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मकान, दुकान बेचने से हुए मुनाफे पर टैक्स लगता है, लेकिन टैक्स देने से बच...


मकान, दुकान बेचने से हुए मुनाफे पर टैक्स लगता है, लेकिन टैक्स देने से बच...

Rajanish Kant बुधवार, 1 मई 2019
घरों के दाम बढ़ने लगे हैं, मुंबई में घरों की कीमत 10 % से ज्यादा बढ़ी-RBI
मुंबई, बंगलुरू, अहमदाबाद, लखनऊ, कानपुर, कोच्चि में मकानों की कीमत  वित्त वर्ष 2016-17 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 10.5 प्रतिशत बढ़ी है। रिजर्व बैंक ने अपने ताजा ऑल इंडिया  हाउस प्राइस इंडेक्स में इसकी जानकारी दी है। इंडेक्स के मुताबिक, चेन्नई में मकान की कीमत में मामूली कमी देखने को मिली है। 

आपको बता दें कि ऑल इंडिया  हाउस प्राइस इंडेक्स  के तहत आरबीआई मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बंगलुरू, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, कानपुर और कोच्चि में मकान की कीमतों में आए बदलाव को आधार बनाते हुए इंडेक्स तैयार करता है। 

अगर तिमाही आधार पर इन शहरों के मकानों की कीमत में बदलाव की तुलना करें, तो कोच्चि में सबसे ज्यादा 18.3 प्रतिशत कीमत बढ़ोतरी देखने को मिली है, जबकि चेन्नई में सबसे ज्यादा 6.7 प्रतिशत की गिरावट। 
All-India House Price Index (HPI) recorded marginal increase in Q4:2016-17
Today, the Reserve Bank today released the quarterly House Price Index (HPI)1 (base 2010-11=100) for Q4:2016-17, based on transaction data received from housing registration authorities in 10 major cities (viz., Mumbai, Delhi, Chennai, Kolkata, Bengaluru, Lucknow, Ahmedabad, Jaipur, Kanpur and Kochi). Time series data on all-India and city-wise HPI are available in the Database of Indian Economy (DBIE) portal (https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics > RealSector > Price&Wages > Quarterly).
Highlights:
  • The all-India HPI recorded a sequential increase (i.e., Q4:2016-17 over Q3:2016-17) of 0.8 per cent in Q4:2016-17 with six of the ten cities recording a rise in sequential terms- Kochi recorded the highest rise (18.3 per cent) whereas Chennai witnessed significant contraction [(-) 6.7 per cent].
  • On an annual basis, the all-India HPI increased by 10.5 per cent with Mumbai, Bengaluru, Ahmedabad, Lucknow, Kanpur and Kochi recording double-digit annual growth whereas Chennai witnessed a marginal moderation in housing prices.
(Source: rbi.org.in)

Rajanish Kant मंगलवार, 18 जुलाई 2017
घर हो गर खरीदना, कीमत के अलावा दूसरे खर्च भी देख लेना...
हममें से ज्यादा लोग जब घर खरीदने जाते हैं तो घर की कीमत के बारे में पता कर अपना बजट बनाना शुरू कर देते हैं। जैसे अगर किसी घर का मालिक या संबंधित फ्लैट का निर्माण करने वाला बिल्डर ने कहा कि इस फ्लैट की कीमत है 32 लाख रुपए। तो हम घर की कुल कीमत भी 32 लाख ही मान लेते हैं और उसके हिसाब से पैसे जुटाने में लग जाते हैं। लेकिन, मुश्किल कब आती है जब आप उस फ्लैट का रजिस्ट्रेशन करवाने जाते हैं। तब उस घर की कीमत बढ़ी हुई बताई जाती है। क्योंकि हमने इस घर के खरीदने पर इसके छुपे हुए अन्य खर्चों के बारे में जानकारी तो ली ही नहीं थी। 

आप भी अगर घर खरीदने जा रहे हैं तो घर की कीमत के अलावा दूसरे सभी तरह के खर्च के बारे में लिखित जानकारी जरूर ले लें। अगर होम लोन लेकर और किसी ब्रोकर के जरिये घर खरीद रहे हैं तो आपके छुपे हुए खर्च और बढ़ जाएंगे, तो उन खर्चों के बारे में भी जानना जरूरी है। इससे  घर रजिस्ट्रेशन के दौरान आपको मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। तो, आगे हम आपको बता रहे हैं उन छुपे हुए खर्चों के बारे में....

मुंबई से सटे नालासोपारा में एक रियल एस्टेट एजेंट से जब मैंने पूछा कि घर की लागत के अलावा और क्या-क्या चार्ज देने पड़ते हैं, तो उसने जो बताया 
वो यहां मैं साझा कर रहा हूं...
1-स्टैंप ड्यूटी: एग्रीमेंट वैल्यू  का 6%
2-सेल्स टैक्स: एग्रीमेंट वैल्यू का 3.5%
3-वैट : एग्रीमेंट वैल्यू का 1%
4-रजिस्ट्रेशन: एग्रीमेंट वैल्यू का 1%
5-दलाल के जरिये खरीदने पर ब्रोकरेज: एग्रीमेंट वैल्यू का 2%
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कुल अतिरिक्त खर्च: एग्रीमेंट वैल्यू का 13.5%
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इतना तो कम से कम छुपा हुआ खर्च आपको देना ही पड़ेगा।  लेकिन, इसके अलावा भी कुछ छुपे हुए खर्च होते हैं। आप जान लीजिएगा तो अच्छा रहेगा। अगर आप रीसेल में घर खरीदने जा रहे हैं तो रजिस्टर्ड वैल्यूएशन एजेंसी चार्ज देना पड़ सकता है। उसी तरह प्रॉपर्टी का टाइटल ट्रांसफर के समय भी आपसे चार्ज वसूला जा सकता है जो कन्विन्सिंग (Conveyancing) के नाम से जाना जाता है। 

> अगर आप होम लोन लेने जा रहे हैं तो उससे जुड़े हुए खर्च:
-बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी द्वारा होम लोन आवेदन की प्रोसेसिंग के लिए वसूली जाने वाली प्रोसेसिंग फी। 
-मोर्गेज एग्रीमेंट के लिए स्टैंप ड्यूटी की लागत 

दोनों मिलाकर आपको बैंक को प्रॉपर्टी वैल्यू (एग्रीमेंट वैल्यू) का 10-25% देना पड़ सकता है।  

>अगर आप ब्रोकर के जरिये घर खरीदते हैं तो आपको उसे एग्रीमेंट वैल्यू का 1-2 % ब्रोकरेज के तौर पर देना पड़ सकता है। लेकिन, अगर सीधे बिल्डर या घर के मालिक से खरीदते हैं तो आपका ये खर्च बच जाएगा। 

> इसके अलावा आपको बिल्डर को डेवलपमेंट और बेटरमेंट चार्ज, सोसाइटी फॉर्मेशन चार्ज और इन कामों से जुड़ी फीस भी देने पड़ सकते हैं। यह अलग-अलग जगहों पर अलग हो सकते हैं। 

> रजिस्ट्रेशन के समय बिल्डर मेनटेनेंस चार्ज और सालभर का प्रॉपर्टी टैक्स भी वसूल लेते हैं। इसके बारे में घर खरीदते समय बिल्डर से पूरी जानकारी जरूर लीजिए। 

>अब कई नए प्रोजेक्ट में बिल्डर स्वीमिंग पुल, जिमनेजियम, वॉकिंग ट्रैक, बारबेक्यू कॉर्नर, लैंडस्केप्ड गार्डन जैसी सुविधाएं दे रहे हैं। इसके लिए वो एकबार चार्ज वसूलते हैं, तो जब भी किसी प्रॉपर्टी की कीमत पूछने जाएं, तो इन सब पर खर्च के बारे में बारिकी से और लिखित जानकारी लें।  

> इन सबके अलावा, आपके घर में बिजली मीटर लगाने का खर्च, फ्लोर राइज चार्जेज और प्रेफर्ड लोकेशन चार्जेज भी लिया जा सकता है। 

> और हां...सबसे अंत में...जब आप घर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए जाते हैं तो आपको कुछ गवाहों की जरूरत पड़ती है उनके पैन कार्ड के साथ। अगर आप गवाह अपनी तरफ से ले जाएंगे तो आपको कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा, लेकिन अगर बिल्डर गवाहों का इंतजाम करता है तो आपको कुछ अतिरिक्त पैसे चुकाने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। इस बारे में बिल्डर से पहले बात कर लेना सही रहेगा। 

तो, देखा आपने प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको कितने तरह के छुपे हुए खर्च के बारे में जानकारी लेना जरूरी है। 

((घर भी है सस्ता, लोन भी है सस्ता...अभी घर खरीदने का है सही मौका
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Rajanish Kant मंगलवार, 14 मार्च 2017
घर भी है सस्ता, लोन भी है सस्ता...अभी घर खरीदने का है सही मौका
हर किसी का सपना होता है कि काश, उसका अपना एक घर होता। लेकिन, कुछ वजहों से बहुत सारे लोगों का ये सपना अधूरा ही रहता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, मसलन पर्याप्त पैसे नहीं होना, नौकरी की अनिश्चितता, घरों का महंगा होना या महंगा कर्ज मिलना, मनपसंद घर नहीं मिलना बगैरह।

अगर आप नए साल में खुद के रहने के लिए घर खरीदने का मन बना रहे हैं, तो आपके लिए यह सही समय है। कारण, एक तो प्रॉपर्टी बाजार में मांग कम होने की वजह से देश के ज्यादातर शहरों में घरों के दाम कम हैं और दूसरे बैंकों ने होम लोन या गृह कर्ज भी काफी सस्ते कर दिए हैं। नोटबंदी और मोदी सरकार के बेनामी प्रॉपर्टी के संबंध में कानून लाने की संभावना से भी प्रॉपर्टी बाजार में मंदी का माहौल थोड़ा गहरा गया है। साथ ही मोदी सरकार ने सभी के लिए घर मुहिम को पूरे करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदारों खासकर सस्ता घर खरीदने वालों को कई तरह की छूट की घोषणा की है।

अभी घर खरीदें, क्योंकि: ---------------------------------------कई शहरों में घरों के दाम तो कम हो ही गए हैं और अब बैंकों ने होम लोन भी सस्ते कर दिए हैं। महिलाओं के लिए तो लोन लेने पर कुछ छूट भी है। बैंकों का होम लोन पिछले 6 साल में सबसे कम है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक 8 फीसदी की दर से एक साल के लिए जबकि दो साल और तीन साल की अवधि के लिए 8.10 फीसदी और 8.15 फीसदी की दर से कर्ज दे रहा है। वहीं, पंजाब नेशनल बैंक एक वर्ष की अवधि वाले कर्ज के लिए 8.45 फीसदी ब्याज वसूल रहा है जबकि तीन वर्ष की अवधि के लिए 8.60 फीसदी और पांच वर्ष की अवधि के लिए 8.75 फीसदी ब्याज।


जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक अपने दरों में और चौथाई फीसदी की कमी कर सकता है, जिससे बैंकों पर कर्ज की दरों में कटौती करने का दबाव बढ़ेगा। अगर बैंक कर्ज की दरों में और कमी करते हैं तो कर्ज लेने वाले ग्राहकों को इसका फायदा जरूर मिलेगा।

जो लोग प्रॉपर्टी के दाम में और कमी का इंतजार कर रहे हैं, उनको जानकार आगाह करते हैं। उनके मुताबिक, अब यहां से प्रॉपर्टी के दाम में शायद ही और कमी आए। सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी के मैनेजिंग डायरेक्टर रेनु सूद कर्नाड ने कहा है कि, हालांकि यह सच है कि फिलहाल मंदी है। लेकिन जब भी आप प्रॉपर्टी की कीमतों या कर्ज की दर के कम होने की बात करते हैं तो लोग इंतजार करने लगते हैं। मुझे नहीं लगता कि आगे प्रॉपर्टी के रेट कम होंगे। अगर 2 से 3 महीने बाद रेट कम भी होते हैं तो लोगों को इसका लाभ मिलेगा। हमारे पास हाउसिंग सीमित है और लोग जरूरतों के लिए मुझे नहीं लगता 3 या 4 महीने से अधिक इंतजार करेंगे।


उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग के लोग घर खरीद सकें, इसके लिए दो याजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नौ लाख रुपए तक के होम लोन पर ब्याज दर में 4 फीसदी और 12 लाख रुपए तक के होम लोन पर 3 फीसदी की छूट मिलेगी। साथ ही गांवों में घर बनाने के लिए दो लाख रुपए के होम लोन पर ब्याज दर में तीन फीसदी की छूट मिलेगी।

तो अब देर किस बात की। अगर लंबे समय से आप खुद के रहने के लिए घर खरीदने का इंतजार कर रहे हैं तो क्यों ना, हम अपने बजट और जरूरत के हिसाब से घर ढूंढने के साथ ही होम लोन के लिए डाउन पेंमेंट या फिर एक बार में ही घर की पूरी कीमत चुकाने के लिए पैसों का इंतजाम करना शुरू कर दें।                                 

Rajanish Kant बुधवार, 4 जनवरी 2017