US डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत (08 दिसंबर)($1=₹ 64.4649)
अमेरिकी डॉलर के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की संदर्भ दर
भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 08 दिसंबर 2017 को अमेरिकी डॉलर के लिए संदर्भ दर  64.4649 है। पिछले दिन (07 दिसंबर 2017) के लिए समतुल्‍य दर  64.5388 थी।

अमेरिकी डॉलर के लिए संदर्भ दर और पारस्‍परिक मुद्रा-दरों की मध्‍य दरों के आधार पर रुपये के लिए यूरो, ग्रेट ब्रिटेन पाउंड और जापानी येन की विनिमय दरें इस प्रकार हैं :
मुद्रातारीख
07 दिसंबर 201708 दिसंबर 2017
1 यूरो76.084875.7978
1 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड86.314287.0405
100 जापानी येन57.3356.84
टिप्‍पणी : एसडीआर- रुपया दर संदर्भ दर पर आधारित होगी।
Source: rbi.org.in
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Rajanish Kant शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017
'बैंक में अभी आपका केवल ₹1 लाख तक ही सुरक्षित है, इसे ₹10 लाख करने की जरूरत है'
क्या आप जानते हैं कि किसी भी बैंक में आप चाहे जितना भी पैसा जमा कर दें, लेकिन बीमा कवर केवल आपको  ₹1 लाख तक की रकम पर ही मिलेगा। इसका मतलब हुआ कि जिस भी बैंक में आपके पैसे जमा हैं और वह बैंक दीवालिया हो गया या फिर वह बैंक किसी कारणवश आपको आपके पूरे पैसे लौटाने की स्थिति में नहीं है, तो आपको एक केवल एक लाख रुपए तक ही रकम वापस मिलने की उम्मीद है, उससे ज्यादा नहीं, भले ही उस बैंक में आपका कितना भी पैसा जमा क्यों ना हो। ऐसी स्थिति में एक लाख से ज्यादा रकम मिलने की कोई गारंटी नहीं है। 

अब All India Reserve Bank Employees Association (AIRBEA) ने इंश्योर्ड रकम मौजूदा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख करने की मांग की है।  एसोसिएशन का कहना है कि इंश्योर्ड रकम से संबंधित नियम पुराने हो गए हैं और साथ ही इस दौरान बैंकों में डिपॉजिटर्स भी बढ़े हैं और डिपॉजिट्स भी बढ़ी हैं। एसोसिएशन ने कहा है कि ऐसा करने से डिपॉजिटर्स के मन में अपने पैसों के प्रति सुरक्षा की भावना बढ़ेगी। 

> मौजूदा व्यवस्था क्या है? 
बैंकों में डिपॉजिटर्स के ₹1 लाख तक इंश्योर्ड वाली व्यवस्था 1993 में शुरू की गई थी। इस व्यवस्था के तहत बैंक में रखे आपके पैसों को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (DICGC) इंश्योंरेंस कवर देता है।  ये बीमा भी तब ही मिलता है, जब कोई बैंक इसके लिए प्रीमियम भरता है।अच्छी बात ये है कि लगभग सभी सरकारी और निजी बैंकों ने यह इंश्योंरेंस लिया हुआ है। लेक‍िन बुरी बात यह है कि ये संस्था भी बैंक में रखे आपके पूरे पैसे सुरक्ष‍ित नहीं रखती। DICGC के मुताबिक बैंक में आपने चाहे जितने भी पैसे रखें हों, आपके सिर्फ ₹1 लाख तक ही इंश्योर्ड होते हैं. इसका मतलब ये है कि अगर आप ने किसी बैंक  में ₹1 लाख तक से ज्यादा रखे हैं, तो उसमें से सिर्फ आपके ₹1 लाख तक को बीमा कवर प्राप्त है। 


Rajanish Kant
'सरकार बैंकों में आपके पैसे की सुरक्षा की पूरी गारंटी दे रही है'
वित्‍तीय समाधान एवं जमा बीमा विधेयक, 2017 के प्रावधानों का उद्देश्‍य जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना है

लोकसभा में 11 अगस्‍त, 2017 को पेश किया गया वित्‍तीय समाधान एवं जमा बीमा विधेयक, 2017 (एफआरडीआई विधेयक) फिलहाल संसद की संयुक्‍त समिति के विचाराधीन है। संयुक्‍त समिति एफआरडीआई विधेयक के प्रावधानों पर सभी हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा कर रही है। एफआरडीआई विधेयक के ‘संकट से उबारने’ वाले प्रावधानों के संबंध में मीडिया में कुछ विशेष आशंकाएं व्‍यक्‍त की गई हैं। एफआरडीआई विधेयक, जैसा कि संसद में पेश किया गया है, में निहित प्रावधानों से जमाकर्ताओं को वर्तमान में मिल रहे संरक्षण में कोई कमी नहीं की गई है, बल्कि इनसे जमाकर्ताओं को कहीं ज्‍यादा पारदर्शी ढंग से अतिरिक्‍त संरक्षण प्राप्‍त हो रहे हैं।
एफआरडीआई विधेयक कई अन्‍य न्‍याय-अधिकारों अथवा क्षेत्राधिकारों के मुकाबले कहीं ज्‍यादा जमाकर्ता अनुकूल है, जिसमें संकट से उबारने के वैधानिक प्रावधान किये गये हैं, जिसके लिए लेनदारों/जमाकर्ताओं की सहमति की आवश्‍यकता नहीं पड़ती है।
एफआरडीआई विधेयक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों समेत समस्‍त बैंकों को वित्‍तीय एवं समाधान सहायता देने संबंधी सरकार के अधिकारों को किसी भी रूप में सीमित करने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है। इस विधेयक के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सरकार की अंतर्निहित गारंटी किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई है।
भारतीय बैंकों के पास पर्याप्‍त पूंजी है और ये विवेकपूर्ण नियमों एवं पर्यवेक्षण के दायरे में भी आते हैं, ताकि उनकी पूरी सुरक्षा, मजबूत वित्‍तीय स्थिति एवं प्रणालीगत स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। वर्तमान कानून बैंकिंग प्रणाली की अखण्‍डता, सुरक्षा एवं संरक्षा सुनिश्चित करते हैं। भारत में बैंकों को विफल होने से बचाने और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाते हैं और नीतिगत उपाय किये जाते हैं, जिनमें आवश्‍यक निर्देश जारी करना/त्‍वरित सुधारात्‍मक कदम उठाना, पूंजीगत पर्याप्‍तता एवं विवेकपूर्ण मानक लागू करना शामिल हैं। एफआरडीआई विधेयक एक व्‍यापक समाधान व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करके बैंकिंग प्रणाली को और मजबूत करेगा। किसी वित्‍तीय सेवा प्रदाता के विफल होने की दुर्लभ स्थिति में व्‍यापक समाधान व्‍यवस्‍था के तहत जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एक त्‍वरित, क्रमबद्ध एवं सक्षम समाधान प्रणाली पर अमल किया जाएगा।
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant
ICICI बैंक में PPF अकाउंट खुलवाएं कहीं से भी, कभी भी, बिना किसी कागजी कार्रवाई के
अगर आप पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (लोक या सार्वजनिक भविष्य निधि) खाता खुलावाना चाहते हैं वो भी अपने समय के मुताबिक बिन बैंक गए ही, तो देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI बैंक आपको इसकी सुविधा दे रहा है। 

बैंक के ग्राहकों अब सभी तरह की कागजी कार्रवाई के झंझटों से मुक्त होकर हुए घर बैठे ही ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोल हैं। आपको इसके लिए ना तो बैंक की किसी शाखा में जाना होगा और ना ही किसी तरह का पेपर वर्क करना होगा। इसके लिए आपको ICICI बैंक की इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग पर लॉग इन कर आवेदन करना होगा। 

बैंक द्वारा अपने ग्राहकों की  डिजिटल लाइफ को आसान बनाने की यह एक और पहल है।
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
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म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
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Rajanish Kant
क्या आप एक से अधिक PF अकाउंट से परेशान हैं, तो आपके लिए राहत की खबर है
क्या आपके पास भी एक से अधिक पीएफ अकाउंट है और उसे मैनेज करने या फिर उसे बंद करने या फिर उसका ट्रांसफर नए पीएफ अकाउंट में करने का वक्त आपके पास नहीं है, तो आपके लिए अच्छी खबर है। दरअसल, अब आप 10 पीएफ अकाउंट को एक ही अकाउंट को एक बार में यूनिवर्सल खाता संख्या (UAN) के साथ जोड़ सकेंगे। 

पीएफ अकाउंट मैनेज करने वाली संस्था ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने करीब 5 करोड़ अकाउंट होल्डर्स के लिए यह सेवा शुरू की है। इस सुविधा के तहत ईपीएफओ के अंशधारक 10 पुराने खातों को एक बार में यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) के साथ जोड़ सकेंगे। अभी तक ईपीएफओ अंशधारकों को ईपीएफओ के यूएएन पोर्टल पर यूएएन का इस्तेमाल करते हुए ट्रांसफर क्लेम अलग-अलग ऑनलाइन करना होता है। इस सुविधा को पाने के लिए उन्हें अपने यूएएन को एक्टिवेट करना होगा। यह बैंक खातों तथा अन्य ब्योरे मसलन आधार नंबर और पैन से जुड़ा होगा।

यूएएन एक्विटवेशन के बिना ये अंशधारक ईपीएफओ की स्थानांतरण दावा पोर्टल सुविधा के जरिये ऑनलाइन तरीके से इसे कर सकेंगे। ईपीएफओ ने इस सुविधा के साथ प्रक्रिया को आसान किया है। 

2014 के अक्टूबर में ईपीएफओ ने प्रोविडेंट फंड(PF) खाताधारकों को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) की सुविधा दी थी। आपको अपना यूएएन जानना बेहद आसान है। बस आपको ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर कुछ स्टेप्स फोलो करने होंगे।
क्या है यूएएन नंबर
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर(UAN) के जरिए लोगों को अपना पीएफ खाता बंद करने या ट्रांसफर कराने के झंझट से छुटकारा मिल जाता है। अक्सर नौकरी छोड़ने पर लोग पीएफ खाते को बंद करके नई कंपनी नया खाता खुलवाते थे। इसमें काफी समय लगता था और खाताधारक को इससे नुकसान भी होता है। यूएएन के जरिए आप अपने अकाउंट का बैलेंस कहीं से भी चेक कर सकते हैं, साथ ही पासबुक और यूएएन कार्ड भी डाउनलोड कर सकते हैं, लेकिन बहुत सारे लोगों को अभी तक अपना यूएएन नहीं पता है। बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें यह भी नहीं पता कि उन्हें यूएएन मिला भी है या नहीं।
आइए जानते हैं किस तरह से जानें कि यूएएन नंबर मिला है या नहीं और यदि मिला है तो कैसे होगा एक्टिवेट-
UAN स्टेटस पता करें
अपना UAN स्टेटस पता करने के लिए इस लिंक http://uanmembers.epfoservices.in/check_uan_status.php पर क्लिक करें।
इसके बाद जो पेज खुलना है, उसमें मांगी गई जानकारियां भरें। इसमें राज्य का नाम, सिटी का नाम, इस्टेबलिशमेंट कोड और पीएफ अकाउंट नंबर भरना होगा और चेक स्टेटस बटन पर क्लिक करना होगा।
इस पर क्लिक करते ही आपको एक मैसेज दिखेगा, जिसमें यह बताया गया होगा कि आपको यूएएन नंबर मिला है या नहीं। अगर आपको यूएएन नंबर मिल गया है तो आप इसके लिए अपनी कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट से पता कर सकते हैं।
कैसे करें एक्टिवेट
STEP 1- कंपनी से यूएएन पता करके आपको उसे एक्टिवेट कराना होगा। इसे एक्टिवेट कराने के लिए http://uanmembers.epfoservices.in/index.php?accesscheck=%2Fhome.php इस लिंक पर क्लिक करें। खुलने वाले नए पेज पर activate your UAN पर क्लिक करें।
खुलने वाले नए पेज पर activate your UAN पर क्लिक करें।
STEP 2- लिंक पर क्लिक करने के बाद एक पेज खुलेगा, जिसमें यूएएन नंबर, मोबाइल नंबर, राज्य, सिटी, इस्टेबलिशमेंट और पीएफ अकाउंट नंबर डालना होता है। सारी जानकारी भरने के बाद वैरिफिकेशन कोड डालकर ‘GET PIN’ पर क्लिक करें। इस पर क्लिक करने के बाद 5 मिनट के अन्दर आपके मोबाइल फोन पर एक पिन आएगा, जिसे फॉर्म में डालकर सबमिट करना होगा।
ई-मेल पर मिलेगा एक्टिवेशन लिंक
STEP 3- पिन सबमिट करने के बाद जो विंडो खुलेगी, उसमें आपका नाम, पिता का नाम, कंपनी का नाम, यूएएन और जन्मतिथि लिखी होती है। जैसा कि ऊपर तस्वीर में दिखाया गया है। इसमें आपको अपने यूएएन अकाउंट में लॉगिन करने के लिए एक पासवर्ड डालना होता है। इसके बाद अपनी ई-मेल आईडी रजिस्टर करें।सबमिट बटन पर क्लिक करते ही आपको एक ई-मेल चला जाएगा, जिसमें एक्टिवेशन लिंक होता है। अपनी ई-मेल आईडी में जाकर उस लिंक पर क्लिक करें। क्लिक करते ही ईपीएफओ की वेबसाइट का एक पेज खुलेगा, जिस पर ई-मेल आईडी कन्फर्मेशन का मैसेज मिल जाएगा।
STEP 4-अपने यूएएन और पासवर्ड के साथ लॉगिन करें। लॉगिन करने के लिए http://uanmembers.epfoservices.in/ इस लिंक पर क्लिक करें। यहां अपना यूएएन और पासवर्ड डालें और लॉगिन बटन पर क्लिक करें। क्लिक करते ही आपके सामने एक पेज खुल जाएगा, जो आपके अकाउंट का पेज होता है।
STEP 5-अपने अकाउंट में आ जाने के बाद आप अपना यूएएन कार्ड और पासबुक डाउनलोड कर सकते हैं। पासबुक के जरिए आप देख सकते हैं कि आपके पीएफ अकाउंट में कितने पैसे हैं। साथ ही इसमें आपकी मेंबर आईडी और इस्टेबलिशमेंट कोड भी लिखा होता है। इससे आप मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी और पासवर्ड भी बदल सकते हैं।





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Rajanish Kant