Results for "भारतीय मौसम विज्ञान विभाग"
मानसून सीजन में देश में औसत वर्षा 97 प्रतिशत हो सकती है: मौसम विभाग
2018 में दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान वर्षा का दीर्घावधि पूर्वानुमान

मानसून सीजन में देश में औसत वर्षा 97 प्रतिशत हो सकती है
2018 में दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान वर्षा के पूर्वानुमान का सार
  • मात्रा की दृष्टि से मानसून सीजन के दौरान कुल वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 97 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है। हालांकिइसमें ± 5 प्रतिशत का अंतर हो सकता है। वर्ष 1951 से लेकर वर्ष 2000 तक की अवधि के दौरान देश में मानसून सीजन के दौरान दीर्घावधि औसत (एलपीए) वर्षा 89 सेंटीमीटर रही है।
  • पूर्वानुमान के तहत सीजन के दौरान सामान्‍य मानसून वर्षा (एलपीए का 96-104 प्रतिशत) की अधिकतम संभावना के साथ-साथ सामान्‍य से कम वर्षा होने की अल्‍प संभावना का भी उल्‍लेख किया गया है।
     भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) दूसरे चरण के पूर्वानुमान के तहत जून 2018 के आरंभ में अपडेट जारी करेगा। अपडेट पूर्वानुमान के साथ पूरे देश में मासिक (जुलाई एवं अगस्‍त) वर्षा के साथ-साथ भारत के चार भौगोलिक क्षेत्रों में मौसमी (जून-सितंबर) वर्षा के अलग-अलग अनुमान भी जारी किए जाएंगे।
1. पृष्‍ठभूमि
  भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसमी (जून-सितंबर) वर्षा के लिए दो चरणों में पूर्वानुमान जारी करता है। पहले चरण का पूर्वानुमान अप्रैल महीने में और दूसरे चरण का पूर्वानुमान जून महीने में जारी किया जाता है। अत्‍याधुनिक सांख्यिकीय समष्टि पूर्वानुमान प्रणाली (एसईएफएस) का उपयोग कर ये पूर्वानुमान तैयार किए जाते हैंजिनकी गहन समीक्षा करने के साथ-साथ आंतरिक शोध गतिविधियों के जरिए इनमें नियमित तौर पर बेहतरी सुनिश्चित की जाती है।
     अप्रैल पूर्वानुमान के लिए आईएमडी के एसईएफएस मॉडल के तहत निम्‍नलिखित 5 पूर्वानुमान आधारों का उपयोग किया जाता हैजिनके लिए मार्च तक के आंकड़े आवश्‍यक होते हैं।


क्र.सं.
पूर्वानुमान आधार
अवधि
 
    
1
उत्तर अटलांटिक और उत्तरी प्रशांत के बीच समुद्री तल के तापमान (एसएसटी)  में उतार-चढ़ाव  
दिसंबर + जनवरी
 
  
   
2
भूमध्यरेखीय दक्षिण हिंद महासागर में एसएसटी
फरवरी
 
    
3
पूर्वी एशिया में समुद्री तल पर औसत दबाव
फरवरी + मार्च
 
    
4
उत्तर पश्चिमी यूरोप में भूतल वायु का तापमान
जनवरी
 
    
5
भूमध्यरेखीय  प्रशांत में गर्म जल की मात्रा
फरवरी + मार्च
 
    

2. पूरे देश में 2018 के दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान वर्षा का पूर्वानुमान

2ए. मानसून मिशन संयोजित पूर्वानुमान प्रणाली (एमएमसीएफएस) पर आधारित पूर्वानुमान

    वर्ष 2018 के दक्षिण-पश्चिम मानूसन सीजन में वर्षा का पूर्वानुमान तैयार करने के लिए अप्रैल, 2018 में प्रारंभिक वायुमंडलीय और समुद्री स्थितियों का उपयोग किया गया।
    एमएमसीएफएस पर आधारित पूर्वानुमान से यह पता चलता है कि वर्ष 2018 के मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान पूरे देश में मानसून की औसत वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 99 प्रतिशत रहने की संभावना है। हालांकिइसमें ± 5 प्रतिशत का अंतर हो सकता है।
2बी. क्रियाशील सांख्यिकीय समष्टि पूर्वानुमान प्रणाली (एसईएफएस) पर आधारित पूर्वानुमान
  • मात्रा की दृष्टि से मानसून सीजन के दौरान कुल वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 97 प्रतिशतरहने का पूर्वानुमान है। हालांकिइसमें ± 5 प्रतिशत का अंतर हो सकता है।
  • देश भर में मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान वर्षा की 5 श्रेणियों वाले संभाव्यता पूर्वानुमानों का उल्‍लेख नीचे किया गया है :     

श्रेणी
वर्षा की मात्रा
पूर्वानुमान
जलवायु संबंधी
 
(एलपीए का प्रतिशत)
संभाव्यता (%)
संभाव्यता  (%)
 
  
कम
< 90
14
16
 
सामान्‍य से कम
90 - 96
30
17
 
सामान्‍य
96 -104
42
33
 
सामान्‍य से अधिक
104 -110
12
16
 
अधिक
> 110
02
17

स्रोत-पीआईबी

Rajanish Kant मंगलवार, 17 अप्रैल 2018
मानसून मौसम वर्षा के लंबी अवधि औसत के 98% रहने का अनुमान- आईएमडी
दक्षिण पश्चिम मानसून वर्षा 2017 के लिए लंबी अवधि का मौसम अनुमान

मानसून मौसम वर्षा के लंबी अवधि औसत के 98% रहने का अनुमान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने  आज नई दिल्ली मे दक्षिण पश्चिमी मानसून के दूसरे चरण का पूर्वानुमान जारी किया । आईएमडी ने भविष्यवाणी की  है कि कुल मिलाकर, पूरे देश मे  दक्षिण पश्चिमी मानसून लंबी अवधि औसत (एलपीए अर्थात 50 वर्षो का औसत ) का 98% रह सकता है जिसमें 4% की कमी –बढोतरी हो सकती है ।
प्रमुख विशेषताएं
  • दक्षिण पश्चिमी मानसून मौसम 2017 (जून से सितंबर) के कुल मिलाकर सामान्य (लंबी अवधि औसत) के 96% से 104% रहने की उम्मीद है।
  • मात्रा के लिहाज से, मानसून की वर्षा के एलपीए का लगभग 98% रहने की उम्मीद है जिसमें 4% की कमी –बढोतरी हो सकती है ।
  • क्षेत्र के हिसाब से, मौसमी वर्षा के उत्तर- पश्चिमी भारत में 96%, मध्य भारत मे 100%, दक्षिण पठारी क्षेत्र मे 99% एवं पूर्वोत्तर भारत में 96% रहने की उम्मीद है।
आईएमडी ने 18 अप्रैल को देश भर के लिए संचालनगत दक्षिण पश्चिमी मानसून मौसम (जून से सितंबर) की वर्षा के लिए प्रथम चरण दीर्घ अवधि पूर्वानुमान जारी किया था।
(स्रोत-पीआईबी)

Rajanish Kant मंगलवार, 6 जून 2017