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अंबेडकर जयंती पर PM का तोहफा, जारी किया 'भीम आधार', जानें इसकी खास बातें
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने  संविधाननिर्माता  डॉ. भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती के मौके पर नागपुर में  व्यापारियों के लिए ‘भीम आधार’ मंच की शुरुआत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने  भीम के लिए कैश बैक व रेफरल बोनस योजना की शुरुआत और 75 टाउनशिप के लेस-कैश होने की भी घोषणा की।  प्रधानमंत्री इस दौरान डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाली दो प्रमुख प्रोत्साहन योजनाओं - लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापार योजना के मेगा ड्रॉ के विजेताओं को भी सम्मानित किया।  ये पहलें उस डिजिटल आंदोलन को प्रोत्साहित करेंगी जिस पर देश आगे बढ़ा है और वित्तीय समावेशन के माध्यम से सभी का सामाजिक सशक्तिकरण करने के बाबा साहब के सपने को सुदृढ़ करेंगी।

क्या है 'भीम आधार'-भीम मोबाइल एप की व्यापारिक अंतरफलक 'भीम-आधार' प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च की जानी है जो आधार का उपयोग करते हुए डिजिटल भुगतानों का मार्ग प्रशस्त करेगी। इससे प्रत्येक भारतीय नागरिक अपने बॉयोमीट्रिक डेटा का उपयोग करके डिजिटल रूप से भुगतान कर सकेंगे, जैसे व्यापारियों के किसी भी बायोमीट्रिक सक्षम उपकरण पर अपने अंगूठे का निशान देकर। वो उपकरण स्मार्टफोन भी हो सकता है जिस पर कोई बायोमीट्रिक रीडर लगा हो। ऐसा कोई भी नागरिक जिसके पास स्मार्टफोन, इंटरनेट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड नहीं है वो भी भीम-आधार व्यवस्था के माध्यम से डिजिटल लेन-देन कर पाएगा जिससे डॉ. अंबेडकर का सभी के लिए सामाजिक और वित्तीय सशक्तीकरण का सपना साकार होता है। अब तक 27 प्रमुख बैंक 3 लाख व्यापारियों के साथ इसका हिस्सा बन चुके हैं ताकि वो भीम आधार के माध्यम से भुगतान स्वीकार करना शुरू कर सकें।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने छह महीने की अवधि में 495 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ भीम के लिए कैशबैक और रेफरल बोनस दो योजनाओं की भी शुरुआत की। यह इसलिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि जमीनी स्तर तक डिजिटल भुगतानों की संस्कृति पहुंचे। रेफरल बोनस योजना के अंतर्गत भीम का उपयोग करने वाला मौजूदा व्यक्ति और वो जिस नए उपयोगकर्ता को भीम इस्तेमाल करने का सुझाव देता है, दोनों को कैश बोनस मिलेगा जो सीधे उनके खातों में जमा हो जाएगा। वहीं कैशबैक योजना के तहत जो व्यापारी भीम का उपयोग करते हुए लेनदेन करते हैं उन्हें हर लेनदेन पर कैशबैक मिलेगा। ये दोनों योजनाएं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रशासित और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा लागू की जानी हैं।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा भीम-आधार एप का शुभारंभ और कैशबैक व रेफरल योजनाओं का शुभारंभ भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति को बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करेगा।

भारत में डिजिटल भुगतानों को जन आंदोलन बनाने के लिए नीति आयोग के नेतृत्व में चलाई गई दो शुरुआती प्रोत्साहन योजनाएं - लकी ग्राहक योजना औॅर डिजिधन व्यापार योजना, 100 दिनों के कठिन परिश्रम वाले सूचना, शिक्षा और जनसंपर्क अभियान के बाद समाप्त हो गईं। इसके अंतर्गत 16 लाख विजेताओं ने 258 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि जीती जिसमें जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित और देश के विभिन्न कोनों से ताल्लुक रखने वाले उपभोक्ता और व्यापारी शामिल थे। 

मेगा ड्रॉ के विजेताओं को प्रधानमंत्री द्वारा नागपुर के एक समारोह में कल सम्मानित किया जाएगा। मेगा ड्रॉ के विजेता ही देश में डिजिटल भुगतान क्रांति के प्रसार के प्रमाण हैं।


डिजिटल भुगतान के तरीकों के उपयोग में बढ़ोतरी सक्षम करने के मामले में देश के 100 शहरों में नीति आयोग के नेतृत्व में आयोजित डिजिधन मेलों के 100 दिनों का काफी प्रभाव पड़ा है। देश के 27 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के 100 ग्रामीण और शहरी नगरों में कम से कम 15,000 संस्थान कैशलेस हो चुके हैं। शहरों, छोटे शहरों और गांवों से 15 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी के बीच इन मेलों ने लाखों लोगों को नए बैंक खाते खोलने और नए आधार कार्ड बनाने में सक्षम किया। 
दिसंबर 2016 में लॉन्च होने के बाद सिर्फ चार महीनों में 1.9 करोड़ डाउनलोड दर्ज करके भीम एप ने पहले ही एक नया विश्व रिकार्ड बना दिया है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत ने कई उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल भुगतान तरीकों के माध्यम से होने वाले लेनदेनों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। नवंबर 2016 तक सभी डिजिटल लेनदेनों की संख्या 2,80,000 थी जिनका मूल्य 101 करोड़ रुपये के बराबर था। लेकिन इस साल मार्च तक सिर्फ चार महीनों में विभिन्न डिजिटल भुगतान विधियों का उपयोग करके हुए भुगतानों की मात्रा 23 गुना बढ़कर 63,80,000 डिजिटल लेनदेन की हो गई जिनका मूल्य 2425 करोड़ रुपये है। आधार से होने वाले भुगतान भी नवंबर 2016 में 2.5 करोड़ रुपये तक थे जो मार्च 2017 में बढ़कर 5 करोड़ तक हो गए हैं। इसी अवधि में तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) लेनदेन भी 3.6 करोड़ से बढ़कर 6.7 करोड़ रुपये के हो गए हैं।

मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 2500 करोड़ डिजिटल लेनदेन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री भारत में लगभग 75 टाउनशिप को 'लेस-कैश टाउनशिप' यानी 'कम नकदी उपयोग वाले नगर' घोषित करेंगे। एक लेस-कैश टाउनशिप वो है जहां भुगतान स्वीकृति का बुनियादी ढांचा पूरी तरह तैयार हो चुका है और नगर के सभी परिवारों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल किया जा चुका है। इस लॉन्च में चुनी गई टाउनशिप को प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के द्वारा स्वतंत्र तृतीय पक्ष मूल्यांकन के अधीन किया गया है और इस सूची में केवल उन टाउनशिप को शामिल किया गया है जिनमें समीक्षा अवधि के दौरान कुल लेन-देन के 80% से अधिक भुगतान डिजिटल माध्यमों से किए गए। ये टाउनशिप प्रतिदिन 1.5 लाख से अधिक डिजिटल लेनदेन उत्पन्न कर सकते हैं और इसके एक साल में लगभग 5.5 करोड़ डिजिटल लेनदेन हो सकते हैं।
Digital Payment Revolution : Facts & Figures



Digital Payments Progress

·         Lucky GrahakYojana and DigiDhanVyaparYojana launched on 25.12.2016

·         100 Digi Dhan Melas held in 100 cities all over the country.

·         100 day long information, education and communication campaign led by NITI Aayog to make digital payments a mass movement in India.

·         At least 15,000 institutions have gone cashless across just these 100 rural and urban cities across each one of the 27 states and 7 UTs.
·         With a turnout of over 15 lakh from cities, small towns and villages, the melas have enabled lakhs to open new bank accounts as well as create new Aadhaar cards.
·         Rs.258 crore of prize money won by 16 lakh winners, including customers and merchants belonging to different corners of the country and from varied walks of life.
·         The lucky winners of the Mega Draw felicitated by the Prime Minister in Nagpur.
·         BHIM App and QR Codes launched
·         BHIM App has already created a new world record by registering 1.9 crore downloads in just four months since its launch in December, 2016.
·         India haso seen an unprecedented increase in number of transactions made using several user-friendly digital payment methods viz. UPI,USSD, AePS.
·         Volume of all digital transactions increased by about 23 times with 63,80,000 digital transactions for a value of Rs. 2425 crore in March 2017 compared to 2,80,000 digital transactions worth Rs.101 crore  till November 2016.
·         Aadhaar Enabled Payments have increased from 2.5 crore in November 2016 to over 5 crore in March 2017.
·         Immediate Payment Service (IMPS) transactions have also increased from 3.6 crore to 6.7 crore during the same period.
BHIM-Aadhaar, the merchant interface of the BHIM App
·         It will pave the way for making digital payments by using the Aadhaar platform.
·         Any Indian citizen can  pay digitally using their biometric data like their thumb imprint on a merchants’ biometric enabled device which could be smart phone having a biometric reader.
·         Any citizen without access to smart phones, internet, debit or credit cards will be able to transact digitally through the BHIM Aadhaar platform.
·         Already, 27 major banks are now on board with 7.15 lakh merchants so that they can start accepting payments using BHIM Aadhaar.
ONBOARDING
·         Total Onboarding (including syndicate update): 7.15 lakhs ,  Transactions: 12.62 lakh
·         Aadhar:1.75 Lakh
·         BHIM/UPI 4.79 lakh
·         QR Code:1.68 lakh  
BHIM – Cash back and Referral Bonus Schemes
·         To ensure that the culture of digital payments permeates down to the grassroots.
·         Under the Referral bonus scheme both the existing user who refers BHIM and the new user who adopts BHIM would get a cash bonus credited directly to their account.
·         Under the Cashback scheme the merchants will get a cash back on every transaction using BHIM. Both schemes are to be administered by MEITY and implemented by NPCI.
·         Outlay of Rs. 495 crore for a period of six months.

75 Townships declared Less Cash Townships

·         In order to achieve the target of 2500 crore digital transactions during the current financial year, the Prime Minister announced about 75 townships spread all over India as ‘less-cash townships’.

·         A less-cash township is one where the deployment of payment acceptance infrastructure is complete, all the families in the township are covered under training programs.

·         Selected townships on the basis of third party assessment by Price Waterhouse Coopers (PWC)

·         Townships with more than 80% of the total number of transactions being done through digital modes of payments during the review period are included in this list.

·         These townships are likely to generate over 1.5 lakh digital transactions every day thereby leading to about 5.5 crore digital transactions in a year
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Rajanish Kant शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017