Results for "आम बजट"
भारतीय शेयर बाजार पर शनिवार को पहली बार कारोबार होगा, जानिए टाइमिंग
एक फरवरी को शनिवार है और एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। आम बजट शनिवार को पेश किए जाने के कारण भारतीय शेयर बाजार उस दिन कारोबार के लिए खुले रहेंगे। पहली बार भारतीय शेयर बाजार शनिवार को कारोबार के लिए खुलेगा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने सर्कुलर जारी कर इसकी जानकारी दी है। जानें टाइमिंग-
NOTICES
Notice No.20200121-47Notice Date21 Jan 2020
CategoryTradingSegmentEquity
SubjectTrading Session on account of Union Budget 2020-21 – Equity
Content
Trading members are hereby notified the live trading timings for the Equity segment on account of presentation of Union Budget 2020-21 on Saturday, February 01, 2020 as follows:
Live Trading Session Timings 

TRADING SESSIONS
FROM
TO
Log-in
7:00 am
9:00 am



Pre-Open


·         Order Entry period
9:00 am
9:08 am^
·         Matching period
9:08 am
9:15 am



Special Pre-Open for IPO & Re-listed scrips#


·         Order Entry period
9:00 am
9:45 am^
·         Matching period
9:45 am
10:00 am



Periodic Call Auction (6 session of 1 hour each)
9:30 am
3:30 pm



Continuous Trading*#
9:15 am
3:30 pm



Auction for Settlement Default


·         Offer Entry period
2:00 pm
2:45 pm^
·         Matching period
2:45 pm
3:00 pm



Closing
3:30 pm
3:40 pm
Post- closing
3:40 pm
4:00 pm
*Morning Block Deal Window (Session-1)
8:45 am
9:00 am
*Afternoon Block Deal Window (Session-2)
2:05 pm
2:20 pm
# Continuous Trading for SPOS scrips
10:00 am
3:30 pm

 ^ - Random stoppage of order entry session in last 1 minute. All other timings are same as existing live trading.

In case of any queries or clarifications, trading members may kindly get in touch with their respective Relationship Manager or contact BSE Helpdesk on 022-3059 4000 (hunting) / bsehelp@bseindia.com.

(source: www.bseindia.com)
https://www.bseindia.com/markets/MarketInfo/DispNewNoticesCirculars.aspx?page=20200121-47

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Rajanish Kant बुधवार, 22 जनवरी 2020
आम बजट 2017-18: कारोबार को सुगम बनाने के लिए कई घोषणाएं




सुगमता से व्यापार के लिए कई उपायों की घोषणा
व्यापार करने में सुगमता का माहौल विकसित करने कि सरकार की नीति के तहत वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने लोक सभा में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कई अन्यम उपायों की घोषणा की।

वित्तर मंत्री ने अनुमानित आय योजना का विकल्प चुनने वाले व्यातवसायिक उद्यमियों की लेखा-परीक्षा के लिए प्रारंभिक सीमा एक करोड़ रु. से बढ़ाकर दो करोड़ रु. करने का प्रस्तााव किया। इसी प्रकार विशिष्टिरयों और हिन्दून अविभाजित परिवारों के लिए बहियों के रखरखाव की प्रारंभिक सीमा 10 लाख रु. टर्नओवर से बढ़ाकर 25 लाख अथवा आय को 1.2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख करना प्रस्ता वित किया।

श्री जेटली ने श्रेणी-I एवं श्रेणी–II के विदेशी पोर्टफोलियों निवेशक को अप्रत्यटक्ष अंतरण उपबंध से छूट प्रदान करने का प्रस्ताrव भी पेश किया। साथ ही उन्होंयने स्पअष्ट किया कि भारत में कर-प्रभार्य निवेश के शोधन या बिक्री के परिणाम स्व रूप या इससे उत्पसन्नय भारत से बाहर शेयरों के शोधन या ब्यानज के मामले में अप्रत्यरक्ष अंतरण प्रावधान लागू नहीं होंगे।

व्येक्तियगत बीमा एजेंटो को राहत देने के मकसद से श्री जेटली ने उन्हें टीडीएस की कटौती से छूट प्रदान करने का प्रस्तााव भी पेश किया। साथ ही उन्हों ने स्पकष्ट किया कि बीमा एजेंटों को स्व घोषणा करनी होगी कि उनकी आय कर योग्यौ सीमा से कम है। अब तक, व्यपक्तिनगत बीमा एजेंटों को देय कमीशन में 5 प्रतिशत टीडीएस की कटौती की जाती है।
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant बुधवार, 1 फ़रवरी 2017
आम बजट: 2017-18- जानिए किस सेक्टर के लिए कितनी राशि का आवंटन किया गया
केन्द्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में बजट पेश किया
वर्ष 2017-18 के बजट में कुल व्यय 21.47 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है और इससे व्या पक प्रभाव पड़ने एवं विकास की रफ्तार तेज होने की आशा है।
राज्योंस और विधानसभा वाले केन्द्र  शासित प्रदेशों को कुल मिलाकर 4.11 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए जा रहे हैंजबकि वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान में यह राशि 3.60 लाख करोड़ रुपये थी।
पेंशन को छोड़ रक्षा व्यजय 2,74,114 करोड़ रुपये का है।
पहली बार आम बजट के साथ एक समेकित आउटकम बजट भी पेश किया गया हैजिसमें सभी मंत्रालयों एवं विभागों को कवर किया गया है।
श्री जेटली ने विशेष जोर देते हुए कहा कि अगले वर्ष के लिए राजस्वय घाटा 1.9 प्रतिशत तय किया गया हैजबकि एफआरबीएम अधिनियम में यह 2 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक वृद्धि के इंजन के रूप में देखा जाता है, और उम्मीद है कि वर्ष 2017 में भारत, दुनिया की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा
विमुद्रीकरण को जनता के हित में किए गए कार्य की संज्ञा देते हुए वित्त मंत्री ने महात्मा गांधी की बात को दोहराते हुए कहा कि सही दिशा में किया गया कार्य कभी भी असफल नहीं होता
श्री जेटली ने कहा कि हमारा एजेंडा प्रशासन की गुणवत्ता, समाज के विभिन्न तबकों में शक्ति का संचार कर उन्हें समर्थ बनाना और देश को भ्रष्टाचार, काला धन एवं अपारदर्शी राजनीतिक वित्तपोषण की बुराइयों को समाप्त करना है
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा ध्यान मौद्रिक पहलुओं को संयमित रखकर ग्रामीण क्षेत्र का विकास, बुनियादी अवसंरचना को बढ़ावा देने एवं गरीबी उन्मूलन के लिए अधिक से अधिक धन खर्च करने पर है।
वर्ष 2019 अर्थात् महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक सरकार एक करोड़ परिवारों को ग़रीबी से निजात दिलाने50,000 ग्राम पंचायतों को गरीबी मुक्त बनाने के लिए अंत्योदय मिशन पर काम करेगी।
ग्रामीण स्तर पर महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
महिला एवं बाल कल्याण के लिए बजट अनुमान 2016-17 के 1,56,528 करोड़ रुपये की धनराशि को बढ़ाकर बजट 2017-18 में 1,84,632 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया
बुनियादी विकास के लिए वर्ष 2017-18 में 3,96,135 करोड़ रुपये आवंटित
रेलवे व्यय 1,31,000 करोड़ रुपये प्रस्तावित, 55,000 करोड़ रुपये सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
2017-18 में ट्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम योजना की शुरुआत की जाएगी
एफडीआई नीतियों में कई अन्य उदारवादी कदम विचाराधीन
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को वर्ष 2017-18 में समाप्त किया जाएगा
अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू निजी क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियों के प्रदर्शन के समकक्ष पहुंचने के लिए एक एकीकृत सार्वजनिक क्षेत्र का ऑयल मेजर प्रस्तावित

केन्द्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में बजट 2017-18 पेश किया। यह पहला मौका है जब आम बजट में ही रेल बजट भी शामिल है। इस बार बजट को योजनागत एवं गैर-योजनागत श्रेणियां में वर्गीकृत भी नहीं किया गया है। ख़ास बात यह भी है कि इस बार बजट को अपने निर्धारित समय से करीब एक माह पूर्व फरवरी माह की शुरुआत में ही पेश किया गया है। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमारा एजेंडा जनता के जीवन की गुणवत्ता में आमूल परिवर्तन लाने के लिए प्रशासन की गुणवत्ता में परिवर्तन हेतू टीईसी इंडिया अर्थात ट्रांसफॉर्म, एनर्जाइज़ एवं क्लीन इंडिया पर केन्द्रित रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य समाज के विभिन्न तबकों विशेषकर युवाओं एवं कमज़ोर वर्गों में शक्ति का संचार करना और देश में भ्रष्टाचार, काला धन और अपारदर्शी राजनीतिक वित्तपोषण की बुराइयों को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक पहलुओं को संयमित रखकर ग्रामीण क्षेत्रों का विकासबुनियादी अवसंरचना को बढ़ावा देने एवं गरीबी उन्मूलन के लिए अधिक से अधिक धन खर्च करने पर हमारा विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित है। गरीबों एवं वंचितों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से निवेश को बढ़ावा और आर्थिक वृद्धि की तीव्र गति के संबंध में आर्थिक सुधारों को जारी रखा जाएगा।
बजट 2017-18 के लिए कुल व्यय 21.47 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। श्री अरुण जेटली ने कहा कि इस व्यय से कई गुना सकारात्मक प्रभाव और उच्च वृद्धि की उम्मीद है।
वर्ष 2017-18 में राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों को कुल 4.11 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा रहे हैं, जबकि बजट अनुमान 2016-17 में यह 3.60 लाख करोड़ रुपये था।
रक्षा व्यय 2,74,114 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है, इसमें पेंशन शामिल नहीं है।
वित्त मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के सुस्त निवेश एवं धीमी वैश्विक वृद्धि दर के मद्देनज़र अधिक सार्वजनिक व्यय की आवश्यकता पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि एफआरबीएम समिति की अनुशंसाएं उनके ध्यान में हैं कि मौद्रिक प्रबंधन के लिए सतत ऋण मुख्य आधार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट के पहलुओं पर विचार करते हुए 2017-18 के लिए वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.2 फीसदी आंका गया है। उन्होंने कहा कि वह आने वाले वर्षों में इसे 3 फीसदी करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। श्री जेटली ने इस बात पर जोर दिया कि अगले वर्ष के लिए राजस्व घाटा एफआरबीएम द्वारा निर्धारित किए गए 02 फीसदी की तुलना में 1.9 फीसदी रहेगा।
पहली बार, केन्द्रीय बजट के साथ सभी मंत्रालयों एवं विभागों को शामिल करते हुए समेकित परिणाम बजट पेश किया जा रहा है।
श्री अरुण जेटली ने घोषणा करते हुए कहा कि वर्ष 2017 के लिए कृषि ऋण के लक्ष्य को निर्धारित किया गया है।
श्री अरुण जेटली ने घोषणा करते हुए कहा कि वर्ष 2017-18 में कृषि ऋण के लिए ऐतिहासिक रूप से 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि प्रति बूंद अधिक फसल के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रारंभिक तौर पर 5000 करोड़ रुपये की संचित निधि से एक समर्पित सूक्ष्म सिंचाई कोष स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही कुल 40,000 करोड़ रुपये की संचित निधि से दीर्घ अवधि सिंचाई कोष भी स्थापित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि संविदा खेती को लेकर एक आदर्शी कानून तैयार किया जाएगा और इसे राज्यों को भी भेजा जाएगा ताकि वे इसे अपना सकें। उन्होंने यह भी कहा कि तीन वर्षों में 8000 करोड़ रुपये की संचित निधि से नाबार्ड में एक दुग्थ प्रसंस्करण एवं अवसंरचना निधि की स्थापना की जाएगी। प्रारंभ में, इस निधि की शुरुआत 2000 करोड़ रुपये की संचित निधि से की जाएगी।
श्री अरुण जेटली ने घोषणा करते हुए कहा कि वर्ष 2019 अर्थात् महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक सरकार एक करोड़ परिवारों को ग़रीबी से निजात दिलाने, 50,000 ग्राम पंचायतों को गरीबी मुक्त बनाने के लिए अंत्योदय मिशन पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि वार्षिक वृद्धि एवं प्रत्येक वंचित परिवार के लिए स्थायी रूप से आजीविका हेतू केन्द्रित सूक्ष्म योजना के लिए मौजूद संसाधनों का अधिक कारगर तरीके से उपयोग किया जाएगा।
किसानों की आय को दोगुना करने में समर्थन करने के लिए पुनःअभिमुख मनरेगा योजना के अंतर्गत, लक्षित पांच लाख तालाबों के विपरीत मार्च 2017 तक करीब 10 लाख तालाबों का निर्माण पूरा किए जाने की उम्मीद है। इससे सूखा से प्रभावित ग्राम पंचायतों को जल की कमी से निजात मिल जाएगी। वर्ष 2016-17 में मनरेगा के अंतर्गत 38,500 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान को वर्ष 2017-18 में बढ़ाकर 48,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि मनरेगा के लिए आवंटित बजट में अब तक की यह सबसे बड़ी धनराशि है।
वर्ष 2011-14 की अवधि दौरान औसत 73 किलोमीटर की तुलना में वर्ष 2016-17 की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण तेजी से बढ़कर 133 किलोमीटर सड़क निर्माण प्रतिदिन हो गया है। श्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत वर्तमान लक्ष्य को वर्ष 2019 तक पूरा करने के लिए वचनबद्ध है। वर्ष 2017-18 में इस योजना पर 19,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं राज्यों के अंशदान को भी जोड़ दिया जाए तो वर्ष 2017-18 में इस योजना पर कुल मिलाकर 27,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए बजट अनुमान 2016-17 में आवंटित 15,000 करोड़ रुपये की धनराशि को बढ़ाकर बजट 2017-18 में 23,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि बेघर और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों के लिए वर्ष 2019 तक 01 करोड़ मकानों को पूरा करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) एवं ऋण समर्थन योजना के लिए आवंटन को बढ़ाकर तीन गुना से भी अधिक कर दिया गया है।
श्री अरुण जेटली ने कहा कि ग्रामीण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए वर्ष 2017-18 में 1,87,233 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 24 फीसदी अधिक है।
इस वर्ष बजट में लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में कई नई घोषणाएं की गई हैं। वर्तमान में 60 जिलों में संचालित प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र (पीएमकेके) को देशभर में 600 से अधिक ज़िलों में विस्तारित करना प्रस्तावित है।
4,000 करोड़ रुपये की लागत से 3.5 करोड़ युवाओं को बाज़ार संगत प्रशिक्षण मुहैया कराने हेतू आजीविका विकास के लिए कौशल एवं ज्ञान जागरूकता (संकल्प - एसएएनकेएएलपी) कार्यक्रम की घोषणा की गई है। औद्योगिक मूल्यवर्धन हेतू कौशल सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव) का अगला चरण वर्ष 2017-18 में 2,200 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में दिए जा रहे व्यावसायिक प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं बाजार संगतता में सुधार करना और उद्योग समूहों के जरिए प्रशिक्षु पाठ्यक्रमों को सुदृढ़ करना है।
उच्च शिक्षण संस्थाओं में सभी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने के लिए स्वायत्त एवं स्व-संपोषित प्रमुख समीक्षा संगठन के रूप में एक राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की स्थापना किए जाने का प्रस्ताव है।
सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर कम से कम 350 पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए स्वयं नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू करने का प्रस्ताव है। इन पाठ्यक्रमों को सर्वोत्म अध्यापकों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जाएगा। यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को आभासी रूप से पाठ्यक्रम में उपस्थित होने, उच्च गुणवत्ता वाले पठन संसाधनों तक पहुंच, वाद-विवाद मंचों पर भागीदारी एवं परीक्षा देने एवं अकादमिक ग्रेड प्राप्त करने में समर्थ बनाएगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में उच्च शिक्षा सुधार और माध्यमिक शिक्षा में नवोन्मेष कोष प्रस्तावित किया गया है। इसका उद्देश्य व्यापक पहुंच, लैंगिक समानता और गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभिक रूप से 3479 शैक्षिक रूप से पिछड़े खंडों में स्थानीय नवोन्मेष को प्रोत्साहित करना है।
विद्यालयों में स्थानीय नवोन्मेष सामग्री के जरिए सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पाठ्यक्रम में लचीलापन लाने पर बल दिया जाएगा। इसके लिए विज्ञान शिक्षा एवं वार्षिक ज्ञान परिणाम मापने की प्रणाली पर बल दिया जाना प्रस्तावित है।
श्री अरुण जेटली ने घोषणा करते हुए कहा कि 14 लाख आईसीडीएस आंगनवाड़ी केन्द्रों में 500 करोड़ रुपये की लागत से ग्रामीण स्तर पर महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये केन्द्र ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से स्थापित किए जाएंगे। इन केन्द्रों में ग्रामीण महिलाओं को कौशल विकास, रोज़गार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य एवं पोषण आदि की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
प्रधानमंत्री द्वारा 31 दिसंबर 2016 को गर्भवती महिलाओं के लिए की गई घोषणा को दोहराते हुए वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि अस्पतालों में बच्चे को जन्म देने और बच्चे का पूर्ण टीकाकरण कराने वाली गर्भवती महिलाओं के बैंक खातों में देशभर में कुल मिलाकर करीब 6,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है।
महिला एवं बाल कल्याण के लिए बजट अनुमान 2016-17 के 1,56,528 करोड़ रुपये की धनराशि को बढ़ाकर बजट 2017-18 में 1,84,632 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है।
देशभर में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी अवसंरचना को मज़बूत करने की दिशा में वित्त मंत्री ने झारखंड एवं गुजरात में दो नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में स्नोत्कोत्तर स्तर पर सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ भारत में चिकित्सा शिक्षा एवं अभ्यास (प्रैक्टिस) के संबंध में नियामक ढांचा तैयार करने के लिए कारगर कदम उठाने के प्रति वचनबद्ध है।
अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए किया जाने वाला आवंटन बजट अनुमान 2016-17 में 38,833 करोड़ रुपये था, जिसे बजट 2017-18 में बढ़ाकर 52,393 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। यह बजट अनुमान 2016-17 की तुलना में करीब 35 फीसदी अधिक है। वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए आवंटित बजट तो बढ़ाकर 31,920 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यकों के लिए 4,195 करोड़ रुपये किया गया है। सरकार इन क्षेत्रों में खर्च की जाने वाली धनराशि की नीति आयोग द्वारा परिणाम आधारित निगरानी की व्यवस्था शुरू करेगी।
इस वर्ष सरकार के एजेंडे में प्रशासन की गुणवत्तासमाज के विभिन्न तबकों में शक्ति का संचार कर उन्हें समर्थ बनाना और देश को भ्रष्टाचारकाला धन एवं अपारदर्शी राजनीतिक वित्तपोषण की बुराइयों को समाप्त करना शामिल है। इस दिशा में वित्त मंत्री ने कहा कि बुनियादी अवसंरचना के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की दिशा में प्रयास जारी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 में बुनियादी अवसंरचना विकास के लिए कुल 3,96,135 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें 2,41,387 करोड़ रुपये रेल, सड़क एवं जहाज़रानी आदि परियोजनाओं पर व्यय किए जाने हैं।
वर्ष 2017-18 में रेलवे पर कुल पूंजीगत एवं विकास व्यय 1,31,000 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। इसमें से 55,000 करोड़ रुपये सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। वर्ष 2016-17 में 2800 किलोमीटर नई रेलवे लाइनों की तुलना में 2017-18 में 3,500 किलोमीटर रेलवे लाइनें शुरू की जाएंगी। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र, 05 वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये की संचित निधि सहित एक राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष की स्थापना की जाएगी। सरकार इस कोष की मदद से क्रियान्वित किए जाने वाले विभिन्न सुरक्षा कार्यों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश एवं समयसीमा तय करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि मानकीकरण एवं देश में ही तैयार हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर के साथ-साथ क्रियान्वयन एवं वित्तपोषण के नवाचारी मॉडल पर केन्द्रित एक नई मेट्रो रेल नीति को घोषित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण एवं परिचालन में व्यापक स्तर पर निजी भागीदारी एवं निवेश को सरल बनाने के लिए एक नया मेट्रो रेल अधिनियम अपनाया जाएगा।
सड़क क्षेत्र के लिए बजट 2017-18 में 64,900 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं, जबकि बजट अनुमान 2016-17 में यह धनराशि 57,976 करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा कि बंदरगाहों और दूर-दराज के गांवों तक बेहतर संपर्क स्थापित करने के लिए समुद्र के आसपास 2,000 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण के लिए जगह चिन्हित कर ली गई हैं।
श्री अरुण जेटली ने कहा कि भूमि परिसंपत्ति के प्रभावशाली मुद्रीकरण को सक्षम बनाने के लिए भारतीय एयरपोर्ट प्राधिकरण अधिनियम को संशोधित किया जाएगा। ऐसे में प्राप्त संसाधनों को हवाईअड्डों के उन्नयन (अपग्रेडेशन) के लिए उपयोग किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि द्वितीय श्रेणी के क्षेत्रों में बने हवाई अड्डों का परिचालन एवं देखरेख पीपीपी मोड में की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 के अंत तक 1,50,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर पर आधारित तीव्र गति इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि भारत नेट परियोजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत 1,55,000 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाई जा चुकी है। मंत्री ने कहा कि डिजि गांव नामक एक अन्य अभियान की शुरुआत भी की जाएगी।
अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र को मज़बूत करने के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने 20,000 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता के लिए द्वितीय चरण के सौर पार्क को विकसित करने का निर्णय लिया है। इसी तरह सरकार ने द्वितीय चरण में दो स्ट्रेटजिक क्रूड ऑयल रिज़र्व स्थापित करने का निर्णय लिया है। इनकी स्थापना ओडिशा के चांदीखोले और राजस्थान के बीकानेर में की जाएगी।
श्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार वर्ष 2017-18 में निर्यात के लिए व्यापार अवसंरचना योजना (ट्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम- टीआईईएस) नामक एक नवीन एवं पुनर्गठित योजना की शुरुआत करेगी।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में घोषणा करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को वर्ष 2017-18 में समाप्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक रूपरेखा (रोडमैप) अगले कुछ महीनों में घोषित की जाएगी। मंत्री ने कहा कि यह इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि प्रत्यक्ष निवेश संवर्धन बोर्ड ने एफडीआई आवेदनों की ई-फाइलिंग एवं ऑनलाइन प्रसंस्करण को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में होने वाले कुल आगम का 90 फीसदी से अधिक भाग स्वचालित मार्ग के माध्यम से होता है। मंत्री ने कहा कि एफडीआई नीतियों में कई अन्य उदारवादी कदम अभी विचाराधीन हैं और इस संबंध में कई आवश्यक घोषणाएं आगामी दिनों में की जाएंगी।
श्री अरुण जेटली ने कहा कि अवैध जमा योजनाओं के संकट को कम करने के लिए एक विधेयक संसद में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह इस बजट और सरकार के स्वच्छ भारत एजेंडे का हिस्सा है।
मंत्री ने कहा कि पिछले बजट में घोषित विनिवेश नीति को इस बजट में भी जारी रखा गया है और सरकार इस संबंध में एक संशोधित प्रणाली एवं प्रक्रिया लागू करेगी।
श्री अरुण जेटली ने कहा कि कंप्यूटर एमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम (सर्ट-फिन) स्थापित की जाएगी और यह सभी वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों एवं अन्य हितधारकों के साथ समन्वय का कार्य करेगी।
बजट 2017-18 के लिए कुल व्यय 21.47 लाख करोड़ रुपये रखा गया है
(Source: pib.nic.in)
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