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निर्यातकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन जारी करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च, जानें फायदा
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन जारी करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया
डिजिटल प्लेटफॉर्म से निर्यातकों को एक ही स्थान पर सुविधाएं मिलेंगी

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री मंत्री श्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज नई दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन जारी करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया।
इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से निर्यातकों, एफटीए/पीटीए तथा सभी संबंधित एजेंसियों को एक ही स्थान पर सुविधाएं मिलेंगी। सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन को इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किया जाएगा। यदि सहयोगी देश सहमत होते हैं तो इसके लिए पेपरलेस रूप अपनाया जाएगा। सहयोगी देश वेबसाइट पर प्रमाणपत्रों की प्रमाणिकता का सत्यापन कर सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म के लाभ निम्न है  :
नया प्लेटफॉर्मवर्तमान प्रक्रिया
जारी करने की प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक, पेपरलेस और पारदर्शी होगी।वर्तमान प्रक्रिया के तहत निर्यातक को प्रत्येक प्रमाण-पत्र के लिए तीन बार कार्यालय आना पढ़ता है।
उत्पाद के स्तर पर, देश के स्तर पर एफटीए उपयोग की वास्तविक समय पर निगरानी।वास्तविक समय पर निगरानी संभव नहीं क्योंकि डेटा विभिन्न एजेंसियों के बीच बटा रहता है।
सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन को इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किया जाता है।सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन को दस्तावेज के रूप में जारी किया जाता है।
सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन का सदस्य देशों के साथ आदान-प्रदान संभवसर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन का सदस्य देशों के साथ आदान-प्रदान संभव नहीं
निर्यातकों के लिए लागत और समय की बचतवर्तमान प्रक्रिया में लागत और समय अधिक लगता है।

निर्यातक इस प्लेटफॉर्म पर पंजीयन कर सकते हैं और सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म को चरणबद्ध तरीके से एफटीए के लिए लाइव बनाया जाएगा। भारत – चिली पीटीए के साथ इसकी शुरुआत होगी।
यदि सहयोगी देश इलेक्ट्रॉनिक डेटा आदान-प्रदान के लिए सहमद होता है तो सहयोगी देश के कस्टम विभाग के पास सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेज दिया जाएगा।
भारत का 15 देशों के साथ एफटीए और पीटीए समझौता है। लगभग सात लाख प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं। इससे यह साबित होता है कि निर्यात की गई वस्तुओं का निर्माण भारत में हुआ है। सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन जारी करने वाली कुछ एजेंसियां हैं – ईआईसी, डीजीएफटी, एमपीईडीए, वस्त्र समिति और तंबाकू बोर्ड।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डीजीएफटी और आरएमटीआर ने कॉमन डिजिटल प्लेटफॉर्म को डिजाइन किया है और इसे विकसित किया है।

(साभार- www.pib.nic.in)
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Rajanish Kant सोमवार, 16 सितंबर 2019
फरवरी में एक्सपोर्ट डॉलर टर्म में 17% बढ़ा, अप्रैल-फरवरी में व्यापार घाटा 24% कम हुआ
सितंबर 2016 से ही निर्यात में दर्ज किया जा रहा सुधार का रुख फरवरी, 2017 के दौरान भी बरकरार रहा। फरवरी, 2017 के दौरान  24490.27 मिलियन अमेरिकी डॉलर (164269.71 करोड़ रुपये) मूल्‍य की वस्‍तुओं का निर्यात किया गया, जो फरवरी, 2016 में  हुए निर्यात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 17.48 फीसदी ज्‍यादा है और रुपये के लिहाज से भी 15.48 फीसदी ज्‍यादा है। इसमें लम्‍बे अरसे बाद दहाई अंकों में वृद्धि दर्ज की गई है।

अप्रैल-फरवरी 2016-17 के दौरान निर्यात कुल मिलाकर 245413.05 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1648743.26 करोड़ रुपये) का हुआ, जो पिछले साल की समान अ‍वधि में हुए निर्यात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 2.52 फीसदी और रुपये के लिहाज से 5.50 फीसदी अधिक है।

विश्व व्यापार संगठन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2016 के दौरान निर्यात में वृद्धि पिछले साल के समान महीने के मुकाबले संयुक्त राज्य अमेरिका (5.61 फीसदी), यूरोपीय संघ (1.68 फीसदी) और जापान (10.87 फीसदी) में दर्ज की गई है। वहीं, दिसंबर 2016 के दौरान निर्यात में कमी पिछले साल के समान महीने के मुकाबले चीन (-6.20 फीसदी) में दर्ज की गई है।

आयात
फरवरी, 2017 के दौरान 33386.57 मिलियन अमेरिकी डॉलर (223942.06 करोड़ रुपये) मूल्‍य की वस्‍तुओं का आयात किया गया, जो फरवरी, 2016 में हुए आयात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 21.76 फीसदी ज्‍यादा है और रुपये के लिहाज से 19.69 फीसदी ज्‍यादा है। अप्रैल-फरवरी, 2016-17 के दौरान आयात कुल मिलाकर 340698.43 मिलियन डॉलर (2289598.48 करोड़ रुपये) का हुआ, जो पिछले साल की समान अवधि में हुए आयात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 3.67 फीसदी की ऋणात्‍मक वृद्धि दर्शाता है।

समग्र व्‍यापार संतुलन
कुल मिलाकर व्‍यापार संतुलन में बेहतरी दर्ज की गई है। वाणिज्‍यि‍क वस्‍तुओं एवं सेवाओं को एक साथ ध्‍यान में रखते हुए समग्र व्‍यापार घाटा अप्रैल-फरवरी, 2016-17 के दौरान 41808.38 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रहने का अनुमान है, जो अप्रैल-फरवरी 2015-16 में दर्ज किए गए 55028.99 मिलियन अमेरिकी डॉलर के व्‍यापार घाटे से 24.0 फीसदी कम है।

((जनवरी में भी निर्यात में सुधार जारी रहा, व्यापार घाटे में कमी 
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Rajanish Kant गुरुवार, 16 मार्च 2017
जनवरी में भी निर्यात में सुधार जारी रहा, व्यापार घाटे में कमी, कच्चे तेल का आयात 61% बढ़ा
भारत का विदेश व्‍यापार : जनवरी, 2017

वाणिज्यिक वस्‍तुओं का व्‍यापार निर्यात (इसमें पुनर्निर्यात भी शामिल है)
पिछले चार माह से निर्यात में दर्ज किया जा रहा सुधार का रुख जनवरी, 2017 के दौरान भी बरकरार रहा। जनवरी, 2017 के दौरान 22115.03 मिलियन अमेरिकी डॉलर (150559.98 करोड़ रुपये) मूल्‍य की वस्‍तुओं का निर्यात किया गया, जो जनवरी, 2016 में हुए निर्यात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 4.32 फीसदी ज्‍यादा है और रुपये के लिहाज से भी 5.61 फीसदी ज्‍यादा है।

अप्रैल-जनवरी 2016-17 के दौरान निर्यात कुल मिलाकर 220922.78 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1484473.55 करोड़ रुपये) का हुआ, जो पिछले साल की समान अ‍वधि में हुए निर्यात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 1.09 फीसदी और रुपये के लिहाज से 4.50 फीसदी अधिक है।

जनवरी, 2017 में गैर-पेट्रोलियम निर्यात 19422.86 मिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ, जबकि जनवरी, 2016 में इनका निर्यात 19111.38 मिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ था। इस तरह गैर-पेट्रोलियम निर्यात में इस दौरान 1.6 फीसदी की वृद्धि‍ दर्ज की गई। अप्रैल-जनवरी 2016-17 के दौरान गैर पेट्रोलियम नि‍र्यात 196254.10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ जो पिछले साल की समान अवधि में हुये निर्यात के मुकाबले 2.2 फीसदी अधिक है।

विश्व व्यापार संगठन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2016 के दौरान निर्यात में वृद्धि पिछले साल के समान महीने के मुकाबले संयुक्त राज्य अमेरिका (2.63 फीसदी), यूरोपीय संघ (5.47 फीसदी) और जापान (13.43 फीसदी) में दर्ज की गई है। वहीं, नवंबर 2016 के दौरान निर्यात में कमी पिछले साल के समान महीने के मुकाबले चीन (-1.51 फीसदी) में दर्ज की गई है।

आयात

जनवरी, 2017 के दौरान 31955.94 मिलियन अमेरिकी डॉलर (217557.32 करोड़ रुपये) मूल्‍य की वस्‍तुओं का आयात किया गया, जो जनवरी, 2016 में हुए आयात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 10.70 फीसदी ज्‍यादा है और रुपये के लिहाज से 12.07 फीसदी ज्‍यादा है। अप्रैल-जनवरी, 2016-17 के दौरान आयात कुल मिलाकर 307311.86 मिलियन डॉलर (2065656.42 करोड़ रुपये) का हुआ, जो पिछले साल की समान अवधि में हुए आयात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 5.81 फीसदी और रुपये के लिहाज से 2.57 फीसदी की गिरावट दर्शाता है।

कच्‍चे तेल एवं गैर-तेल का आयात

जनवरी, 2017 के दौरान 8140.83 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्‍य के तेल का आयात किया गया, जो पिछले साल के समान महीने में हुए आयात के मुकाबले 61.07 फीसदी ज्‍यादा है। इसी तरह जनवरी, 2017 के दौरान 23815.11 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्‍य का गैर-तेल आयात होने का अनुमान है, जो पिछले साल के समान महीने में हुए आयात के मुकाबले 0.01 फीसदी ज्‍यादा है।

समग्र व्‍यापार संतुलन

कुल मिलाकर व्‍यापार संतुलन में बेहतरी दर्ज की गई है। वाणिज्‍यि‍क वस्‍तुओं एवं सेवाओं को एक साथ ध्‍यान में रखते हुए समग्र व्‍यापार घाटा अप्रैल-जनवरी, 2016-17 के दौरान 38073.08 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रहने का अनुमान है, जो अप्रैल-जनवरी 2015-16 में दर्ज किए गए 54187.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर के व्‍यापार घाटे से 29.7 फीसदी कम है।
(Source: pib.nic.in)
((एक्सपोर्ट में सुधार जारी, दिसंबर, 2016 में एक्सपोर्ट डॉलर टर्म में 5.72 % बढ़ा
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Rajanish Kant गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017
एक्सपोर्ट में सुधार जारी, दिसंबर, 2016 में एक्सपोर्ट डॉलर टर्म में 5.72 % बढ़ा
एक्सपोर्ट के मोर्चे से अच्छी खबर आ रही है। दिसंबर में लगातार चौथे महीने एक्सपोर्ट ने सकारात्मक रुझान दिखाया। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में एक्सपोर्ट  सालाना आधार पर डॉलर टर्म में 5.72% बढ़कर 22593.35 मिलियन अमेरिकी डॉलर से 23884.97  मिलियन अमेरिकी डॉलर ( रुपए टर्म में 7.793% बढ़कर
150461.57 करोड़ रुपए से 162179.89 करोड़ रुपए) पर पहुंच गया। वहीं इस दौरान इंपोर्ट डॉलर टर्म में 0.46% बढ़ा है। 

((निवेश साधन (इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रुमेंट्स) क्या होते हैं  What are Investment Instruments 
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((वित्तीय योजना (फाइनेंशियल प्लानिंग) कैसे करें  How to prepare Financial Planning
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 ((निवेश करने के 6 बड़े फायदे Why should we invest?
((वित्तीय योजना (फाइनेंशियल प्लानिंग) क्या है और क्यों जरूरी है? What is Financial Planning&Why is it necessary?
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((म्युचुअल फंड क्या है, इसमें निवेश के 10 फायदे... What is Mutual Fund, 10 Benefits of MF Investment
(शेयर क्या है? शेयर मार्केट क्या है? What is Share? What is Share Market?
((दुनिया के प्रमुख शेयर बाजार या स्टॉक एक्सचेंज  World's Main Share Market or Stock Exchange   
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((कैशलेस लेन-देन के तरीके   Cashless Transaction ke tarike 
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Rajanish Kant शनिवार, 14 जनवरी 2017