Results for "2016-17"
गोल्ड ईटीएफ से दूर होते निवेशक, 2016-27 में निकाले गए 775 करोड़ रुपए
गोल्ड ईटीएफ पर निवेशकों में मंदी का रुझान बना हुआ है। 2016-17 में निवेशकों ने इससे 775 करोड़ रुपए निकाले। यह लगातार चौथा वित्तीय वर्ष है, जब निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में बिकवाली की है। 

गोल्ड फंड्स की प्रबंधाधीन संपत्ति (एयूएम-एसेट अंडर मैनेजमेंट) में साल दर साल के आधार पर 2016-17 में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले लगातार चार वित्तीय वर्षों में गोल्ड ईटीएफ से निकाले गए पैसों की बात करें तो  2015-16 में 903 करोड़ रुपए, 2014-15 में 1475 करोड़ रुपए जबकि 2013-14 में 2293 करोड़ रुपए निकाले गए। हालांकि, 2016-17 में गोल्ड ईटीएफ से पैसे निकालने की गति में पिछले तीन वित्तीय वर्षों के मुकाबले कमी आई है। जानकारों के मुताबिक, निवेशकों इक्विटी में ज्यादा पैसे लगा रहे हैं। 

एम्फी यानी एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया की ताजा रिपोर्ट की मानें, तो 2016-17 में 14 गोल्ड ईटीएफ से 775 करोड़ रुपएनिकाले गए। अक्टूबर को छोड़कर हर महीने में निवेशकों ने इसमें शुद्ध बिकवाली की। अक्टूबर में त्योहारी सीजन की वजह से गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध खरीदारी देखी गई। 

गोल्ड फंड्स का एसेट बेस 2017 में 2016 के 6346 करोड़ रुपए से गिरकर 5480 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। 2006-07 से घरेलू मार्केट में 14 ईटीएफ स्कीम मौजूद हैं। 
> क्या है गोल्ड ईटीएफ: 
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs-गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स):   गोल्ड ETF के जरिए आप गोल्ड में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। ऑनलाइन गोल्ड खरीदने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है। इस माध्यम से कोई भी उपभोक्ता कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकता  है। इसे खरीदने में केवल ब्रोकर और डीमैट अकाउंट के चार्जेस लगते है। जब उपभोक्ता बेचना चाहें डीमैट की मदद से ही घर बैठे बेच सकते हैं। इनकी वैल्यू  ठीक उसी तरह मांग और सप्लाई के आधार पर तय होती है जिस तरह शेयर के दाम तय होते हैं और ये बदलती भी रहती है। इन फंड की एनएवी सोने की कीमत के साथ जु़ड़ी रहती है। इसका अर्थ है कि फंड की कीमत सोने की कीमत के आधार पर बदलती रहती है। इसलिए सोने की कीमतों में तेजी का फायदा गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर भी मिलता है। 

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Rajanish Kant मंगलवार, 11 अप्रैल 2017
इन कंपनियों के वित्तीय नतीजे 9-12 जनवरी: टीसीएस, एनएचपीसी, आरआईआईएल, इंड्सइंड बैंक, साउथ इंडियन बैंक, सिएंट
रिजल्ट सीजन शुरू हो गया है। कंपनियां वित्त वर्ष 2016-17 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के वित्तीय नतीजों की घोषणा कर रही हैं। इसी सिलसिले में 9 जनवरी से 12 जनवरी के बीच जिन कंपनियों के वित्तीय नतीजों पर रहेगी, उनमें प्रमुख हैं....टीसीएस, एनएचपीसी, आरआईआईएल, इंड्सइंड बैंक, साउथ इंडियन बैंक, बजाज कॉर्प, सिएंट,...।
Security CodeSecurity NameResult Date
5121618KMILES09 Jan 2017
540181SALEM09 Jan 2017
532657FACORSTE10 Jan 2017
532187INDUSINDBK10 Jan 2017
533033ISGEC10 Jan 2017
513405PENNARALUM10 Jan 2017
530907SICAPIT10 Jan 2017
531247ALPHA11 Jan 2017
500039BANCOINDIA11 Jan 2017
526859ISFL11 Jan 2017
500450MPILCORPL11 Jan 2017
532218SOUTHBANK11 Jan 2017
506597AMAL12 Jan 2017
533229BAJAJCORP12 Jan 2017
511724BALFC12 Jan 2017
532175CYIENT12 Jan 2017
509162INDAG12 Jan 2017
533098NHPC12 Jan 2017
523445RIIL12 Jan 2017
532540TCS12 Jan 2017
533287ZEELEARN12 Jan 2017
502850ZGAEKWAR12 Jan 2017
530885AURUMSOFT13 Jan 2017
509567GOACARBON13 Jan 2017
511288GRUH13 Jan 2017

Source: bseindia.com
>TCS के पहले के नतीजे:
View in (Million)Annual Reports
(in Cr.)Sep-16Jun-16FY15-16
Revenue23,016.0023,087.0085,863.85
Net Profit5,958.005,778.0022,882.70
EPS30.2429.32116.13
Cash EPS32.2531.28--
OPM %34.7333.7235.74
NPM %25.8925.0326.65
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Rajanish Kant रविवार, 8 जनवरी 2017
जानें इनकम टैक्स स्लैब और रेट्स वित्त वर्ष 2016-17 (असेसमेंट ईयर 2017-18) के लिए
हर वित्तीय वर्ष में हम आयकर देते हैं। करदाताओं से आयकर उनकी ग्रॉस टोटल इनकम के हिसाब से वसूला जाता है। आयकर की गणना इनकम टैक्स स्लैब और उसके तय दरों के आधार पर की जाती है। 

आमतौर पर केंद्र सरकार हर साल फरवरी में अपना वार्षिक बजट पेश करते समय आयकर स्लैब और दरों की घोषणा करती है।  

वित्त वर्ष 2016-17 (असेसमेंट ईयर 2017-18) के लिए आयकर स्लैब और दर इस प्रकार है...
> 60 साल तक की उम्र वालों के लिए:
नेट इनकम रेंज
इनकम टैक्स रेट
एजुकेशन सेस
(शिक्षा उपकर)
सेकंडरी और हायर एजुकेशन सेस
₹ 2.5 लाख तक
0
0
0
2.5 लाख-5 लाख
कुल आमदनी में से 2.5 लाख घटाकर उसका 10%
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
₹ 5 लाख- 10 लाख
कुल आमदनी में से 5 लाख घटाकर उसका 20%+₹ 25 हजार
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
₹ 10 लाख से अधिक
कुल आमदनी में से 10 लाख घटाकर उसका 30% + ₹ 1.25 लाख
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%

>60-80 साल तक की उम्र वालों के लिए:
नेट इनकम रेंज
इनकम टैक्स रेट
एजुकेशन सेस
(शिक्षा उपकर)
सेकंडरी और हायर एजुकेशन सेस
₹ 3 लाख तक
0
0
0
3 लाख-₹ 5 लाख
कुल आमदनी में से 3 लाख घटाकर उसका 10%
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
₹ 5 लाख- 10 लाख
कुल आमदनी में से 5 लाख घटाकर उसका 20%+₹ 20 हजार
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
₹ 10 लाख से अधिक
कुल आमदनी में से 10 लाख घटाकर उसका 30% + ₹ 1.20 लाख
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%

>80 साल से अधिक की उम्र वालों के लिए:
नेट इनकम रेंज
इनकम टैक्स रेट
एजुकेशन सेस
(शिक्षा उपकर)
सेकंडरी और हायर एजुकेशन सेस
₹ 5 लाख तक
0
0
0
5 लाख-₹ 10 लाख
कुल आमदनी में से 5 लाख घटाकर उसका 20%
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%
10 लाख से अधिक
कुल आमदनी में से 10 लाख घटाकर उसका 20%+₹ 1 लाख
इनकम टैक्स का 2%
इनकम टैक्स का 1%

((इनकम टैक्स कितना है चुकाना, मुश्किल नहीं गणना करना (वित्त वर्ष 2015-16 के लिए)
((आय के संयोजन (Clubbing of Income) के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
((आम बजट 2016-17: आपके पैसों से जुड़े प्रस्ताव और उनके संभावित असर 
((आम बजट 2016-17 को ग्राफिक्स के जरिए जानें 
((आम बजट 2016-17: इनकम टैक्‍स स्‍लैब में कोई बदलाव नहीं, लेकिन छोटे करदाताओं, किराएदारों को बड़ी राहत
((आयकर (इनकम टैक्स) के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
(फिशिंग (जालसाजी) क्या है, कैसे होते हैं इसके नमूने, इससे बचाव के उपाय
((इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, क्या करूं ? 
((टैक्स फ्री बॉन्ड, एफडी, पीपीएफ में बेहतर कौन ? 
((सुकन्या समृद्धि योजना (SSY),PPF या फिर टैक्स सेविंग FD !
((NPS और PF में से बेहतर कौन ?
((अबकी बार, अप्रैल से ही शुरू कर दें टैक्स प्लान 
((अप्रैल खत्म, टैक्स प्लानिंग की गाड़ी आगे बढ़ी या नहीं
(पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन्स-Capital Gains) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
((पैन (PAN) और टैन (TAN) में क्या अंतर है
((जाने कर मुक्त (टैक्स फ्री) आमदनी के बारे में
((गृह संपत्ति के तहत किस आमदनी पर कर लागू किया जाता है ?
((उपहार को लेकर कर के प्रावधानों के बारे में जानें
((टैक्सपेयर्स की आय में कौन-कौन सी कैटेगरी शामिल है

Rajanish Kant बुधवार, 28 दिसंबर 2016