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म्युचुअल फंड निवेशक एसटीपी (STP), एसडब्लूपी (SWP) तरीकों का फायदा उठायें, जानें कैसे

म्युचुअल फंड में निवेश के संदर्भ में एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लांस की चर्चा तो आप अक्सर सुनते होंगे। एसआईपी के अलावा भी म्युचुअल फंड्स के अलग-अलग स्कीम में निवेश करने के लिए सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लांस यानी एसटीपी, सिस्टमैटिक विद्ड्राअल प्लांस यानी एसडब्लूपी, टार्गेट इन्वेस्टमेंट प्लान यानी टीआईपी जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर फायदा उठा सकते हैं।  हम आपको बताने जा रहे हैं कि एसटीपी और एसडब्लूपी आपके लिए कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है...

>STP कैसे काम करता है:
-निवेशकों के कुल निवेश का कुछ पैसा धीरे-धीरे करके एक स्कीम से दूसरे स्कीम में ट्रांसफर करने में मदद करता है। ज्यादातर मामलों में किसी भी फंड हाउस की डेट स्कीम से इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर। 
-निवेशकों को पहले डेट फंड में पैसे लगाने की अनुमति मिलती है जहां एसटीपी अवधि के दौरान बचत बैंक खाते से ज्यादा रिटर्न मिलता है 
-मार्केट की टाइमिंग और एक खास अवधि के दौरान बाजार में भारी उठा-पटक को नजरअंदाज करने में मदद 

>किस समय STP ज्यादा उपयोगी होता है:
-बाजार जब काफी ऊंचाई पर कारोबार कर रहा हो, या फिर इसका वैल्यूएशन काफी महंगा हो या फिर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव है, तो ऐसे में आप किसी डेट स्कीम में एकमुश्त रकम (Lump Sum) पैसे लगा दें और फिर उसमें से छोटी-छोटी रकम को धीरे-धीरे इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करें
-अगर आपका अतिरिक्त पैसा बचत बैंक खाते में यूं बेकार पड़ा हुआ है तो आप किसी अच्छी डेट स्कीम में एकमुश्त पैसा लगा सकते हैं और फिर उसमें से छोटी-छोटी रकम को धीरे-धीरे इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर कर सकते हैं यानी एसटीपी करा लें। 
-आप किसी भी फंड हाउस की इक्विटी स्कीम से  डेट स्कीम में भी एसटीपी शुरू कर सकते हैं। यानी इक्विटी स्कीम में एकमुश्त पैसा लगा दीजिए और फिर उसमें से छोटी-छोटी रकम को धीरे-धीरे डेट स्कीम में ट्रांसफर करें। ऐसा तब करना सही होगा जब आप अपने फाइनेशियल लक्ष्य को हासिल करने के एकदम करीब पहुंचने वाले होंगे। 

> STP के प्रकार:
-फिक्स्ड एसटीपी(Fixed STP): एक फंड से दूसरे फंड में निश्चित अंतराल पर एक निश्चित रकम का ट्रांसफर
-पूंजी अधिमूल्यन एसटीपी ( Capital Appreciation STP):एक फंड से दूसरे फंड में निश्चित अंतराल 
पर फंड पर मिले रिटर्न या फंड के बढ़े हुए वैल्यू का ट्रांसफर 
-फ्लेक्सी एसटीपी (Flexi STP): एक फंड से दूसरे फंड में ट्रांसफर की जाने वाली रकम बाजार की स्थिति पर
पर निर्भर करती है। मतलब, मार्केट के गिरने-चढ़ने का असर आपके द्वारा ट्रांसफर होने वाली रकम पर पड़ता है। इसके तहत एक फंड से दूसरे फंड में ट्रांसफर निश्चित अंतराल पर निश्चित तारीख को कम या ज्यादा हो सकती है। 

>STP कैसे कराएं:
-पहले फंड हाउस, दोनों तरह के फंड स्कीम का चुनाव कर लें
-फिर एसटीपी फॉर्म भरें। अलग-अलग प्लांस, स्कीम्स और ऑप्शंस के लिए
अलग-अलग फॉर्म भरें
-जिस स्कीम में फंड ट्रांसफर करना चाहते हैं उस स्कीम का जिक्र करें
-उस अंतराल की जानकारी दें,जितने अंतराल पर फंड ट्रांसफर करना 
चाहते हैं जैसे-मासिक, तिमाही बगैरह
-एसटीपी शुरू करने और बंद करने की तारीख की जानकारी दें
-साथ ही उस तारीख का भी जिक्र करें जिस तारीख को आपके 
एक फंड से दूसरे फंड में पैसे ट्रांसफर करना है
-निश्चित अंतराल पर निश्चित तारीख को जितनी रकम ट्रांसफर करवाना 
चाहते हैं, उस रकम का जिक्र करें
-एसटीपी बंद करने की तारीख तक या फिर फंड में पैसे खत्म होने तक 
एक फंड से दूसरे फंड तक रकम ट्रांसफर होती रहेगी

>STP के बारे में ध्यान देने लायक कुछ बातें:
-एक फंड से दूसरे फंड में रकम ट्रांसफर करने पर कैपिटल गेंस टैक्स या 
एक्जिट लोड देना पड़ सकता है
-एक फंड हाउस के एक फंड या कई फंड में एसटीपी किया जा सकता है

>SWP कैसे काम करता है:
-निवेशकों को किसी खास फंड से नियमित अंतराल पर निश्चित रकम और यूनिट  
निकालने की अनुमति देना
-किसी स्कीम से पैसे निकालते समय निवेशक मार्केट की टाइमिंग को नजरअंदाज
कर सकते हैं जैसा कि एसआईपी या एसटीपी में पैसे जमा करते हैं। 

>किस समय SWP ज्यादा उपयोगी होता है:
-वैसे लोगों के लिए सही जो अपने निवेश से नियमित और फिक्स्ड पैसे चाहते हैं
-सेवानिवृत लोगों के लिए अनियमित डिविडेंड के मुकाबले  SWP से नियमित 
पैसे पर निर्भर रहना ज्यादा फायदेमंद
-अगर कम समय के लिए SWP कराना चाहते हैं तो स्थिर निकासी के लिए 
डेट फंड में पैसे लगाएं, क्योंकि इक्विटी फंड में लगाने पर बाजार में भारी 
उतार-चढ़ाव की स्थिति में नुकसान हो सकता है
-अगर लंबे समय के लिए SWP कराना चाहते हैं तो स्थिर निकासी के लिए 
हाइब्रिड फंड में पैसे लगाएं
-अगर आप निश्चित नियमित आमदनी चाहते हैं तो इक्विटी फंड से एप्रीसिएशन
विद्ड्राअल SWP का इस्तेमाल मत करें
-अगर आप लंबे समय के लिए SWP का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आप
सालाना आधार पर निकासी का विकल्प चुनें। इससे महंगाई को भी मात दी
जा सकती है। 
-SWP तब ज्यादा फायदेमंद होता है जब आप बड़ी रकम के निवेश से नियमित
अंतराल पर निकासी चाहते हैं

> SWP के प्रकार:
-फिक्स्ड विद्ड्राअल SWP (Fixed Withdrawal SWP): जितनी रकम की निकासी 
होनी है उसका जिक्र होता है। 
-एप्रीसिएशन विद्ड्राअल SWP (Appreciation Withdrawl SWP): निवेश पर मिले रिटर्न 
या निवेश की केवल बढ़ी हुई कीमत के ही विद्ड्राअल की अनुमति। 

>SWP कैसे कराएं:
-सबसे पहले पता करें कि फंड हाउस SWP की सुविधा देता है। 
-SWP फॉर्म भरें
-अलग-अलग स्कीम, प्लांस और ऑप्शंस के लिए अलग-अलग 
फॉर्म भरें
-SWP की फ्रीक्वेंसी का जिक्र करें 
-आप फिक्स्ड विद्ड्राअल चाहते हैं या फिर एप्रीसिएशन विद्ड्राअल 
चाहते हैं उसकी जानकारी दें। 
-फिक्स्ड विद्ड्राअल  की स्थिति में निश्चित रकम की जानकारी दें
-SWP शुरू करने और बंद करने की तारीख बताएं
-जिस तारीख को SWP ट्रांजैक्शन चाहते हैं उसकी जानकारी 
दें
-SWP के जरिये आपके फंड से पैसा निकलकर फंड हाउस के साथ पंजीकृत
बैंक अकाउंट में जाएगा। 
-SWP पहले से बताई अवधि तक या फिर जब तक स्कीम में जमा पैसे 
खत्म नहीं हो जाते, तब तक जारी रहेगा

>SWP के बारे में  ध्यान देने लायक कुछ बातें:
-कुछ फंड हाउस SWP की अनुमति नहीं देते हैं। 

तो, STP और SWP के बारे में ये रही कुछ जानकारियां। म्युचुअल फंड चुंकि बाजार पर आधारित निवेश साधन है। इसलिए आपके लिए बहुत जरूरी है कि किसी भी स्कीम में किसी भी तरीके से अपनी गाढ़ी कमाई लगाने से पहले काफी रिसर्च कर लें या फिर अपने एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें। आंख बंद करके या किसी की बातों पर भरोसा करके पैसे ना लगाएं तो ज्यादा अच्छा है, क्योंकि पैसा आपका है। नफा अगर आपको होगा, तो नुकसान भी आपका ही होगा। आपके नुकसान की कोई भरपाई नहीं कर सकता है। इसलिए अपने रिस्क पर ही 
पैसा लगाएं।  




म्युचुअल फंड निवेशक एसटीपी, एसडब्लूपी तरीकों का फायदा उठायें, जानें कैसे 


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((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-7: एनएवी क्या है 
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((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-9: ओपन एंडेड फंड के बारे में जानें
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((What Is FMPs (Fixed Maturity Plans)
एफएमपी (फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स) क्या है
((म्युचुअल फंड कंपनियों की सूची
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((डॉक्टर कैसे ठीक रखें फाइनेंशियल सेहत 
((शादी की खुशी में फाइनेंशियल प्लानिंग करना कहीं भूल तो नहीं गए
((म्युचुअल फंड के जरिए महिलाओं को कैसे मिलेगी आर्थिक आजादी? 
((रिटायरमेंट फंड बनाएं, म्युचुअल फंड की मदद से  
((म्युचुअल फंड क्या है, इसमें निवेश के 10 फायदे... What is Mutual Fund, 10 Benefiेts of MF Investment
> म्युचुअल फंड से जुड़ी और जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं............
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-12: जानें बैलेंस्ड फंड, फंड ऑफ फंड्स, टैक्स सेवर फंड्स के बारे में 
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-11: फोलियो नंबर के बारे में जानें
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-9: ओपन एंडेड फंड के बारे में जानें
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-8: ऑफर डॉक्यूमेंट, क्लोज्ड एंडेड फंड के बारे में जानें
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((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-5: म्युचुअल फंड ट्रस्टी की भूमिका
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((चाइल्ड के लिए अभी से करें प्लान, तभी बनी रहेगी उसकी मुस्कान
((बच्चों से है प्यार, तो उनके लिए रखें फाइनेंशियल प्लान तैयार
(('Money मित्र' बनकर दें बच्चों को लाड़-प्यार  

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((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
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((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
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((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 
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((फाइनेंशियल फ्रीडम (आर्थिक आजादी)-कैसे हासिल करें; Economic or Financial Freedom-How to enjoy 

Rajanish Kant सोमवार, 6 नवंबर 2017