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डर के आगे जीत है, RISK के आगे जिंदगी है...#Risk #Zindagi #Life #Return

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Rajanish Kant शनिवार, 15 जून 2019
1 जुलाई से IT रिटर्न भरने के लिए आधार जरूरी, CBDT ने जारी किया बयान
(साभार-आजतक)
आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले के एक दिन बाद ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड-CBDT ने बयान जारी कर आयकरदाताओं से कहा है कि 1 जुलाई से आधार कर्ड बनवाने की योग्यता रखने वाले हर व्यक्ति को आयकर रिटर्न दाखिल करने आधार नंबर या आधार बनवाने के लिए आवेदन करने के बाद मिला एनरॉलमेंट नंबर देना ही पड़ेगा. 

CBDT ने ये भी कहा है कि पैन नंबर के साथ आधार को जोड़ने के लिए आयकर विभाग लोगों को अपने आधार नंबर की सूचना देनी होगी.

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने आधार के मामले पर याचिका की सुनवाई करते हुए लोगों को थोड़ी राहत दी थी. उच्चतम न्यायालय ने पैन कार्ड के आबंटन और आयकर रिटर्न दाखिल करने हेतु आधार अनिवार्य करने संबंधी आयकर कानून के प्रावधान को वैध ठहराया परंतु उसने इससे संबंधित निजता के अधिकार के मुद्दे पर संविधान पीठ का निर्णय होने तक इसके अमल पर आंशिक रोक लगा दी थी.

न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने आयकर कानून में धारा 139एए शामिल करने के संसद के अधिकार को भी बरकरार रखा है.

शीर्ष अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि उसने निजता के अधिकार और उससे जुडे इस पहलू पर गौर नहीं किया है कि आधार योजना मानवीय गरिमा को प्रभावित करती है. न्यायालय ने कहा कि इस मुद्दे पर संविधान पीठ ही निर्णय करेगी. पीठ ने कहा कि आयकर कानून का प्रावधान वैध है और यह आधार योजना से निजता के अधिकार का अतिक्रमण होने और इसके आंकडे लीक होने के खतरे के मुद्दों पर संविधान पीठ के समक्ष लंबित याचिकाओं के नतीजों के दायरे में आयेगा.

न्यायालय ने सरकार से कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिये उचित कदम उठाये कि आधार योजना से आंकडे लीक नहीं हों और इस संबंध में नागरिकों को भरोसा दिलाने के उपाय किये जायें. पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि आयकर कानून के प्रावधान और आधार कानून के बीच किसी प्रकार का टकराव नहीं है.

न्यायालय ने कहा कि निजता के अधिकार के बारे में संविधान पीठ का निर्णय होने तक बगैर आधार नंबर वाले पैन कार्ड अवैध नहीं माने जायेंगे. यही नहीं, आधार से जुड़े निजता के मसले पर निर्णय होने तक नये कानून पर आंशिक रोक की वजह से पहले हुये लेन देन प्रभावित या अमान्य नहीं होंगे.

शीर्ष अदालत ने आयकर कानून की धारा 139 एए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चार मई को सुनवाई पूरी की थी। यह प्रावधान ताजा आम बजट और वित्त कानून, 2017 में शामिल किये गये थे। धारा 139एए के तहत इस साल एक जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करते समय और पैन आबंटन का आवेदन करते समय आधार नंबर अथवा आधार के अर्जी फार्म में पंजीकरण पहचान का विवरण देना अनिवार्य किया गया है.

इससे पहले, केन्द्र ने कहा था कि पैन कार्ड कार्यक्रम संदिग्ध हो गया था क्योंकि इसे फर्जी तैयार किया जा सकता है जबकि आधार पूरी तरह सुरक्षित प्रणाली है और इसमे किसी भी व्यक्ति की पहचान को फर्जी नहीं बनाया जा सकता है.

कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बिनय विश्वम सहित अनेक याचिकाकर्ताओं ने सरकार की इस पहल का विरोध करते हुये दलील दी थी कि केन्द्र शीर्ष अदालत के 2015 के आदेश का अनादर नहीं कर सकता है जिसमें कहा गया था कि आधार कार्ड स्वैच्छिक है। इनकी यह भी दलील थी कि सरकार को पैन के लिये आधार को अनिवार्य बनाने के लिये कानून में धारा 139एए शामिल नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय संविधान पीठ का आदेश स्पष्ट था कि आधार अनिवार्य नहीं बल्कि स्वैच्छिक है.
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Rajanish Kant शनिवार, 10 जून 2017
टैक्स बचत के साथ-साथ बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो ELSS है ना...जानें 7 खास बातें ELSS की
अगर आप किसी ऐसे निवेश साधन की तलाश में है जिसमें पैसे लगाने के बाद आपका टैक्स भी बचे और टैक्स बचत वाले दूसरे निवेश साधन मसलन, इंश्योरेंस प्लान, पीपीएफ, बैंक एफडी, एनएससी, इंश्योरेंस कंपनियों के पेंशन प्लान बगैरह के मुकाबले रिटर्न भी बेहतर मिले, तो ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम आपके लिए बढ़िया विकल्प हो सकता है। हालांकि, शेयर बाजार से जुड़े होने की वजह से इसमें जोखिम भी हैं। 

सबसे पहले रिटर्न की तुलना कर लेते हैं:
निवेश साधन                    रिटर्न (%) में 
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ELSS         लंबी अवधि में औसतन सालाना रिटर्न 12 %
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इंश्योरेंस प्लान         लंबी अवधि में औसतन सालाना रिटर्न 5% 
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PPF                       8-8.5% सालाना (आगे कमी की संभावना)
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इंश्योरेंस कंपनियों              यूलिप में सालाना करीब 10%, 
 के पेंशन प्लान                  डेट से जुड़े प्लान में करीब 7%
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बैंक FD                    सालान 9% से कम, आगे कमी की संभावना,
                                  मनी मार्केट आधारित निवेश साधन 
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NSC                     सालाना 9% से कम, आगे कमी की संभावना     
                                मनी मार्केट आधारित निवेश साधन
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ELSS की 7 खास बातें:
-दूसरे इक्विटी फंड के मुकाबले इसमें कम उतार-चढ़ाव
-एक ही साथ निवेश करने के तनाव से मुक्ति के लिए आप मासिक एसआईपी यानी 
सिस्टैमिक इन्वेस्टमेंट प्लान चुन सकते हैं
-तीन साल का लॉक-इन पीरियड, जो कि दूसरे टैक्स बचत वाले निवेश साधन 
के मुकाबले कम है। 
-म्युचुअल फंड होने के कारण इसके फायदे मसलन, निवेश करने में 
कम लागत, कम जोखिम बगैरह।
-चुंकि इसमें ज्यादातर निवेशक लंबी अवधि के होते हैं, इसलिए फंड मैनेजर
पोर्टफोलियो से संबंधित सलाह देने में ज्यादा सावधानी बरतते हैं
-दूसरी म्युचुअल फंड स्कीम के मुकाबले इसमें स्थिरता ज्यादा, क्योंकि 
ELSS के निवेशक लंबी अवधि के होते हैं, इसलिए जल्दी फंड से
निकलते नहीं हैं
-ELSS हालांकि निश्चित रिटर्न का आश्वासन नहीं देता है, फिर भी एतिहासिक 
तौर पर लंबी अवधि में दूसरे टैक्स बचत निवेश साधन के मुकाबले ज्यादा ही 
रिटर्न देने में कामयाब रहा है

डिस्क्लेमर- यह सिर्फ जानकारी के लिए है। इसे निवेश की सलाह ना मानें। इसमें निवेश करने का फैसला स्वयं से या अपने निवेश सलाहकार की मदद से लें। 

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-1:What Is Mutual Fund  
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-1: म्युचुअल फंड क्या है

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-2: Investment of Mutual Fund 
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-2: म्युचुअल फंड का कहां निवेश होता है

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-3:Benefits of Investment in Mutual Fund 
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-3: म्युचुअल फंड में निवेश के फायदे

((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-4: म्युचुअल फंड में निवेश किसके जरिये करें 

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-5: Role of MF Trustee
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-5: म्युचुअल फंड ट्रस्टी की भूमिका 

((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-6: What Is Asset Management Company
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-6: परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (AMC) का क्या काम है)

((बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में महंगाई विलेन बने, तो क्या करें 
म्युचुअल फंड में पैसे लगाएं, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के तनाव से बचें   

((म्युचुअल फंड में पैसे लगाइए, टैक्स बचाइए; जानें क्यों और कैसे होगा फायदा 

((म्युचुअल फंड के जरिए फाइनेंशियल प्लानिंग पूरी करें

((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-1

((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-2

(म्युचुअल फंड के जरिए महिलाओं को कैसे मिलेगी आर्थिक आजादी? 

((रिटायरमेंट फंड बनाएं, म्युचुअल फंड की मदद से  

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((म्युचुअल फंड क्या है, इसमें निवेश के 10 फायदे... What is Mutual Fund, 10 Benefiेts of MF Investment

Rajanish Kant रविवार, 8 जनवरी 2017