सरकार ने मंत्रालयों / विभागों में जी.एस.टी. सुविधा केन्‍द्र स्‍थापित करने के दिये निर्देश

कैबिनेट सचिव द्वारा विभिन्‍न मंत्रालयों / विभागों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, (पी.एस.यू.) को जी.एस.टी. सुविधा केन्‍द्र स्‍थापित करने के लिए कहा
सुविधा केन्‍द्र से 1 जुलाई, 2017 से जी.एस.टी. को सहज तरीके से लागू करने तथा व्‍यापार व उद्योग जगत को संभावित सहायता प्रदान करने में मदद मिलेगी

     भारत सरकार के कैबिनेट सचिव श्री पी.के. सिन्‍हा ने विभिन्‍न मंत्रालयों / विभागों के सचिवों से अपने मंत्रालयों / विभागों में वस्‍तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) सुविधा केन्‍द्र स्‍थापित करने के लिए कहा है। श्री सिन्‍हा ने कहा कि सुविधा केन्‍द्र उद्योग और व्‍यापार जगत के एक बडे संस्‍थाओं से संपर्क में रहेगा और (जी.एस.टी.) को 1 जुलाई, 2017 से सहज तरीके से लागू करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा। विभिन्‍न मंत्रालयों / विभागों के सचिवों को लिखे गए पत्र में कैबिनेट सचिव ने यह उल्‍लेख किया है कि जी.एस.टी. सुविधा केन्‍द्र एक महत्‍वपूर्ण व छोटी टीम के द्वारा संचालित किया जाएगा जिसके प्रमुख संबंधित मंत्रालय / विभाग के आर्थिक सलाहकार या अन्‍य नामित अधिकारी होंगें। उन्‍होंने कहा कि वित्‍त मंत्रालय के अंर्तगत राजस्‍व विभाग हेल्‍पलाइन संचालित कर रहा है जिससे कोई भी करदाता कानूनी तथा आई.टी. से संबंधित जानकारी प्राप्‍त कर सकता है। दूसरी तरफ जी.एस.टी. सुविधा केन्‍द्र  व्‍यापार और उद्योग जगत के किसी भी समस्‍या के निदान का प्रयास करेगा। कैबिनेट सचिव ने आगे कहा कि जी.एस.टी. सुविधा केन्‍द्र इसे लागू करने में अत्‍यधिक सुविधा प्रदान करेगा।
      विभिन्‍न मंत्रालयों / विभागों के सचिवों को लिखे गए पत्र में कैबिनेट सचिव ने यह उल्‍लेख किया है कि संबंधित मंत्रालय यह सुनिश्चित करें कि उनके अंर्तगत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम 1 जुलाई, 2017 से पूर्व जी.एस.टी. के अनुकूल हो जाएं। उन्‍होंने सचिवों से कहा है कि वे पी.एस.यू. के अध्‍यक्ष / सी.एम.डी. के साथ बैठक कर के उन्‍हें जी.एस.टी. लागू करने की प्रक्रिया से अवगत कराएं। कैबिनेट सचिव ने आगे कहा कि प्रत्‍येक पी.एस.यू. एक जी.एस.टी. सुविधा केन्‍द्र की स्‍थापना कर सकता है जिसे संबंधित जी.एस.टी. अधिनियम / नियम / दर-संरचना आदि की पूर्ण जानकारी हो।
            कैबिनेट सचिव श्री पी.के. सिन्‍हा ने कहा है कि जी.एस.टी. को सहज रूप से और सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सभी हितधारक (चाहे वे सरकार में है या सरकार के बाहर) पूरी तरह से तैयारी कर लें। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी क्षेत्र / व्‍यापार 1 जुलाई, 2017 से जी.एस.टी. के अनुकूल हो गए हैं।
      इसके पहले राजस्‍व सचिव डॉ. हसमुख अधिया ने भी विभिन्‍न मंत्रालयों / विभागों के सचिवों को पत्र लिखकर सूचित किया था कि सभी केन्‍द्रीय मंत्रालय / पी.एस.यू. को जी.एस.टी. कानून व प्रक्रिया तथा संबंधित क्षेत्र में इसके प्रभाव से अवगत कराये जाने की अत्‍यधिक आवश्‍यकता है। राजस्‍व सचिव ने कहा था कि जिन पी.एस.यू. को जी.एस.टी. का भुगतान करना है उन्‍हें जी.एस.टी.-रेडी रहना चाहिए।
      राजस्‍व सचिव डॉ. अधिया ने उल्‍लेख किया कि टैक्‍स की नई योजना पी.एस.यू. सहित विभिन्‍न मंत्रालयों / विभागों को प्रभावित करेगी जो आर्थिक गतिविधियों में संलग्‍न हैं। इसलिए समयबद्ध जी.एस.टी. जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्‍यकता है। राजस्‍व सचिव ने कहा कि नेशनल एकेडमी ऑफ कस्‍टम, एक्‍साइज और नारकोटिक्‍स (एन.ए.सी.ई.एन.) अधिकारियों तथा व्‍यापार व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि एन.ए.सी.ई.एन. के पास पूरे भारत से चुने गए अनुभवी व्‍यक्तियों / प्रशिक्षकों के एक पैनल है जो इस संबंध में सहायता प्रदान करने हेतु तत्‍पर है।
(स्रोत-पीआईबी)




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