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जीएसटी-पंजीकृत कंपनियों के लिए कुछ जरूरी बातें, जिसे हमेशा ध्यान में रखना चाहिए
आप वस्तु या सेवा का कारोबार करते हैं और जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (वस्तु व सेवा कर) नेटवर्क से आपने पंजीकरण करवा लिया है या फिर करवाने की सोच रहे हैं, तो कुछ खास-खास बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। इससे आपका काम आसान हो जाएगा। चुकि जीएसटी नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है तो इस समझने में, इसका अनुपालन करने में शुरुआत में कुछ दिक्कत आ सकती है। लेकिन, अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो जीएसटी का काम काफी हद तक आसान हो जाएगा। 

-सबसे पहले, आप यह देखें कि जिस भी वस्तु या सेवा का कारोबार कर रहे हैं,  उस पर जीएसटी लागू होता है या नहीं। जीएसटी से मुक्त वस्तु और सेवाओं की लिस्ट से आपको इसके बारे में जानकारी मिल जाएगी। इससे यह भी पता लग जाएगा, कौन-कौन सी वस्तुएं और सेवाएं जीएसटी के दायरे में हैं। आपको बता दें कि कोई करदाता अगर भारत में बनी वस्तु या सेवाओं का कारोबार करता है और आयात करता है, उसपर जीएसटी लागू होगा।  

-दूसरी बात यह जानना जरूरी है कि जब भी कोई लेन-देन होता है, उसमें जीएसटी का भुगतान कौन करेगा। आमतौर, आपूर्तिकर्ता या सप्लायर्स जीएसटी के भुगतान के लिए जिम्मेदारी है। लेकिन, इस नियम के कई अपवाद भी हैं। जैसे, अगर आप किसी ऐसी कंपनी से सामान खरीदते हैं, जो जीएसटी के साथ पंजीकृत नहीं है, तो आपको स्वयं इनवॉयस बनाना पड़ेगा और रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर का भुगतान करना पड़ेगा। ऐसी वस्तु और सेवाओं के आयातकों को भी जीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा। इस मामले में, ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स को अपनी वेबसाइट के जरिये सामान या वस्तु बेचने वालों की तरफ से एक प्रतिशत टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (टीसीएस) का भुगतान करना पड़ेगा। 

-अगर आप वस्तु या सेवा की आपूर्ति करते हैं, तो उस पर जीएसटी चार्ज करें। जीएसटी पंजीकृत कंपनियों को चाहिए कि जीएसटी दायरे वाली वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर मौजूदा दर के हिसाब से चार्ज लगाएं। इसके लिए काम को और आसान बनाने के लिए वस्तुओं या सेवाओं को नामकरण की हॉर्मोनाइज्ड सिस्टम  का इस्तेमाल कर उसका वर्गीकरण कर सकते हैं। इस सिस्टम के जरिये जिस जिन वस्तुओं या सेवाओं का कारोबार होता है  उसके नाम और संख्या के हिसाब से  वर्गीकृत करते हैं। 

-समय पर जीएसटी रिटर्न फाइल करें-जीएसटी पंजीकृत कंपनियों के लिए समय पर और सही सही जीएसटी रिटर्न फाइल करना सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।  जीएसटी पंजीकृत कंपनियों को समय-समय पर जीएसटी नेटवर्क (GSTN) से इस बारे में इलेक्ट्रॉनिक रूप में जानकारी मिलती रहेगी। आपको हर महीने, हर
तिमाही और सालाना जीएसटी रिटर्न फाइल करना जरूरी है।  31 दिसंबर तक सालाना रिटर्न फाइल करना जरूरी है।  जीएसटी रिटर्न ठीक तरह से पूरा-पूरा भरें। अधूरा रिटर्न अमान्य माना जाएगा। 

-जीएसटी का भुगतान करें और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करें- वस्तु या सेवा की आपूर्ति के समय ही जीएसटी चार्ज करें और वसूलें। इसे आउटपुट टैक्स कहते हैं। इसे सरकार को जीएसटी नेटवर्क (GSTN) के जरिये देना होता है। आपके द्वारा वस्तु या सेवाओं की खरीदारी या फिर आयात पर जो जीएसटी का  भुगतान किया जाता है, उसे इनपुट टैक्स कहते हैं। यानी जो जीएसटी आप चार्ज करते हैं और वसूलते हैं, वह आउटपुट टैक्स कहलाया है और जो जीएसटी आप भुगतान करते हैं, वह इनपुट टैक्स कहलाता है। अगर आपकी कंपनी को लगता है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट ( ITC) के दावा के लिए आपकी कंपनी योग्य है, तो बिना देर किए आईटीसी के लिए दावा करें। 

-बिजनेस और लेखा रिकॉर्ड्स को ठीक से संभालकर रखें-कम से कम 5 साल के अपने बिजनेस और लेखा रिकॉर्ड्स को ठीक से संभालकर रखें। इसे इलेक्ट्रॉनिक  फॉर्म में रखें। किसी कारणवश अगर आपका कारोबार बंद हो जाता है या फिर जीएसटी से उसका पंजीकरण समाप्त हो जाता है, वैसी स्थिति में भी बिजनेस और लेखा 
रिकॉर्ड्स को संभालकर रखना चाहिए। 

-जीएसटी प्राधिकरण को जानकारी देते रहें- अगर आपके बिजनेस में कोई बदलाव होता है, तो 30 दिनों के भीतर जीएसटी प्राधिकरण को इसकी सूचना दें। मानलिया. आपकी कंपनी के पंजीकृत पते में बदलाव हो या फिर मेलिंग एड्रेस में किसी तरह का परिवर्तन हो। इसके अलावा, कंपनी के नाम या कंपनी के संविधान या फिर कंपनी की ओनरशिप में भी कोई बदलाव हो सकता है।

-जीएसटी से पंजीकरण रद्द होने की स्थिति में अपने खातों को अपटूडेट रखें-जब आपका जीएसटी पंजीकरण रद्द हो, तो पंजीकरण के आखिरी दिन आपके कारोबार से जुड़े एसेट का लेखा-जोखा एकदम दुरुस्त होना चाहिए। एसेट में इंवेंटरीज, फिक्स्ड एसेट, नॉन-रेसिडेंसियल प्रॉपर्टीज और अलग-अलग जीएसटी स्कीम्स के तहत आयातित वस्तुएं शामिल हैं।   

ये तो रही कुछ खास बातें, जो कि जीएसटी पंजीकृत कंपनियों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए। 
((GST: किस वस्तु और सर्विस पर कितना जीएसटी लगेगा, पूरी लिस्ट देखिये
http://www.cbec.gov.in/resources//htdocs-cbec/gst/chapter-wise-rate-wise-gst-schedule-18.05.2017.pdf
http://www.cbec.gov.in/resources//htdocs-cbec/gst/gst-compensation-cess-rates-18.05.2017.pdf




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Rajanish Kant सोमवार, 19 जून 2017