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SEBI Outage SOP: शेयर बाजार में बाधा आने पर कारोबार का समय बढ़ा दिया जाएगा


शेयर बाजार में कई बार तकनीकी गड़बड़ी की वजह से कारोबार रूक जाने की खबर सुनते होंगे। अब अगर ऐसा होता है, तो शेयर बाजार में कारोबार का समय डेढ़ घंटा बढ़ाया जा सकता है। अभी शेयर बाजार साढ़े तीन बजे दोपहर को बंद हो जाता है, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी की वजह से कारोबार ठप होने की स्थिति में शाम 5 बजे तक कारोबार का समय बढ़ाया जा सकता है। शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने इस बारे में एसओपी जारी किया है।  


एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) के तहत सेबी ने शेयर बाजारों से कारोबार के दौरान किसी भी तरह की बाधा आने पर संबंधित पक्षों को मामला सामने आने के 15 मिनट के भीतर सूचना देने को कहा है। साथ ही कारोबार प्रभावित होने के कुछ मामलों में कारोबारी समय डेढ़ घंटा बढ़ाने को भी कहा है। 

सेबी ने सर्कुलर में कहा, ‘‘अगर तकनीकी कारण या किसी अन्य वजह से शेयर बाजार में कारोबार प्रभावित होता है तो न केवल एमआईआई (बाजार ढांचागत संस्थान यानी शेयर बाजार, डिपोजिटरी, समाशोधन निगम आदि) समेत सभी बाजार प्रतिभागियों को कारोबार थमने की सूचना दी जाए बल्कि अगर जरूरत हो तो कारोबार का समय भी बढ़ाया जाए, ताकि दिन के कारोबार का समुचित निपटान हो सके।’’

एसओपी के तहत, किसी कारण से कारोबार ठप होने की स्थिति में संबंधित शेयर बाजार को इस बारे में बाजार प्रतिभागियों, कारोबारी सदस्यों तक एमआईआई समेत विभिन्न पक्षों को 15 मिनट के भीतर सूचना देनी होगी। सूचना के लिये प्रसारण संदेश के साथ अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, शेयर बाजार को अलग ई-मेल के जरिए सेबी को इसकी सूचना देनी होगी। इसके अलावा, प्रभावित शेयर बाजार प्रारंभिक सूचना से 45 मिनट के अंतराल पर स्थिति के बारे में जानकारी देगा। यह स्थिति सामान्य होने तक जारी रहेगा।

सेबी ने कारोबारी घंटे के विस्तार के संबंध में कहा कि प्रभावित शेयर बाजार पर कामकाज सामान्य कारोबार बंद होने से कम-से-कम एक घंटे पहले सामान्य स्थिति में आ जाता है, उस दिन सभी शेयर बाजारों में कारोबारी घंटे अपरिवर्तित रहेंगे। यदि बाजार बंद होने से एक घंटे पहले कारोबार सामान्य नहीं होता है तो, सभी शेयर बाजारों के लिये कारोबारी घंटे स्वचालित रूप से अतिरिक्त डेढ़ घंटे के लिए बढ़ा दिये जाएंगे।

(लेख साभार- पीटीआई भाषा)

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Rajanish Kant मंगलवार, 10 जनवरी 2023
NSE को Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिली, जानें इससे किसको होगा फायदा


देश के मार्केट रेगुलेटर सेबी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसे अलग सेगमेंट के तौर पर शुरू करना होगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को यह मंजूरी 19 दिसंबर को मिली। 

सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज शुरू की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने पर एनएसई के एमडी और सीईओ आशीषकुमार चौहान ने कहा कि हमलोग एनएसई पर एक सेंगमेंट के तौर पर  Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इससे टिकाऊ विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal-SDG) को हासिल करने में जुटे सामाजिक उद्यमियों को तुरंत लाभ होगा। 


आमतौर पर शेयर बाजार में लिस्ट कंपनियां पहले खुले बाजार में अपनी कीमत पर पैसे जुटाने के लिए आईपीओ लाती हैं, फिर शेयर बाजार पर लिस्ट होती हैं। इसके बाद उन कंपनियों के शेयरों की बाजार कीमत पर खरीद-बिक्री होती है। कंपनियां आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल अपने कारोबार को संभालने और बढ़ाने के लिए लगाती है। एक तरह से कह सकते हैं कि स्टॉक एक्सचेंज कंपनियों के लिए पैसा जुटाने का एक जरिया है। हालांकि, शेयरों में पैसा लगाकर निवेशक भी पैसा कमाते हैं। 


>सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) से किसकों लाभ होगा?

-अलग अलग सामाजिक कामों में जुटे एनजीओ, गैर-लाभकारी संगठनों (Non Profit Organisations) बगैरह सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से पैसे जुटा सकते हैं। इन संगठनों के पास पैसा जुटाने का सीमित जरिया होता है। अब ये इस एक्सचेंज के जरिया पैसा जुटा सकते हैं। इसके लिए ऐसे संगठन को एनपीओ लाना होगा। 

-मौजूदा कानून के मुताबिक, एनपीओ लाने वाले संगठनों को कम से कम 1 करोड़ रुपए का एनपीओ लाना होगा और सब्सक्रिप्शन के लिए कम से कम एप्लीकेशन साइज 2 लाख रुपए का होना चाहिए। 

-किस तरह के सामाजिक काम करने वाले संगठन ला सकते हैं एनपीओ: भूखमरी, गरीबी, कुपोषण और असमानता को दूर करने वाले काम में जुटे सामाजिक संगठन, हेल्थकेयर, शिक्षा को सपोर्ट करने वाले, रोजगार और रोजी-रोटी उपलब्ध कराने के काम में लगे संगठन, महिलाओं को सशक्त करके  लिंग समानता को बढ़ावा देने के काम में लगे संगठन, सामाजिक उद्यमियों के इनक्युबेटर्स को सपोर्ट करने वाले सामाजिक संगठन इस एक्सचेंज से पैसा जुटा सकते हैं। 

-कॉर्पोरेट फाउंडेशंस, राजनीतिक और धार्मिक संगठन या ऐसे गतिविधि चलाने वाले, पेशेवर या व्यापारिक संगठन, इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग कंपनी (सस्ता घर बनाने वाले को छोड़कर) को सोशल उद्यमी नहीं माना जाएगा यानी सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से ऐसे लोग या संगठन पैसे नहीं जुटा सकते हैं। 

आपको बता दूं कि 2019-20 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज  लाने का प्रस्ताव किया था। इस साल अक्टूबर में सेबी ने बीएसई को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज लाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। 

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Rajanish Kant शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022
NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर
देश के बेंचमार्क स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE पर अगले छह महीने तक आप कोई भी कारोबार नहीं कर सकेंगे। दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सेबी ने को-लोकेशन मामले में चुनिंदा सर्वर को लाभ पहुंचाने का दोषी मानते हुए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर अगले छह महीने तक ट्रेडिंग करने से रोक लगा दी है। सेबी ने साथ ही एक्सचेंज को ब्याज सहित 625 करोड़ रुपये लौटाने का भी आदेश दिया।
सेबी ने एनएसई के दो पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारियों रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण को पांच साल तक किसी सूचीबद्ध कंपनी के साथ काम करने पर प्रतिबंध लगाया। इसके साथ ही उन पर 5 साल तक किसी भी लिस्टेड कंपनी के साथ जुड़ने पर बैन लगा दिया गया है। सेबी ने कहा कि एनएसई ने टिक बाई टिक (टीबीटी) आर्किटेक्चर लगाने से पहले इस पर पर्यप्त विचार नहीं किया था।


क्या है मामला: दरअसल जल्दी जानकारी के लिए एनएसई के डाटा सेंटर में ट्रेडर्स के सर्वर लगाते हैं। इसके लिए एनएसई एक चार्ज लेता है। जुलाई 2016 में सेबी ने इसी को-लोकेशन और इससे होने वाली आय पर जांच के आदेश दिए थे। 

सेबी के अधिकारियों के मुताबिक, एनएसई पर चुनिंदा ब्रोकर्स को प्रेफरेंशियल एक्सेस दिए जाने के आरोप हैं। इसके अलावा सेबी ने जांच में एनएसई और रिलेटेड पार्टीज के फॉर्मर और मौजूदा टॉप एग्जिक्यूटिव्स की तरफ से भी चूक होने की बात की जानकारी मिली है। रेगुलेटर ने जांच के तहत कई लोगों के स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किए हैं। 


सेबी ने आदेश में कहा गया है , " एनएसई को 624.89 करोड़ रुपये और .. उसके साथ उस पर 1 अप्रैल 2014 से 12 प्रतिशत सालाना ब्याज दर सहित पूरी राशि सेबी द्वारा स्थापित निवेशक सुरक्षा एवं शिक्षा कोष (आईपीईएफ) में भरनी होगी। "

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस मामले में एनएसई के दो पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण को एक अवधि विशेष के दौरान प्राप्त वेतन के 25 प्रतिशत हिस्से को वापस करने के लिए भी कहा है। सेबी ने इन दोनों पूर्व अधिकारियों पर पांच साल तक किसी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार ढांचा चलाने वाले संस्थान या बाजार में बिचौलिए का काम करने वाली इकाई के साथ काम करने पर भी रोक लगायी है। 

आदेश के मुताबिक , सेबी ने दोनों को छह महीने के लिए प्रतिभूति बाजार में सीधे या परोक्ष रूप से कारोबार करने से भी रोक दिया है। साल 2015 में एक शिकायत के बाद एनएसई की को - लोकेशन सुविधा नियामकीय जांच के घेरे में आई। इस मामले में आदेश जारी करते हुए सेबी ने कहा कि एनएसई ने टिक - बाय - टिक (टीबीटी) डेटा रूपरेखा के संबंध में आपेक्षित प्रयास नहीं किया। टीबीटी डेटा फीड ऑर्डर बुक में हुए हर बदलाव के बारे में जानकारी देता है। इसे पारेषण नियंत्रण प्रोटोकॉल / इंटरनेट प्रोटोकॉल के जरिए प्रसारित किया जाता है। इस प्रोटोकॉल के तहत एक - एक करके सूचनाएं प्रेषित होती हैं। 

सेबी के पूर्ण कालिक सदस्य जी महालिंगम ने आदेश में कहा , " इसमें कोई संशय नहीं है कि शेयर बाजार ने टीबीटी रूपरेखा को लागू करने के समय आपेक्षित परिश्रम नहीं किया। इसके चलते एक ऐसा कारोबारी माहौल बना , जिसमें सूचनाओँ का प्रसार असमान था। जिसे निष्पक्ष एवं उचित और न्यायसंगत नहीं माना जा सकता। " वहीं , दूसरी तरफ सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को अगले छह महीने तक कोई भी नया डेरिवेटिव उत्पाद पेश नहीं करने के लिए कहा है।
(को-लोकेशन:एक खास जगह स्थापित एक्सचेंज के कुछ सर्वर को कारोबार में कथित रूप से वरीयता देना)


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Rajanish Kant बुधवार, 1 मई 2019
Stock, शेयर, स्टॉक मार्केट, एनएसई, बीएसई आपके लिए कितना फायदेमंद

Stock, शेयर, स्टॉक मार्केट, एनएसई, बीएसई आपके लिए कितना फायदेमंद

Rajanish Kant गुरुवार, 17 जनवरी 2019
NSE पर शुरू हुआ कमोडिटी डेरिवेटिव्ज कारोबार, सोना और चांदी वायदा में कर सकेंगे खरीद-बिक्री
अगर आप सोना, चांदी समेत दूसरे कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार करते हैं तो आपके लिए अब ज्यादा विकल्प हो गए हैं। आप MCX, NCDEX, BSE के अलावा, NSE पर कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार कर सकते हैं। आज से NSE पर भी कमोडिटी डेेरिवेटिव्ज लांच हो गया है। 


हाल ही में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने देश के दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई को कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार शुरू करने की मंजूरी दी थी। इससे पहले इसी महीने बीएसई पर कमोडिटी डेरिवेटिव्ज कारोबार शुरू किया गया।  


((कच्चे तेल और नैचुरल गैस के निवेशक इन आंकड़ों पर नजर रखेंगे तो फायदे में रहेंगे
((सोने-चांदी के निवेशक इन आंकड़ों को लेकर अलर्ट रहें, नुकसान से बचे रहेंगे
((बेस मेटल्स में कारोबार करते हैं, तो इन आंकड़ों को नजरअंदाज मत करें, फायदा होगा
((कमोडिटी में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, पहले जान लीजिए कुछ खास बातें
((आप अगर कमोडिटीज डेरिवेटिव्ज ट्रेनर्स बनना चाहते हैं, तो सेबी के इन नियमों का पालन करें
(सेबी ने कमोडिटी फ्यूचर्स में ऑप्शंस ट्रेडिंग के संबंध में गाइडलाइंस जारी की, जानिए इसके फायदे
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां जल्दी से कैश (तरलता) की उम्मीद करते हैं-म्युचुअल फंड्स, इक्विटीज, डिबेंचर्स, कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करते हैं-कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स, डिबेंचर्स,  इक्विटीज या  म्युचुअल फंड्स ?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: बॉन्ड्स, इक्विटीज, म्युचुअल फंड्स में से किसको सबसे ज्यादा सुरक्षित मानते हैं निवेशक ?

(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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Rajanish Kant शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2018
अगले महीने से BSE, NSE पर भी कर सकेंगे कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में ट्रेडिंग
अगर आप कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में ट्रेडिंग करते हैं, तो आपके लिए अगले महीने से ज्यादा विकल्प मिलेंगे। देश के दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज बीएसई यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और एनएसई यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज अगले महीने से कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में ट्रेडिंग शुरू करने जा रहे हैं। सबसे सोने और चांदी में कारोबार शुरू करेंगे। 
फिलहाल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स और एनसीडीएक्स पर कमोडिटी फ्यूचर की ट्रेडिंग होती है। 

मार्केट रेगुलेटर सेबी दोनों स्टॉक एक्सचेंज को कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू करने की मंजूरी दे चुका है। दोनों एक्सचेंज ने संबंधित क्लियरिंग कॉर्पोरेशन से भी नियामिकीय मंजूरी ले चुके हैं। माना जा रहा है कि बीएसई और एनएसई द्वारा कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू किये जाने से कमोडिटी डेरिवेटिव्ज का दायरा बढ़ेगा। 



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Rajanish Kant बुधवार, 19 सितंबर 2018
शेयरों में ट्रेडिंग करने वालों के लिए जरूरी खबर

शेयरों में ट्रेडिंग करने वालों के लिए जरूरी खबर

Rajanish Kant शुक्रवार, 4 मई 2018
भारतीय शेयर बाजार आज और कल बंद
भारतीय शेयर बाजार में आज महावीर जयंती और कल गुड फ्राइडे के अवसर पर छुट्टी रहने की वजह से कारोबार बंद रहा रहेगा। शेयर बाजारों पर सोमवार से कारोबार अपने पूर्व निर्धारित समयानुसार चलेगा।

SI.NO.HolidaysDateDay
1Republic DayJanuary 26, 2018Friday
2MahashivratriFebruary 13, 2018Tuesday
3HoliMarch 02, 2018Friday
4Mahavir JayantiMarch 29,2018Thursday
5Good FridayMarch 30,2018Friday
6Maharashtra DayMay 01,2018Tuesday
7Independence DayAugust 15,2018Wednesday
8Bakri IdAugust 22,2018Wednesday
9Ganesh ChaturthiSeptember 13,2018Thursday
10MuharramSeptember 20,2018Thursday
11Mahatma Gandhi JayantiOctober 02,2018Tuesday
12DussehraOctober 18,2018Thursday
13Diwali  Laxmi Pujan*November 07,2018Wednesday
14Diwali BalipratipadaNovember 08,2018Thursday
15Gurunanak JayantiNovember 23,2018Friday
16ChristmasDecember 25,2018Tuesday

    (Source: bse)
    (('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
    ((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
    ((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
    म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
    ((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
    ((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
    ((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
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    ((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 
    (बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
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    ((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

    Rajanish Kant गुरुवार, 29 मार्च 2018