Atal Pension Yojana में बदलाव संबंधी खबर पर सरकार की सफाई
Rajanish Kant
शुक्रवार, 7 सितंबर 2018
क्रम संख्या | राज्य का नाम | एपीवाई के सदस्यों की संख्या |
1 | उत्तर प्रदेश | 1,401,631 |
2 | बिहार | 1,061,660 |
3 | तमिलनाडु | 814,917 |
4 | महाराष्ट्र | 758,695 |
5 | कर्नाटक | 686,504 |
6 | आंध्र प्रदेश | 653,404 |
7 | पश्चिम बंगाल | 551,471 |
8 | मध्य प्रदेश | 498,111 |
9 | राजस्थान | 497,962 |
10 | गुजरात | 486,465 |
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को देश भर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एपीवाई सेवा प्रदाताओं द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी), निजी क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), सहकारी बैंक और डाक विभाग शामिल हैं। 12 अप्रैल, 2018 तक एपीवाई के तहत पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या बढ़कर 97.60 लाख से भी ऊपर चली गई है।
इस योजना में भारत सरकार द्वारा उन लोगों के लिए सह-योगदान किया जाता है जिन्होंने 31 मार्च, 2016 से पहले इसमें पंजीकरण कराया है। इसमें भारत सरकार का योगदान संबंधित सदस्यों के योगदान का 50 प्रतिशत होता है जो अधिकतम 1000 रुपये होता है। ये सदस्य वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2019-20 तक के पांच सालों की अवधि के लिए सह-योगदान के पात्र होंगे। केवल वे ही सदस्य भारत सरकार के सह-योगदान के पात्र होंगे जो आयकर अदा नहीं करते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभ नहीं उठा रहे हैं।
उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पीएफआरडीए के जरिए भारत सरकार ने लगभग 14 लाख पात्र सदस्यों हेतु वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सह-योगदान के रूप में 120.92 करोड़ रुपये जारी किए हैं। ऐसे सदस्य जिनके एपीवाई खाते में मार्च 2017 तक कुछ भी योगदान अथवा अंशदान लंबित है उसका भुगतान सह-योगदान के तहत नहीं किया जाएगा। इस तरह के सदस्यों को पीएफआरडीए ने अपने एपीवाई खाते को नियमित करने की सलाह दी है, ताकि भारत सरकार की ओर से सह-योगदान प्राप्त किया जा सके। भारत सरकार की ओर से सह-योगदान केवल तभी देय होता है जब संबंधित खाते नियमित और स्वीकार्य हों। भारत सरकार की ओर से सह-योगदान को संबंधित सदस्यों के बचत बैंक खाते में डाला जाता है।
अटल पेंशन योजना के तहत सदस्यों को 60 साल की उम्र से प्रति माह 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की न्यूनतम गारंटीड पेंशन दी जाती है।
|
69 लाख से भी अधिक ग्राहक 2690 करोड़ रुपये के अंशदान के साथ अटल पेंशन योजना में शामिल हुए वित्तीय सेवा विभाग में सचिव ने कहा, ‘पेंशन कवरेज बढ़ाने की अब भी व्यापक गुंजाइश’
भारत में पेंशन कवरेज लगभग 12 प्रतिशत है
| ||||||||
अटल पेंशन योजना में फिलहाल 2690 करोड़ रुपये के अंशदान के साथ 69 लाख से भी ज्यादा ग्राहक हैं। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष श्री हेमंत जी. कांट्रैक्टर ने, हालांकि, हाल ही में अटल पेंशन योजना पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत में पेंशन कवरेज बढ़ाने की जरूरत पर विशेष बल दिया। इस सम्मेलन का आयोजन पीएफआरडीए द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में किया गया, जिसमें सभी प्रमुख बैंकों के साथ-साथ एनपीसीआई, एससीएचआईएल, सिडबी, एक्सेस एसिस्ट और कुछ प्रमुख माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। श्री कांट्रैक्टर ने कहा कि समाज का एक बड़ा तबका अब भी पेंशन सुविधा से वंचित है और यह पीएफआरडीए तथा सरकार के लिए चिंता का विषय है। पीएफआरडीए द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता के विजेताओं को बधाई देते हुए अध्यक्ष ने कहा कि अटल पेंशन योजना (एपीवाई) ने लक्षित ग्राहकों को अपने दायरे में लाने में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन इस दिशा में अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पात्र माने जाने वाली आबादी का औसतन दो प्रतिशत से भी कम हिस्सा फिलहाल एपीवाई के दायरे में आ चुका है। अत: बड़ी संख्या में लोगों को वृद्धावस्था में नियमित रूप से आमदनी मुहैया कराने के लिए अब भी बहुत कुछ करना होगा। इस अवसर पर वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) में सचिव श्री राजीव कुमार का एक वीडियो संदेश दिखाया गया। श्री राजीव कुमार ने कहा है कि अटल पेंशन योजना वित्तीय समावेश और वित्तीय सुरक्षा के तहत भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। भारत में पेंशन कवरेज लगभग 12 प्रतिशत है और बैंकों तथा अन्य हितधारकों को इस योजना के तहत कवरेज और ज्यादा बढ़ाने की दिशा में काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत हो रही प्रगति पर डीएफएस करीबी नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बैंकों के लिए तय लक्ष्य पूरे की जानी चाहिए। उन्होंने पीएफआरडीए द्वारा अटल पेंशन योजना के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म यथा ई-एपीवाई उपलब्ध कराए जाने के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए। श्री राजीव कुमार ने संबंधित अभियानों के तहत बढ़िया प्रदर्शन के लिए बैंकों को बधाई दी और उनसे इस दिशा में अपने कार्य आगे भी जारी रखने का अनुरोध किया। |
अटल पेंशन योजना 62 लाख नामांकन के साथ प्रगति की ओर अग्रसर |
एक राष्ट्र एक पेंशन के अंतर्गत कुल 3.07 लाख अटल पेंशन योजना (एपीवाई) खाते हो गए हैं। इस अभियान के तहत बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक भारतीय स्टेट बैंक शामिल है जिसमें शानदार 51 हजार एपीवाई खाते हैं। अन्य प्रमुख बैंक जैसे केनरा बैंक में 32,306 और आंध्रा बैंक में 29,057 एपीवाई खाते हैं जबकि अन्य निजी श्रेणी के बैंकों में कर्नाटक बैंक में 2,641 एपीवाई खाते हैं। आरआरबी श्रेणी में इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में 28,609 खाते हैं। इसके बाद मध्य बिहार ग्रामीण बैंक में 5,056, बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में 3,013, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक में 2,847 और पंजाब ग्रामीण बैंक में 2,194 एपीवाई खाते हैं। बचत बैंक खातों सहित विभिन्न वित्तीय सुविधाओं पर ब्याज दर कम हो रहा है ऐसे समय में पेंशन योजना के रूप में अटल पेंशन योजना ग्राहकों के लिए गांरटीड 8 प्रतिशत दर से रिटर्न सुनिश्चित करता है और इस योजना में 20 से 42 वर्ष के लिए निवेश करने पर परिपक्वता के समय रिटर्न दर आठ प्रतिशत से अधिक रहने पर उच्च आय का अवसर भी उपलब्ध होता है। नामांकन बढ़ने से संपत्तियों का वित्तीयकरण होता है और लोग पेंशन सुविधाओं की ओर आकर्षित होते है जो भारत सरकार ग्राहक, उसके जीवन साथी और ग्राहक द्वारा नामित व्यक्ति को निश्चित रिटर्न गारंटी देती है। पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के सहयोग से वित्तीय सेवा विभाग ने कई एपीवाई अभियान आयोजित किए हैं, जिनके माध्यम से एपीवाई सेवा प्रदाता बैंक और डाक विभाग किसी भी पेंशन योजना के तहत कवर नहीं किए गए लोगों के पास जाकर एपीवाई योजना की विशेषताओं और लाभों की जानकारी देते हैं तथा इस योजना में नामांकन करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। पीएफआरडीए ने एपीवाई सेवा प्रदाता बैंकों के साथ मिलकर देशभर में 2 से 19 अगस्त, 2017 तक राष्ट्रीय स्तर पर पेंशन जागरूकता अभियान ‘एक राष्ट्र एक पेंशन’ आयोजित किया था। योजना शुरू होने के दो वर्ष बाद अब तक 62 लाख ग्राहक अटल पेंशन योजना के सदस्य बने हैं। पीएफआरडीए का उद्देश्य किसी भी पेंशन योजना के अंतर्गत कवर नहीं किए गए अधिकतम लोगों को एपीवाई योजना के तहत कवर करना है ताकि भारत एक राष्ट्र के रूप में पेंशन रहित से पेंशन भोगी समाज बने और नागरिक अपनी वृद्धावस्था में सम्मानपूर्वक जीवन जी सके। (Source; pib.nic.in) |
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को अब डिजिटल रूप से सब्सक्राइब किया जा सकता है ई-एनपीएस चैनल (“APY@eNPS") में पूरी तरह से डिजिटल नामांकन प्रक्रिया शामिल है |
पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने “APY@eNPS" को शुरू कर दिया है, जिसमें सम्पूर्ण डिजिटल नामांकन प्रक्रिया शामिल है। अटल पेंशन योजना के विस्तार के लिए पीएफआरडीए ने जो विभिन्न कदम उठाये हैं, उसकी यह अद्यतन श्रेणी है। इसके तहत लोगों को ज्यादा आसानी होगी। पीएफआरडीए ने कोलकाता, बेंगलूरू और मुम्बई के बैंकों तथा डाक विभागों के साथ बैठकें की हैं।
पीएफआरडीए के सीजीएम श्री ए.जी.दास ने अभी हाल में मुम्बई में आयोजित एक बैठक को संबोधित किया, जिसमें बैंकों और डाक विभागों के आईटी विभाग/नोडल अधिकारियों ने हिस्सा लिया। पीएफआरडीए ने सेवा प्रदाताओं को एपीवाई के अंतर्गत APY@eNPS के प्लेटफार्म की जानकारी दी। इस अवसर पर 45 से अधिक बैंक अधिकारी उपस्थित थे। एपीवाई सेवा प्रदाताओं को APY@eNPS के चैनल को 30 जून, 2017 के पहले विकसित करने के बारे में बताया गया।
05 जून, 2017 को बेंगलूरू में आयोजित बैठक
09 जून, 2017 को मुम्बई में आयोजित बैठक
एपीवाई को प्रधानमंत्री द्वारा 9 मई, 2015 को शुरू किया गया था और यह 01 जून, 2015 से चालू हो गई थी। एपीवाई 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है। एपीवाई के अंतर्गत सभी सब्सक्राइबरों को 1,000 रूपये, 2,000 रूपये, 3,000 रूपये,4,000 रूपये और 5,000 रूपये की न्यूनतम गारंटीशुदा पेंशन 60 वर्ष की आयु से मिलेगी। यह पेंशन एपीवाई में शामिल होने के समय और उनके योगदान के अनुरूप होगी।
एपीवाई सब्सक्राइबरों का आधार 54 लाख अधिक सब्सक्राइबरों का है। एपीवाई निजी प्रबंधकों ने 13.91 प्रतिशत का रिटर्न सृजित किया है।
|