ कर से अलग रखा गया है.
इस संबंध में आयकर कानून की धारा 10 (38) में संशोधन किया गया है. दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर फायदा उठाने के लिए मुखौटा कंपनियों का गठन कर उनके साथ छद्म सौदे करने और इन कंपनियों में कालाधन लगाने के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है.
संशोधन के तहत एक अक्तूबर 2004 को या इससे बाद अधिग्रहीत शेयरों के हस्तांतरण से अर्जित आय को पूंजीगत लाभ कर से छूट तभी मिलेगी जबकि उक्त अधिग्रहण पर एसटीटी लागू होता हो. आयकर विभाग ने अब उन तीन तरह के सौदों को अधिसूचित किया है जहां नये प्रावधान लागू होंगे.
(स्रोत-भाषा)
इसी तरह होल्डिंग और अनुषंगी कंपनी के बीच प्रतिभूतियों के लेनदेन या विलय-विघटन से जुड़े सौदों, प्रवासी नागरिक द्वारा एफडीआई नियमों के तहत किए गए इक्विटी निवेश, कर्मचारी शेयर विकल्प या शेयर के रूप में उपहारों को भी दीर्घकालक लाभ कर से अलग रखा गया है.
इस संबंध में आयकर कानून की धारा 10 (38) में संशोधन किया गया है. दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर फायदा उठाने के लिए मुखौटा कंपनियों का गठन कर उनके साथ छद्म सौदे करने और इन कंपनियों में कालाधन लगाने के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है.
संशोधन के तहत एक अक्तूबर 2004 को या इससे बाद अधिग्रहीत शेयरों के हस्तांतरण से अर्जित आय को पूंजीगत लाभ कर से छूट तभी मिलेगी जबकि उक्त अधिग्रहण पर एसटीटी लागू होता हो. आयकर विभाग ने अब उन तीन तरह के सौदों को अधिसूचित किया है जहां नये प्रावधान लागू होंगे.
(स्रोत-भाषा)
एसटीटी नहीं चुकाने के बावजूद IPO, बोनस निर्गम और उपहार में दिये शेयर पूंजीगत लाभ कर से छूट
Rajanish Kant
बुधवार, 7 जून 2017