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विभिन्न श्रम कानूनों के तहत रजिस्टरों का रखरखाव आसान बना, 56 नहीं,अब रखने होंगे केवल 5 रजिस्टर
सरकार ने विभिन्न श्रम कानूनों के तहत रजिस्टरों का रखरखाव सरल कर दिया है

सरकार ने 5.85 करोड़ प्रतिष्ठानों के लिए श्रम रजिस्टरों की संख्या को 56 से घटाकर केवल 5 रजिस्टर कर दिया है
सरकार ने कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्रों में लगभग 5.85 करोड़ प्रतिष्ठानों के श्रम रजिस्टरों के रखरखाव कार्य को सरल कर दिया है। ये रजिस्टर कर्मचारियों, उनके वेतन, ऋणोंवसूली, हाजिरी इत्यादि से संबंधित हैं। इस कदम से इन प्रतिष्ठानों द्वारा रखरखाव किए जाने वाले रजिस्टरों की संख्या मौजूदा 56 से काफी घटकर केवल 5 रजिस्टर रह जाएगी। ओवरलैपिंग/ अनावश्यक क्षेत्रों वाले रजिस्टरों की संख्या कम कर देने से ही यह संभव हो पा रहा है। इससे इन प्रतिष्ठानों को अपनी लागत एवं प्रयासों में कमी करने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही श्रम कानूनों का बेहतर अनुपालन भी सुनिश्चित होगा।

विभिन्न केंद्रीय श्रम अधिनियमों के तहत कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्रों के प्रतिष्ठानों द्वारा अनेक रजिस्टरों का रखरखाव करना आवश्यक होता है जो कर्मचारियों की संख्या की सीमा पर निर्भर करता है। वर्ष 2013-2014 के दौरान की गई केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की छठी आर्थिक गणना के मुताबिक, भारत में कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्रों में संयुक्त रूप से लगभग 5.85 करोड़ प्रतिष्ठान हैं। इनमें से 4.54 करोड़ प्रतिष्ठान गैर-कृषि क्षेत्र में हैं। 9 केंद्रीय अधिनियमों के तहत उपलब्ध कराए गए विभिन्न रिटर्न/रजिस्टर/फॉर्म भरने की जरूरत की समीक्षा करते वक्त ऐसे अनेक क्षेत्रों वाले रजिस्टर पाए गए, जो ओवरलैपिंग/अनावश्यक थे और जिनकी संख्या को तर्कसंगत करना संभव था।

रजिस्टरों/आंकड़ों वाले क्षेत्रों की संख्या कम करने के लिए 4 नवम्बर, 2016 को एक प्रयोजन अधिसूचना जारी की गई थी और इसे संबंधित मंत्रालयों/ विभागों, राज्य सरकारों, अन्य हितधारकों के बीच प्रसारित किया गया था और इसके साथ ही इसे सार्वजनिक तौर पर भी पेश किया गया था। वास्तव में, विभिन्न अधिनियमों/नियमों के तहत परिकल्पित सभी पिछले रजिस्टरों को हटा दिया गया है और इनके स्थान पर केवल 5 सामान्य रजिस्टरों को ही रखा गया है। इस कदम से 5 रजिस्टरों में निहित आंकड़े वाले क्षेत्रों (डेटा फील्ड) की संख्या घटकर केवल 144 रह गई है, जबकि इससे पहले 56 रजिस्टरों में इस तरह के आंकड़े वाले क्षेत्रों की संख्या 933 थी।

इसके साथ-साथ श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इन 5 सामान्य रजिस्टरों के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित करने का कार्य भी शुरू किया है। सॉफ्टवेयर के विकसित हो जाने के बाद इसे निःशुल्क डाउनलोड की सुविधा प्रदान करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय के श्रम सुविधा पोर्टल पर डाल दिया जाएगा। इसका उद्देश्य डिजिटल रूप में इन रजिस्टरों का रखरखाव सुनिश्चित करना है।

जिन श्रम कानूनों के तहत इन रजिस्टरों का रखरखाव किया जाता हैउनमें निम्नलिखित शामिल हैं : -
        I.            भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम1996
      II.            ठेका श्रम (विनियमन एवं उन्मूलन) अधिनियम1970
    III.            समान पारिश्रमिक अधिनियम1976
    IV.            अन्तर्राज्यीय प्रवासी कामगार (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम1979
      V.            खान अधिनियम1952
    VI.            न्यूनतम मजदूरी अधिनियम1948
  VII.            मजदूरी भुगतान अधिनियम1936
VIII.            बिक्री संवर्द्धन कर्मचारी (सेवा की शर्तें) अधिनियम1976
    IX.            श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा की शर्तें) अधिनियम1955
(Source: pib.nic.in)

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Rajanish Kant शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017