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आम बजट 2017-18: जानिए कहां निवेश कर ज्यादा टैक्स बचाएं और कैसे बढाएं टेक होम सैलरी
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए बजट पेश हो चुका है। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स के प्रावधानों में भी कुछ बदलावों की घोषणाएं कीं। ऐसे में आपको जानना जरूरी है कि नए प्रावधानों के तहत आप अपनी टेक होम  सैलरी कैसे बढ़ा सकते हैं। तो चलिए आगे देखते हैं, कैसे और कहां बचा सकते हैं टैक्स और कैसे बढ़ा सकते हैं टेक होम सैलरी... (लेख- नवभारत टाइम्स से साभार)

((आम बजट 2017-18: इनकम टैक्स से जुड़े आपके हर सवाल का जवाब यहां मिलेगा, जानें टैक्स बचाने के लिए आप कहां-कहां निवेश करें     
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सेक्शन 80C: 1.50 लाख की बचत
इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C में खास तरह के निवेश या खर्चों को आय कर से छूट मिला है। कुछ आम निवेश से इस प्रावधान का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है। इससे आपकी टेक होम सैलरी बढ़ जाएगी।

1. प्रविडेंट फंड (पीएफ) में आपके हिस्से का योगदान टैक्स फ्री।
2. निर्धारित संस्थानों से लिए हाउजिंग लोन का मूलधन।
3. पब्लिक प्रविडेंट फंड (पीपीएफ) अकाउंट में हर साल 500 रु. से 1.5 लाख रुपये तक डाल सकते हैं।
4. दो बच्चों के ट्युइशन फी (प्राइवेट ट्युइशन नहीं) को I-T रिटर्न में दिखाएं।
5. खुद, पत्नी/पति और बच्चों के लाइफ इंशूरंस के प्रीमियम भी टैक्स फ्री।
6. खुद, पत्नी/पति और बच्चों के यूनिट-लिंक्ड इंशूरंस प्लान (यूलिप) में निवेश।
7. पोस्ट ऑफिसों के जरिए नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (एनएससी) योजनाओं में निवेश।
8. किसी नोटिफाइड स्कीम के तहत बैंक में या पोस्ट ऑफिस में 5 साल तक के लिए सावधि जमा।
9. अपनी दो बेटियों के नाम पर सुकन्या समृद्धि खाते खुलवा कर हर साल 1.5-1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं।

अगर आपकी बेसिक सैलरी 1 लाख रुपये प्रति माह से ज्यादा है तो 80C के तहत निवेश की सीमा का ज्यादातर हिस्सा पीएफ में ही इस्तेमाल हो जाएगा।

सेक्शन 80C से हटकर बचत
-नैशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत सैलरी का 10% या स्वरोजगार में लगे लोग कुल आय के 20% एनपीएस में निवेश कर सकते हैं। शर्त यह है कि निवेश की सालाना राशि 1.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ध्यान रहे कि 1.5 लाख रुपये की सीमा सेक्शन 80C के तहत निवेश की रकम को शामिल कर है। इसके अतिरिक्त 50,000 रुपये तक का डिडक्शन भी उपलब्ध है। साथ ही, आपका एंप्लॉयर आपकी सैलरी का 10% हिस्सा एनपीएस में डाल सकता है। वह 10 प्रतिशत राशि कितनी भी हो सकती है, इसकी कोई सीमा नहीं है।
-आवास ऋण पर ब्याज
जिस वित्त वर्ष में होम लोन लिया, उस वित्त वर्ष के आखिर से पांच साल के अंदर मकान तैयार हो गया और आप उसमें रहने लगे या उसे किराए पर लगा दिया तो होम लोन पर लग रहे ब्याज में से हर साल 2 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट पा सकते हैं।

-शिक्षा ऋण पर ब्याज
एजुकेशन लोन पर कोई सीमा नहीं है। यानी, आप जितना भी एजुकेशन लोन लेंगे, उस पर चुकाया जाने वाले पूरे के पूरे ब्याज पर आप टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।

-जमा रकम पर ब्याज
बैंक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट में जमा रकम पर 10 हजार रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री है। लेकिन,  सावधि जमा (एफडी) के मामले में सिर्फ टैक्स छूट वाली सावधिजमा स्कीम के ब्याज पर कोई टैक्स छूट मिलेगी, वो भी 10 हजार रुपए तक ब्याज पर।

-मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम
60 साल से कम उम्र के होने पर खुद या पति/पत्नी के मेडिकल इंश्योरेंस प्लान पर 25,000 रुपये तक और 60 साल से ज्यादा उम्र के होने पर 30,000 रुपये तक पर टैक्स छूट पा सकते हैं। अगर आपने माता-पिता के लिए मेडिकल इंश्योरेंस लिया है तो आपको उपरोक्त उम्र सीमा के मुताबिक अतिरिक्त 25,000 या 30,000 रुपये
 तक पर टैक्स छूट पा सकते हैं। लेकिन, आपने अपने पति या अपनी पत्नी के माता-पिता के लिए इंश्योरेंस प्लान लिया है तो कोई लाभ नहीं मिलेगा। प्रिवेंटिव चेक-अप पर 5,000 रुपये तक पर टैक्स छूट। भले ही आपने यह रकम कैश में चुकाई हो। हालांकि, यह रकम कुल मेडिकल इंश्योरेंस में जुट जाएगा। यानी, यह 25,000 या 30,000 की सीमा के अतिरिक्त नहीं है।

-दान
परिस्थितियों के मुताबिक, दान की पूरी या आधी रकम पर टैक्स छूट का फायदा मिल सकता है। पूरी रकम पर छूट मिलेगी या आधी पर, यह इस बात से तय होगा कि आपने दान किसको दिया। 2,000 रुपये से ज्यादा का नकदी दान किया तो कोई लाभ नहीं मिलेगा।

-गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्चा
खुद या डिंपेंडेंट्स को ऐड्स या घातक कैंसर हो तो इन बीमारियों के इलाज पर 40,000 रुपये (60 साल से ऊपर के लिए 60,000 रुपये और 80 साल से ऊपर के लिए 80,000 रुपये) तक का टैक्स छूट पा सकते हैं।

-दिव्यांगता संबंधी टैक्स छूट
सामान्य दिव्यांगों के पुनर्वास, इलाज या सेल्फ ट्रेनिंग, उनके पति/उनकी पत्नी, बच्चों, माता-पिता या भाई-बहन पर खर्च में 75,000 रुपये (गंभीर रूप से दिव्यांगों को 1,25,000 रुपये) पर टैक्स छूट का फायदा। छूट का दावा दिव्यांग जन खुद या उनके परिजन कर सकते हैं।

-80C के अलावा 85,500 रुपये की बचत
इस तरह आप सेक्शन 80C के तहत निवेश/खर्चों को छोड़कर कर योग्य आय पर 30% तक टैक्स बचा सकते हैं। 50,000 रुपये एनपीएस में डालकर, उम्र सीमा के मुताबिक 25,000 से 30,000 रुपये मेडिकल इंश्योरेंस पेमेंट पर, बैंक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट की रकम पर 10,000 रुपये तक ब्याज पर और हाउजिंग लोन रीपेमेंट में ब्याज पर 2 लाख रुपये तक। गौरतलब है कि टैक्स में सरचार्ज और सेस शामिल नहीं है।

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Rajanish Kant बुधवार, 15 फ़रवरी 2017