चालू खाता घाटा (CAD)जनवरी-मार्च के दौरान बढ़ा, GDP का 0.6% पर पहुंचा, व्यापार घाटे में बढ़ोतरी का असर

सीएडी यानी चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) वित्त वर्ष 2016-17 की जनवरी-मार्च (चौथी तिमाही) में साल दर साल के आधार पर बढ़ी है जबकि तिमाही दर तिमाही के आधार पर घटी है। यह 2015-16 की चौथी तिमाही में 0.3 अरब अमेरिकी डॉलर (GDP का 0..4%) था जो कि 2016-17 की इसी तिमाही में बढ़कर 3.4 अरब अमेरिकी डॉलर (GDP का 0.6%) पर पहुंच गया।  हालांकि, वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही
में यह 8.0 अरब अमेरिकी डॉलर (GDP का 1..4%) था।
((चालू खाता घाटा (CAD)अक्टूबर-दिसंबर के दौरान बढ़ा, GDP का 1.4% पर पहुंचा, विदेश से भेजी जाने वाली रकम में कमी का झटका
चालू खाता घाटे में इस बढ़ोतरी में सबसे अधिक योगदान दिया है व्यापार घाटे ने। इस दौरान व्यापार घाटा 29.7 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया। ऐसा निर्यात के मुकाबले आयात में बढ़ोतरी के कारण हुआ।  आरबीआई ने इस बारे में ताजा आंकड़े जारी किए हैं।

अगर पूरे 2016-17 की बात करें, तो सीएडी 2015-16 के मुकाबले कम हुआ है। 2015-16 के जीडीपी के 1.1 प्रतिशत से कम होकर 2016-17 में जीडीपी का 0.7 प्रतिशत हो गया। ऐसा इस दौरान व्यापार घाटे में कमी के कारण संभव हो पाया।
वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां
चौथी तिमाही अर्थात जनवरी-मार्च 2016-17 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) पर प्रारंभिक आंकड़े विवरण I (बीपीएम6 फार्मेट) और II (पुराने फार्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
  • भारत का चालू खाता घाटा वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) रहा जो वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही के 0.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.1 प्रतिशत) से ज्यादा है किंतु पिछले तिमाही के 8.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.4 प्रतिशत) से कम हुआ।
  • वर्ष-दर-वर्ष आधार पर चालू खाता घाटे का बढ़ना मुख्य रूप से उच्चतर व्यापार घाटे (29.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के कारण हुआ और यह निर्यात की तुलना में व्यापारिक वस्तुओं के आयात में ज्यादा वृद्धि से हुआ।
  • यात्रा, परिवहन, निर्माण और अन्य कारोबारी सेवाओं के प्राप्त निवल कमाई में वृद्धि होने से निवल सेवा प्राप्तियां वर्ष-दर-वर्ष आधार पर बढ़ गई।
  • निजी अंतरण प्राप्तियां जिनमें मुख्य रूपसे विदेशों में कार्यरत भारतीय का विप्रेषण है, वे 15.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पिछले वर्ष के स्तर के लगभग समान स्तर पर बनी रही।
  • वित्तीय खाते में, निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पिछले एक वर्ष पहले के अपने स्तर से थोड़ा कम होकर वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 5.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
  • तथापि, पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवल बहिर्वाह की तुलना में पोर्टफोलियो निवेश में इक्विटी और ऋण खंड दोनों में वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 108 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उल्लेखनीय अंतर्वाह रिकार्ड किया गया।
  • अनिवासी भारतीय की जमाराशि के कारण निवल प्राप्तियां पिछले वर्ष के 4.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही।
  • विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में पिछले वर्ष की चौथी तिमाही के3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि की तुलना में 7.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक की अभिवृद्धि हुई (सारणी 1)
वर्ष 2016-17 के दौरान बीओपी
  • संचयी आधार पर, व्यापार घाटे में कमी के कारण चालू खाता घाटा वर्ष 2015-16 के 1.1 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2016-17 में जीडीपी का 0.7 प्रतिशत हो गया।
  • भारत का व्यापार घाटा वर्ष 2015-16 के 130.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर वर्ष 2016-17 में 112.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
  • मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर निर्यात और निवल निजी अंतरण प्राप्तियों में कमी और प्राथमिक आय (लाभ, ब्याज और लाभांश) के कारण उच्चतर बहिर्वाह के कारण निवल अदृश्य प्राप्तियां कम रही।
  • भारत में सकल एफडीआई अंतर्वाह वर्ष 2015-16 में 55.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2016-17 में उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 60.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
  • निवल एफडीआई अंतर्वाह वर्ष 2015-16 में 36.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर से थोड़ा कम होकर वर्ष 2016-17 में 35.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए।
  • पोर्टफोलियो निवेश में पिछले एक वर्ष के 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बहिर्वाह की तुलना में वर्ष 2016-17 में 7.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया।
  • विदेशी मुद्रा भंडार वर्ष 2015-16 के 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2016-17 में 21.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई।
सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
 जनवरी-मार्च 2017 प्रा.जनवरी-मार्च 20162016-17 प्रा.2015-16
 जमानामेनिवलजमानामेनिवलजमानामेनिवलजमानामेनिवल
क. चालू खाता138.3141.7-3.4124.7125.0-0.3521.1536.3-15.2501.4523.5-22.1
1. माल77.4107.1-29.765.890.6-24.8280.1392.6-112.4266.4396.4-130.1
जिसमें से :            
पीओएल9.025.6-16.66.214.7-8.531.586.8-55.330.682.9-52.4
2. सेवा40.723.117.639.423.316.1163.195.767.5154.384.669.7
3. प्राथमिक आय4.510.0-5.63.710.3-6.616.342.6-26.314.739.1-24.4
4. द्वितीयक आय15.71.514.215.70.715.061.55.556.066.03.362.7
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा145.1142.13.1127.3127.20.2551.9537.114.9510.9487.823.2
जिसमें से :            
मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+))0.07.3-7.30.03.3-3.31.222.8-21.60.918.8-17.9
ग. भुल-चूक (-) (ए + बी)0.4 0.40.2 0.20.4 0.4 1.1-1.1
प्रा : प्रारंभिक
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है।
Key Features of India’s BoP in Q4 of 2016-17
  • India’s current account deficit (CAD) at US$ 3.4 billion (0.6 per cent of GDP) in Q4 of 2016-17 was higher than US$ 0.3 billion (0.1 per cent of GDP) in Q4 of 2015-16 but narrowed from US$ 8.0 billion (1.4 per cent of GDP) in the preceding quarter.
  • The widening of the CAD on a year-on-year (y-o-y) basis was primarily on account of a higher trade deficit (US$ 29.7 billion) brought about by a larger increase in merchandise imports relative to exports.
  • Net services receipts increased on a y-o-y basis on the back of a rise in net earnings from travel, transport, construction and other business services.
  • Private transfer receipts, mainly representing remittances by Indians employed overseas, at US$ 15.7 billion remained almost at the same level as in the preceding year.
  • In the financial account, net foreign direct investment at US$ 5.0 billion in Q4 of 2016-17 moderated from its level a year ago.
  • Net portfolio investment, however, recorded substantial inflow of US$ 10.8 billion in Q4 of 2016-17 in both equity and debt segment, as against net outflow of US$ 1.5 billion in Q4 last year.
  • Net receipts on account of non-resident deposits amounted to US$ 2.7 billion in Q4 of 2016-17, lower than US$ 4.4 billion a year ago.
  • In Q4 of 2016-17, there was an accretion of foreign exchange reserves (on BoP basis) to the tune of US$ 7.3 billion as compared with an increase of US$ 3.3 billion in Q4 of last year (Table 1).
BoP during 2016-17
  • On a cumulative basis, the CAD narrowed to 0.7 per cent of GDP in 2016-17 from 1.1 per cent in 2015-16 on the back of the contraction in the trade deficit.
  • India’s trade deficit narrowed to US$ 112.4 billion in 2016-17 from US$ 130.1 billion in 2015-16.
  • Net invisible receipts were lower, mainly due to moderation in both software exports and net private transfer receipts, and higher outgo on account of primary income (profit, interest and dividends).
  • Gross FDI inflows to India in 2016-17 at US$ 60.2 billion increased significantly from US$ 55.6 billion in 2015-16.
  • Net FDI inflows (i.e., net of outward FDI) in 2016-17 at US$ 35.6 billion moderated marginally from US$ 36.0 billion in 2015-16.
  • Portfolio investment recorded a net inflow of US$ 7.6 billion in 2016-17 as against an outflow of US$ 4.5 billion a year ago.
  • In 2016-17, there was an accretion of US$ 21.6 billion to the foreign exchange reserves as compared with US$ 17.9 billion in 2015-16.
Table 1: Major Items of India's Balance of Payments
(US$ Billion)
January-March 2017 PJanuary-March 20162016-17 P2015-16
CreditDebitNetCreditDebitNetCreditDebitNetCreditDebitNet
A. Current Account138.3141.7-3.4124.7125.0-0.3521.1536.3-15.2501.4523.5-22.1
1. Goods77.4107.1-29.765.890.6-24.8280.1392.6-112.4266.4396.4-130.1
    Of which:
           POL9.025.6-16.66.214.7-8.531.586.8-55.330.682.9-52.4
2. Services40.723.117.639.423.316.1163.195.767.5154.384.669.7
3. Primary Income4.510.0-5.63.710.3-6.616.342.6-26.314.739.1-24.4
4. Secondary Income15.71.514.215.70.715.061.55.556.066.03.362.7
B. Capital Account and Financial Account145.1142.13.1127.3127.20.2551.9537.114.9510.9487.823.2
     Of which:
Change in Reserve (Increase (-)/Decrease (+))0.07.3-7.30.03.3-3.31.222.8-21.60.918.8-17.9
C. Errors & Omissions (-) (A+B)0.40.40.20.20.40.41.1-1.1
P: Preliminary
Note: Total of subcomponents may not tally with aggregate due to rounding off.
((फाइनेंस का फंडा: भाग-23, बढ़ता CAD क्यों बढ़ाता तनाव? 

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((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
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