Results for "IT Return"
किसी भी ATM से पैसा निकालने पर शुल्क नहीं, मिनिमम बैलेंस रखने का झंझट खत्म


केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज ‘ कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर विशेषकर अनेक सेक्‍टरों में वैधानिक और नियामकीय अनुपालन के बारे में भारत सरकार द्वारा किए गए कई महत्वपूर्ण राहत उपायों की घोषणा की। आज नई दिल्‍ली में वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने आयकरवस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी)सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्ककॉरपोरेट मामलोंदिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी), मत्स्य पालनबैंकिंग सेक्‍टर और वाणिज्य के क्षेत्रों में अत्‍यंत जरूरी राहत उपायों की घोषणा की।
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुरवित्त सचिव श्री ए.बी. पांडेय और आर्थिक कार्य विभाग में सचिव श्री अतानु चक्रबर्ती भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
विभिन्न सेक्‍टरों में वैधानिक और नियामकीय अनुपालन के संबंध में निम्नलिखित निर्णय लिए गए हैं:
  1. आयकर रिटर्न (वित्‍त वर्ष 2018-19) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2020 से बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी जाएगी।
  2. आधार कार्ड और पैन को आपस में जोड़ने की अंतिम तारीख 31 मार्च, 2020 से बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी जाएगी।
  3. विवाद से विश्वास योजना - 30 जून 2020 तक भुगतान किए जाने पर अतिरिक्त 10% राशि नहीं देनी होगी।
  4. नोटिससूचनाअधिसूचनाअनुमोदन आदेशस्‍वीकृति आदेशअपील दाखिल करनेरिटर्न, विवरणआवेदनरिपोर्टकिसी भी अन्य दस्तावेज को प्रस्‍तुत करने की अंतिम तिथियां और प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही पूरी करने की समय सीमा तथा आयकर अधिनियम के तहत बचत प्रपत्रों में निवेश अथवा पूंजीगत लाभ को आगे ले जाने के लिए निवेश सहित संपत्ति कर अधिनियमबेनामी संपत्ति लेन-देन का निषेध अधिनियमकाला धन अधिनियमएसटीटी कानूनसीटीटी कानूनसमान लेवी कानून और विवाद से विश्वास कानून के तहत करदाता द्वारा किसी भी अनुपालनजिनमें समय सीमा 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 के बीच समाप्त हो रही हैके लिए समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी जाएगी।
  5. 20 मार्च 2020 से लेकर 30 जून 2020 के बीच अग्रिम कर, स्‍व-आकलन कर, नियमित कर, टीडीएस, टीसीएस, समकारी लेवी, एसटीटी और सीटीटी के विलंबित भुगतानों के लिए  ब्‍याज इस अवधि के दौरान 12%/18% वार्षिक के बजाय 9% (अर्थात 1/1.5 प्रतिशत मासिक के बजाय 0.75% मासिक की दर) की घटी हुई दर से लिया जाएगा। इस अवधि से संबंधित देरी के लिए कोई विलंब शुल्क/जुर्माना नहीं लिया जाएगा।
  6. उपर्युक्‍त राहत को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक कानूनी परिपत्र और विधायी संशोधन उचित समय पर जारी किए जाएंगे।
 जीएसटी/अप्रत्यक्ष कर
  1. जिन लोगों का कुल वार्षिक कारोबार करोड़ रुपये से कम हैवे मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए जीएसटीआर-3बी को जून, 2020 के अंतिम सप्ताह तक दाखिल कर सकते हैं। कोई ब्याज, विलंब शुल्क, और पेनाल्‍टी नहीं ली जाएगी।
  2. अन्य कारोबारी भी मार्चअप्रैल और मई 2020 के लिए रिटर्न को जून 2020 के अंतिम सप्ताह तक दाखिल कर सकते हैंलेकिन इस पर अंतिम तारीख के 15 दिन बाद से 9% वार्षिक की घटी हुई दर से ब्‍याज देना होगा (वर्तमान ब्याज दर प्रति वर्ष 18% है)। कोई विलंब शुल्क और जुर्माना नहीं लिया जाएगायदि 30 जून 2020 तक या उससे पहले अनुपालन किया गया हो।  
  3. कंपोजिशन स्कीम को अपनाने की तारीख को जून, 2020 के अंतिम सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा31 मार्च2020 को समाप्त तिमाही के लिए भुगतान करने के साथ-साथ कंपोजिशन डीलरों द्वारा 2019-20 के लिए रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को जून2020 के अंतिम सप्ताह तक बढ़ाया जाएगा।
  4. वित्त वर्ष 2018-19 का जीएसटी वार्षिक रिटर्न भरने की तारीखजो 31 मार्च 2020 तक निर्दिष्‍ट हैको जून 2020 के अंतिम सप्ताह तक बढ़ाया जाएगा।
  5. नोटिसअधिसूचनाअनुमोदन आदेशस्‍वीकृति आदेशअपील दाखिल करनेरिटर्न, विवरणआवेदनरिपोर्टकिसी भी अन्य दस्तावेज को प्रस्‍तुत करने की अंतिम तिथियां और जीएसटी कानूनों के तहत किसी भी अनुपालनजिनमें समय सीमा 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 के बीच समाप्त हो रही हैके लिए समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी जाएगी।
  6. जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद उपर्युक्‍त जीएसटी राहत को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक कानूनी परिपत्र और विधायी संशोधन जारी किए जाएंगे।
  7. सबका विश्‍वास योजना के तहत भुगतान की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी जाएगी। 30 जून, 2020 तक भुगतान कर दिए जाने पर इस अवधि के लिए कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।
कस्‍टम
  1. 24X7 कस्टम क्लीयरेंस 30 जून2020 के आखिर तक।
  2. नोटिसअधिसूचनाअनुमोदन आदेशस्‍वीकृति आदेशअपील दाखिल करनेआवेदनरिपोर्टकिसी भी अन्य दस्तावेज इत्‍यादि को प्रस्‍तुत करने की अंतिम तिथियां और कस्‍टम अधिनियम एवं अन्‍य संबद्ध कानूनों के तहत किसी भी अनुपालनजिनमें समय सीमा 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 के बीच समाप्त हो रही हैके लिए समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी जाएगी।
वित्तीय सेवाएं
  1. माह के लिए ढील
    • डेबिट कार्डधारक 3 माह तक किसी भी अन्य बैंक के एटीएम से नकदी नि:शुल्‍क निकाल सकेंगे।
    • न्यूनतम बैलेंस शुल्‍क माफ
    • सभी व्यापार वित्त उपभोक्ताओं हेतु डिजिटल व्यापार लेन-देन के लिए बैंक शुल्क घटाए गए।
कॉरपोरेट कार्य

  1. एमसीए-21 रजिस्ट्री में दाखिल किए जाने वाले किसी भी आवश्‍यक दस्तावेजरिटर्नस्टेटमेंटइत्‍यादि के संबंध में 01 अप्रैल से लेकर 30 सितंबर2020 तक की स्थगन अवधि के दौरान देर से दाखिल करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगाभले ही इसकी निर्दिष्‍ट तिथि कुछ भी हो। इससे न केवल कंपनियों/एलएलपी का वित्तीय बोझ सहित अनुपालन बोझ कम हो जाएगाबल्कि लंबे समय से गैर-अनुपालन वाली कंपनियां/एलएलपी भी नई शुरुआत करने में सक्षम हो जाएंगी।  
  2. कंपनी अधिनियम, 2013 में उल्लिखित निर्धारित अंतराल (120 दिन) के भीतर कंपनियों के बोर्ड की बैठकें आयोजित करने की अनिवार्यता  अगली दो तिमाहियों तक 60 दिनों की अवधि के लिएयानी 30 सितंबर तक बढ़ा दी जाएगी।
  3. कंपनी (ऑडिटर की रिपोर्ट) ऑर्डर, 2020 को पहले अधिसूचित 2019-2020 के बजाय वित्त वर्ष 2020-2021 से लागू किया जाएगा। इससे वर्ष 2019-20 के लिए कंपनियों और उनके ऑडिटरों पर बोझ काफी कम हो जाएगा।
  4. कंपनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची के अनुसारस्वतंत्र निदेशकों को गैर-स्वतंत्र निदेशकों और प्रबंधन के सदस्यों की उपस्थिति के बिना ही कम से कम एक बैठक आयोजित करनी होती है। वर्ष 2019-20 के लिएयदि किसी कंपनी के स्वतंत्र निदेशक एक भी बैठक नहीं कर पाए हैंतो उसे उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
  5. 30 अप्रैल 2020 से पहले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान परिपक्व होने वाले डिपॉजिट के 20% का डिपॉजिट रिजर्व बनाने की आवश्यकता के अनुपालन के लिए अब 30 जून 2020 तक का समय दिया जाएगा।
  6. किसी विशेष वर्ष के दौरान परिपक्व होने वाले डिबेंचरों के 15% को 30 अप्रैल 2020 से पहले निर्दिष्ट प्रपत्रों में निवेश करना आवश्‍यक हैजिसे अब 30 जून 2020 से पहले किया जा सकता है।
  7. नई निगमित कंपनियों के लिए निगमन के महीने के भीतर अपना कारोबार शुरू करने से संबंधित घोषणा पत्र दाखिल करना आवश्यक है। अब इसके लिए महीनों का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
  8. इस संबंध में विस्तृत अधिसूचनाएं/परिपत्र कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अलग-अलग जारी किए जाएंगे।
मत्स्य पालन विभाग
  1. एसपीएफ झींगा ब्रूडस्टॉक और कृषि संबंधी अन्‍य कच्‍चे माल के आयात के लिए सभी स्वच्छता परमिट (एसआईपी) की अवधि 01.03.2020 से लेकर 15.04.2020 के बीच समाप्‍त हो रही है जिसे माह बढ़ा दिया गया है।
  2. खेप के आगमन में 1 महीने तक की देरी को माफ किया जाएगा। .
  3. जलीय संगरोध सुविधा (एक्‍यूएफचेन्नई में रद्द की गई खेपों के लिए क्‍वारंटाइन (संगरोध) क्यूबिकल्स की फि‍र से बुकिंग अब अतिरिक्त बुकिंग शुल्क के बिना ही हो सकेगी।  
  4. दस्तावेजों के सत्यापन और क्‍वारंटाइन के लिए एनओसी अब दिन के बजाय दिन में ही मिल जाएगा।
 वाणिज्य विभाग
विभिन्न अनुपालनों और प्रक्रियाओं के लिए समयसीमा बढ़ाई जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा विस्तृत अधिसूचनाएं जारी की जाएंगी। 

किसी भी ATM से पैसा निकालने पर शुल्क नहीं, मिनिमम बैलेंस रखने का झंझट खत्म

Rajanish Kant बुधवार, 25 मार्च 2020
IT और GST रिटर्न भरने के लिए और ज्यादा समय मिला
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम समय सीमा 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है। देरी से भुगतान के लिए ब्याज की दर भी घटाकर 12 प्रतिशत से 9 प्रतिशत कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस को देखते हुए इसकी घोषणा की है।  


वित्त मंत्री ने मार्च, अप्रैल और मई के लिए जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया है। उन्होंने कहा कि 5 करोड़ या उससे कम की टर्नओवर वाली कंपनियों को देरी से रिटर्न फाइल करने पर कोई भी ब्याज, फीस या जुर्माना नहीं देना होगा।  हालांकि, 5 करोड़ या उससे अधिक टर्नओवर वाली कंपनी को घटी हुई दर से जुर्माना देना होगा। 

शेयर बाजार से पैसा बनाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें



Plz Follow Me on: 


Rajanish Kant मंगलवार, 24 मार्च 2020
IT रिटर्न भरना मुश्किल लगता है तो ये 7 काम करें #ITR #Income Tax #first-...

IT रिटर्न भरना मुश्किल लगता है तो ये 7 काम करें #ITR #Income Tax #first-...

Rajanish Kant शनिवार, 22 जून 2019
IT रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, तो नए नियम जान लें

IT रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, तो नए नियम जान लें

Rajanish Kant सोमवार, 8 अप्रैल 2019
आकलन वर्ष 2019-20 के लिये आयकर रिटर्न फार्म अधिसूचित

आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2019-20 के लिये व्यक्तिगत तथा कंपनियों के स्तर पर भरे जाने वाले आयकर रिटर्न (आईटीआर) फार्म अधिसूचित कर दिये हैं। 

आयकर रिटर्न-1 या सहज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस फार्म को वेतनभोगी वर्ग द्वारा भरा जाता है। वहीं आईटीआर 2, 3, 4, 5, 6 और 7 के कुछ खंडों को तर्कसंगत बनाया गया है।

व्यक्तियों तथा कंपनियों को 2018-19 में हुई आय की जानकारी देते हुये चालू वित्त वर्ष में रिटर्न भरना होगा। 

जिन लोगों की सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और यह आय वेतन, एक मकान से है तथा ब्याज और कृषि आय जैसे अन्य स्रोतों से आय 5,000 रुपये तक की आय है, वह आईटीआर-1 में अपनी आय का ब्यौरा भरेंगे। 

आईटीआर-2 उन लोगों द्वारा भरा जाता है जिनकी आय व्यापार या पेशे में लाभ से नहीं है। वहीं आईटीआर-3 उन लोगों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) द्वारा भरे जाते हैं जिनकी आय व्यापार या पेशे से प्राप्त लाभ के जरिये होती है।

आईटीआर-4 यानी सुगम उन लोगों या एचयूएफ अथवा कंपनियों (एलएलपी के अलावा) के लिये है जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है तथा व्यापार एवं पेशे से प्राप्त अनुमानित आय दिखाते हैं।

आईटीआर-3 और आईटीआर-6 (कंपनियों) में माल एवं सेवा कर के लिये दिखाये गये कारोबार / सकल प्राप्ति दिखानी होगी। पिछले साल तक यह केवल आईटी-4 भरने वालों पर ही लागू था।

आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख उन लोगों के लिये 31 जुलाई है जिनके खातों को आडिट कराने की जरूरत नहीं है।




(साभार: पीटीआई भाषा)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


Plz Follow Me on: 

Rajanish Kant शनिवार, 6 अप्रैल 2019
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिये पैन के साथ आधार जोड़ना जरूरी: न्यायालय

च्चतम न्यायालय ने कहा है कि आय कर रिटर्न दाखिल करने के लिये पैन को आधार के साथ जोड़ना अनिवार्य है।

न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत पहले ही इस मामले में फैसला सुनाते हुये आय कर कानून की धारा 139एए को सही ठहरा चुकी है।

शीर्ष अदालत ने श्रेया सेन ओर जयश्री सतपुड़े को वर्ष 2018-19 का आय कर रिटर्न पैन नंबर को आधार से जोड़े बगैर ही दाखिल करने की अनुमति देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केन्द्र की अपील पर यह निर्देश दिया। 

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस तथ्य के मद्देनजर यह आदेश दिया था कि मामला शीर्ष अदालत में विचारार्थ लंबित है। इसके बाद, चूंकि शीर्ष अदालत ने इस मामले में पिछले साल 26 सितंबर को फैसला सुना दिया और आय कर कानून की धारा 139एए को बरकरार रखा है, इसलिए पैन नंबर को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। 

पीठ ने केन्द्र की अपील का निबटारा करते हुये स्पष्ट किया कि कर आकलन वर्ष 2019-20 के लिये आय कर रिटर्न शीर्ष अदालत के फैसले के अनुरूप दाखिल करना होगा।

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 26 सितंबर, 2018 को अपने फैसले में केन्द्र की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध करार देते हुये कहा था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन नंबर के आबंटन के लिये आधार अनिवार्य होगा परंतु बैंक खातों के लिये आधार आवश्यक नहीं है। इसी तरह मोबाइल कनेक्शन के लिये दूरसंचार सेवा प्रदाता भी आधार नहीं मांग सकते हैं।



(सौ. पीटीआई भाषा)
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


Plz Follow Me on: 

Rajanish Kant बुधवार, 6 फ़रवरी 2019