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IT रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, तो नए नियम जान लें

IT रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, तो नए नियम जान लें

Rajanish Kant सोमवार, 8 अप्रैल 2019
आकलन वर्ष 2019-20 के लिये आयकर रिटर्न फार्म अधिसूचित

आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2019-20 के लिये व्यक्तिगत तथा कंपनियों के स्तर पर भरे जाने वाले आयकर रिटर्न (आईटीआर) फार्म अधिसूचित कर दिये हैं। 

आयकर रिटर्न-1 या सहज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस फार्म को वेतनभोगी वर्ग द्वारा भरा जाता है। वहीं आईटीआर 2, 3, 4, 5, 6 और 7 के कुछ खंडों को तर्कसंगत बनाया गया है।

व्यक्तियों तथा कंपनियों को 2018-19 में हुई आय की जानकारी देते हुये चालू वित्त वर्ष में रिटर्न भरना होगा। 

जिन लोगों की सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और यह आय वेतन, एक मकान से है तथा ब्याज और कृषि आय जैसे अन्य स्रोतों से आय 5,000 रुपये तक की आय है, वह आईटीआर-1 में अपनी आय का ब्यौरा भरेंगे। 

आईटीआर-2 उन लोगों द्वारा भरा जाता है जिनकी आय व्यापार या पेशे में लाभ से नहीं है। वहीं आईटीआर-3 उन लोगों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) द्वारा भरे जाते हैं जिनकी आय व्यापार या पेशे से प्राप्त लाभ के जरिये होती है।

आईटीआर-4 यानी सुगम उन लोगों या एचयूएफ अथवा कंपनियों (एलएलपी के अलावा) के लिये है जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है तथा व्यापार एवं पेशे से प्राप्त अनुमानित आय दिखाते हैं।

आईटीआर-3 और आईटीआर-6 (कंपनियों) में माल एवं सेवा कर के लिये दिखाये गये कारोबार / सकल प्राप्ति दिखानी होगी। पिछले साल तक यह केवल आईटी-4 भरने वालों पर ही लागू था।

आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख उन लोगों के लिये 31 जुलाई है जिनके खातों को आडिट कराने की जरूरत नहीं है।




(साभार: पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant शनिवार, 6 अप्रैल 2019
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिये पैन के साथ आधार जोड़ना जरूरी: न्यायालय

च्चतम न्यायालय ने कहा है कि आय कर रिटर्न दाखिल करने के लिये पैन को आधार के साथ जोड़ना अनिवार्य है।

न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत पहले ही इस मामले में फैसला सुनाते हुये आय कर कानून की धारा 139एए को सही ठहरा चुकी है।

शीर्ष अदालत ने श्रेया सेन ओर जयश्री सतपुड़े को वर्ष 2018-19 का आय कर रिटर्न पैन नंबर को आधार से जोड़े बगैर ही दाखिल करने की अनुमति देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केन्द्र की अपील पर यह निर्देश दिया। 

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस तथ्य के मद्देनजर यह आदेश दिया था कि मामला शीर्ष अदालत में विचारार्थ लंबित है। इसके बाद, चूंकि शीर्ष अदालत ने इस मामले में पिछले साल 26 सितंबर को फैसला सुना दिया और आय कर कानून की धारा 139एए को बरकरार रखा है, इसलिए पैन नंबर को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। 

पीठ ने केन्द्र की अपील का निबटारा करते हुये स्पष्ट किया कि कर आकलन वर्ष 2019-20 के लिये आय कर रिटर्न शीर्ष अदालत के फैसले के अनुरूप दाखिल करना होगा।

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 26 सितंबर, 2018 को अपने फैसले में केन्द्र की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध करार देते हुये कहा था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन नंबर के आबंटन के लिये आधार अनिवार्य होगा परंतु बैंक खातों के लिये आधार आवश्यक नहीं है। इसी तरह मोबाइल कनेक्शन के लिये दूरसंचार सेवा प्रदाता भी आधार नहीं मांग सकते हैं।



(सौ. पीटीआई भाषा)
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


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Rajanish Kant बुधवार, 6 फ़रवरी 2019
आयकर रिटर्न भरनेवालों के लिए खुशखबरी
अगर अभी तक आपने वित्त वर्ष 2017-18 इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है और ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं किया है तो आपके जरूरी खबर है। दरअसल, आयकर विभाग कुछ खास कैटेगरी के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने और ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2018 कर दिया है। इससे पहले आखिरी तारीख को बढ़ाकर 15 अक्टूबर 2018 किया गया था। 

इसका मतलब ये हुआ कि अगर आप 31 अक्टूबर 2018 तक आईटी रिटर्न भरते हैं तो आपको जुर्माना नहीं देना पड़ेगा, लेकिन इसके बाद भरते हैं तो आपसे जुर्माना वसूला जाएगा। 

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Rajanish Kant सोमवार, 8 अक्तूबर 2018
आयकर रिटर्न दाखिल करने में 31 अगस्त, 2018 तक 71 प्रतिशत की उछाल दर्ज
वित्त वर्ष 2018 के दौरान (दाखिल करने के लिए 31 अगस्‍त, 2018 तक बढ़ाई गई नियत तिथि) दाखिल किए गए आयकर रिटर्न (आईटीआर) की संख्या में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 31 अगस्‍त, 2018 तक ‘ई-फाइल’ आईटीआर की कुल संख्या 31 अगस्‍त, 2017 तक के 3.17 करोड़ की तुलना में 5.42 करोड़ आंकी गई, जो 70.86 प्रतिशत की उल्‍लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है। 31 अगस्‍त 2018, जो आईटीआर दाखिल करने के लिए बढ़ाई गई अंतिम तिथि थी, को लगभग 34.95 लाख रिटर्न अपलोड किए गए।
दो श्रेणियों में आईटीआर की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इन श्रेणियों के तहत वेतनभोगी व्यक्तियों (आईटीआर-1 एवं 2) द्वारा दाखिल किए गए आईटीआर की संख्‍या के साथ-साथ अनुमानित कराधान योजना (आईटीआर-4) का लाभ उठाने वाले लोगों द्वारा दाखिल किए गए आईटीआर की संख्‍या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है।
31 अगस्‍त, 2018 तक वेतनभोगी व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा दाखिल किए गए ई-रिटर्न की कुल संख्या वित्‍त वर्ष 2017 की इसी अवधि के दौरान दाखिल किए गए 2.19 करोड़ रिटर्न की तुलना में 3.37 करोड़ आंकी गई, जो रिटर्न की कुल संख्‍या में 1.18 करोड़ अथवा 54 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
‘अनुमानित कर योजना’ का लाभ उठाने वाले व्यक्तियों द्वारा 31 अगस्‍त, 2018 तक दाखिल किए गए ई-रिटर्न की कुल संख्या 31 अगस्‍त, 2017 तक दाखिल किए गए 14.93 लाख रिटर्न की तुलना में 1.17 करोड़ आंकी गई, जो रिटर्न की कुल संख्‍या में 681.69 प्रतिशत की दमदार वृद्धि दर्शाती है।

(स्रोत-पीआईबी)
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Rajanish Kant शनिवार, 1 सितंबर 2018
IT रिटर्न भरने वालों के लिए जरूरी खबर

IT रिटर्न भरने वालों के लिए जरूरी खबर

Rajanish Kant सोमवार, 28 मई 2018
अब आईटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं, क्योंकि...
आयकर दाता आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 यानी वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए      इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यानी आयकर विभाग ने  सभी 7  IT रिटर्न फॉर्म ई-फाइलिंग के लिए जारी कर दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर आप आईटी रिटर्न ऑनलाइन भर सकते हैं। विभाग ने इस बारे में जानकारी दी।  

सीबीडीटी ने कहा है कि सभी सात आईटीआर फार्म अब उसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन दाखिल करवाए जा सकते हैं हालांकि, कुछ श्रेणी के करदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी
>महत्वपूर्ण तारीख याद रखें:
-31 जुलाई 2018 तक रिटर्न फाइल
कर देना है, जरूरत पड़ने पर तारीख 
बढ़ भी सकती है, लेकिन आप देरी 
मत करें, अंतिम तारीख बढ़ने का भी 
इंतजार मत करें
-31 जुलाई या कोई नई डेडलाइन) के 
बाद रिटर्न भरने पर ₹10,000 तक 
का जुर्माना देना पड़ सकता है

-डेडलाइन के बाद 31 दिसंबर 2018
 तक रिटर्न भरने पर जुर्माना ₹5,000
और 31 दिसंबर के बाद जुर्माना बढ़कर 
₹10,000 हो जाएगा
-अगर किसी टैक्सपेयर की सालाना 
आय ₹5 लाख रुपए तक है तो उसके 
लिए अधिकतम जुर्माना ₹1,000 होगा

-आईटी रिटर्न में रिवीजन की अवधि घटा 
दी गई
-अगर 31 जुलाई 2018 तक रिटर्न फाइल 
करने के दौरान उसमें किसी तरह की गलती 
होती है, तो टैक्सपेयर के पास रिवाइज्ड रिटर्न
फाइल करने के लिए 31 मार्च 2019 तक का 
समय होगा। लेकिन अभी तक टैक्सपेयर को 
इसके लिए दो साल तक का समय मिलता था, 
जिसे अब एक साल कर दिया गया है


आपको बता दूं कि आयकर विभाग ने नियमों में कुछ बदलाव किये हैं। इन बदलावों की वजह से आईटी रिटर्न फाइल  करने में खास सावधानी बरतने की जरूरत है। 

>IT रिटर्न फॉर्म में बदलाव:
-नौकरीपेशा लोगों के लिए जारी ITR फॉर्म 1 
यानी सहज में अब ज्यादा जानकारी देनी होगी
-सहज में अपनी सैलरी का ब्रेकअप बताना होगा
-कुल सैलरी, सारे अलाउंसेस, पर्क्स, इनकम टैक्स
छूट के लिए क्लेम किए गए डिडक्शंस सबकी 
जानकारी देनी होगी 

-कंपनी से मिलने वाले फॉर्म 16 में ये सब जानकारी 
दी जाती है और पहले आईटी रिटर्न फॉर्म में इसकी
जानकारी नहीं देनी होती थी, लेकिन अब फॉर्म 16 
रहने पर भी आईटी रिटर्न में इसकी जानकारी देनी
होगी। 
-घर से होने वाली आय का पूरा ब्यौरा देना जरूरी;
जैसे कुल किराया, किराएदार का पैन नंबर, लोकल 
अथॉरिटी को चुकाए गए टैक्स (प्रॉपर्टी टैक्स),  होम 
लोन लेने पर उस पर चुकाए गए ब्याज, हाउस प्रॉपर्टी 
से होने वाली कमाई की जानकारी 

-छोटे बिजनेसमैन जो ITR-4 फॉर्म भरते हैं, उन्हें 
अब अपना GST आइडेंटिफिकेशन नंबर, GST
के तहत घोषित टर्नओवर का खुलासा करना होगा
-जो लोग किसी फर्म में पार्टनर हैं, अब उन्हें ITR-2 
की बजाय ITR-3 में अपना रिटर्न भरना होगा

>IT रिटर्न -1 यानी सहज किसके लिए:
-जिनकी सालाना इनकम ₹50 लाख 
से अधिक नहीं हो, जिनके आय का 
स्रोत- सैलरी या पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी,
अन्य स्रोत (लॉटरी या घुड़दौड़ की 
आय छोड़कर) हो
-NRI अब ITR-1 में रिटर्न नहीं 
भरेंगे, उन्हें ITR-2 भरना होगा

>अगर आप IT रिटर्न फॉर्म में 
-इनकम कम बताते हैं या
-कटौती बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं या
-इनकम टैक्स कानूनों का उल्लंघन करते हैं,तो
आपके खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही आपके
Employer को भी इसकी सूचना दी जाएगी। 
-टैक्स सलाहकार या सीए के गलत फायदे की 
सलाह मत मानें:  इनकम टैक्स
-किसी के बहकावे में आकर गलत जानकारी ना दें-इनकम टैक्स
-गलत जानकारी देना कर चोरी मानी जाएगी-इनकम टैक्स 


>किस तरह की कार्रवाई?

-गलत जानकारी पकड़े जाने पर ना
 सिर्फ जुर्माना लगेगा बल्कि जेल भी 
हो सकती है
-इनकम टैक्स के कानून के तहत मुकदमा
दर्ज किया जा सकता है
-अदालती कार्रवाई का सामना करना 
पड़ सकता है
-कोई रिफंड बनता है तो टैक्सपेयर्स को लंबा 
इंतजार करना पड़ सकता है

-विभिन्न जांच एजेंसियों जैसे ईडी बगैरह को 
भी जांच का जिम्मा सौंपा जा सकता है
-जहां आप काम करते हैं, वहां भी आपके 
खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है
-सरकारी कर्मचारी हैं तो सतर्कता विभाग
को जांच सौंपी जा सकती है
-रिटर्न भरने में गलत सलाह देने वालों के 
खिलाफ भी कार्रवाई मुमकिम

>कार्रवाई से कैसे बचें?
-रिवाइज्ड यानी संशोधित रिटर्न फाइल करें,
लेकिन निश्चित समयसीमा के भीतर 

आप पूछेंगे कि अगर किसी ने जानबूझकर नहीं, बल्कि गलती से गलत जानकारी दी है, तो कार्रवाई से बचने के क्या उपाय हैं। अगर आपको पता चल जाए कि आपसे आईटी रिटर्न फाइल करने में गलती हुई है, तो आप रिवाइज्ड यानी संशोधित आईटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं, ये काम आपको निश्चित समय सीमा के  भीतर ही कर लेना होगा... 

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Rajanish Kant रविवार, 27 मई 2018
इस बार IT रिटर्नमें गलत जानकारी मत दीजिएगा, जानिए क्यों ...IT Return bharne mein galati ...


इस बार IT रिटर्नमें गलत जानकारी मत दीजिएगा, जानिए क्यों ...IT Return bharne mein galati ...

Rajanish Kant गुरुवार, 19 अप्रैल 2018
गलत IT रिटर्न भरने वाले नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स विभाग की चेतावनी...
क्या आप नौकरीपेशा हैं? क्या आपको आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 यानी वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए आईटी रिटर्न फाइल करना है? क्या आप आईटी रिटर्न फाइल करते समय इनकम कम बताते हैं या फिर ज्यादा टैक्स छूट का दावा करते हैं? अगर ऐसा करते हैं तो इस बार मतलब वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए आईटी रिटर्न फाइल करते समय ऐसी गलती मत दोहराइएगा, वरना लेने के देने पड़ सकते हैं। 

दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि कोई नौकरीपेशा अगर आईटी रिटर्न में अपनी इनकम को कम करते दिखाता है या फिर ज्यादा इनकम टैक्स छूट का दावा करते हुए पकड़ा जाता है या फिर इनकम टैक्‍स नियमों का उल्‍लंघन करता है तो उसके खिलाफ ना केवल मुकदमा दर्ज किया जाएगा, बल्कि उसके एम्‍पलॉयर को भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा। आईटीआर की जांच-पड़ताल करने वाले बेंगलुरु स्थित इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के केंद्रीय  प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) ने टैक्सपेयर्स को टैक्स सलाहकारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि की गलत सलाह में नहीं पड़ने की भी नसीहत दी है। डिपार्टमेंट का कहना है कि अक्सर ऐसे टैक्स सलाहकार गलत दावों के जरिये करदाताओं को टैक्स में छूट का लालच देते हैं। 

डिपार्टमेंट ने तो यहां तक कहा कि ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें सलाहकारों के कहने पर आईटीआर में गड़बड़ियां की गईं।

अगर आप ऐसी गड़बड़ियां करते हुए पकड़े जाते हैं तो इनकम टैक्स कानून के तहत ऐसा करने पर जुर्माना और सजा हो सकती है। इससे रिकॉर्ड खराब होने पर रिफंड में भी समस्या आ सकती है। आयकर विभाग ने जनवरी में ऐसे ही एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें कर सलाहकारों और आईटी कंपनियों के कर्मियों का गलत रिटर्न भरकर टैक्स रिफंड लिया जाता था। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। विभाग ने 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले कर्मियों के लिए आईटीआर-1 यानी सहज फॉर्म ई रिटर्न फाइलिंग पोर्टल पर 17 अप्रैल से उपलब्ध करा दिया है। आईटीआर की आखिरी तिथि 31 जुलाई, 2018 है।

Rajanish Kant बुधवार, 18 अप्रैल 2018