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जून, 2017 तक प्रत्यक्ष करों का संग्रह 14.8 प्रतिशत बढ़ा
वित्त वर्ष 2017-18 में जून, 2017 तक प्रत्यक्ष करों का संग्रह 14.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.42 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचा
जून 2017 तक के प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आंकड़ों से यह पता चला है कि शुद्ध संग्रह 1.42 लाख करोड़ रुपये का हुआ है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में हुए शुद्ध संग्रह की तुलना में 14.8 प्रतिशत ज्यादा है। प्रत्यक्ष करों का शुद्ध संग्रह वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्रत्यक्ष करों के कुल बजट अनुमान (9.8 लाख करोड़ रुपये) का 14.5 प्रतिशत है।
जहां एक ओर कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) के तहत सकल संग्रह में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) सहित व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) के तहत सकल संग्रह में 12.9 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है। हालांकि, रिफंड के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह की शुद्ध वृद्धि 22.4 प्रतिशत और पीआईटी संग्रह की शुद्ध वृद्धि 8.5 दर्ज की गई। 55,520 करोड़ रुपये के रिफंड अप्रैल-जून 2017 के दौरान जारी किए गए हैं, जो वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में जारी किए गए रिफंड की तुलना में 5.2 फीसदी कम है।
30 जून, 2017 तक 58,783 करोड़ रुपये का अग्रिम कर प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में हुए अग्रिम कर भुगतान की तुलना में 11.9 प्रतिशत अधिक है। कॉरपोरेट अग्रिम कर में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि और व्यक्तिगत अग्रिम कर में 40.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
Source: pib.nic.in
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Rajanish Kant शुक्रवार, 7 जुलाई 2017
एसटीटी नहीं चुकाने के बावजूद IPO, बोनस निर्गम और उपहार में दिये शेयर पूंजीगत लाभ कर से छूट
नई दिल्ली: सरकार ने किसी सूचीबद्ध कंपनी की ओर से जारी आईपीओ, बोनस या राइट इश्यू के जरिए न्यायोचित शेयर पूंजी निवेश निवेश को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर से मुक्त कर दिया है, भले ही उसमें प्रतिभूतियों के हस्तांतरण पर किसी तरह का प्रतिभूति सौदा कर (एसटीटी) का भुगतान नहीं किया गया हो.

इसी तरह होल्डिंग और अनुषंगी कंपनी के बीच प्रतिभूतियों के लेनदेन या विलय-विघटन से जुड़े सौदों, प्रवासी नागरिक द्वारा एफडीआई नियमों के तहत किए गए इक्विटी निवेश, कर्मचारी शेयर विकल्प या शेयर के रूप में उपहारों को भी दीर्घकालक लाभ कर से अलग रखा गया है.

इस संबंध में आयकर कानून की धारा 10 (38) में संशोधन किया गया है. दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर फायदा उठाने के लिए मुखौटा कंपनियों का गठन कर उनके साथ छद्म सौदे करने और इन कंपनियों में कालाधन लगाने के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है.

संशोधन के तहत एक अक्तूबर 2004 को या इससे बाद अधिग्रहीत शेयरों के हस्तांतरण से अर्जित आय को पूंजीगत लाभ कर से छूट तभी मिलेगी जबकि उक्त अधिग्रहण पर एसटीटी लागू होता हो. आयकर विभाग ने अब उन तीन तरह के सौदों को अधिसूचित किया है जहां नये प्रावधान लागू होंगे.
(स्रोत-भाषा)

Rajanish Kant बुधवार, 7 जून 2017