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भारत में जल्द मुमकिन होगी एक्सचेंज के जरिये हाजिर (स्पॉट) सोने की खरीद-बिक्री करना
अगर अभी आप हाजिर में सोना खरीदने या बेचने जाते हैं तो आपको जूलरी के यहां जाना पड़ता है। इसके लिए अभी तक हमारे यहां कोई एक्सचेंज नहीं है, जहां पर नियमों के मुताबिक, जूलरी, रिटेलर्स, रिफाइनर्स और बैंक फिजीकल सोने की खरीद-बिक्री कर सकें। 

अभी हमारे यहां मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) तो हैं लेकिन इन पर केवल फ्यूचर गोल्ड में कारोबार होता है, स्पॉट फिजीकल गोल्ड में नहीं। एक्सचेंज के जरिये स्पॉट फिजीकल गोल्ड में ट्रेडिंग का मतलब हुआ कि आपने कैश दिया और सोना लिया  या फिर आपने सोना बेचा और हाथों-हाथ उसके पैसे ले लिये और ये सारा कुछ एक्सचेंज के जरिये हुआ। चीन में एक्सचेंज के जरिये जूलरी, रिटेलर्स, रिफाइनर्स और बैंक को फिजीकल सोने की खरीद-बिक्री करने की सुविधा मिली हुई है। 

अब भारत में वैश्विक स्वर्ण परिषद (World Gold Council-WGC) समर्पित स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज के लिए सक्रिय हुआ है। काउंसिल ने एक कमिटी गठित करने की बात कही है जो भारत में अगले एक से डेढ़ साल में स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना में मदद करेगी। एक्सचेंज का कहना है कि इससे सोने की मानक कीमत को लेकर एकरूपता और सोने के हाजिर बाजार में पारदर्शिता आने की उम्मीद है। पूरी संभावना है कि इस साल के अंत तक यह कमिटी गठित हो जाएगी। भारत सरकार ने 2015 में स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना के बारे पहली बार सोचा था। 

Rajanish Kant गुरुवार, 28 सितंबर 2017
भारत में सोने की मांग पहली तिमाही में 15 प्रतिशत बढ़कर 123.5 टन: गोल्ड काउंसिल

भारत में एक बार फिर सोने की मांग में तेजी का रख बना है। कैलेंडर वर्ष 2017 की पहली तिमाही :जनवरी से मार्च: अवधि में सोने की मांग 15 प्रतिशत बढ़कर 123.5 टन पर पहुंच गई। विश्व स्वर्ण परिषद :डब्ल्यूजीसी: ने यह आंकड़ा जारी किया है।


डब्ल्यूजीसी के मुताबिक भारत में सोने की मांग बढ़ने से स्वर्ण उद्योग में उम्मीद जगी है। पिछले साल जनवरी से मार्च 2016 अवधि में देश में 107.3 टन सोने की मांग रही थी। आभूषण उद्योग में उत्पाद शुल्क लगाये जाने से पिछले साल आभूषण व्यापारियों की हड़ताल से कारोबार प्रभावित हुआ था।



डब्ल्यूजीसी की ‘पहली तिमाही स्वर्ण मांग रझान’ पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2017 की पहली तिमाही में मूल्य के लिहाज से सोने की मांग 18 प्रतिशत बढ़कर 32,420 करोड़ रपये हो गई जो कि पिछले साल 27,540 करोड़ रपये रही थी।



डब्ल्यूजीसी भारत प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम पीआर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘2017 की पहली तिमाही में सोने की मांग 15 प्रतिशत बढ़ी है, मांग में यह वृद्धि हालांकि पिछले साल के निम्न आधार की वजह से दर्ज की गई है, पिछले साल उत्पाद शुल्क लगाये जाने से आभूषण विक्रेताओं की हड़ताल से कामकाज प्रभावित हुआ था। मांग में आई इस वृद्धि से स्वर्ण उद्योग में उम्मीद जगी है और इससे उद्योग की मजबूती के बारे में संकेत मिलता है। स्वर्ण उद्योग वर्ष 2013 से कुछ कड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।’’

(स्रोत- भाषा)

Rajanish Kant गुरुवार, 4 मई 2017