Results for "2017-18 में 9 बदलाव जो आपके पैसों पर डालेगा असर"
नया वित्त साल, आपके पैसों से जुड़े 9 बड़े बदलाव, जरूर जानें
वित्त वर्ष 2016-17 गुजर गया और शुरू हुआ वित्त वर्ष 2017-18। अब साल बदला है तो कई नियम भी बदल गए हैं जिसका संबंध सीधे-सीधे आपकी जेब से है यानी आपके पैसों पर असर डालेगा। ये बदलाव कहीं आपको थोड़ी सुकून देगा, तो कहीं थोड़ी परेशानी में भी डालेगा। तो, चलिए डालते हैं उन 9 बड़े बदलावों पर एक नजर...

1) आईटी रिटर्न भरना हुआ पहले से आसान-
सालाना 50 लाख रुपए तक कर योग्य आय वाले नौकरीपेशा करदाता को एक पेज का ही टैक्स रिटर्न फॉर्म भरना होगा। उसकी आय का स्रोत सिर्फ सैलरी और एक घर से रेंटल इनकम (किराए से प्राप्त आय) हो सकती है। 
2)कम आयकर का भुगतान-
इसए वित्त वर्ष में सालाना 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक कमाने वालों को 10% की बजाए 5% टैक्स देना 
होगा। सरकार का दावा है कि इससे ज्यादातर करदाताओं को 12,500 रुपए तक की सालाना बचत होगी। 
जिन लोगों की वार्षिक आय एक करोड़ या इससे ज्यादा होगी तो उनके कर में लगने वाला सरचार्ज और सेस (उपकर) भी जोड़ दिया जाए तो भी उनकी बचत करीब 15,000 रुपए की होगी।  

3)डाकघर जमा योजनाएं या लघु बचत योजना या छोटी बचत योजनाओं पर कम ब्याज: अगर आप लघु बचत योजना में पैसे  लगाते हैं तो आपको कम ब्याज के लिए तैयार रहना होगा। पहली तिमाही में इन योजनाओं पर ब्याज दर में तिमाही आधार पर  0.1% की कमी की गई है। आगे में इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद कम है। 

4) सस्ती हवाई उड़ान: अगर आप सस्ती हवाई उड़ान के सपने देख रहे हैं, तो इस साल यह जरूर पूरा होगा। दरअसल, सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान' के तहत पांच एयरलाइन कंपनियां 128 मार्गों पर उडानों का परिचालन करेंगी। इनमें 30 हवाईअड्डे  ऐसे भी हैं जिनका अभी इस्तेमाल नहीं होता है। इस योजना में एक घंटे की उड़ान के लिए अधिकतम किराया 2,500 रुपये होगा।  पहली उड़ान इसी महीने शुरू होने की उम्मीद है। कुल 70 हवाई अड्डों को उड़ान योजना से जोड़ा जायेगा। इनमें 31 हवाई अड्डे ऐसे  हैं जिनका बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हो रहा जबकि 12 हवाई अड्डे ऐसे हैं जिनका कम इस्तेमाल हो रहा है।

5) एसबीआई विलय; नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) का स्वरूप बदलने जा रहा है। SBI में राष्ट्रीय महिला बैंक समेत SBI के 5 सहयोगी बैंकों का विलय हो गया है। इसके बाद बैंकों के कस्टमर एक अप्रैल से एसबीआई के कस्टमर होंगे। पांच बैंकों के विलय से एसबीआई का एसेट बेस करीब 37 लाख करोड़ रुपए (555 अरब डॉलर) होगा। साथ ही 22500 ब्रांच और 58 हजार एटीएम होंगे।  नए बैंक के 50 करोड़ से ज्यादा कस्टमर होंगे। जिसके जरिए वह दुनिया के टॉप-50 बैंकों में शामिल हो जाएगा।

6) महंगी बैंकिंग सेवा: इस साल बैंकिंग सेवा भी महंगी हो गई है। बैंक आपसे अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग चार्ज करेंगे। इसलिए, बैंकिंग सेवा लेते हैं तो आपके लिए जरूरी है पहले ये देख लेना कि आपका बैंक किन सेवाओं के लिए कितने पैसे लेता है। ये चार्ज एक अप्रैल से लागू हैं। 
इसके अलावा, पहली अप्रैल से सभी बैंकों में सिर्फ 2 लाख रुपये नकद लेन-देन की सुविधा ही मुफ्त मिलेगी। इससे ज्यादा यदि कोई कैश देगा तो पेमेंट हासिल करने वालो को उतनी ही बराबर रकम जुर्माने के तौर पर चुकाने होगी। मसलन यदि किसी ने 2.5 लाख रुपये का नकद भुगतान किया तो पेनल्टी  की रकम 2.5 लाख रुपये होगी।

7) गाडि़यों का बीमा करवाना महंगा:
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI: Insurance Regulatory & Development 
Authority Of India) ने अलग-अलग कैटेगरी की गाडि़यों का प्रीमियम 41% तक महंगा कर दिया है। नई दरें 
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए लागू होंगी। इस फैसले के बाद गाड़ियों का इंश्योरेंस करवाना महंगा हो जाएगा। 

8)बीएस-IV:अगर आप गाड़ी रखते हैं तो आपके लिए जानना जरूरी हो गया है कि एक अप्रैल 2017 से सभी वाहनों पर BS IV नॉर्म्स लागू होंगे।  यानी देश में अप्रैल से BS IV मानक ही बेची जाएगीं। थोड़ा बीएस और बीएस-IV के बारे में भी जान लेते हैं। 

आपको बता दे कि BS का अर्थ 'भारत  स्टेज' और IV रोमन भाषा में 4 पढ़ा जाता है। बता दे कि एमिशन रेग्युलेशन स्टैंडर्ड एक मानक होता है जिसे इंडियन रेगुलेटरी बॉडी तय करती है। इसकी सहायता से प्रदूषण को कंट्रोल में रखने के लिए सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड टाइमलाइन और स्टैंडर्ड निर्धारित करता है जिसे ऑटो मेकर्स फॉलो करते है। आपको तो पता ही होगा ति सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2017 से भारत स्टेज-3 मानक वाली कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दे कि प्रदूषण  की वजह से आम जनता को कई नुकसान होते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि BS-4 एमिशन से काफी हद तक इस प्रदुषण को रोका जा सकता हैं।

9)कॉर्पोरेट टैक्स: आम बजट 2017-18 में सरकार अग्रलिखित प्रावधान किए हैं जो कि एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे। 
>कारोबारी या बिजनेसमैन के लिए बजट के मायने:
-सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) कंपनियों को अधिक व्यवहार्य बनाने के लिए 50 करोड़ रुपये तक का वार्षिक कारोबार  करने वाली छोटी कंपनियों के लिए आयकर घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है.
- सरकार ने न्‍यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) का उपयोग 10 वर्ष की बजाय 15 वर्ष की अवधि तक करने की अनुमति दी. बैंकिंग क्षेत्र को  बढ़ावा देने के लिए अनर्जक परिसंपत्तियों के लिए अनुमत प्रावधान को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव किया गया है. 
-एलएनजी पर मूल सीमा शुल्‍क पांच प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत किया गया है.
-सरकार ने पिछले साल कुछ निश्चित शर्तों पर स्‍टार्ट अप्‍स को भी आयकर में रियायत दी थी. ऐसे स्‍टार्ट अप्‍स के संबंध में हानियों को बाद के वर्षों के लेखा-जोखा में समाहित करने के लिए मताधिकार के 51 प्रतिशत की निरंतर शेयरधारिता बनाये रखने की शर्त में इस शर्त के अधीन ढील दी गई है कि मूल प्रोमोटर/प्रोमोटरों की शेयरधारिता जारी रहेगी. इसके अलावा स्‍टार्ट अप्‍स को 5 में से 3 वर्षों के लिए लाभ से जुड़ी कटौती  की रियायत को बदलकर 7 में से 3 वर्ष कर दिया गया है.
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Rajanish Kant शनिवार, 1 अप्रैल 2017