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सोने में निवेश के लिए सिर्फ गहने ही क्यों, 8 दूसरे तरीके भी तो हैं, आजमा के तो देखिये
अगर सोना या फिर सोने के गहने खरीदने हो, तो हममें से ज्यादातर लोग क्या करते हैं। अपने नजदीकी या भरोसेमंद सुनार या जुलरी की दुकान में जाते हैं, पैसों का भुगतान करते हैं और अपनी मनपसंदीदा चीज खरीद लेते हैं। लेकिन जिस तरह से सरकार घर में सोना रखने पर लिमिट लगाने के साथ-साथ कैश में सोना या सोने के गहने खरीदने पर सख्ती कर रही है, उसे देखते हुए हमें सोने में निवेश के दूसरे विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए। चलिये, हम आपको बताते हैं कुछ और निवेश साधनों के बारे में जहां आप सोने में निवेश कर सकते हैं...। 

1-गोल्ड फ्यूचर और ऑप्शन (Gold Future&Options): देश की अग्रणी कमोडिटीज डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज एमसीएक्स  (www.mcxindia.com) पर गोल्ड फ्यूचर का कारोबार कर सकते हैं। फ्यूचर की कीमत हाजिर बाजार में सोने की कीमत के साथ-साथ चलती है लेकिन फ्यूचर कांट्रैक्ट पहले से तय तारीख और कीमत पर निपटाने होते हैं। मसलन, आपने मार्च एक्सपायरी वाला वायदा खरीदा है तो मार्च तक आपको निपटान कर लेना होगा। गोल्ड फ्यूचर काफी जोखिम वाले निवेश साधन होते हैं, इसलिए इसमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत होती है। साथ ही इसे समझना काफी जटिल भी है। 

2-गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs-गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स): 
 गोल्ड ETF के जरिए आप गोल्ड में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। ऑनलाइन गोल्ड खरीदने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है। इस माध्यम से कोई भी उपभोक्ता कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकता है। इसे खरीदने में केवल ब्रोकर और डीमैट अकाउंट के चार्जेस लगते है। जब उपभोक्ता बेचना चाहें डीमैट की मदद से ही घर बैठे बेच सकते हैं। इनकी वैल्यू  ठीक उसी तरह मांग और सप्लाई के आधार पर तय होती है जिस तरह शेयर के दाम तय होते हैं और ये बदलती भी रहती है। इन फंड की एनएवी सोने की कीमत के साथ जु़ड़ी रहती है। इसका अर्थ है कि फंड की कीमत सोने की कीमत के आधार पर बदलती रहती है। इसलिए सोने की कीमतों में तेजी का फायदा गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर भी मिलता है। 

इसके अलावा भी कई फायदे हैं। जैसे इनको खरीदना-बेचना-होल्ड करना आसान है, क्योंकि ये इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होते हैं। साथ ही चोरी  होने का भी डर नहीं रहता है और ना ही इसे लॉकर में रखने की जरूरत है। इसमें निवेशक जितनी चाहें उतनी चाहें उतनी यूनिट खरीद सकते  हैं और इससे निवेशक जितनी चाहें उतनी राशि से फंड खरीद सकते हैं। इसके जरिए निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम से आजादी  मिल पाती है। इसमें सोने को खरीदने  की तरह कई अन्य तरह के चार्ज नहीं होते जैसे मेकिंग चार्ज आदि। इसमें निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार एंट्री और एक्जिट ले पाता है तो फिजिकल गोल्ड में नहीं हो पाता है। 

3-सोने के सिक्के और छड़ (Gold Coins&Gold Bars):
फिजिकल गोल्ड में निवेश करने का एक और तरीका छड़ और सिक्कों में निवेश करने का है। बैंक और ज्वैलरी शॉप से कोई भी ग्राहक इन्हें खरीद सकता है। आम तौर पर यह 5 ग्राम, 10 ग्राम और 50 ग्राम वजन में उपलब्ध होते हैं। इस विकल्प के जरिए अगर आप सोने में निवेश करते हैं तो आपको गहनों की तुलना में अधिक शुद्धता मिलती है। इसपर मिलने वाला रिटर्न गहनों की तुलना में इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि इसमें कोई भी मेकिंग या डिजायन का चार्ज नहीं होता है। हालांकि, जरूरत पड़ने पर भविष्य में कभी भी आप इसके गहने बनवा सकते हैं। 

अगर आप सिक्के और छड़ खरीदने जा रहे हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखियेगा। जैसे...इनकी कीमत की तुलना जरूर कर लीजिएगा। अक्सर देखा जाता है कि बैंकों के मुकाबले जूलरी दुकान में इनकी कीमत कम होती है। अगर आप किसी जूलरी दुकान से खरीदते हैं तो किसी प्रतिष्ठित या भरोसेमंद दुकान से ही खरीदें। एक बात और कुछ जूलरी दुकान सिक्के और छड़ को वापस (बायबैक) भी ले सकते हैं लेकिन बैंक ऐसा नहीं करते। इसलिए अगर आप भविष्य में सिक्के या छड़ को बेचने के लिए खरीदना चाहते हैं तो इसे वैसी जूलरी दुकान से खरीदें जो आपके सिक्के और छड़ वापस ले सके। सिक्के या छड़ की गुणवत्ता का ध्यान जरूर रखिएगा।  

4- ई-गोल्ड (E-Gold):NSEL यानी  नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सोना, चांदी, तांबा खरीदने, उसे होल्ड करने और उसे बेचने की सुविधा देता था। इसे ई-गोल्ड, ई-सिल्वर और ई-कॉपर के नाम से जाना जाता था। 2010 में एनएसईएल ने इसे शुरू किया था लेकिन, बड़े घोटाले के बाद कुछ साल पहले एक्सचेंज के कामकाज पर रोक लगा दी गई है। 

5-सोने के गहने (Gold Jewellery):
सोने के गहने खरीदना निवेश करने का सबसे पुराना तरीका है। लेकिन यदि निवेश के लिहाज से कोई ग्राहक सोने के गहने खरीदता है तो उसे दोहरा नुकसान होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गहने खरीदते समय ज्वैलर्स मेकिंग और वेस्टेज चार्जेस जोड़ देते  हैं और जब इन्हीं गहनों को ग्राहक बाजार में वापस बेचने जाते हैं तब ज्वैलर्स मेंकिग चार्जेस और वेस्टेज को काटकर इसकी कीमत लगाते हैं। ऐसे में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है। साथ ही यदि हॉलमार्क का निशान इस ज्वैलरी पर न हो तो इसकी  शुद्धता पर भी संदेह बना रहता है। इसके अलावा, चोरी होने का भी डर बना रहता है।


6- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond):
सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड स्कीम को गोल्ड की फिजिकल डिमांड को कम करने के उद्देश्य से लॉन्च किया था। इसमें खरीदारी बॉन्ड्स के रूप में होती है। कीमतों में उतार चढ़ाव के हिसाब से निवेश पर ब्याज दिया जाता है। बॉन्ड का गुणांक 5, 20, 50 और 100 ग्राम के गोल्ड में होता है। इस स्कीम के अंतर्गत बॉन्ड्स को बैंक एनबीएफसी/ पोस्ट ऑफिस/ नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) एजेंट्स के जरिए खरीदा या बेचा जा सकता है। भारत में गोल्ड में निवेश करने का यह एक और माध्यम है।

7-गोल्ड म्युचुअल फंड (Gold Mutual Fund):
ऑनलाइन गोल्ड में निवेश करने का एक और तरीका म्युचुअल फंड्स भी है। इसमें आप न्यूनतम 1000 रुपए का भी निवेश कर सकते हैं। तमाम कंपनियां गोल्ड फंड चलाती हैं, जिनमें निवेश करके कोई भी व्यक्ति गोल्ड में ऑनलाइन निवेश कर सकता है। गोल्ड फंड वो म्यूचुअल फंड हैं जो निवेशकों का पैसा सोने में निवेश करते हैं। ये फंड निवेशकों को सोने की कीमत के आधार पर वैल्यू देते हैं। निवेशक गोल्ड फंड दो तरीके से खरीद सकते हैं। एक तरीका गोल्ड ईटीएफ है और वो शेयर, म्यूचुअल फंड की तरह काम करता है। अन्य तरीका है साधारण 
म्युचुअल फंड की तरह काम करता है यानी वो किसी और फंड में निवेश करता है। इसमें भी निवेशकों को सोने में ही एक्सपोजर मिलता है। सोने को खरीदने की जगह निवेशक इन फंड को खरीद सकते हैं।
8- गोल्ड सेविंग फंड: छोटे निवेशकों को खासतौर पर ईटीफ में ट्रेड करने में दिक्कत होती है तो उनके लिए गोल्ड सेविंग फंड बेहतर हैं। ये भी साधारण म्युचुअल फंड की तरह होते हैं। इसमें भी सोने में एक्सपोजर की तरह ही वैल्यू मिलती है। निवेशक इन फंड में एसआईपी भी कर सकते हैं। आप इसमें सामान्य म्यूचुअल फंड की तरह छोटी राशि भी निवेश कर सकते हैं। 
9-सोना प्रोड्यूस करने वाली या गोल्ड जूलरी एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों के शेयर में निवेश 
10-गोल्ड फंड ऑफ फंड्स (Gold Fund Of Funds): ये भी म्युचुअल फंड ही हैं। इसमें म्युचुअल फंड कंपनियां गोल्ड ईटीएफ में निवेश करती हैं। ऐसा माना जाता है कि ज्यादातर म्युचुअल फंड कंपनियां गोल्ड फंड ऑफ फंड्स के तहत अपनी ही गोल्ड ईटीएफ स्कीम में पैसे लगाती है। 
 सोने में हर तरीके के निवेश में नफा-नुकसान है, कमोबेश हर तरीके में कुछ ना कुछ जोखिम है। तो, आप जब भी सोने में निवेश के बारे में तो सोचें, तो हर तरीके के हर पहलू पर विचार कर लें तभी पैसे लगाएं। अगर सोने में निवेश को लेकर आप उलझन में हैं तो अपने भरोसेमंद वित्तीय सलाहकार से मदद भी ले सकते हैं। 
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Rajanish Kant गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017