Results for "World Bank"
OMG! अभी भी इतने करोड़ भारतीय वयस्क बैंक अकाउंट से वंचित हैं?
हर भारतीय को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने के लिए जन-धन योजना चलाई जा रही है, वित्तीय जागरूकता फैलाई जा रही है, बावजूद इसके अभी भी 19 करोड़ भारतीय वयस्कों के पास बैंक खाते नहीं हैं। ये हम नहीं बल्कि विश्व बैंक कह रहा है। बिना बैंक खाते की आबादी के मामले में इस तरह भारत चीन के बाद दूसरे पायदान पर है। 

इसके अलावा, विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि पिछले कुछ सालों से आधे बैंक अकाउंट निष्क्रिय हैं। हालांकि, वर्ल्ड बैंक ने मोदी सरकार की सभी को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना जन-धन योजना की तारीफ की है। इस योजना की वजह से मार्च 2018 तक 31 करोड़ नए बैंक खाते खुले। आपको बता दूं कि मोदी सरकार ने 2014 में जन-धन योजना की शुरुआत की थी। 

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बैंक ने आगे कहा है कि दुनिया के 11 प्रतिशत बिना बैंक खाते वाले लोग भारत में रहते हैं। वैश्विक स्तर पर 3.8 अरब लोगों यानी 69 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाता है या फिर मोबाइल से पैसों के लेन-देन की सुविधा है जिससे गरीबी को दूर करने में काफी मदद मिल रही है। 

2011 में 51 प्रतिशत वयस्कों के पास जबकि 2014 में 62 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाते या मोबाइल बैंकिंग से लेन-देन की सुविधा थी। 2011 से लेकर अबतक दुनिया भर में 1.2 अरब लोगों बैंक खाते खुलवाये या फिर मोबाइल बैंकिंग की सुविधा ली, जबकि 2014 से 2017 तक 51.50 करोड़ वयस्कों ने बैंक खाते खुलवाए। 

वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि चीन और भारत में बिना बैंक खाते के दुनिया के सबसे ज्यादा लोग रहते हैं और इसके लिए वहां का साइज जिम्मेदार है।  चीन में दुनिया की बिना बैंक खाते वाली सबसे ज्यादा आबादी रहती है। चीन में 22.50 करोड़ वयस्कों के पास बैंक अकाउंट नहीं है। इस मामले में चीन के बाद भारत, पाकिस्तान और फिर इंडोनेशिया का नाम आता है। 19 करोड़ भारतीय वयस्कों के पास बैंक खाता नहीं है, जबकि 10 करोड़ पाकिस्तानी और 9.50 करोड़ इंडोनेशियाई वयस्कों के पास बैंक खाता नहीं है।

Rajanish Kant शुक्रवार, 20 अप्रैल 2018
जानते हैं, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी कितनी है?
दुनिया में सबसे तेज ग्रोथ वाला देश, 125 करोड़ की आबादी, मल्टीनेशनल कंपनियों के ऊंचे पदों पर धाक, सेवा क्षेत्र में दुनियाभर में डंका, लेकिन वैश्विक इकोनॉमी में हमारी हिस्सेदारी कितनी है, जानते हैं। जानकर, चौंक जाएंगे। केवल 2.83%। ये हम नहीं कह रहे हैं, सरकार ने संसद में इसकी जानकारी दी है। इसके लिए वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। 

वर्ल्ड बैंक ग्रुप के मुताबिक, 2015 में भारत की जीडीपी US$ 2.095 खरब रही जबकि दुनिया की जीडीपी US$ 74 खरब थी। यानी वैश्विक जीडीपी के मुकाबले हमारी जीडीपी सिर्फ  2.83% ठहरी। 

वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि अगर भारत की जीडीपी ग्रोथ अमेरिकी डॉलर में 8% सालाना और फ्रांस और यूके की जीडीपी ग्रोथ 2.5 % सालाना मान लिया जाए, तो वैश्विक इकोनॉमी में भारत की हिस्सेदारी 2018 में फ्रांस और 2021 में यूके को पार कर जाएगी।  

Rajanish Kant शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017