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केवाईसी (अपने ग्राहक को जानिए) के संबंध में जो आप जानना चाहते हैं
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
(यह अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का संक्षिप्त और सरलीकृत संस्करण है।)
प्रश्न 1. केवाईसी क्या है? यह आवश्यक क्यों है?
उत्तर : केवाईसी का अर्थ है “अपने ग्राहक को जानिए”। यह एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा बैंक ग्राहकों के पहचान और पते के बारे में सूचना प्राप्त करते हैं। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित करने में सहायता मिलती है कि कहीं बैंकों की सेवाओं का दुरूपयोग तो नहीं किया जा रहा है। खाता खोलते समय बैंकों द्वारा केवाईसी क्रियाविधि पूरी की जानी होती है। बैंकों से यह भी अपेक्षित है कि वे अपने ग्राहकों के केवाईसी संबंधी ब्योरे को समय-समय पर अद्यतन करते रहें।
प्रश्न 2. बैंक खाता खोलने के लिए केवाईसी संबंधी अपेक्षाएं क्या-क्या हैं?
उत्तर : बैंक खाता खोलने के लिए, अपने नवीनतम फोटोग्राफ के साथ ‘पहचान का प्रमाण और पते का प्रमाण’ प्रस्तुत करना आवश्यक है।
प्रश्न 3. कौन-कौन से दस्तावेज ‘पहचान के प्रमाण’ और ‘पते के प्रमाण’ के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं?
उत्तर : भारत सरकार ने पहचान के प्रमाण के लिए ‘आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों’ (ओवीडी) के रूप में छह दस्तावेजों को अधिसूचित किया है। ये छह दस्तावेज हैं पासपोर्ट, ड्राईविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान कार्ड, पैन कार्ड, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी आधार कार्ड और नरेगा जॉब कार्ड। आपको इन दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज पहचान के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करना आवश्यक है। यदि इन दस्तावेजों में आपके पते के ब्योरे भी दिए हों, तो इसे ‘पते के प्रमाण’ के रूप में भी स्वीकार किया जाएगा। यदि आपके द्वारा पहचान के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत दस्तावेज में पते का ब्योरा नहीं दिया है, तो आपको एक अन्य आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा जिसमें पते का ब्योरा दिया हो।
प्रश्न 4. यदि मेरे पास ‘पहचान का प्रमाण’ दर्शाने वाले ऊपर सूचीबद्ध दस्तावेजों में से कोई भी दस्तावेज न हो, क्या मैं तब भी बैंक खाता खोल सकता हूँ?
उत्तर : हाँ। आप तब भी ‘छोटा खाता’ के रूप में बैंक खाता खोल सकते हैं। इसके लिए आपको अपना नवीनतम फोटोग्राफ प्रस्तुत करना होगा और बैंक कर्मचारी की उपस्थिति में हस्ताक्षर करने होगे या अंगूठे का निशान लगाना होगा।
प्रश्न 5. क्या ऐसे ‘छोटे खाते’ और अन्य खातों में कोई अंतर है?
उत्तर : हाँ। ‘छोटे खाते’ की कतिपय सीमाएं हैं, जो इस प्रकार हैं :
  • ऐसे खाते में जमाशेष किसी भी समय 50,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • एक वर्ष में कुल जमा 1,00,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • एक महीने में कुल आहरण और अंतरण 10,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • ऐसे खातों में विदेशी विप्रेषण जमा नहीं किये जा सकते।
ऐसे खातों का परिचालन शुरू में बारह महीने की अवधि के लिए होगा और उसके बाद, यदि उक्त खाता धारक ऐसा खाता खोलने के बारह महीने के भीतर बैंक के समक्ष इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करता है कि उसने आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों के लिए आवेदन किया है, तो ऐसे खाते की अवधि अगले बारह महीने के लिए बढ़ाई जा सकती है।
प्रश्न सं. 6. यदि मेरे पास कोई आधिकारिक रुप से वैध दस्तावेज न हो तो भी क्या यह संभव है कि मैं एक बैंक खाता खोल सकू जो छोटे खातों की तरह किन्हीं सीमाओं के अधीन नहीं हो?
उत्तरः पहचान प्रमाण पत्र (पीओआई) के रूप में निम्नलिखित दस्तावेजों में से किसी एक की प्रतिलिपि प्रस्तुत करके एक सामान्य खाता खोला जा सकता हैः
(i) केंद्र/राज्य सरकार के विभागों, सांविधिक/विनियामक प्राधिकरणों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों एवं सार्वजनिक वित्तीय संस्थाओं द्वारा व्यक्ति को जारी किया गया फोटो सहित पहचान पत्र;
या
(ii) व्यक्ति के विधिवत अभिप्रमाणित फोटोग्राफ सहित राजपत्रित अधिकारी द्वारा जारी पत्र
पते के प्रमाण (पीओए) के लिए आप निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं :
  1. किसी सेवा प्रदाता (बिजली, दूरभाष, पोस्ट पेड मोबाइल फोन, पाईप्ड गैस, पानी का बिल) का उपयोगिता बिल, जो कि दो माह से अधिक पुराना न हो;
  2. संपत्ति या म्युनिसिपल कर पावती;
  3. बैंक खाता या पोस्ट ऑफिस बचत बैंक खाता विवरण;
  4. सरकारी विभागों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जारी पेंशन या परिवार पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ), यदि उसमें पता दिया हो;
  5. राज्य/केंद्र सरकार के विभागों, सांविधिक या विनियामक निकायों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों एवं सार्वजनिक वित्तीय संस्थाओं एवं सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किया गया आवास का आबंटन पत्र। इसी प्रकार, ऐसे नियोक्ता के साथ शासकीय आवास के आबंटन हेतु किया गया लीव एंड लाइसेंस करार; और
  6. विदेशी क्षेत्राधिकार वाले सरकारी विभागों द्वारा जारी दस्तावेज या भारत में विदेशी दूतावास या मिशन द्वारा जारी पत्र।
तथापि, यह सामान्य नियम नहीं है, और किस उपभोक्ता के संबंध में यह सरलीकृत प्रक्रिया अपनाई जा सकती है, यह निर्णय बैंकों के विवेक पर छोड़ दिया गया है।
प्रश्न सं.7. यदि मेरा नाम परिवर्तित हो गया हो तथा नए नाम से मेरा कोई आधिकारिक रुप से वैध दस्तावेज (ओवीडी) न हो, तो मैं कैसे खाता खोलूंगा?
उत्तरः ऐसे व्यक्तियों के मामले में, जिन्होंने विवाह या अन्य कारणों से अपने नाम में परिवर्तन किया है, उन्हे खाता खोलते समय, पूर्व नाम के ‘आधिकारिक रुप से वैध दस्तावेज’ की प्रमाणित प्रतिलिपि के साथ राज्य सरकार द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र या राजपत्र अधिसूचना जिसमें नाम में परिवर्तन दर्शाया गया हो, को प्रस्तुत करना होगा।
प्रश्न 8. क्या बैंकों को अपने ग्राहकों को जोखिम मूल्यांकन के आधार पर वर्गीकृत करने की आवश्यकता है?
उत्तरः हाँ, बैंकों को उनके एएमएल जोखिम मूल्यांकन के आधार पर अपने ग्राहकों को ‘निम्न’, ‘मध्यम’ और ‘उच्च’ जोखिम श्रेणियों में वर्गीकृत करना चाहिए।
प्रश्न 9. क्या बैंक ग्राहकों को इस जोखिम श्रेणीकरण के बारे में सूचित करते हैं?
उत्तर: नहीं
प्रश्न 10. यदि मैं खाता खोलने के लिए अपने बैंक द्वारा मांगे गए केवाईसी दस्तावेज़ उन्हें देने से मना कर दूँ तो इसका परिणाम क्या हो सकता है?
उत्तर: यदि आप केवाईसी के लिए आवश्यक दस्तावेज़ बैंक को उपलब्ध नहीं कराते तो बैंक आपका खाता खोलने में असमर्थ होगा।
प्रश्न 11. क्या मैं सिर्फ आधार कार्ड द्वारा बैंक खाता खोल सकता हूँ?
उत्तर: हाँ, आधार कार्ड को पहचान और पते, दोनों का प्रमाण माना जाता है।
प्रश्न 12. क्या खाता खोलने के लिए आधार कार्ड उपलब्ध करवाना अनिवार्य है?
उत्तर: नहीं। आप आधार कार्ड या अन्य पाँच आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज़ दे सकते हैं।
प्रश्न 13. ई-केवाईसी क्या है? ई-केवाईसी कैसे काम करता है?
उत्तर: ई-केवाईसी का अर्थ है इलेक्ट्रोनिक केवाईसी।
ई-केवाईसी केवल उन्हीं के लिए संभव है, जिनके पास आधार संख्या है। ई-केवाईसी सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को स्पष्ट सहमति द्वारा अधिकृत करना होगा कि वह बायोमेट्रिक अधिप्रमाणन द्वारा आपकी पहचान/ पता आपके बैंक/ कारोबार प्रतिनिधि (बीसी) को भेजे। इसके बाद, यूआईडीएआई आपका डेटा, जिसमें आपका नाम, उम्र, लिंग और फोटोग्राफ शामिल है, बैंक को इलेक्ट्रोनिक रूप में भेज देता है। ई-केवाईसी प्रक्रिया द्वारा इस तरह उपलब्ध कराई गई सूचना को पीएमएल नियमों के अंतर्गत एक “आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज” माने जाने की अनुमति है और यह केवाईसी सत्यापन की एक वैध प्रक्रिया है।
प्रश्न 14. क्या बैंक खाता खोलने के लिए परिचय देना आवश्यक है?
उत्तर: नहीं, परिचय की आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न 15. यदि मैं चेन्नै में रह रहा हूँ और मेरे पते के प्रमाण में नई दिल्ली का पता है, क्या फिर भी मैं चेन्नै में खाता खोल सकता हूँ?
उत्तर: हां। आप चेन्नै में खाता खोल सकते हैं, भले ही आपके “आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज” में नई दिल्ली का पता हो और आपके पास आपके चेन्नै के पते के लिए कोई पते का प्रमाण न हो। ऐसी स्थिति में आप अपने नई दिल्ली के पते वाला “आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज” और पत्राचार के लिए चेन्नै के पते का घोषणापत्र जमा कर सकते हैं।
प्रश्न 16. क्या मैं अपना वर्तमान बैंक खाता एक जगह से दूसरी जगह अंतरित करा सकता हूँ? क्या मुझे पूरी केवाईसी प्रक्रिया फिर से करानी होगी?
उत्तर: एक ही बैंक की एक शाखा से दूसरी शाखा में खाता अंतरित करना संभव है। ऐसे स्थानांतरण के लिए फिर से केवाईसी करवाने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यदि पते में परिवर्तन होता है तो आपको वर्तमान पते के बारे में एक घोषणापत्र जमा करना होगा। यदि पते के प्रमाण के रूप में जमा किए गए “आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज” में दिया गया पता अब आपका वैध पता नहीं है (अर्थात, न आपका स्थायी पता है, न ही वर्तमान पता), तो आपको छह महीने के भीतर पते के प्रमाण के लिए ऐसा “आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज” जमा करना होगा, जिस पर आपका नया वर्तमान पता या स्थायी पता हो। तथापि, किसी अन्य बैंक में खाता खोलने के लिए आपको नए सिरे से केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना होगा।
प्रश्नः 17 - क्या मुझे पहले ही पहचान पत्र और पता संबंधी प्रमाण देने के बावजूद बैंक में प्रत्येक खाता खोलने के लिए केवाईसी संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे ?
उत्तरः – नहीं, यदि आपने बैंक में केवाईसी अनुपालित (‘छोटा खाता’ से इतर) खाता खोला है, तब उसी बैंक में दूसरा खाता खोलने के लिए पुनः दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है।
प्रश्नः 18 - किन बैंकिंग लेनदेनों में मुझे अपना पैन नंबर उल्लेख करने की आवश्यकता है ?
उत्तरः – पैन नंबर का उल्लेख खाता खोलने, रु. 50000/- से अधिक के लेनदेनों (चाहे वह नकद हो या नकदेतर) आदि में आवश्यक है। पैन नंबर का उल्लेख करना जिन लेनदेन प्रक्रियाओं में आवश्यक है, उसकी समग्र सूची आयकर विभाग की वेबसाइट पर निम्नलिखित URL से प्राप्त की जा सकती हैः
http://www.incometaxindia.gov.in/_layouts/15/dit/pages/viewer.aspx?grp=rule&cname=CMSID&cval=103120000000007541&searchFilter=&k=114b&IsDlg=0
प्रश्नः 19 – क्या केवाईसी क्रेडिट/डेबिट कार्ड के लिए लागू है?
उत्तरः – हां। क्रेडिट/स्मार्ट कार्ड के लिए और एड- ऑन / पूरक कार्डों के लिए भी केवाईसी की प्रक्रिया आवश्यक है। चूंकि डेबिट कार्ड खाताधारकों को जारी किया जाता है और खाता आवश्यक केवाईसी प्रक्रिया पूरा करने के पश्चात् ही खोला जाता है, इसलिए डेबिट कार्ड जारी करने के लिए अलग से केवाईसी की जरुरत नहीं होती है।
प्रश्नः 20 – मेरे पास बैंक खाता नहीं है लेकिन मुझे धन- प्रेषण करना है। क्या मुझ पर केवाईसी लागू है?
उत्तरः हां। केवाईसी प्रक्रिया सभी विदेशी-प्रेषणों के लिए और उन सभी घरेलू प्रेषणों के लिए आवश्यक है, जो 50000/- रुपए या उससे अधिक की धन राशि के लिए हैं।
प्रश्नः 21 – क्या मैं नकद राशि देकर मांग ड्राफ्ट/ भुगतान आदेश / ट्रेवलर चेक खरीद सकता हूँ ?
उत्तरः हां, रु. 50000/- से कम के मांग ड्राफ्ट/ भुगतान आदेश / ट्रेवलर चेक नकद दे कर खरीदे जा सकते हैं परन्तु रु. 50000/- और उससे अधिक की राशि के ऐसे लिखत केवल ग्राहकों के खाते को डेबिट करके अथवा चेक द्वारा ही जारी किये जा सकते हैं।
प्रश्नः 22 – क्या मुझे बैंकों से तीसरे पक्ष के उत्पादों (जैसे बीमा या म्यूच्यल फंड उत्पादों) को खरीदते समय केवाईसी दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की आवश्यकता है?
उत्तरः हां, यदि लेन-देन की रकम 50000/- रुपए और उससे अधिक है तो ऐसे सभी ग्राहकों को, जिनका बैंक में खाता नहीं है (जिन्हें वॉक-इन कस्टमर कहा जाता है), तीसरे पक्ष के उत्पाद खरीदते समय पहचान और पते का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। बैंक के अपने ग्राहकों द्वारा थर्ड पार्टी उत्‍पाद खरीदने के लिए केवाईसी प्रक्रिया की आवश्‍यकता नहीं होगी। तथापि, निधियों के विप्रेषण/ यात्री चेक जारी करना, स्‍वर्ण/ चांदी/प्‍लेटिनम की बिक्री के लिए ग्राहक के खाते को डेबिट करने या चेक द्वारा भुगतान करने तथा 50000 रुपये और उससे अधिक के लेनदेनों के लिए पैन नंबर का उल्‍लेख करने के अनुदेश, बैंक से थर्ड पार्टी उत्‍पाद खरीदने वाले बैंक के अपने ग्राहकों तथा वॉक इन ग्राहकों पर भी लागू होंगे।
प्रश्‍न 23. मेरे द्वारा खाता खोलते समय केवाईसी की संपूर्ण प्रक्रिया की गई थी। मेरा बैंक क्‍यों पुनः केवाईसी करने पर जोर दे रहा है?
उत्‍तरः बैंकों द्वारा नियमित रूप से केवाईसी अभिलेखों को अद्यतन किया जाना चाहिए। यह बैंक खातों के संबंध में उनके उचित सावधानी बनाये रखने की प्रक्रिया का एक भाग है। बैंक द्वारा किए गए जोखिम वर्गीकरण के आधार पर अलग अलग खाते के लिए इस प्रकार के अद्यतनीकरण की आवधिकता अलग अलग होती है। ग्राहक खातों में धोखाधडी को रोकने में भी अभिलेखों का आवधिक अद्यतनीकरण सहायक होता है।
प्रश्‍न 24. केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण से संबंधित नियम क्‍या हैं?
उत्‍तरः बैंक की जोखिम की अवधारण के आधार पर केवाईसी अभिलेखों के अद्यतनीकरण के लिए विभन्न आवधिकताएं निर्धारित की गई हैं। उच्‍च जोखिम वाले ग्राहकों के लिए कम से कम दो वर्ष में एक बार, मध्‍यम जोखिम वाले ग्राहकों के लिए आठ वर्ष में एक बार तथा निम्‍न जोखिम वाले ग्राहकों के लिए दस वर्ष में एक बार केवाईसी की प्रक्रिया करना आवश्‍यक है। सामान्‍यतः खाता खोलते समय की जाने वाली सारी औपचारिकताएं इस प्रक्रिया में भी शामिल होती हैं। 'निम्‍न जोखिम' के रूप में वर्गीकृत ग्राहकों के संबंध में भी केवाईसी अभिलेखों के अद्यतनीकरण की प्रक्रिया की जाती है।, लेकिन, यदि इस प्रकार के ग्राहकों की पहचान (नाम आदि में) और/अथवा पते की स्‍थ‍िति में कोई परिवर्तन नहीं है तो आवधिक अद्यतनीकरण के समय इस प्रकार के ग्राहकों से "स्‍थिति में कोई परिवर्तन नहीं" के संबंध में केवल स्‍वयं प्रमाण पत्र लिया जा सकता है। बैंक इस प्रकार के ग्राहकों से आवधिक अद्यतनीकरण के लिए आधिकारिक रूप से वैध दस्‍तावेज़ों की प्रतियां प्रस्‍तुत करने से छूट भी दे सकते हैं।
यदि इस प्रकार के निम्‍न जोखिम वाले ग्राहकों के पते में परिवर्तन होता है तो वे दस्‍तावेज़ों की प्रमाणित प्रतियां मात्र मेल/पोस्‍ट आदि द्वारा प्रस्‍तुत कर सकते हैं। आवधिक अद्यतनीकरण के समय इसप्रकार के निम्‍न जोखिम वाले ग्राहकों की द्वारा भौतिक रूप से उपस्‍थिति अनिवार्य नहीं है।
नाबालिग ग्राहकों को बालिग होने पर नया फोटोग्राफ़ प्रस्‍तुत करना होगा।
प्रश्‍न 25. यदि मैं आवधिक अद्यतनी‍करण के समय केवाईसी दस्‍तावेज़ प्रस्‍तुत नहीं करूं तो क्‍या होगा?
उत्‍तरः आवधिक अद्यतनी‍करण के समय यदि आप केवाईसी दस्‍तावेज़ प्रस्‍तुत नहीं करेंगे तो आपका खाता बंद करने का विकल्‍प बैंक के पास है। तथापि, बैंक खाता बंद करने से पहले, आपको खाता बंद करके अपनी सारी जमाराशि प्राप्‍त करने का विकल्‍प देते हुए "आंशिक फ्रीजि़ंग" (अर्थात् प्रारंभ में सभी डेबिट को रोकना और केवल सभी प्रकार के जमा की अनुमति देना ) लगा सकता है। बाद में, जमा करने की भी अनुमति नहीं होगी। हालांकि, बैंक द्वारा उचित नोटिस देने के पश्‍चात ही "आंशिक फ्रीजि़ंग " लगाया जाता है।
प्रश्न 26. आंशिक फ्रीजिंग कैसे लागू की जाती है?
उत्तर: आंशिक फ्रीजिंग निम्नलिखित तरीकों से लागू की जाती है:
  • आंशिक फ्रीजिंग के विकल्प का प्रयोग करने से पहले बैंकों को प्रारंभ में ग्राहकों को तीन महीने का उचित नोटिस देना होता है।
  • उसके बाद और तीन महीनों की अवधि के लिए एक स्मरण-पत्र जारी किया जाएगा।
  • तत्पश्चात्, बैंक सभी जमाओं की अनुमति देकर तथा सभी डेबिट की अनुमति न देकर आंशिक फ्रीजिंग लागू करेंगे तथा बैंक खातों को बंद करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
  • यदि प्रारंभिक आंशिक फ्रीजिंग लगाने के छ: महीने बाद भी खाते केवायसी अनुपालित नहीं होते हैं, तो बैंक खातों से/में सभी डेबिट/ आहरण और जमाओं की अनुमति नहीं देंगे और खातों को अपरिचालित के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
इस बीच, खाता धारक केवाईसी दस्तावेज प्रस्तुत करके खाते को पुन: चालू करा सकते हैं।

(Source: rbi.org.in

Rajanish Kant सोमवार, 24 अप्रैल 2017