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शेयर बाजार और म्युचुअल फंड में को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी को पैसे लगाने की मंजूरी मिली
महाराष्ट्र के करीब एक लाख और मुंबई महानगर की करीब 70 हजार को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी को शेयर बाजार और म्युचुअल फंड में पैसे लगाने की मंजूरी मिल गई है। ऐसा केंद्र सरकार द्वारा इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1882 में संशोधन की वजह से संभव हो पाया है। आपको बता दें कि इसी एक्ट के तहत को-ऑपरेटिव सोसायटी को अपने पैसे निवेश करने के बारे में दिशा-निर्देश दिया गया है। 

केंद्र सरकार द्वारा इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1882 की धारा 20 में संशोधन करके कुछ शर्तं के साथ को-ऑपरेटिव सोसायटी को शेयर बाजार और म्युचुअल फंड में पैसे लगाने की मंजूरी दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा इस संशोधन के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया। आपको बता दें कि महाराष्ट्र की को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी Maharashtra State Cooperative Societies Act 1960  के नियमों के तहत काम करती है। इस कानून में साफ-साफ कहा गया है कि को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी अपने पैसे या तो को-ऑपरेटिव बैंक में रखे या फिर इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1882 द्वारा बताए गए सिक्योरिटीज में। को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटीज के पास रिपेयर फंड, सिंकिंग फंड के नाम पर अच्छी-खासी रकम जमा होती है जिसे अब वो शेयर बाजार और म्युचुअल फंड जैसे रिस्की निवेश साधन में निवेश कर सकते हैं। 

इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1882 में अब कहा गया है कि चैरिटेबल ट्रस्ट सरकारी बॉन्ड्स, सेबी द्वारा रेगुलेटेड डेट म्युचुअल फंड, बैंक और फाइनेंशियल संस्थाओं समेत दूसरे सभी कॉर्पोरेट बॉन्ड, इंफ्रास्ट्रक्चर आधारित डेट इंस्ट्रूमेंट्स, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक द्वारा आरबीआई के तहत जारी किए गए Basel IIII टीयर-1 बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं। 

इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1882 के संशोधन में ये भी कहा गया है कि को-ऑपेरिटेव हाउसिंग सोसायटीज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर लिस्टेड वैसी कपनियों के शेयरों में पैसे लगा सकती हैं जिसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 5000 करोड़ या उससे कम ना हो। महाराष्ट्र सरकार के नोटिफिकेशन में ये भी कहा गया है कि हाउसिंग सोसायटीज उस सिक्योरिटीज में पैसे लगा सकती है जिस सेबी द्वारा रजिस्टर्ड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से कम से कम AA या उसके समतुल्य रेटिंग मिली हुई हो। सरकार के इस फैसले से माना जा रहा है कि को-ऑपरेटिंग हाउसिंग सोसायटी के पैसों पर बैठे को-ऑपरेटिंल बैंक पर से राजनीतिकों का एकाधिकार समाप्त होगा और को-ऑपरेटिल हाउसिंग सोसायटी अब अपने पैसे पर अधिक रिटर्न के लिए सिक्योरिटीज में निवेश कर सकते हैं। 

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Rajanish Kant शनिवार, 2 दिसंबर 2017