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1 जुलाई से IT रिटर्न भरने के लिए आधार जरूरी, CBDT ने जारी किया बयान
(साभार-आजतक)
आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले के एक दिन बाद ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड-CBDT ने बयान जारी कर आयकरदाताओं से कहा है कि 1 जुलाई से आधार कर्ड बनवाने की योग्यता रखने वाले हर व्यक्ति को आयकर रिटर्न दाखिल करने आधार नंबर या आधार बनवाने के लिए आवेदन करने के बाद मिला एनरॉलमेंट नंबर देना ही पड़ेगा. 

CBDT ने ये भी कहा है कि पैन नंबर के साथ आधार को जोड़ने के लिए आयकर विभाग लोगों को अपने आधार नंबर की सूचना देनी होगी.

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने आधार के मामले पर याचिका की सुनवाई करते हुए लोगों को थोड़ी राहत दी थी. उच्चतम न्यायालय ने पैन कार्ड के आबंटन और आयकर रिटर्न दाखिल करने हेतु आधार अनिवार्य करने संबंधी आयकर कानून के प्रावधान को वैध ठहराया परंतु उसने इससे संबंधित निजता के अधिकार के मुद्दे पर संविधान पीठ का निर्णय होने तक इसके अमल पर आंशिक रोक लगा दी थी.

न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने आयकर कानून में धारा 139एए शामिल करने के संसद के अधिकार को भी बरकरार रखा है.

शीर्ष अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि उसने निजता के अधिकार और उससे जुडे इस पहलू पर गौर नहीं किया है कि आधार योजना मानवीय गरिमा को प्रभावित करती है. न्यायालय ने कहा कि इस मुद्दे पर संविधान पीठ ही निर्णय करेगी. पीठ ने कहा कि आयकर कानून का प्रावधान वैध है और यह आधार योजना से निजता के अधिकार का अतिक्रमण होने और इसके आंकडे लीक होने के खतरे के मुद्दों पर संविधान पीठ के समक्ष लंबित याचिकाओं के नतीजों के दायरे में आयेगा.

न्यायालय ने सरकार से कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिये उचित कदम उठाये कि आधार योजना से आंकडे लीक नहीं हों और इस संबंध में नागरिकों को भरोसा दिलाने के उपाय किये जायें. पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि आयकर कानून के प्रावधान और आधार कानून के बीच किसी प्रकार का टकराव नहीं है.

न्यायालय ने कहा कि निजता के अधिकार के बारे में संविधान पीठ का निर्णय होने तक बगैर आधार नंबर वाले पैन कार्ड अवैध नहीं माने जायेंगे. यही नहीं, आधार से जुड़े निजता के मसले पर निर्णय होने तक नये कानून पर आंशिक रोक की वजह से पहले हुये लेन देन प्रभावित या अमान्य नहीं होंगे.

शीर्ष अदालत ने आयकर कानून की धारा 139 एए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चार मई को सुनवाई पूरी की थी। यह प्रावधान ताजा आम बजट और वित्त कानून, 2017 में शामिल किये गये थे। धारा 139एए के तहत इस साल एक जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करते समय और पैन आबंटन का आवेदन करते समय आधार नंबर अथवा आधार के अर्जी फार्म में पंजीकरण पहचान का विवरण देना अनिवार्य किया गया है.

इससे पहले, केन्द्र ने कहा था कि पैन कार्ड कार्यक्रम संदिग्ध हो गया था क्योंकि इसे फर्जी तैयार किया जा सकता है जबकि आधार पूरी तरह सुरक्षित प्रणाली है और इसमे किसी भी व्यक्ति की पहचान को फर्जी नहीं बनाया जा सकता है.

कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बिनय विश्वम सहित अनेक याचिकाकर्ताओं ने सरकार की इस पहल का विरोध करते हुये दलील दी थी कि केन्द्र शीर्ष अदालत के 2015 के आदेश का अनादर नहीं कर सकता है जिसमें कहा गया था कि आधार कार्ड स्वैच्छिक है। इनकी यह भी दलील थी कि सरकार को पैन के लिये आधार को अनिवार्य बनाने के लिये कानून में धारा 139एए शामिल नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय संविधान पीठ का आदेश स्पष्ट था कि आधार अनिवार्य नहीं बल्कि स्वैच्छिक है.
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Rajanish Kant शनिवार, 10 जून 2017
पैन से आधार कार्ड को जोड़ना हुआ आसान, आयकर विभाग ने शुरू की नई ई-सुविधा
आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए ‘पैन’ को ‘आधार’ से जोड़ने की प्रक्रिया सरल की

लिंक करने के लिए ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकृत अथवा लॉग-इन करने की कोई जरूरत नहीं
आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए अपने पैन (स्‍थायी खाता संख्‍या) को आधार से जोड़ना सरल कर दिया है। पैन को आधार से जोड़ने में आ रही दिक्‍कतों के बारे में करदाताओं द्वारा की गई शिकायतों को ध्‍यान में रखते हुए आयकर विभाग ने अब इसका एक सरल समाधान ढूंढ लिया है। करदाताओं को मुख्‍यत: इस वजह से दिक्‍कत आ रही थी कि दोनों ही प्रणालियों में उनके नामों का मिलान ‍बिल्‍कुल सही ढंग से नहीं हो पाता था।
करदाता को अब http://www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर बाईं तरफ लिखे  à Link Aadhaar को क्लिक करना होगा और फिर इसके बाद अपना पैन, आधार संख्‍या को भरने के साथ-साथ अपना ठीक वही नाम दर्ज करना होगा जो उसके आधार कार्ड में लिखा होगा (वर्तनी की गलतियों से बचना होगा) तथा इसके बाद सबमिट को क्लिक करना होगा। यूआईडीएआई की ओर से जांच पूरी होने के बाद पैन को आधार से लिंक करने की पुष्टि कर दी जायेगी।
http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2017/may/i201751101.png

चित्र 1: इनकम टैक्‍स वेबसाइट पर पैन से आधार को जोड़ना



http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2017/may/i201751102.jpg
चित्र 2: आधार को पैन से जोड़ना सरल किया गया

अब ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकृत कराने अथवा लॉग इन करने की कोई जरूरत नहीं है। कोई भी व्‍यक्ति अपने आधार को पैन से जोड़ने के लिए इस सुविधा का उपयोग कर सकता है।
करदाताओं से आग्रह किया गया है कि वे पैन से आधार को तत्‍काल जोड़ने के लिए इस सरल प्रक्रिया का उपयोग करें। इससे आयकर रिटर्नका ई-सत्‍यापन करने में मदद मिलेगी। इसके तहत आधार से जुड़े मोबाइल पर ओटीपी भेजा जाएगा और उसी के आधार पर इस तरह से सत्‍यापन हो पाएगा।
(Source: pib)

Rajanish Kant गुरुवार, 11 मई 2017
आधार कार्ड सेवा देने वाले फर्जी वेबसाइट, मोबाइल एप से रहें सावधान, कई किए गए बंद-UIDAI
अनधिकृत वेबसाइटों और एजेंसियों की गतिविधियां बर्दास्त नहीं की जायेंगी : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण
जनता से पैसा ऐंठकर आधार संबंधी सेवाएं प्रदान करने का दावा करने वाली अनधिकृत वेबसाइटों और एजेंसियों के खिलाफ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कमर कस ली है। उल्लेखनीय है कि ये फर्जी एजेंसियां मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये आधार कार्ड से संबंधित सेवाएं प्रदान करने का दावा करती हैं। यूआईडीएआई ने सख्त कार्रवाई करते हुए गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध 12 वेबसाइटों और 12 मोबाइल एप्लिकेशन को बंद करवा दिया है और आदेश जारी किया है कि ऐसी 26 और फर्जी वेबसाइटों को फौरन बंद किया जाए।

यूआईडीएआई के संज्ञान में यह बात आई है कि गूगल प्लेस्टोर के जरिये फर्जी वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन ऑनलाइन आधार कार्ड को डाउनलोड करने, आधार कार्ड बनवाने, पीवीसी आधार कार्ड इत्यादि सेवाएं दे रहे हैं। इस तरह वे लोगों से गैर कानूनी तौर पर आधार नम्बर और लोगों का ब्यौरा हासिल करते हैं।

यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अजय भूषण पांडे ने बताया है कि यूआईडीएआई ने मोबाइल एप्लिकेशन या वेबसाइट के मालिकों को आधार कार्ड से संबंधित किसी भी सेवा के लिए अधिकृत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि आधार संबंधित हर प्रकार की सूचना केवल आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत प्राप्त की जा सकती है। इसका उल्लंघन करने पर आधार अधिनियम की धारा 38 और खंड 7 के तहत दंड का प्रावधान किया गया है।  उन्होंने बताया कि अधिनियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे प्राधिकरण ने अधिकृत नहीं किया है, अगर वह जानबूझ कर केंद्रीय पहचान आंकड़ों को प्राप्त करने की अनधिकृत चेष्टा करता है तो वह दंड का भागी होगा।

डॉ. पांडे ने कहा कि अनधिकृत वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन प्रदाता गैर कानूनी रूप से आधार का लोगो इस्तेमाल कर रहे हैं जो आधार अधिनियम और कापीराइट अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इन वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन प्रदाताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने लोगों को सावधान किया कि वे इन वेबसाइटों के झांसे में न आएं और किसी को भी अपनी जानकारी न दें।

आधार संबंधी समस्त सेवाएं केवल यूआईडीएआई की वेबसाइट www.uidai.gov.in पर ही उपलब्ध हैं। इसके अलावा आधार नाम से संबंधित कोई भी वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन फर्जी है। यूआईडीएआई ने सुझाव दिया है कि अगर किसी व्यक्ति का आधार कार्ड खो जाता है तो वह उसे यूआईडीएआई की अधिकृत वेबसाइट से निशुल्क डाउनलोड कर सकता है।
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant शनिवार, 4 फ़रवरी 2017
कैशलेस लेन-देन: AEPS यानी आधार कार्ड है ना, तो लेन-देन कीजिए...जानें पूरी प्रक्रिया
नकदीरहित या कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। कैशलेस लेन-देन के कई तरीकों में से एक तरीका है अपने आधार नंबर के जरिये लेन-देन करना, अपने खाते में पैसों की जानकारी लेना, पैसा ट्रांसफर करना बगैरह। जानिए कैसे काम करती है AEPS यानी Aadhar Enabled Payment System (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली)...।

>AEPS की खास बातें: 
-AEPS के जरिये आप बैंकिंग करेस्पोंडेंट की मदद से किसी भी पीओएस यानी  प्वाइंट ऑफ सेल (माइक्रोएटीएम) पर बैंक-से-बैंक लेन-देन कर सकते हैं 
-अपने खाते को आधार नंबर से जोड़ें 
-अब बिना किसी पिन नंबर के ही लेन-देन करें 

>AEPS में शामिल सेवाएं:
-बैलेंस इन्क्वायरी (Balance Enquiry)
-पैसे निकालना (Cash Withdrawal)
-पैसे जमा करना (Cash Deposit)
-आधार से आधार पैसा ट्रांसफर (Aadhar To Aadhar Fund Transfer)

>6 कदमों में पूरी करें AEPS लेन-देन:
1) किसी माइक्रोएटीएम या बैंकिंग करेस्पोंडेंट के पास जाएं (Go to a 
MicroATM or Banking Correspondent)
2)अपने बैंक का नाम और आधार मुहैया कराएं (Provide Your Bank Name and Aadhar)
3)आपको क्या लेन-देन करना है, उसको चुनें (Choose which transaction To Do)
4)प्रक्रिया पूरी हुई (Process Completed)
5)लेन-देन पूरी होने पर रसीद का प्रिंट लें (On Successful Trandaction Take the Print Slip)
6)स्कैनर पर फिंगर प्रिंट मुहैया कराएं (Provide Finger Print on Scanner)

बस, हो गया आपका काम, बिना किसी झंझट के....। तो, तनावमुक्त होकर कैशलेस लेन-देन शुरू कर दीजिए। 
((कैशलेस लेन-देन है आसान, जानें हर तरीका विस्तार से 
(मोबाइल वॉलेट अपनाएं, नकदी की किल्लत से पिंड छुड़ाएं
((इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, क्या करूं ? 

Rajanish Kant बुधवार, 14 दिसंबर 2016
कैशलेस लेन-देन: USSD यानी बिना इंटरनेट कनेक्शन और स्मार्टफोन के करें मोबाइल बैंकिंग, जानें प्रकिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कह दिया है कि भाई आपलोग कैशलेस लेन-देन ज्यादा से ज्यादा करें। भई, अब  तो करना पड़ेगा, क्योंकि मोदी जी ने कहा है। अब आप में से कई लोग मोदी जी की बात से परेशान हो गए होंगे, खासकर वो लोग जो ज्यादातर नकदी लेन-देन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, आपको बता दें कि इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल तो आप करते ही हैं, तो नकदी लेन-देन भी आसान है। 

माना कैशलेश लेन-देन कुछ लोगों के लिए नई चीज हो सकती है, लेकिन अगर आपके पास फीचर मोबाइल है जो कि  GSM नेटवर्क पर होना चाहिए, बैंक में खाता है, तो फिर घबराने की जरूरत नहीं है। आपको बात दूं कि इसके लिए आपको ना तो स्मार्टफोन की और ना ही इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत पड़ेगी। अब आप सोच रहे होंगे कि फिर कैसे किया जाए। तो जानिए आसानी से और आजमाइए भरोसे के साथ...

>USSD सक्रिय करने के लिए क्या-क्या चाहिए:
-बैंक में खाता होना चाहिए
-GSM नेटवर्क पर कोई भी मोबाइल फोन, इंटरनेट की जरूरत नहीं 
-फीचर मोबाइल से काम चल जाएगा, स्मार्टफोन जरूरी नहीं 

>पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कैसे कराएं:  
-अपने बैंक जाकर अपने मोबाइल नंबर को अपने बैंक खाते के साथ लिंक कराएं
-आपको अपना मोबाइल मनी आइडेंटिफायर (MMID)और मोबाइल पिन (MPIN)
मिलेगा
-अपना MMID और MPIN हमेशा याद रखें 
-प्रक्रिया को सरल बनाने पर काम जारी, अलग से MMID  की जरूरत नहीं पड़ेगी 

>मोबाइल बैंकिंग से कौन-कौन सी सेवाएं ले सकते हैं :
-सबसे पहले अपने मोबाइल से *99# दबाकर डायल करें 
-डायल करने पर आपके मोबाइल स्क्रीन पर कुछ दिशा-निर्देश दिखाई देगा
-आप से आपके बैंक के संक्षिप्त नाम का शुरुआती तीन अक्षर या आपके बैंक
के IFSC का शुरुआती 4 अक्षर मांगा जाएगा 
-ऐसा करने के बाद आपके मोबाइल स्क्रीन पर कई विकल्प आएंगे...
1)बैलेंस पूछताछ (Balance Enquiry)
2)मिनी स्टेटमेंट 3)फंड ट्रांसफर-MMID 
4)फंड ट्रांसफर-अकाउंट नंबर
5)फंड ट्रांसफर-Aadhar 6)MMID जानें  
7)MPIN बदलें 8) OTP जेनरेट करें 
-अगर किसी दूसरे के खाते में पैसे ट्रांसफर करने हों, तो उपरोक्त प्रक्रिया करने के बाद के बाद प्राप्तकर्ता (Beneficiary)का मोबाइल नंबर और कितना पैसा भेजना है वो डालें 
-इसके बाद आपके स्क्रीन पर आपका अकाउंट नंबर, आपके द्वारा भेजी जाने वाली रकम, तारीख के अलावा
आपने जिस मोबाइल नंबर पर पैसा भेजा है वो नंबर और IMPS रेफरेंस नंबर दिखेगा। इस तरह से...
Your a/c no............ is debited for Rs....... on Date.......
an a/c linked to mobile no.......credited (IMPS Ref no.........)

तो, है ना आसान...लेकिन एक बात याद रखिएगा...इस सेवा का लाभ उठाने के लिए कुछ पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।  साथ ही 
फंड ट्रांसफर के लिए लिमिट भी तय है। इन खर्चों का हिसाब इस सेवा का इस्तेमाल करने से पहले कर लीजिएगा। 
(मोबाइल वॉलेट अपनाएं, नकदी की किल्लत से पिंड छुड़ाएं
((इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, क्या करूं ? 

Rajanish Kant मंगलवार, 13 दिसंबर 2016