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इन 8 प्रमुख शहरोें में स्लोडाउन, लॉकडाउन के बावजूद घरों के दाम बढ़े-रिपोर्ट


घरेलू रियल इस्टेट भले ही स्लोडाउन, लॉकडाउन, मांग में कमी का सामना कर रहा है, लेकिन देश के प्रमुख 8 शहरों में घरों की कीमत में इस साल जनवरी-मार्च के दौरान पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 9 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। जिन घरों की बात की जा रही है, वो पुराने घर नहीं हैं, बल्कि पहली बार बिकने वाले घर हैं।
न्यूज़ कॉर्प समर्थित हाउसिंग ब्रोकरेज फर्म प्रोपटाइगर ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। 8 शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे और नोएडा शामिल है। गुरुग्राम में हालांकि घरों के दाम 1 प्रतिशत घटे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, हैदराबाद में सबसे ज्यादा 9 प्रतिशत दाम बढ़े हैं। यहां बेसिक सेलिंग प्राइस 5434 रुपए प्रति स्क्वायर फीट है।

    शहर-            बेसिक सेलिंग प्राइस-                                बढ़ोतरी (%)

अहमदाबाद       3032 रुपए प्रति स्क्वायर फीट                          6
पुणे                   5017 रुपए प्रति स्क्वायर फीट                          4
बेंगलुरू            5275 रुपए प्रति स्क्वायर फीट                           3
कोलकाता         4134 रुपए प्रति स्क्वायर फीट                          3
मुंबई (MMRDA) 9472 रुपए प्रति स्क्वायर फीट                      2
नोएडा             3922  रुपए प्रति स्क्वायर फीट                          1
चेन्नई               5184 रुपए प्रति स्क्वायर फीट                            1
गुरुग्राम           4898 रुपए प्रति स्क्वायर फीट                          (-1)


कुछ समय पहले ही प्रोपटाइगर ने जनवरी-मार्च के दौरान घरों की बिक्री और नए घरों की आपूर्ति में कमी पर चिंता जताई थी। 

प्रोपटाइगर के मुताबिक, रियल इस्टेट कंपनियों ने नौ शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही 2019-20 में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत कम घरों की बिक्री की। न्यूज़ कॉर्प समर्थित प्रोपटाइगर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नौ शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे और नोएडा में जनवरी-मार्च 2019-20 के दौरान 69,235 घरों की बिक्री हुई, जबकि जनवरी-मार्च 2018-19 में 93,936 घरों की बिक्री हुई थी। वहीं इस दौरान इन नौ शहरों में नए घरों की आपूर्ति में 51 प्रतिशत की गिरावट आई। जनवरी-मार्च 2019-20 के दौरान 35,668 नए घरों की आपूर्ति हुई जबकि 2018-19 में समान तिमाही में नए घरों की आपूर्ति की संख्या 72,932 थी। 
दूसरे ब्रोकरेज और कंसलटेंट्स का कहना है कि 2020 की जनवरी-मार्च के दौरान घरों की बिक्री में 30-40 प्रतिशत की गिरावट संभावित है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में घरों की बिक्री में 14 प्रतिशत जबकि पुणे में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। अहमदाबाद में घरों की मांग 36 प्रतिशत, बेंगलुरू में 24 प्रतिशत, चेन्नई में 23 प्रतिशत, हैदराबाद में 39 प्रतिशत, गुरुग्राम में 73 प्रतिशत, नोएडा में 26 प्रतिशत और कोलकाता में 41 प्रतिशत घटी है। 


(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'



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Rajanish Kant सोमवार, 27 अप्रैल 2020
जनवरी-मार्च में घरों की बिक्री और नए घरों की आपूर्ति में भारी गिरावट- रिपोर्ट
लगता है घरेलू रियल इस्टेट सेक्टर को अच्छे दिनों के लिए अभी और इंतजार करना होगा। यह सेक्टर स्लोडाउन से पहले से ही गुजर रहा है और अब कोरोना वायरस महामारी ने तो उसकी रही-सही उम्मीद भी तोड़ दी है।  एक निजी ताजा रिपोर्ट तो इसी की तरफ इशारा कर रही है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, रियल इस्टेट कंपनियों ने नौ शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही 2019-20 में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत कम घरों की बिक्री की। न्यूज़ कॉर्प समर्थित प्रोपटाइगर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नौ शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे और नोएडा में जनवरी-मार्च 2019-20 के दौरान 69,235 घरों की बिक्री हुई, जबकि जनवरी-मार्च 2018-19 में 93,936 घरों की बिक्री हुई थी। वहीं इस दौरान इन नौ शहरों में नए घरों की आपूर्ति में 51 प्रतिशत की गिरावट आई। जनवरी-मार्च 2019-20 के दौरान 35,668 नए घरों की आपूर्ति हुई जबकि 2018-19 में समान तिमाही में नए घरों की आपूर्ति की संख्या 72,932 थी। 
दूसरे ब्रोकरेज और कंसलटेंट्स का कहना है कि 2020 की जनवरी-मार्च के दौरान घरों की बिक्री में 30-40 प्रतिशत की गिरावट संभावित है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में घरों की बिक्री में 14 प्रतिशत जबकि पुणे में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। अहमदाबाद में घरों की मांग 36 प्रतिशत, बेंगलुरू में 24 प्रतिशत, चेन्नई में 23 प्रतिशत, हैदराबाद में 39 प्रतिशत, गुरुग्राम में 73 प्रतिशत, नोएडा में 26 प्रतिशत और कोलकाता में 41 प्रतिशत घटी है। 


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Rajanish Kant गुरुवार, 23 अप्रैल 2020
घर खरीदते समय सिर्फ कीमत मत देखें...

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Rajanish Kant मंगलवार, 24 सितंबर 2019
क्या हर महीने ₹7500 से अधिक मेंटेनेंस चार्ज देते हैं...#Society #Maintenance#सोसायटी

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Rajanish Kant मंगलवार, 23 जुलाई 2019
मकान, दुकान बेचने से हुए मुनाफे पर टैक्स लगता है, लेकिन टैक्स देने से बच...


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Rajanish Kant बुधवार, 1 मई 2019
घर खरीदते समय इलाके की 10 बातों के बारे में भी जान लें Ghar lete samay i...

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Rajanish Kant रविवार, 15 अप्रैल 2018
घरों के दाम बढ़ने लगे हैं, मुंबई में घरों की कीमत 10 % से ज्यादा बढ़ी-RBI
मुंबई, बंगलुरू, अहमदाबाद, लखनऊ, कानपुर, कोच्चि में मकानों की कीमत  वित्त वर्ष 2016-17 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 10.5 प्रतिशत बढ़ी है। रिजर्व बैंक ने अपने ताजा ऑल इंडिया  हाउस प्राइस इंडेक्स में इसकी जानकारी दी है। इंडेक्स के मुताबिक, चेन्नई में मकान की कीमत में मामूली कमी देखने को मिली है। 

आपको बता दें कि ऑल इंडिया  हाउस प्राइस इंडेक्स  के तहत आरबीआई मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बंगलुरू, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, कानपुर और कोच्चि में मकान की कीमतों में आए बदलाव को आधार बनाते हुए इंडेक्स तैयार करता है। 

अगर तिमाही आधार पर इन शहरों के मकानों की कीमत में बदलाव की तुलना करें, तो कोच्चि में सबसे ज्यादा 18.3 प्रतिशत कीमत बढ़ोतरी देखने को मिली है, जबकि चेन्नई में सबसे ज्यादा 6.7 प्रतिशत की गिरावट। 
All-India House Price Index (HPI) recorded marginal increase in Q4:2016-17
Today, the Reserve Bank today released the quarterly House Price Index (HPI)1 (base 2010-11=100) for Q4:2016-17, based on transaction data received from housing registration authorities in 10 major cities (viz., Mumbai, Delhi, Chennai, Kolkata, Bengaluru, Lucknow, Ahmedabad, Jaipur, Kanpur and Kochi). Time series data on all-India and city-wise HPI are available in the Database of Indian Economy (DBIE) portal (https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics > RealSector > Price&Wages > Quarterly).
Highlights:
  • The all-India HPI recorded a sequential increase (i.e., Q4:2016-17 over Q3:2016-17) of 0.8 per cent in Q4:2016-17 with six of the ten cities recording a rise in sequential terms- Kochi recorded the highest rise (18.3 per cent) whereas Chennai witnessed significant contraction [(-) 6.7 per cent].
  • On an annual basis, the all-India HPI increased by 10.5 per cent with Mumbai, Bengaluru, Ahmedabad, Lucknow, Kanpur and Kochi recording double-digit annual growth whereas Chennai witnessed a marginal moderation in housing prices.
(Source: rbi.org.in)

Rajanish Kant मंगलवार, 18 जुलाई 2017
मुंबई में घर खरीदने वालों, नियम बदल गए हैं, जानिए कैसे उठाएंगे फायदा
अगर आप मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में कहीं भी घर खरीदने का मन बना रहे हैं, तो पहले रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े नए नियम जान लें। राज्य सरकार ने नए नियम बनाए हैं। हाउसिंग विभाग ने इन नियमों को जारी भी कर दिया है। इनमें बिल्डर, रियल एस्टेट एजेंट पर लगाम लगाने के साथ-साथ आपके फायदे वाले भी कुछ नियम हैं। ये नियम आपके लिए जानना जरूरी है, क्योंकि फ्लैट खरीदने के लिए आप अपनी सालों की गाढ़ी कमाई खर्च करेंगे। फिर घर तो  इनोशनल एसेट और इन्वेस्टमेंट भी होते हैं, तो भला बिना कायदा-कानून जानें घर खरीदने में तो कोई समझदारी है नहीं। जैसे 10-20 रुपए की सब्जी के बारे में पहले पूरी तफ्तीश करते हैं, वैसी ही पड़ताल तो लाखों-करोड़ों का घर खरीदने से पहले भी तो करना चाहिए आपको। नए नियम इस साल एक मई से लागू हो जाएंगे। तो, कुछ नियम के बारे में यहां जान लीजिए...

> डेवलपर्स को अपने जारी प्रोजेक्ट और नए प्रोजेक्ट की सारी डीटेल्स की जानकारी देनी होगी। उनको यह जानकारी रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट) अथॉरिटी की वेबसाइट पर देनी होगी। साथ ही उनको हर तिमाही अपडेट भी करना होगा। 

> बिल्डर्स को प्रॉपर्टीज की टाइटल्स, मंजूर प्लान, फ्लैट और फ्लोर की कुल संख्या के अलावा कार्पेट एरिया की भी जानकारी देनी होगी। 

> बिल्डर्स को रजिस्ट्रेशन के लिए कम से कम 50 हजार रुपए और अधिकतम 10 लाख रुपए देने होंगे। 

>यही नहीं, डेवलपर्स को उनके प्रोजेक्ट से जुड़े सारे रियल एस्टेट एजेंट्स की जानकारी और साथ ही स्ट्रक्चर इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट्स और ठेकेदारों के नाम और पते देने होंगे। 

> प्लॉट की विस्तृत जानकारी देनी होगी। प्लॉट का अक्षांश और देशांतर भी बताना होगा। 

 > रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने पर बिल्डर्स को तीन साल की जेल का प्रावधान है। 

> अगर ग्राहक बिल्डर्स या प्रोमोटर्स को कुल करारनाम राशि का 10 प्रतिशत से अधिक रकम का भुगतान कर दे तो बिल्डर को ग्राहक के साथ लिखित करार करना अनिवार्य है

>कोई भी करार अचानक से रद्द नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने से कम से कम 15 दिन पहले बिल्डर्स को ग्राहकों को ई-मेल और रजिस्टर्ड पोस्ट से इसकी जानकारी देनी होगी। 

>बिल्डर्स करार तभी रद्द कर सकता है, जब ग्राहक भुगतान करने में तीन बार से ज्यादा डिफॉल्ट किया है। 

>बिल्डर्स को यह घोषणा करनी होगी कि वह किसी भी ग्राउंड पर ग्राहकों के साथ भेदभाव नहीं करेगा। 

>बिल्डर्स को फ्लैट के निर्माण की देरी की स्थिति में  ग्राहकों को मुआवजा देना होगा। मुआवजे की रकम 
बिल्डर्स और ग्राहक की आपसी सहमति से तय होगी जिसका जिक्र करार में करना होगा। 

>प्रोजेक्ट के 51 प्रतिशत फ्लैट बिकने, या अलॉट होने या फिर बुक होने की स्थिति में बिल्डर्स को सोसायटी का 
निर्माण करना अनिवार्य होगा। सोसायटी का निर्माण 51 प्रतिशत फ्लैट बिकने, बुक होने या अलॉट होने की तारीख के तीन महीने के भीतर करना होगा 

>ऑक्यूपेंसी की तारीख के तीन महीने के भीतर बिल्डिंग कन्वेंस (Conveyance) जरूरी है   

> घर खरीदार को ऑक्यूपेंसी और बिल्डिंग कन्वेंस (Conveyance) की रसीद मिलने की तारीख 
के 15 दिनों के भीतर फ्लैट लेना होगा

> रियल एस्टेट एजेंट को बिल्डर्स या प्रोमोटर्स के अलावा रेरा अथॉरिटी के साथ भी रजिस्टर्ड कराना होगा।

> रियल एस्टेट एजेंट को रजिस्ट्रेशन के लिए रेरा अथॉरिटी को 10 हजार रुपए देने होंगे और अगर एजेंट कोई
कंपनी है तो उसे एक लाख रुपए देने होंगे। 

> अगर यह साबित हो जाए कि रियल एस्टेट एजेंट ने ग्राहक को दिग्भ्रमित किया है या फिर गलत सूचनाएं दी है
तो उसे सेल अमाउंट का 10 प्रतिशत जुर्माना देना होगा। 

तो, घर खरीदने से पहले इन नियमों को जान लीजिए.....
((अब पता चला कि ज्यादातर भारतीय घर क्यों नहीं खरीदते हैं?  
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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Rajanish Kant रविवार, 23 अप्रैल 2017
अब पता चला कि ज्यादातर भारतीय घर क्यों नहीं खरीदते हैं?
ज्यादातर भारतीय घर खरीदने में दिलचस्पी क्यों नहीं लेते हैं, इसके कई कारण हो सकते हैं। एक ताजा सर्वे में इन कारणों का खुलासा किया गया है। इंडिया मोर्टगेज गारंटी कॉरपोरेशन (आईएमजीसी) ने अपने अब तक के पहले होम हंट 1.1 (घर की खोज) सर्वेक्षण में कहा है कि आज की तारीख में केवल 32% भारतीयों के पास घर हैं और 56 %  निकट भविष्य में घर खरीदने की योजना नहीं बना रहे हैं।  

यह वार्षिक अनुसंधान सर्वेक्षण कैनटर आईएमआरबी के साथ मिलकर देश के 14 शहरों (मेट्रो, मिनी मेट्रो और छोटे शहरों) में किया गया है। 25-44 साल के आयु वर्ग वाले 4000 लोगों से इस बारे में सवाल पूछे गए।आईएमजीसी होम हंट 1.1 अनुसंधान में घर खरीद चुके और खरीदने  की योजना बनाने वाले दोनों तरह के लोगों से आंकड़े लिए गए हैं।

इस सर्वेक्षण में भाग लेने वालों ने जो प्रमुख मुश्किलें बताईं उनमें ब्याज की ऊंची दर (38 %), बचत न होना और उधार लेने की इच्छा न होना (38 %), संपत्ति की भारी कीमत (32%) और कर्ज की अपर्याप्त उपलब्धता (32%) शामिल है। इससे संकेत मिलता है कि जीवन के शुरू में घर के लिए पैसे उपलब्ध कराने की गंभीर आवश्यकता है। पहली बार घर खरीदने वाले शुरुआती भुगतान के लिए मुख्य रूप से निजी बचत पर निर्भर करते हैं। इससे भी घर खरीदने में देरी होती है। 

युवाओं में तकरीबन आधे (46%) अभिभावकों के साथ रहते हैं. किराए के और अपने घरों में रहने वाले (31%) हैं. इससे अभिभावकों  पर आर्थिक निर्भरता का पता चलता है। कर्ज लेने वाले युवाओं के लिए 'लोन हिस्ट्री न होना' और 'आवश्यक राशि कर्ज में प्राप्त करना' दूसरों की  तुलना में बड़ी समस्या है। सर्वेक्षण में पता चला है कि ज्यादातर मामलों में किराए पर रहना और घर के शुरुआती भुगतान के लिए निजी बचत पर निर्भर करने से घर खरीदने में देरी होती है। उल्लेखनीय है कि किराए पर घर लेने के मामले मेट्रो शहरों के 29% की तुलना में में छोटे शहरों में बहुत ज्यादा 37% है। मिनी मेट्रो शहरों में तो यह और भी कम 23% ही है।

यह सर्वे यह भी बताता है कि युवा भले ही कम उम्र में कमाने लगे हैं और वे घर के लिए कर्ज की किस्तें चुकाने में सक्षम हैं फिर भी शुरुआती  भुगतान, डाउन पेमेंट के लिए पर्याप्त बचत नहीं कर पाते हैं। इस अनुसंधान से यह बात भी मालूम होती है कि भारत में लोग घर के लिए शुरुआतीभुगतान अपनी बचत से करना चाहते हैं और 62 से 65% लोग इसी पर निर्भर करते हैं।

((घर हो गर खरीदना, कीमत के अलावा दूसरे खर्च भी देख लेना...
((मुंबई में घर खरीदना हुआ और महंगा, बीएमसी वसूलेगी हर डील पर 1% सरचार्ज

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Rajanish Kant शुक्रवार, 31 मार्च 2017