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EPFO Higher Pension: ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने के लिए और ज्यादा समय मिला, जानिये नई डेडलाइन




EPFO ने ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने के लिए एक बार फिर से डेडलाइन बढ़ा दी है। पहले तीन मई तक ये विकल्प चुनना था, जिससे बढ़ाकर 26 जून किया गया और अब इसे तीसरी बार बढ़ाकर 11 जुलाई कर दिया गया है। 




इस स्कीम के तहत सभी पात्र व्यक्तियों को अपने आवेदन दाखिल करने में कोई दिक्कत ना हो, इसलिये डेडलाइन बढ़ाई गई है। ईपीएफओ ने डेडलाइन बढ़ाने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी। 

आपको बता दूं कि EPFO ने 4 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पेंशभोगियों या सदस्यों से विकल्प या संयुक्त विकल्प के सत्यापन के लिए आवेदन लेने की व्यवस्था की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जो कर्मचारी 1 सितंबर 2014 से या पहले या 1 सितंबर 2014  तक ईपीएफ का हिस्सा था, लेकिन उन्होंने ज्यादा पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं, वे चार महीने के भीतर ज्यादा पेंशन विकल्प के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद डेडलाइन बढ़ाकर 3 मई 2023 और फिर 26 जून 2023 और अब 11 जुलाई 2023 कर दी गई है। 


('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





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Rajanish Kant मंगलवार, 27 जून 2023
नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छी खबर #PF #EPF
अगर आपकी सैलरी से पीएफ कटता है तो आपके लिए अच्छी खबर है। सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पीएफ पर ब्याज दर में बढ़ोतरी कर दी है। 2017-18 में जहां 8.55 प्रतिशत ब्याज तय किया गया था वहीं 2018-19 में इसे बढ़ाकर 8.65 प्रतिशत कर दिया गया है। 

वित्त वर्ष             सालाना ब्याज (%)
2013-14                    8.75
2014-15                   8.75
2015-16                 8.80
2016-17                8.65
2017-18                8.55
2018-19                8.65

सरकार के इस फैसले से करीब 6 करोड़ लोगों को फायदा होगा। आपको बता दूं कि सरकार हर साल पीएफ पर ब्याज दर की समीक्षा करती है। 

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


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Rajanish Kant शनिवार, 27 अप्रैल 2019
जिनका PF कटता है उनके लिए अच्पछी खबर
रिटायरमेंट संगठन ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पीएफ पर 8.65 प्रतिशत सालाना ब्याज देने का फैसला किया है। वित्त वर्ष 2017-18 में 8.55 प्रतिशत सालाना ब्याज दिया गया। इससे 6 करोड़ पीएफ अकाउंट होल्डर को फायदा होने की उम्मीद है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने इसकी जानकारी दी। 

हालांकि, ईपीएफओ का ये प्रस्ताल अभी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पास जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद ही पीएफ पर वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलना शुरू होगा। 

(सौ. पीटीआई भाषा)
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


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Rajanish Kant गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019
नये साल में पीएफ खाताधारकों को मिल सकता शेयरों में निवेश घटाने-बढ़ाने का विकल्प
कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) नये साल में अपने अंशधारकों को अपने कोष से शेयर बाजार में किए जाने वाले निवेशको बढ़ाने या घटाने का विकल्प दे सकता है। 

ईपीएफओ इसके अलावा कई अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ और कोष के प्रबंधन के डिजिटल साधन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करा सकता है।

वर्तमान में ईपीएफओ खाताधारकों के जमा का 15 प्रतिशत तक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करता है। इस मद में अब तक करीब 55,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। 

हालांकि, ईटीएफ में किया गया निवेश अंशधारकों के खाते में नहीं दिखाई देता है और न ही उनके पास अपनी भविष्य की इस बचत से शेयर में निवेश की सीमा बढ़ाने का विकल्प है। 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अब एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है जो कि सेवानिवृत्ति बचत में नकदी और ईटीएफ के हिस्से को अलग-अलग दिखाएगा। वर्तमान में खाते में सिर्फ बचत दिखाई देती है जिसमें नकदी और ईटीएफ समेत अन्य घटक शामिल होते हैं।

एक बार जब आपके ईपीएफ खाते में नकद और ईटीएफ का हिस्सा अलग-अलग दिखने लगेगा तो ईपीएफओ का अगला कदम अंशधारकों को शेयर में निवेश बढ़ाने या घटाने का विकल्प देना होगा। 

इस साल की शुरुआत में ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय इकाई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने अंशधारकों को शेयर निवेश सीमा को अधिक या कम करने की सुविधा उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाशने का सुझाव दिया था। 

(सौ. पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant सोमवार, 31 दिसंबर 2018
PF, PPF, GPF में अभी कितना ब्याज है, क्या आप निवेश कर सकते हैं

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Rajanish Kant बुधवार, 7 नवंबर 2018
PF से मैच्योरिटी से पहले किस-किस काम के लिए कैसे पैसे निकालें

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Rajanish Kant शुक्रवार, 20 जुलाई 2018
खुद से 5 मिनट में 5 तरीकों से PF बैलेंस कैसे चेक करें

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Rajanish Kant सोमवार, 9 जुलाई 2018
आपकी सैलरी में से PF कटता है तो आपके लिए जरूरी खबर
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO: Employee Provident Fund Organisation) ने आज हुई अपनी बैठक में कई अहम फैसले लिये। आइये देखते उन फैसलों से आपको कितना नफा या नुकसान होगा...

EPFO के फैसले:
1) EPFO के सदस्य (जिनका पीएफ कटता है) एक महीने तक बेरोजगार रहने के बाद अपने कुल फंड का 75 प्रतिशत हिस्सा निकाल सकते हैं, बाकी EPFO के पास रहने दे सकते हैं ताकि एक महीने के बाद अगर फिर से नौकरी लग जाए, तो उस पीएफ अकाउंट को आगे भी जारी रखा जा सकता है। 

2) EPFO के सदस्य (जिनका पीएफ कटता है) बाकी का 25 प्रतिशत पैसा दो महीने तक बेरोजगार रहने के बाद निकालकर अपने पीएफ अकाउंट का अंतिम सेटलमेंट कर सकते हैं।  Employee Provident Fund Scheme 1952 में ये नए प्रावधान किये गए हैं। 

3) मौजूदा नियम के मुताबिक, कोई भी पीएफ अकाउंट होल्डर दो महीने तक बेरोजगार रहने के बाद अपना पूरा पैसा निकालकर पीएफ अकाउंट का अंतिम सेटलमेंट कर सकता है। 

4) हालांकि, इस बैठक में एक महीने तक बेरोजगार रहने पर पीएफ अकाउंट होल्डर द्वारा अपने कुल फंड का 60 प्रतिशत पैसा निकालने का ही प्रस्ताव किया गया था, लेकिन केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने, जो कि पीएफ के संबंध में फैसला लेने वाला सबसे बड़ा विभाग है, इस सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है। 

5) इस बैठक में मौजूदा दो  ETF (Exchange Traded Funds) मैन्युफैक्चरर्स SBI Mutual Fund और UTI Mutual Funds को एक जुलाई 2019 तक विस्तार  दिया गया है। पहले उनकी समय सीमा 31 दिसंबर 2018 तक थी। 

6) इसके 5 फंड मैनेजरों- SBI, ICICI Securities Primary Dealership, Reliance Capital, HSBC AMCऔर  UTI AMC को फंड का प्रबंधन करने के लिए और समय दिया गया है। इन पांच फंड मैनेजर्स को फंड मैनेज करने के लिए एक अप्रैल 2015 को तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था। अब इनकी समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2018 कर दी गई है। 

7) सीबीटी ने इस बैठक में पोर्टफोलियो मैनेजर्स के चयन के लिए सलाहकार नियुक्त करने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। 

8)बैठक में फंड मैनेजरों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने करने वाले मौजूदा सलाहकार  Crisil की समयावधि 31 दिसंबर 2018 तक बढ़ा दी गई है। 

9) बैठक में श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने जल्द ही ईपीएफ के ईटीएफ निवेश को एक लाख करोड़ के पार पहुंच जाने की उम्मीद जताई है। मई 2018 के अंत तक इस ईटीएफ में 47,431.24 करोड़ रु. का निवेश किया गया है और 16.07 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। 

10) ईटीएफ निवेश का दायरा बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को नए फंड मैनेजर्स की नियुक्ति तक टाल दिया गया है। फिलहाल निफ्टी 50 और सेंसेक्स ईटीएफ में निवेश किया जाता है। 




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Rajanish Kant मंगलवार, 26 जून 2018