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पैसे को घर पर मत रखें, काम पर लगाएं, वो कमा के देगा #Money #Ghar #Invest

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Rajanish Kant सोमवार, 6 मई 2019
बच्चे पढ़ेंगे पैसे, तभी तो गढ़ेंगे पैसे #Children #Savings #Investment
क्या आपके बच्चे को बचत और निवेश की बेसिक्स पता है?

भारत में बच्चों को बैंकिंग, सेविंग्स, निवेश और फाइनेंस समेत पैसों के प्रबंधन यानी मनी मैनेजमेंट के बारे में जानकारी देने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है।  हालांकि, इस दिशा में काफी कुछ किया जा रहा है, लेकिन अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। बच्चों को पैसों के बारे में जानकारी यानी वित्तीय शिक्षा देने से बड़े होने पर उनकी जिंदगी आसान बनेगी। 

> बच्चों को पैसों के बारे क्या-क्या जानकारी दी जानी: नेशनल सेंटर फॉर फाइनेंशियल एजुकेशन (NCFE) के मुताबिक, बच्चों को पैसे, बचत और फाइनेंस समेत इन सबकी बेसिक्स बताए जाने की जरूरत है। 

1)किसी भी इंसान की जिंदगी की जरूरत (Needs) और चाहत (Wants) में फर्क करना 
2) बजट खासकर आमदनी (Income) और खर्च (Expenses) के बारे में बताया जाना चाहिए 
3) बुनियादी बैंकिंग सुविधाएं जैसे सेविंग्स अकाउंट, करंट अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), रेकरिंग डिपॉजिट (RD) बगैरह के बारे में 
4)तरह तरह के कर्ज और कर्ज कहां से हासिल किया जाता है, के बारे में बच्चों को बताना चाहिए
5)बच्चों को शेयर, म्युचुअल फंड, सोना, रियल इस्टेट जैसे निवेश साधनों की बेसिक्स मालूम होना चाहिए
6) बच्चों को तरह तरह के इंश्योरेंस प्रोडक्ट (लाइफ, हेल्थ, जनरल और अन्य) की जानकारी दी जानी चाहिए
7) तरह-तरह के पेंशन प्रोडक्ट और उसकी जरूरत के बारे में बच्चों को बताया जाना चाहिए
8) आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए, आईआरडीए जैसे वित्तीय सेक्टर के रेगुलेटर की कार्यपद्धति की जानकारी बच्चों को भी होनी चाहिए

 माता-पिता अपने बच्चों के साथ वित्तीय योजना (Financial Planning) और निवेश (Investment) के बारे में शायद ही किसी तरह की बातचीत करते हों, लेकिन बच्चे जितनी जल्दी इसके बारे में जान जाएंगे, बच्चों के लिए उतना ही बेहतर होगा। निवेश करने की कोई उम्र सीमा नहीं होती है लेकिन जितनी जल्दी जो निवेश करना शुरू कर देता है, वो उतना ही फायदे में रहता है। इसलिए हर माता-पिता को अपने बच्चों को जल्द से जल्द मनी मैनेजमेंट, बचत, निवेश बगैरह के बारे में जानकारी देना शुरू कर देना चाहिए। 

बच्चे पढ़ेंगे पैसे, तभी तो गढ़ेंगे पैसे #Children #Savings #Investment
(बच्चों के एजुकेशन खर्च के लिए इन म्युचुअल फंड स्कीम्स में पैसे लगा सकते हैं #Debt #Balanced #Mid #Large #Gilt
((आपके बच्चों को पैसे की समझ स्कूल में नहीं दी जाती है, इसलिए आप ही दीजिए...जानें कैसे
((फौजी अपने बच्चों को फाइनेंशियल फिट कैसे रखें, A,B,C सिखाने जैसा आसान है
((अपने बच्चों को गिफ्ट में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स देंगे, तो कैसा रहेगा? कई फायदे हैं इसके
((जब आपके बच्चे को बर्थडे गिफ्ट में मिले पैसे, तो ये काम जरूर करें
((चाइल्ड के लिए अभी से करें प्लान, तभी बनी रहेगी उसकी मुस्कान
((बच्चों से है प्यार, तो उनके लिए रखें फाइनेंशियल प्लान तैयार
(('Money मित्र' बनकर दें बच्चों को लाड़-प्यार



(सीनियर सिटीजन के लिए बेस्ट म्युचुअल फंड स्कीम...#ELSS #Balanced Advantage #Liquid Fund
((कितने समय के लिए निवेश करना है, उसके आधार पर जानें बेस्ट म्युचुअल फंड स्कीम
((म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से
((माता-पिता का आर्थिक सहारा बनें म्युचुअल फंड की मदद से, जानें कैसे
((म्युचुअल फंड को आसान बनाने के लिए सेबी का बड़ा फैसला
((म्युचुअल फंड: डायरेक्ट प्लान या रेगुलर प्लान-फायदेमंद कौन?
((वॉरेन बफेट को इंडेक्स फंड पसंद है, कहा, दूसरे निवेश में निवेशक नहीं मैनेजर अमीर बनते हैं
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-1:What Is Mutual Fund
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-1: म्युचुअल फंड क्या है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-2: Investment of Mutual Fund
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-2: म्युचुअल फंड का कहां निवेश होता है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-3:Benefits of Investment in Mutual Fund
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-3: म्युचुअल फंड में निवेश के फायदे
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-4: म्युचुअल फंड में निवेश किसके जरिये करें
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-5: Role of MF Trustee
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-5: म्युचुअल फंड ट्रस्टी की भूमिका
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-6: What Is Asset Management Company
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-6: परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (AMC) का क्या काम है)
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-7: एनएवी क्या है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-7: What is NAV
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-8: ऑफर डॉक्यूमेंट, क्लोज्ड एंडेड फंड के बारे में जानें
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-8: Know about Offer Document, Close Ended Fund
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-10: रिडेंप्शम मूल्य, पुनर्खरीद मूल्य क्या है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-10: What is Redemption&Repurchase Price
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-11: फोलियो नंबर के बारे में जानें
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-11: What is Folio Number
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-12: जानें बैलेंस्ड फंड, फंड ऑफ फंड्स, टैक्स सेवर फंड्स के बारे में
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-12: Meaning of Balance Fund, Fund Of Funds&Tax Saver Fund
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-13: गिल्ट फंड्स, एफएमपी, गोल्ड ईटीएफ क्या है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-13: What is Gilt Funds,FMPs, GoldETFs((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-14:  एनएफओ, एंट्री या फ्रंट लोड,  एग्जिट या बैंकएंड लोड के बारे में जानें
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-14: Know about NFO, Entry or Front Load &
Exit or Back-end Load
((बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में महंगाई विलेन बने, तो क्या करें
म्युचुअल फंड में पैसे लगाएं, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के तनाव से बचें html
((म्युचुअल फंड में पैसे लगाइए, टैक्स बचाइए; जानें क्यों और कैसे होगा फायदा
((म्युचुअल फंड के जरिए फाइनेंशियल प्लानिंग पूरी करें
((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-1
((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-2
(म्युचुअल फंड के जरिए महिलाओं को कैसे मिलेगी आर्थिक आजादी?
((रिटायरमेंट फंड बनाएं, म्युचुअल फंड की मदद से
((What Is FMPs (Fixed Maturity Plans)
एफएमपी (फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स) क्या है
((म्युचुअल फंड कंपनियों की सूची

((टीचर हैं तो क्या हुआ, फाइनेंशियल प्लानिंग करना तो, बनता है बॉस

((डॉक्टर कैसे ठीक रखें फाइनेंशियल सेहत

((शादी की खुशी में फाइनेंशियल प्लानिंग करना कहीं भूल तो नहीं गए

((म्युचुअल फंड के जरिए महिलाओं को कैसे मिलेगी आर्थिक आजादी?

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((म्युचुअल फंड क्या है, इसमें निवेश के 10 फायदे... What is Mutual Fund, 10 Benefiेts of MF Investment

((टैक्स बचत के साथ-साथ बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो ELSS है ना...जानें 7 खास बातें ELSS की

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


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आपके बच्चों को पैसे की समझ स्कूल में नहीं दी जाती है, इसलिए आप ही दीजिए...जानें कैसे
फोटो झारखंड की CDPO कंचन सिंह की फेसबुक वॉल से 
इसमें कोई शक नहीं है कि आप अपने बच्चों को बेहतर पढ़ाई लिखाई के लिए बढ़िया से बढ़िया स्कूल में भेजते हैं, ट्यूशन में भेजते हैं और समय मिल जाए तो ड्राइंग क्लासेस, स्केटिंग क्लासेस, कम्प्यूटर क्लासेस, डांस क्लासेस, स्विमिंग क्लासेस, कराटे क्लासेस बगैरह में भी ले जाते हैं। ये सब तो ठीक है, लेकिन क्या आपने कभी अपने लाड़ले-लाड़ली को पैसे की समझ देने के बारे में कभी  सोचा है? ज्यादातर लोगों का जवाब मेरे हिसाब से 'नहीं' में होगा, क्यों? 

ठीक है, जब हम भी बचपना का लुत्फ उठा रहे थे तो पैसे की अहमियत नहीं मालूम नहीं था। हमें भी हमारे माता-पिता ने बताया था कि मन लगाकर पढ़ो, मेहनत से पढो और अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी कर लो फिर जिंदगी सेट। हमने भी वही किया। पैसे के बारे में नहीं बल्कि ये सब काम हम अच्छी नौकरी के लिए कर रहे थे। लेकिन जब हम बड़े हो गए हैं, हमारे भी बच्चे हो गए हैं तो हमें तो  कम से कम अपने बच्चों को पैसों की अहमियत बताना शुरू कर देना चाहिए।  

तो, क्यों ना ड्राइंग क्लासेस, स्केटिंग क्लासेस, कम्प्यूटर क्लासेस, डांस क्लासेस, स्विमिंग क्लासेस, कराटे क्लासेस की तरह उनके व्यावहारिक तौर पैसों की समझ दी जाए। यह काम बहुत कठिन नहीं है, बल्कि आसान है। अपने बच्चों को तो आप सामान लाने के लिए बोलते ही होंगे, उनको पॉकट खर्च के लिए भी कुछ पैसे देते होंगे, कभी-कभी बिल बगैरह भरने की भी जिम्मेदारी आप उनको सौंप देते होंगे और अब तो डिजिटल लेन-देन बढ़ रहा है, और हमारे बच्चे शायद इन कामों में हमसे ज्यादा बेहतर समझ रखते हैं,  तो फिर उनको पैसों के बारे में जानकारी देने में तो कोई समस्या है ही नहीं। तो, सवाल है इसके लिए क्या किया जाए.....बस आपको इसके लिए तीन काम करने की जरूरत है...

1)अपने बच्चों को वित्तीय जिम्मेदारी (Financial Responsibilities)दीजिए
2)बच्चों के सामने पैसों से जुड़े कामों के संदर्भ में सही उदाहरण पेश करें
3)अगर आपके बच्चों को पहली तनख्वाह मिले, तो उसका सही प्रबंधन करने में उसकी मदद करें
फोटो झारखंड की CDPO कंचन सिंह की फेसबुक वॉल से 

1)अपने बच्चों को वित्तीय जिम्मेदारी (Financial Responsibilities)दीजिए
-यह जरूरी है कि बच्चे भी पैसे की कीमत समझें। उन्हें बताना होगा साधन सीमित हैं। 
-अगर उन्हें आप अपना बजट बनाने की आजादी देते हैं तो वो कई बहुमूल्य सबक सीखेंगे, जैसे-खर्च उतना 
ही करना चाहिए, जितना आपके पैसे हों, उससे ज्यादा नहीं है और गैर-योजनागत खर्च को नजरअंदाज करना। 
-हममें से बहुत सारे लोग पॉकेट मनी या जेब खर्च के रूप में पहली वित्तीय जिम्मेदारी का स्वाद चखते हैं। तो आप जेब खर्च के प्रबंधन के बारे में जानकारी देकर या फिर बच्चों को ही जेब खर्च के प्रबंधन की आजादी देकर 
उनको वित्तीय रूप से जागरूक बना सकते हैं। 

अपने बच्चों में पैसे की समझ विकसित करने का एक और तरीके है कि उनको कुछ पैसे और खास काम  करने की पूरी जिम्मेदारी दे दीजिए।  मसलन, आप अपने बेटे या अपनी बेटी को कुछ पैसे दे दीजिए और  उनसे कह दीजिए कि महीने भर के लंच का इंतजाम इसी पैसे से करना है, अतिरिक्त पैसे नहीं दिये जाएंगे। अगर वो फिजुलखर्ची करते हैं तो उन्हें पहले ही बता दिया जाए कि उनको और पैसे नहीं दिये जाएंगे।  हो सकता है वो इसके लिए कर्ज लें। तो इससे कर्ज प्रबंधन सीखने में भी उनको मदद मिलेगी।  

2)बच्चों के सामने पैसों से जुड़े कामों के संदर्भ में सही उदाहरण पेश करें
-कहा जाता है कि मां-बाप बच्चे के पहले शिक्षक होते हैं और घर पहला पाठशाला होता है।   तो, बच्चों में पैसे की समझ का विकास भी मां-बाप से ही शुरू हो जाता है। तो पैसों को लेकर आप जिस तरह का व्यवहार करते हैं, उसका असर आपके बच्चों पर भी होता है। अगर आप फिजुलखर्ची करते हैं तो उसका थोड़ा-बहुत असर आपके बच्चों पर हो सकता है और वो भी फिजुलखर्ची को पसंद  करने लग जाते हैं। लेकिन, अगर आप संभल-संभल कर पैसा खर्च करें तो अपने बच्चों में भी ये गुण  समाहित हो सकता है। इसलिए आप जब भी कोई वित्तीय फैसला लेते हैं तो संभल-संभलकर लें। 
-पैसे को लेकर आप जो बजट बनाते हैं उसमें अपने बच्चों को भी भागीदार बनाएं। बाजार में कोई  सामान खरीदने जाते हैं, तो साथ में बच्चे को भी ले जाएं। इसके अलावा, कभी-कभी सामान की पूरी  लिस्ट और उसके हिसाब से जरूरी पैसे अपने बच्चों को देकर सामान लाने के लिए भी कह सकते हैं।  अगर पैसे इस दौरान कोई वित्तीय गलती करते हैं तो उन्हें डांटने-फटकारने के बजाय सही-गलत के  बारे में बताएं। अपने बच्चों के साथ पैसे से संबंधित मुद्दों को खुलकर साझा करें। 
-अपने बच्चों में शुरू से ही बचत की आदत डालें। सामान का मोलभाल करना सिखाएं। बचत की आदत डालने के लिए एक उपाय तो ये है कि उनको बहुत जरूरी-जरूरी-कम जरूरी और बेकार की चीजों  के बारे में बढ़िया से समझाएं ताकि आपका बच्चा फिजुलखर्ची ना करे। 

3)अगर आपके बच्चों को पहली तनख्वाह मिले, तो उसका सही प्रबंधन करने में उसकी मदद करें
लीजिये, ये सब सिखाते-सिखाते आपका बच्चा ना जाने कब बड़ा हो गया और अब उसको नौकरी भी  मिल गई। तो जब आपके बच्चे को पहली तनख्वाह मिले, तो उसे बजट बनाने में मदद करें। किसी भी  युवा के लिए पहली नौकरी मिलना उनकी वित्तीय आजादी की तरफ पहला कदम होता है। 

((वित्तीय शिक्षा (फाइनेंशियल एजुकेशन) यानी जिंदगी बिन तुम्हारे अधूरी, वित्तीय शिक्षा के 10 बड़े लाभ
((फौजी अपने बच्चों को फाइनेंशियल फिट कैसे रखें, A,B,C सिखाने जैसा आसान है  
((अपने बच्चों को गिफ्ट में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स देंगे, तो कैसा रहेगा? कई फायदे हैं इसके 
((जब आपके बच्चे को बर्थडे गिफ्ट में मिले पैसे, तो ये काम जरूर करें
अपने बच्चे को उनके बर्थडे गिफ्ट के जरिये पैसों के बारे में जागरूक बनाएं
((अब अपने बच्चों को बिंदास दीजिए बैंकों से जुड़ी जिम्मेदारी
(("दौलतमंद बनने की चाहत है, तो फाइनेंस, इतिहास, केमिस्ट्री, बायोलॉजी को भूल जाएं!"
((चाइल्ड के लिए अभी से करें प्लान, तभी बनी रहेगी उसकी मुस्कान
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(('Money मित्र' बनकर दें बच्चों को लाड़-प्यार 
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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Rajanish Kant मंगलवार, 4 अप्रैल 2017
Money is so important, because...(7 वीं कक्षा की छात्रा द्वारा पैसे पर भेजा गया लेख)

Money is the medium used by people to buy required goods or services. 
It is used as the source to fulfill basic needs as well as source of comfort 
in life. Money is the most important source to live a healthy 
and prosperous life however cannot be compared by the importance
 of love and care. Both have their own importance and benefits. 
We have provided some simply written essay on money to
 help your kids to do better in their essay writing 
competition. This Money Essay are written in simple English so that
 any class of student can easily understand it.

                                       -Anushka Deep, Class VII, Gaya, Bihar

Rajanish Kant बुधवार, 8 मार्च 2017
ALL ABOUT MONEY...(9 वीं की छात्रा द्वारा पैसे पर भेजी गई कविता)
I dreamed I grew a money tree,
outside in my yard.
My job was to take care of it,
and I worked very hard.
I saw that it was watered,
it grew so straight an tall.
And when the money ripened,
I picked it in the fall.
You look good and you know it too,
why no one is as pretty as you?
I bought myself a new car ,
fancy clothes, going to the bar.
High heel shoes,elegant jewels.
Ready to party, no hard rules.
Then people say me:
"Oh honey!...
Why so carelessly are u spending this money?
Then I speak to myself:
"Don't listen to a word they say,
money can't really be that way.
To say money is evil surely can't be true,
at last it is something that we love to use!"

                             - Aastha  Kumari, Class ix, Jabalpur, MP



Rajanish Kant मंगलवार, 7 मार्च 2017
पहली सैलरी मिल गई, तो क्या सिर्फ खर्च की ही योजना बनाएंगे, कई दूसरे जरूरी काम भी हैं...
पहली नौकरी लगी है, तो क्या सारी सैलरी आप खर्च देंगे या फिर बचत, निवेश भी करेंगे  

भला, पहली नौकरी मिल जाए, तो किसे खुशी नहीं होती है। महीने भर काम करने के बाद लीजिए, अब सैलरी भी आ गई। तो, सैलरी के बारे में क्या सोचा आपने। हाथ खोलकर खर्च करेंगे, पार्टी करेंगे, जमकर खरीदारी करेंगे, दोस्तों के साथ कहीं पिकनिक पर जाएंगे...क्यों...यही ना। जी हां, हममें से ज्यादातर लोगों के मन में पहली सैलरी मिलने के बाद शायद इसी तरह के विचार चलते रहते हैं, लेकिन हम भूल जाते हैं कि हमें आने वाले कल के लिए कुछ बचत भी करनी है, उन पैसों का कहीं ना कहीं अच्छे निवेश साधनों में निवेश भी करना है, आपातकालीन और रिटायरमेंट फंड भी बनाना है। 

अगर हम अपनी पहली सैलरी के मिलते ही जिस तरह से खर्च के बारे में सोच लेते हैं उसी तरह अगर बचत, निवेश, इंश्योरेंस, रिटायरमेंट फंड बगैरह के बारे में भी सोच लें, तो कितना अच्छा रहेगा। यानी कल के लिए भी हम आज से ही सोचना शुरू कर दें। तो, चलिए बताते हैं इसके लिए क्या-क्या करना जरूरी है...

1) सबसे पहला काम अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा किसी अच्छी रिटायरमेंट या पेंशन स्कीम में लगाएं। जैसे अगर आपकी कंपनी आपकी सैलरी में से कुछ पैसे काटकर ईपीएफ (Employee Provident Fund-कर्मचारी भविष्य निधि, अक्सर पीएफ के  नाम से पुकारा जाता है) में निवेश करती है तब तो ठीक है। अगर आपकी कंपनी में इसकी व्यवस्था नहीं है, तो पीपीएफ (Public Provident Fund-सार्वजनिक भविष्य निधि ) में जरूर निवेश करें। शुरू में सैलरी कम हो तो सैलरी का 3-4% हिस्सा इसमें निवेश कर दें। जैसे-जैसे सैलरी बढ़ती जाए, पीपीएफ में अपना हिस्सा बढ़ाते जाएं। मसलन, पहले साल अगर कुल सैलरी का 3-4% निवेश किया तो उसके अगले साल उसे बढ़ाकर सैलरी का 5-6% कर सकते हैं। जानकारों के मुताबिक, ज्यादा से ज्यादा कुल सैलरी का 10 % हिस्सा ईपीएफ या पीपीएफ में निवेशित होना चाहिए। ये फंड आपके  रिटायरमेंट के बाद काम आएंगे। 


2)दूसरा काम कीजिए कि अपनी आमदनी और अपने खर्चों पर नजर रखें यानी कैश प्लो पर ध्यान रखें। आपका फाइनेंशियल सफर तभी सुहाना होगा,जब आपकी आमदनी ज्यादा और आपके खर्च कम होंगे। मतलब हर हाल में आपके हाथ में पैसे ज्यादा होने चाहिए। आमदनी और खर्च पर नजर रखने का सबसे बढ़िया उपाय है कि आप अपने घर का बजट बनाएं। अपनी आमदनी और अपने खर्च को एक डायरी पर नोट करें। इससे आपको अपने कैश प्लो का अंदाज रहेगा। फाइनेंशियल प्लानिंग भी साथ-साथ लिखते चलें। याद रखें अगर खर्च आमदनी से ज्यादा है तो या तो खर्च में कटौती करें या फिर ज्यादा कमाई के लिए कोई दूसरा काम करें। 

वैसे बाजार में कई एप्स भी मौजूद हैं जो आपके खर्चों पर नजर रखने काम कर सकते हैं। अगर आप ज्यादा खर्च करने लगेंगे तो ये एप्स आपको आगाह करेंगे। इस तरह से आप अपने खर्च को काबू में रख सकते हैं। कुछ एप हैं-AndroMoney, Monefy, Money Lover, Mvelopes, Money View,Officetime,Good Budget,Wally, Mint, HomeBudgetआदि


3) कर्ज कम करें: हो सकता है पढ़ाई करते समय आपने स्टूडेंट लोन या विद्यार्थी ऋण लिया हो, या फिर आपके ऊपर क्रेडिट कार्ड का कर्ज या फिर मेडिकल बिल का बकाया हो, इनको भी खत्म करने या कम करने के लिए प्लान तैयार करें। जानकार एक बार में ही कर्ज या बकाया चुकाने की सलाह नहीं देते हैं। इसके बदले उन बकायों या कर्ज की प्राथमिकता तय कर उसे धीरे-धीरे खत्म करने की बात कहते हैं। प्राथमिकता तय करने के लिए जानकार दो उपायों का सुझाव  देते हैं....पहला, ज्यादा ब्याज दर वाले  कर्ज या बकाए को पहले स्थान पर रखते हुए उनकी लिस्ट बनाना  (मतलब सबसे ज्यादा ब्याज दर वाला सबसे ऊपर,उससे कम वाला उसके नीचे और उससे भी कम ब्याज वाला उससे नीचे) और दूसरा सबसे कम लोन या बकाए को सबसे पहले रखकर लिस्ट बनाएं (मतलब,  सबसे पहले सबसे कम कर्ज या बकाए को रखें उसके बाद उससे कम वाले बकाए या कर्ज को रखें और फिर उससे भी कम वाले कर्ज या बकाए को रखें) कर्ज या बकाया चुकाएं।  इसमें से जो तरीका आपको बेहतर लगे उसे अमल में लाएं। 

4)अब भविष्य की खरीदारी के लिए बचत करने का लक्ष्य तय करें:  आप अपने पैसे आज ही खर्च कर डालेंगे, तो कल की जरूरत कैसे पूरी होगी। इसलिए आने वाले दिनों के लिए भी फाइनेंशियल प्लान आज ही तैयार कर लें और उसके लिए निवेश करना शुरू कर दीजिए। जैसे, घर खरीदने के लिए डाउन  पेमेंट का इंतजाम करना, अपनी शादी करना, कार खरीदना, विदेश घूमने जाना बगैरह-बगैरह। अपने फाइनेंशियल प्लान तीन अवधि छोटी, मध्यम और दीर्ध अवधि में बांटकर तैयार कर सकते हैं। 


5)आपातकालीन फंड (Emergency Fund)बनाइए: जिंदगी में सबकुछ हमारी योजना के मुताबिक नहीं होता है। कई बार अचानक दूसरा काम पड़ जाता है और उसके लिए अतिरिक्त पैसों की जरूरत पड़ती है। मसलन, कोई हादसा होना, कोई गंभीर बीमारी होना बगैरह। ऐसे कामों के लिए आपातकालीन फंड बनाना जरूरी है। ध्यान रहे इस फंड को आपात स्थिति में इस्तेमाल करना चाहिए। 
6) जरूरत के मुताबिक इंश्योरेंस पॉलिसी लें:  अपनी सैलरी में से कुछ पैसे इंश्योरेंस के लिए भी बचाकर रखें। इसमें लाइफ इंश्योरेंस के साथ-साथ मेडिकल इंश्योरेंस भी जरूरी है। इंसान की जिंदगी में एक तरफ अनिश्चतता बढ़ गई है तो दूसरी ओर इलाज करवाना लगातार महंगा होता जा रहा है। 
7) अपने फाइनेंशियल प्लान, बचत, निवेश की समय-समय पर समीक्षा करें। आपने जो रिटायरमेंट फंड बनाया है, आपातकालीन फंड बनाया है, भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लान तैयार किया है, उसकी समय-समय पर समीक्षा करें। अगर उसमें कोई फेर-बदल करने की जरूरत आप महसूस कर रहे हैं तो फेर-बदल करना अच्छा रहेगा। 
((आपका 'Money Time' क्या है ?
((मनी मित्र: वित्तीय सफर का भरोसेमंद साथी MoneyMitra: A Reliable Friend of Your Financial Journey
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(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
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((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
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Rajanish Kant मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017