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Income Tax रिटर्न भरते समय क्या आप भी जानकारी छुपाते हैं?

Income Tax रिटर्न भरते समय क्या आप भी जानकारी छुपाते हैं?

Rajanish Kant शुक्रवार, 19 अप्रैल 2019
जानबूझकर गलत पैन दिया तो लगेगा जुर्माना, PAN से जुड़े हर सवालों का जवाब जानें
  •           पैन क्या है?
  • स्थायी खाता संख्या को पैन कहते हैं। पैन दस अंको की अनोखी अक्षरांकीय संख्या आयकर विभाग से जारी होती है।  पैन एक परत चढ़ाये प्लास्टिक कार्ड के रूप में जारी होता है (जिसे साधारणतः पैन कार्ड कहते हैं)। नीचे उदाहरणात्मक पैन दिया है –
    ए एल डब्लू पी जी 5809 एल
  • पैन की क्या उपयोगिता है?
    ​​पैन विभाग को निर्धारिती के हर लेनदेन को विभाग से जुड़ने के योग्य बनाता है।  इस लेनदेन में कर भुगतान, टी डी एस /टी सी एस क्रेडिट, आय की रिटर्न,निर्दिष्ट लेनदेन, पत्र-व्यवहार इत्यादि शामिल हैं।  इससे निर्धारिती की हर सूचना की आसान पुर्नप्राप्ति और निर्धारिती की विविध पूंजी निवेश, उधारी और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को मिलाने की सुविधा हो जाती है। ​
  • स्थायी खाता संख्या और पैन कार्ड को प्राप्त करने के क्या लाभ हैं?
    ​​​पैन आयकर विभाग से हर लेन-देन के लिए अनिवार्य किया गया है।  यह अनेक वित्तीय लेन-देन के लिए भी अनिवार्य है, जैसे बैंक में खाता खोलने, संस्थागत वित्तीय ऋण लेना, उच्चतम उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद, विदेशी यात्रा, अचल संपत्ति का लेन-देन, प्रतिभूतियों के व्यवसाय इत्यादि।  पैन एक महत्पूर्ण फोटो पहचान है जिसे देश की सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं मानती हैं। 
  • पै​न कैसे बनता है और उसकी विशिष्ट पहचान कैसे बनती है ?
    ​पैन दस अंको की अनोखी अक्षरांकीय संख्या है जो आयकर विभाग जारी करता है। इसकी रचना की चर्चा नीचे की गयी है ---
     •   शुरू के पाचं में से पहले तीन अक्षर वर्णमाला श्रृंखला(ए ए ए से जेडजेडजेड तक) को दर्शाते हैं, जैसे (ए एल डब्लू पी जी 5809 एल)
     •   पैन का चौथा अक्षर पैन धारक की स्तिथि बताता है (जैसे ए एल डब्लू पी जी 5809 एल) में,
    "ए" व्यक्तियों का समूह (ए ओ पी ) का प्रतीक है
    "बी" व्यक्तियों के निकाय का प्रतीक है
    "सी" कंपनी का प्रतीक है
    "इ" सीमित देयता भागीदारी का प्रतीक है
    "एफ' फर्म का प्रतीक है
    "जी" सरकारी एजेंसीका प्रतीक है
    "एच" हिंदू अविभाजित परिवार का प्रतीक है
    "जे" कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति का प्रतीक है
    "एल " स्थानीय प्राधिकरण का प्रतीक है
    "पी" व्यक्ति का प्रतीक है
    "टी" ट्रस्ट का प्रतीक है
    •   पैन का पांचवा अक्षर पैन धारक, अगर वह व्यक्ति है के आखिरी नाम(उपनाम) के प्रथम अक्षर को दर्शाता है। गैर व्यक्ति पैन धारक के केस में पांचवा अक्षर पैन धारक के नाम के प्रथम अक्षर को दर्शाता है।  (उदाहरण -ए एल डब्लू पी जी 5809 एल)
     •   अगले चार अक्षर 0001-9999 अनुक्रमिक संख्या से हैं। (उदाहरण -ए एल डब्लू पी जी 5809 एल)
     •   अंतिम अक्षर यानि दसवां अक्षर वर्णमाला जाँच अंक है। (उदाहरण -ए एल डब्लू पी जी 5809 एल)
    ऊपर दी सब इकाइयों के मिश्रण से पैन को अनोखी पहचान बनती है।
    ​​
  • पैन किसको प्राप्त करना पड़ता है ?
    ​​​​​पैन नीचे दिए व्यक्तियों को प्राप्त करना पड़ता है=--
     •   हर व्यक्ति, अगर उसकी कुल आय या किसी और व्यक्ति जिसके लिए वह निर्धारिती है, की कुल आय पूर्व वर्ष में कर न लगने की निर्धारणीय आय की राशि से अधिक होती है
     •   एक चैरिटेबल ट्रस्ट जिसे धारा 13​9(4क)​ के अंतर्गत रिटर्न प्रस्तुत करनी पड़ती है।
     •   हर व्यक्ति जो व्यापार या व्यवसाय चलाता हो जिसकी कुल बिक्री या सकल प्राप्ति पूर्व वर्ष में पांच लाख रूपए से अधिक हो या होने की सम्भावना हो।
     •   हर आयातक/निर्यातक जिसे आयत निर्यात कोड लेने की जरुरत हो।
     •   हर व्यक्ति जिसे स्रोत परकर की कटौती के बाद कोई राशि या आय मिलती हो।
     •   कोई भी व्यक्ति जिसे उत्पाद शुल्क देने का उत्तर दायित्व हो,या जो उत्पाद शुल्क योग्य माल का निर्माता हो, या किसी ऐसे निजी गोदाम का पंजीकृत व्यक्ति अथवा उसका अधिकृत एजेंट हो, जहाँ उत्पाद शुल्क योग्य माल संचय किया गया हो।
     •   वह व्यक्ति,जिसे केन्द्रीय उत्पाद शुल्क नियम, 1944 मे पजीकृत होने की आवश्यकता है, नियम 57कड़ के अंतर्गत बीजक बनाता हो।
     •   वह व्यक्ति या उसका एजेंट,जो सेवा (सर्विस) कर भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हो।
     •   वह व्यक्ति जो केन्द्रीय बिक्री कर अधिनियम या प्रासंगिक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के बिक्री कर कानून के अंतर्गत पंजीकृत हो।

     •   प्रत्येक व्यक्ति जिसे निर्दिष्ट वित्तीय लेनदेन, जिसमें पैन को उद्दत करना अनिवार्य हो, करने का इच्छुक हो

     ​   उक्त में से किसी के अंतर्गत न आने वाला व्यक्ति स्वैच्छिक रूप से पैन के लिये आवेदन कर सकता है
    ​​
  • वह कौन से निर्दिष्ट वित्तीय लेन-देन हैं जिसमे पैन देना अनिवार्य है ?
    नीचे दिए निर्दिष्ट वित्तीय लेन-देनमें पैन देना अनिवार्य है---
     •   पांच लाख या उससे उपर राशि की अचल संपत्ति की खरीद या बिक्री
     •   मोटर गाड़ी या ​गाड़ी (दो पहिया गाड़ी को छोड़कर ) की खरीद या बिक्री
     •   पचास हज़ार रूपए से अधिक की राशि किसी बैंकिंग कम्पनी में मियादी खाते में या डाकघर में बचत खाते में जमा करने पर।
     •   टेलीफोन या सेलुलर टेलीफोन लगाने के लिए आवेदन देने पर।
     •   बैंक ड्राफ्ट या पे आर्डर या बैंकर्स चैक की खरीद के लिए एक दिन में पच्चास हज़ार रूपए या उससे अधिक के नगद भुगतान पर, या एक दिन में पच्चास हज़ार रूपए या उससे अधिक की नगदी बैंक में जमा करने पर।
     •   प्रतिभूतियों की खरीद या बिक्री के लिए एक लाख रूपए से अधिक मूल्य का अनुबंध करने पर।
     •   बैंक में खाता खोलने पर। नाबालिग के केस में माता, पिता या संरक्षक का पैन उल्लेख करना पड़ेगा।
     •   पच्चीस हज़ार रूपए से अधिक के होटल या रेस्टोरेंट के बिल का एक बार में भुगतान करने पर।
     •   विदेशी यात्रा के सम्बन्ध में पच्चीस हज़ार रूपए से अधिक का एक समय में नगद भुगतान करने पर।  (विदेशी यात्रा में बंगलादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान .या श्री लंका, या हज के लिए सऊदी अरेबिया की यात्रा, या कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन यात्रा सम्मलित नहीं है। )
     •   क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के लिए आवेदन पत्र देना।
     •   म्यूचुअल फंड के यूनिट खरीदने के लिए पचास हज़ार रूपए या उससे अधिक राशि का भुगतान।
     •   किसी कम्पनी के शेयरों के अधिग्रहण के लिए पचास हज़ार रूपए या उससे अधिक राशि का भुगतान।
     •   किसी कम्पनी या संस्था के डिबेंचरों या बांड खरीदने के लिए पचास हज़ार रूपए या उससे अधिक राशि का भुगतान।
     •   रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के बांड्स प्राप्त करने के लिए पचास हज़ार रूपए या उससे अधिक राशि का भुगतान।
     •   बीमा कम्पनी को एक वर्ष में जीवन बीमा प्रीमियम के कुल मिला कर पचास हज़ार रूपए या उससे अधिक राशि का भुगतान।
     •   विक्रेता को भुगतान :
     I.  किसी भी एक समय में पांच लाख रूपए या उससे अधिक राशि का, या
    II.  पांच लाख रूपए या उससे अधिक राशि के सोना चांदी या जेवरात खरीदने के बिल का।
    एक व्याक्ति जिसके पास पैन नहीं है और उपरोक्त दिए लेनदेन करने का इच्छुक है, वह फॉर्म 60 प्रस्तुत कर सकता है। (फॉर्म 61,यदि व्यक्ति की केवल कृषि आय है)
  • आयकर विभाग यह कैसे सुनिश्चित करता है कि पैन उस लेनदेन में, जहाँ अनिवार्य है, उद्धृत किया गया है?
    ​​एक व्यक्ति का, जिसे केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से अधिसूचित आर्थिक या वित्तीय लेन-देन से सम्बन्धित दस्तावेज़ मिलते हैं, कानूनी उत्तरदायित्व है कि वह सुनिश्चित करे कि जिन दस्तावेज़ में जहाँ पैन अनिवार्य है, वहां पैन उद्धृत किया गया है।  इस प्रकार, इन दस्तावेज़ को पाने वाला सुनिश्चित करेगा कि संबंधित दस्तावेज़ में पैन उद्धृत किया गया है, जैसे बैंक में खाता खोलने के लिए पैन अनिवार्य है, और इस लिए बैंक यह सुनिश्चित कर लेगा कि आवेदक ने बैंक खाता खोलने के समय आवेदना पत्र में पैन उद्धृत किया है। ​
  • क्या मैं अपनी आय की रिटर्न बिना पैन उद्धृत किये फाइल कर सकता हूँ ?
    आय की रिटर्न फाइल करने के लिए पैन अनिवार्य है।  आय की रिटर्न के अलावा, आयकर विभाग आदि को किए हर भुगतान के चालान और पत्र व्यवहार में भी पैन उद्धृत करना होता है।​
  • पैन के लिए कैसे आवेदन करें ?
    पैन को प्राप्त करने वाले इच्छुक व्यक्ति को पैन का आवेदन पत्र (फॉर्म 49क/49कक) और उसके साथ उससे सम्बंधित दस्तावेज़ और निर्धारित फ़ीस युटीआईआईटीएसएल या एनएसडीएल के पैन आवेदन केंद्र पर प्रस्तुत करने पड़ेगें।  पैन का आवेदन पत्र (फॉर्म 49क/49कक) www.incometaxindia.gov.in.से डाउनलोड करा जा सकता है।
    (भारतीय नागरिक/भारतीय कम्पनी/ भारत में निगमित संस्थाएं/भारत में अनिगमित संस्थाओं के गठन को) पैन का आवेदन पत्र फॉर्म 49क में देना होगा और (एक व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है/भारत के बाहर निगमित संस्थाएं/भारत के बाहर अनिगमित संस्थाओं के गठन को, पैन का आवेदन) पत्र फॉर्म 49कक में देना होगा।
    आवेदक की स्थिति में, कंपनी के तौर पर जो कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हैं, स्थार्इ खाता संख्या के आवंटन के लिए आवेदन कंपनी के निगमन के लिए कथित अधिनियम की धारा 7 की उप-धारा (1) के अंतर्गत निर्दिष्ट प्रपत्र सं. आर्इएनसी-7 में किया जा सकता है।

    युटीआईआईटीएसएल या एनएसडीएल की वेबसाइट (www.utiitsl.com और www.tin-nsdl.com) पर ऑनलाइन आवेदन पत्र भी दिया जा सकता है।  इन वेबसाइट से युटीआईआईटीएसएल या एनएसडीएल के पैन आवेदन केंद्र, जहाँ पैन आवेदन पत्र जमा किये जा सकते हैं, का पता और फ़ोन नम्बर प्राप्त किये जा सकते है।
    आवेदक को आवेदन पत्र की स्वीकृति पर प्राप्ति की सूचना मिलेगी, जिसमे एक अद्वितीय संख्या दी होगी। इस अद्वितीय संख्या के द्वारा उपरोक्त वेबसाइट पर दी गयी ट्रकिंग की सुविधा से, आवेदन पत्र की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
  • पैन प्राप्त करने के लिए क्या कोई शुल्क लगता है ?
    ​​आवेदक को प्रति आवेदन पत्र के लिए रु.93+सेवा कर, जैसा लागू हो, देना पड़ेगा।
    अगर पैन भारत के बाहर भेजना हो तो रु 864 (रु. 93 आवेदन शुल्क तथा रु. 771 प्रेषण शुल्क) का अतिरिक्त प्रेषण प्रभार भी आवेदक को देना पड़ेगा। (साथ ही सेवा कर जैसा लागु हो)​ 
  • पैन के आवंटन में क्या कोई तत्काल सुविधा है ?
    ​​​नहीं ​
  • अगर मै पैन का आवेदन पत्र यानि फॉर्म 49क /49कक को अधूरा प्रस्तुत कर दूं तो क्या होगा ?
    आई टी पैन सेवा केंद्र या टीआईएन सुविधा केंद्र कोई अधूरी या गलत आवेदन पत्र नहीं स्वीकार करेगा।  हालाँकि ये केंद्र आवेदक को सही तरीके से फॉर्म 49क/49कक (जो भी स्थिति हो ) को भरने में सहायता करेंगें।
  • क्या पैन का आवेदन पत्र यानि फॉर्म 49क /49कक को बड़े अक्षरों (ब्लोक लेटर्स ) में भरना आवश्यक है ?
    हाँ, पैन का आवेदन पत्र यानि फॉर्म 49क/49कक (जैसा भी  स्थिति हो) को स्पष्टता से बड़े अक्षरों में विशेषतः काली स्याही से भरना आवश्यक है।  ध्यान रखना चाहिए कि जहाँ भी डिब्बियां दी गयी हैं, वहां हर डिब्बी में केवल एक संकेत (अक्षर/संख्या/विराम चिह्न संकेत) आना चाहिए और हर शब्द के बाद एक डिब्बी खाली छोडनी चाहिए। ​
  • फॉर्म 49क /49कक में पैन के आवेदन के साथ और क्या जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ते हैं ?
    पैन के आवेदन के साथ जो दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं, वे आयकर नियमों के नियम 114 में निर्दिष्ट किये गए हैं। जो दस्तावेज चाहिए, उनका विवरण आवेदन पत्र में भी दिया गया है। व्यक्तिगत आवेदक को पहचान का सबूत, पते का सबूत और जन्म तिथि का सबूत के दस्तावेज देने पड़ते हैं। आवेदक का नाम जो आवेदन पत्र में दिया गया हो, वह दस्तावेजों में दिए गए नाम से पूरी तरह मिलना चाहिये।
    व्यक्तिगत आवेदक को अपनी हाल की दो रंगीन तस्वीरें सफ़ेद पृष्ठभूमि पर (साइज़ 3.5 cm x 2.5 cm) फॉर्म में दिए स्थान पर चिपकानी चाहिए। तस्वीर स्टेपल या पिन से फॉर्म में नहीं लगनी चाहिए।  पैन कार्ड पर छवि की स्पष्टता फॉर्म पर चिपकाई तस्वीर की स्पष्टता और गुणवत्ता पर निर्भर करेगी।
  • व्यक्ति/ हिन्दू अविभाजित परिवार आवेदक की पहचान के सबूत के लिए कौन से दस्तावेज मान्य हैं?
    नीचे दिए गए दस्तावेजों में से कोई भी एक, व्यक्तिगत आवेदक जो भारत का नागरिक हो (चाहे वह भारत के बाहर भी रहता हो) की पहचान के सबूत के लिए, मान्य है:
     •   इनकी कॉपी
     ■   भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जारी किया आधार कार्ड, या
     ■   मतदाता का फोटो पहचान कार्ड, या
     ■   ड्राइविंग लाइसेंस, या
     ■   पासपोर्ट, या
     ■   आवेदक की फोटो के साथ राशन कार्ड, या
     ■   शस्त्र का लाइसेंस, या
     ■   केंद्रीय या राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पब्लिक सेक्टर) से जारी किया गया फोटो पहचान कार्ड, या
     ■   आवेदक की फोटो के साथ पेंशनर कार्ड, या
     ■   केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य सेवा योजना कार्ड या पूर्व सैनिकों के स्वास्थ्य अंशदायी योजना फोट कार्ड
     •   पहचान के प्रमाणपत्र का असल दस्तावेज, जिस पर संसद के सदस्य, या विधान सभा के सदस्य, या नगर निगम के पार्षद या राजपत्रित अधिकारी (जैसी अवस्था हो) के हस्ताक्षर हों। अथवा 
     •   बैंक के लेटरहेड पर बैंक की शाखा से दिया असल प्रमाणपत्र (जारी करने वाले अधिकारी के नाम और स्टाम्प के साथ) जिसमें आवेदक की अनुप्रमाणित फोटो, और बैंक की खाता संख्या दी गयी हो।
    एच यु एफ के लिए हिन्दू अविभाजित परिवार के कर्ता द्वारा दिया गया शपथ-पत्र जिसमें आवेदन की तिथि पर, सब सह-साझीदार के नाम, पिता का नाम और पता दिया हो, और एचयुएफ के कर्ता के नाम की ऊपर दिए कोई भी दस्तावेज की कॉपी पहचान के सबूत के लिए चाहिए।
    नाबालिग के केस में उसके किसी अभिभावक/माता-पिता के नाम में ऊपर दिए कोई भी दस्तावेज की  कॉपी , नाबालिग आवेदक की पहचान के सबूत के लिए मान्य होगी।
  • व्यक्ति/ एच यु एफ के केस में कौन से दस्तावेज पते का सबूत माना जाएगा ?
    व्यक्तिगत आवेदक, जो भारतीय नागरिक है (चाहे वह भारत के बाहर रहता हो), के लिए नीचे दिए किसी भी दस्तावेज की कॉपी पते का सबूत माना जा सकता है:
     •   इनकी कॉपी
     ■   भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जारी किया आधार कार्ड, या
     ■   मतदाता का फोटो पहचान कार्ड, या
     ■   ड्राइविंग लाइसेंस, या
     ■   पासपोर्ट, या
     ■   पति या पत्नी का पासपोर्ट, या
     ■   डाकघर की पासबुक जिसमे आवेदक का पता दिया हो, या
     ■   नवीनतम संपत्ति कर निर्धारण आदेश, या
     ■   सरकार द्वारा जारी अधिवास प्रमाणपत्र, या
     ■   आवास के लिए केद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किया आवंटन पत्र, जो तीन वर्ष से पुराना नहीं हो, या
     ■   सम्पति पंजीकरण दस्तावेज या
     •   नीचे दिए दस्तावेज की कॉपी जो तीन माह से पुरानी नहीं हो:-
     ■   बिजली का बिल, या
     ■   लैंडलाइन या ब्रोडबैंड इंटरनेट कनेक्शन का बिल, या
     ■   पानी का बिल, या
     ■   उपभोक्ता गैस कनेक्शन कार्ड या बुक या पाईप गैस का बिल, या
     ■   बैंक खाते का विवरण या जैसे निम्न दिए नोट में बताया गया है, या
     ■   डिपॉजिटरी खाता का विवरण, या
     ■   क्रेडिट कार्ड का विवरण, या
    नोट–भारत के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिक के लिए, जहाँ रहते हैं उस देश के बैंक खाते का विवरण, या नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल (एन आर इ) बैंक खाते का विवरण (जो तीन महीने से पुराना नहीं हो,) पते का सबूत माना जाएगा।
     •   पहचान के प्रमाण पत्र का असल दस्तावेज, जिस पर संसद के सदस्य, या विधान सभा के सदस्य, या नगर निगम के पार्षद या राजपत्रित अधिकारी (जैसा अवस्था हो) के हस्ताक्षर हों।
     •   नियोक्ता का असल प्रमाणपत्र
     •   एच यु एफ के लिए हिन्दू अविभाजित परिवार के कर्ता द्वारा दिया गया शपथ-पत्र जिसमें आवेदन की तिथि पर, सब सह-साझीदार के नाम, पिता का नाम और पता दिया हो, और एचयुएफ के कर्ता के नाम की ऊपर दिए कोई भी दस्तावेज की कॉपी पते के सबूत के लिए चाहिए।
     •   नाबालिग के केस में उसके किसी अभिभावक/माता-पिता के नाम में ऊपर दिए कोई भी दस्तावेज, नाबालिग आवेदक के पते के प्रासंगिक सबूत के लिए मान्य होगी।
  • व्यक्तिगत आवेदक के लिए कौन से दस्तावेज जन्म तिथि के सबूत माने जायेंगें ?
    ​​
    व्यक्तिगत आवेदक, जो भारतीय नागरिक है (चाहे वह भारत के बाहर रहता हो), के लिए नीचे दिए किसी भी दस्तावेज की कॉपी जन्म तिथि का सबूत माना जा सकता है:
     •   नगर निगम अधिकरण या जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार द्वारा अधिकृत कोई और दफ्तर के अधिकारी, जिसे जन्म प्रमाणपत्र देने का अधिकार दिया गया है,या भारतीय कौंसल का दफ़्तर जिसकी परिभाषा नागरिकता अधिनियम,1955 (1955 का 57) के विभाग (2) के उप विभाग (1) धारा (घ) में दी गयी है, के द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र, या
     •   पेंशन भुगतान आदेश, या
     •   विवाह के रजिस्ट्रार द्वारा जारी शादी का प्रमाण पत्र, या
     •   मैट्रिक प्रमाणपत्र, या
     •   पासपोर्ट, या
     •   ड्राइविंग लाइसेंस, या
     •   सरकार द्वारा जारी अधिवास प्रमाणपत्र, या
     •   मजिस्ट्रेट के सामने लिया शपथ पत्र, जिसमे जन्म तिथि बताई गयी हो,
  • व्यक्तिगत/एच यु एफ के आलावा, दूसरे आवेदक को कौन से दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ते हैं?
    ​​
    व्यक्तिगत/एच यु एफ के आलावा, दूसरे आवेदक को पैन आवेदन पत्र के साथ नीचे दिए दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ते हैं :
    भारत में पंजीकृत कम्पनीकम्पनियों के रजिस्ट्रार द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र की कॉपी
    भारत में बनी या पंजीकृत साझेदारी फर्मफर्म के रजिस्ट्रार द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र की कॉपी या साझेदारी विलेख की कॉपी
    भारत में बनी या पंजीकृत सीमित देयता साझीदारीएलएलपी के रजिस्ट्रार द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र की कॉपी
    भारत में बनी या पंजीकृत व्यक्तियों की एसोसिएशन(ट्रस्ट)दान आयुक्त द्वारा जारी पंजीकरण नम्बर के प्रमाण पत्र की कॉपी या ट्रस्ट डीड की कॉपी
    (ट्रस्ट के आलावा), भारत में बनी या पंजीकृत व्यक्तियों की एसोसिएशन, लोगों का समूह, स्थानीय प्राधिकारी या न्यायिक कृत्रिम व्यक्तिसमझौता की कॉपी, या दान आयुक्त या सहकारी समिति के रजिस्ट्रार या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी पंजीकरण नम्बर के प्रमाण पत्र की कॉपी, या केद्र या राज्य सरकार से मिला कोई और दस्तावेज, जो इस व्यक्ति की पहचान और पते की स्थापना करता हो
  • व्यक्ति के भारत के नागरिक नहीं होने पर, कौन से दस्तावेज पते के सबूत के लिए मान्य हैं?
    भारत के नागरिक नहीं होने पर नीचे दिए दस्तावेज की कॉपी व्यक्ति के पते का सबूत समझे जायेंगें :
     •   पासपोर्ट की कॉपी, या
     •   भारत सरकार द्वारा जारी भारतीय मूल के व्यक्ति (पी आई ओ) कार्ड की कॉपी, या
     •   भारत सरकार द्वारा जारी भारत का विदेशी नागरिक (ओ सी आई) कार्ड की कॉपी, या
     •   विदेशी राष्ट्रीयता या नागरिकता पहचान संख्या या करदाता पहचान संख्या की कॉपी जो अपौस्टिल (उन देशों में जो 1961 के हेग अपौस्टिल कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ता हैं) या उस देश में जहाँ आवेदक रहता हो वहां के भारत दूतावास, उच्चायोग या कौंसल का दफ़्तर या भारत में पंजीकृत अनुसूचित बैंक की विदेशी शाखा के अधिकृत अधिकारीयों से विधिवत अनुप्रमाणित हो, या
     •   निवास के देश के बैंक खाते के विवरण की कॉपी, या
     •   भारत में नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल (एन आर ई) बैंक खाते के विवरण की कॉपी, या
     •   राज्य पुलिस अधिकारियों द्वारा जारी भारत में निवास का प्रमाण पत्र या आवासीय परमिट की कॉपी, या
     •   विदेशी पंजीकरण कार्यालय द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र की कॉपी जिसमे भारतीय पता दर्शाया गया हो, या
     •   वीजा मिलने की और भारतीय कम्पनी से जारी नियुक्ति पत्र या अनुबंध की कॉपी और नियोक्ता द्वारा दिया गया कर्मचारी के भारत के पते का असल प्रमाणपत्र
  • व्यक्ति के भारत के नागरिक नहीं होने पर, कौन से दस्तावेज पहचान के सबूत के लिए मान्य हैं?
    भारत के नागरिक नहीं होने पर नीचे दिए दस्तावेज की कॉपी व्यक्ति की पहचान का सबूत समझे जायेंगें :
     •   पासपोर्ट की कॉपी, या
     •   भारत सरकार द्वारा जारी भारतीय मूल के व्यक्ति (पी आई ओ) कार्ड की कॉपी, या
     •   भारत सरकार द्वारा जारी भारत का विदेशी नागरिक (ओ सी आई) कार्ड की कॉपी, या
     •   विदेशी राष्ट्रीयता या नागरिकता पहचान संख्या या करदाता पहचान संख्या की कॉपी जो "अपौस्टिल" (उन देशों में जो 1961 के हेग अपौस्टिल कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ता हैं) या उस देश में जहाँ आवेदक रहता हो वहां के भारत दूतावास, उच्चायोग या कौंसल का दफ़्तर या भारत में पंजीकृत अनुसूचित बैंक की विदेशी शाखा के अधिकृत अधिकारीयों से विधिवत अनुप्रमाणित हो।
  • वो कौन से दस्तावेज हैं जो उन आवेदक, जो भारत के बाहर बनी निगमित/ अनिगमित संस्थाए हैं, के प्रासंगिक सबूत माने जायेंगें ?
    भारत के बाहर बनी निगमित/ अनिगमित संस्थाओं वाले आवेदक के लिए नीचे दिए दस्तावेज की कॉपी प्रासंगिक सबूत माने जायेंगें –
     •   उस देश में, जहाँ आवेदक स्थित है, जारी की गयी पंजीकरण प्रमाणपत्र की कॉपी जो अपौस्टिल (उन देशों में जो 1961 के हेग अपौस्टिल कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ता हैं) या उस देश में जहाँ आवेदक स्थित है, वहां के भारत दूतावास, उच्चायोग या कौंसल का दफ़्तर या भारत में पंजीकृत अनुसूचित बैंक की विदेशी शाखा के अधिकृत अधिकारीयों से विधिवत अनुप्रमाणित हो, या
     •   भारत में दिया गया पंजीकरण प्रमाणपत्र या भारतीय अधिकारियों द्वारा भारत में दफ्तर बनाने की अनुमति की कॉपी
  • क्या फॉर्म 49क /49कक में आकलन अधिकारी कोड देना आवश्यक है ?
    ​​
    हाँ, फॉर्म 49क/49कक में आकलन अधिकारी (एओ ) कोड देना आवश्यक है आकलन अधिकारी के क्षेत्राधिकर के एओ कोड को (यानि एरिया कोड, एओ टाईप, सीमा(रेंज) कोड और (एओ) संख्या) आवेदक को भरनी चाहिए।  इसका विवरण आयकर विभाग के दफ्तर या पैन केंद्र से या पैन सेवा प्रदाता की वेबसाइट www.utiitsl.com or www.tin-nsdl.com से प्राप्त करी जा सकती है। ​
  • क्या विवाहित महिला को पिता का नाम देना चाहिए ?
    ​​​पूरा नाम देते समय आवेदक को पिता का नाम देना चाहिए इसलिए विवाहित महिला को पति का नहीं पिता का नाम देना चाहिए। 
  • क्या पैन का आवेदन पत्र सादे कागज़ पर करा जा सकता है ?
    ​पैन के लिए आवेदन सादे कागज पर नहीं किया जा सकता। पैन के लिए आवेदन निर्धारित प्रपत्र अर्थात् प्रपत्र 49क/49कक में किया जा सकता हैं जैसी भी स्थिति हो। प्रपत्र 49क भारत में निगमित भारतीय नागरिक/भारतीय कंपनी/उद्यम/भारत में गठित अनिगमित उद्यम द्वारा प्रयोग किया जाना है तथा प्रपत्र 49कक भारत के गैर निवासी/भारत से बाहर निगमित उद्यम/भारत से बाहर गठित अनिगमित उद्यम द्वारा प्रयुक्त होना है।
    आवेदक की स्थिति में, कंपनी के तौर पर जो कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हैं, स्थार्इ खाता संख्या के आवंटन के लिए आवेदन कंपनी के निगमन के लिए कथित अधिनियम की धारा 7 की उप-धारा (1) के अंतर्गत निर्दिष्ट प्रपत्र सं. आर्इएनसी-7 में किया जा सकता है।
  • अनिवासी, नाबालिग, मूर्ख, पागल मनुष्य और अदालत के वार्ड की ओर से कौन आवेदन दे सकता है ?
    ​​​
    1961 आयकर अधिनियम की धा​रा 160​ में यह दिया गया है कि अनिवासी, नाबालिग, मूर्ख, पागल मनुष्य, मानसिक रूप से मंद, मृत और अदालत के वार्डया ऐसे कोई और व्यक्ति का प्रतिनिधित्व एक प्रतिनिधि निर्धारिती कर सकता है।
    इन स्थितिओं में,
     •   पैन के आवेदन पत्र मेंअनिवासी, नाबालिग, मूर्ख, पागल मनुष्य,मानसिक रूप से मंद, मृत और अदालत के वार्ड, इत्यादि का विवरण देना चाहिए।
     •   प्रतिनिधि निर्धारिती का विवरण पैन के आवेदन पत्र के मद 14 में देना चाहिए।
     •   प्रतिनिधि निर्धारिती की पहचान और पते का सबूत देना भी आवश्यक है।
  • पैन के आवेदन पत्र यानि फॉर्म 49क, 49कक पर किसके हस्ताक्षर होने चाहियें ?
    ​​
    पैन के आवेदन पत्र यानि फॉर्म 49क,49कक पर इनके हस्ताक्षर (या, जो हस्ताक्षर नहीं कर सकते, उनके बाएं हाथ के अंगूठे का निशान) होने चाहियें---
     •   आवेदक, या
     •   एच यु एफ के केस में कर्ता, या
     •   कम्पनी का निदेशक, या
     •   व्यक्तियों की एसोसिएशन, लोगों का समूह, स्थानीय प्राधिकारी या न्यायिक कृत्रिम व्यक्ति की स्थिति में अधिकृत हस्ताक्षरी, या
     •   फर्म/एलएलपी का भागीदार, या
     •   ट्रस्टी,या
     •   नाबालिग/मृत/मूर्ख/ पागल मनुष्य/मानसिक रूप से मंद का प्रतिनिधि निर्धारिती
  • पैन के आवेदन पत्र यानि फॉर्म 49क,49कक पर हस्ताक्षर कैसे करने चाहियें?
    ​​
    आवेदक को फॉर्म 49क,49कक पर हस्ताक्षर तीन स्थान पर करने हैं।  अगर आवेदक हस्ताक्षर नहीं कर सकता तो उसके बाएं हाथ के अंगूठे का निशान हस्ताक्षर वाले स्थान पर करवा कर मजिस्ट्रेट या नोटरी पब्लिक या राजपत्रित अधिकारी द्वारा सरकारी मोहर और स्टाम्प लगा कर अनुप्रमाणित होनी चाहिए। तीन हस्ताक्षर/अंगूठे के निशान नीचे दिए अनुसार होने चाहियें –
     •   एक हस्ताक्षर/बाएं हाथ के अंगूठे के निशान फॉर्म के बाँयी ओर चिपकी फोटो पर इस प्रकार होना चाहिए कि हस्ताक्षर/ निशान के एक भाग फोटो पर और एक भाग फॉर्म के ऊपर होना चाहिए
     •   एक हस्ताक्षर/बाएं हाथ के अंगूठे के निशान फॉर्म के दाएं ओर दिए डिब्बी में होने चाहियें।  हस्ताक्षर/अंगूठे के निशान दांयी ओर चिपकी फोटो पर नहीं होने चाहिए।
     •   एक हस्ताक्षर/बाएं हाथ के अंगूठे के निशान फॉर्म के अंत में घोषणा के हिस्से में होने चाहियें।
    हस्ताक्षर/बाएं हाथ के अंगूठे के निशान, हस्ताक्षर/बाएं हाथ के अंगूठे के निशान के लिए बताये गयी डिब्बी के भीतर ही होने चाहियें।
    जिन आवेदन पत्र पर बताएं अनुसार और सही स्थान पर हस्ताक्षर नहीं हैं, वह अस्वीकार हो सकते है।
  • पैन के आवेदन पत्र भरने के बाद, मैं अपने पैन आवेदन पत्र की स्तिथि का कैसे पता लगा सकता हूँ?
    ​​
    पैन के आवेदन पत्र भरने के बाद, वयक्ति अपने पैन आवेदन पत्र की स्थिति आयकर विभाग या युटीआईआईटीएसएल या एनएसडीएल की वेबसाइट, यानि www.incometaxindia.gov.in or www.utiitsl.comऔरwww.tin-nsdl.com, पर दी गयी स्थिति ट्रैक सुविधा से लगायी जा सकती है। ​
  • पैन मिलने के बाद क्या आय की रिटर्न भरना अनिवार्य है ?
    ​​​​
    रिटर्न तभी भरनी होती है, जब ​धारा 139​ के अंतर्गत आप रिटर्न भरने के उत्तरदायी हों।
    पैन मिलने के बाद आय की रिटर्न भरना अनिवार्य नहीं है।
  • क्या मुझे अपना पैन कटौतीदाता, यानि कर की कटौती करने वाले व्यक्ति को बताना चाहिए?
    ​​​हाँ, पैन की सूचना कटौतीदाता यानि कर की कटौती करने वाले व्यक्ति को देनी चाहिए।  पहली अप्रैल 2010 से कटौतीदाता​ को पैन नहीं प्रस्तुत करने पर कर की कटौती (टीडएस) 20% या उससे भी अधिक की दर पर होगी।​
  • अगर मेरा पैन खो जाए तो मैं क्या करूँ ?
    ​अगर पैनकार्ड खो जाए तो आप डुप्लीकेट पैनकार्ड के लिए"नए पैनकार्ड के लिए प्रार्थना या/ और पैनकार्ड के डेटा में बदलाव या सुधार"फॉर्म भरकर प्रस्तुत कर सकते हैं, और उसके साथ एफ आई आर की कॉपी लगायी जा सकती है।​​
    अगर पैनकार्ड खो गया और आपको पैन याद नहीं है तो आयकर विभाग द्वारा दी गयी"अपना पैन जानो" की सुविधा से पैन का पता लगाया जा सकता है। यह सुविधा आयकर विभाग की वेबसाइट www.incometaxindia.gov.inसे मिल सकती है।
    पैन की ऑनलाइन जानकारी नाम, पिता का नाम और जन्म तिथि जैसे कोर विवरण देने से मिल सकती है। पैन जानने के बाद आप डुप्लीकेट पैन के लिए "नए पैनकार्ड के लिए प्रार्थना या/ और पैनकार्ड के डेटा में बदलाव या सुधार"फॉर्म भरकर आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
  • पैन की क्या वैधता है?
    एक बार प्राप्त पैन, पैन होल्डर के जीवनभर के लिए पूरे भारत में वैध होता है।  इस पर पते या आकलन अधिकारी के बदलने का कोई असर नहीं होता।  हालाँकि पैन के डेटाबेस (यानि, पैन की प्राप्ति के समय दिए गए विवरण) में कोई बदलाव होने पर आयकर विभाग को "नए पैनकार्ड के लिए प्रार्थना या/ और पैनकार्ड के डेटा में बदलाव या सुधार"फॉर्म भरकर सूचित कर देना चाहिए। ​
  • अगर पैन के आवंटन के समय दिए गए विवरण में कोई बदलाव हो तो क्या मैं आयकर विभाग को सूचित करूँ ?
    ​​पैन के डेटाबेस (यानि, पैन की प्राप्ति के समय दिए गए विवरण) में कोई बदलाव होने पर आयकर विभाग को "नए पैनकार्ड के लिए प्रार्थना या/ और पैनकार्ड के डेटा में बदलाव या सुधार" फॉर्म भरकर सूचित कर देना चाहिए। ​
  • पैन से संबधित प्रावधानों के अनुपालन नहीं करने पर क्या दंड है ?
    ​​​​​​ धारा 272ख में करदाता द्वारा पैन से संबधित प्रावधानों के अनुपालन नहीं करने पर दंड का प्रावधान है, यानि पैन लेने का उत्तरदायी होते हुए भी पैन नहीं प्राप्त करना, या किसी निर्धारित दस्तावेज पर, जिसमे पैन उद्धृत करना अनिवार्य है, उसमे जानबूझ कर गलत पैन देना, या कर की कटौती करने वाले को या कर लेने वाले को गलत पैन देने पर धारा 272ख​ के अंतर्गत रु.10,000 का जुर्माना​ लगाया जा सकता है। 
  • क्या एक व्यक्ति एक से अधिक पैन रख सकता है ?
    ​​​
    एक व्यक्ति एक से अधिक पैन नहीं रख सकता।  यदि एक व्यक्ति को पैन आवंटित हो गया है, तो वह दूसरे पैन की प्राप्ति के लिए आवेदन नहीं कर सकता।  1961 के आयकर अधिनियम धारा 272ख​ के अंतर्गत एक से अधिक पैन रखने पर रु. 10,000 के जुर्माने का प्रावधान है। 
    अगर एक व्यक्ति को एक से अधिक पैन आवंटित हो गया है तो उसे तुरंत अतिरिक्त पैन कार्ड या कार्डों को तुरंत वापिस कर देना चाहिए।
  • गलती से मैं भिन्न भिन्न उद्देश्य के लिए अलग अलग पैन को काम में लेता रहा हूँ, जैसे एक डिमेट खाते के लिए और दूसरा आयकर रिटर्न भरने में या कर के भुगतान के लिए। मैं इसे कैसे सही करूँ ?
    ​​एक पैन ही रखना उचित है, विशेषत वह जो आयकर के उद्देश्य में काम आ रहा हैं, और बाकी कार्ड को तुरंत वापस कर दें।  जिस संस्था में दूसरा पैन दिया गया है वहां सही पैन की सूचना दे देनी चाहिए। 
  • पैन से संबधित विषय में कहाँ संपर्क करना चाहिए ?
    आयकर विभाग या एनएसडीएल से नीचे दिए किसी भी तरीके से संपर्क किया जा सकता है
    तरीकाआय कर विभागराष्ट्रीय प्रतिभूति निक्षेपागार लिमिटेड​
    वेबसाईटwww.incometaxindia.gov.inwww.tin-nsdl.com
    कालसेंटर1800-180-1961020-27218080
    इ-मेल आई डीtininfo@nsdl.co.in
    एस एम एसSMS NSDLPAN <space> Acknowledgement No.  और भेजिए 57575 पर, आवेदन पत्र की स्थिति जानने के लिए
    पता
    आयकर पैन सेवा इकाई
    (एनएसडीएल ई-शासन इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा प्रबंधित),
    5 वीं मंजिल, मंत्री स्टर्लिंग, प्लॉट नं. 341,
    सर्वे नं. 997/8, मॉडल कालोनी के पास दीप बंग्लो चौक,
    पुणे - 411,016



(स्रोत-incometaxindi.gov.in)


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Rajanish Kant मंगलवार, 26 मार्च 2019