NPS हुआ और आकर्षक, पैसे लगाएं या नहीं !



NPS हुआ और आकर्षक, पैसे लगाएं या नहीं !
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पहले पूर्ण बजट के प्रस्ताव में NPS (New Pension Scheme) में अतिरिक्त 50 हजार रुपए की इनकम टैक्स छूट देकर इसे और आकर्षक बना दिया है। हालांकि, बतौर टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट NPS पहले से ही मौजूद थी, लेकिन जानकारों के मुताबिक, निवेशकों के लिए इसे समझना काफी मुश्किल था। आपको बता दें कि NPS एक रिटायरमेंट स्कीम है जो PFRDA के तहत संचालित होती है।  अगर आप भी इसको लेकर उलझन में थे, तो चलिए इसकी बारिकियों के बारे में बात करते हैं।
-कहां और कैसे खुलवाएं NPS अकाउंट : 18-55 साल की उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक या NRI ये अकाउंट खुलवा सकता है। इसके लिए आपको पोस्ट ऑफिस, अधिकृत बैंक या फिर डिस्ट्रिब्यूटर से संपर्क करना होगा। NPS अकाउंट खुलवाने के बाद आपको स्थायी रिटायरमेंट अकाउंट नंबर मिलेगा।
-न्यूनतम-अधिकतम  निवेश: किसी भी कारोबारी साल में आपको कम से कम 6 हजार रुपए का निवेश इस अकाउंट में करना पड़ेगा। इसके लिए न्यूनतम कंट्रीब्यूशन पांच सौ रुपए प्रति ट्रांजैक्शन करना पड़ेगा। यानी एक बार में आपको कम से कम 5 सौ रुपए का निवेश करना होगा। हालांकि इसमें निवेश की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन इनकम टैक्स का दायरा सीमित है।
-निवेश विकल्प: इसके तहत चार तरह के फंड में निवेश किया जा सकता है। ई-क्लास फंड इक्विटी फंड होते हैं और इसमें पैसे इक्विटी स्टॉक में लगाए जाते हैं। सी-क्लास फंड डेट फंड होते हैं जिसे कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश किया जाता है। जी-क्लास फंड के तहत पैसे सरकारी सिक्योरिटी में लगाए जाते हैं।
किस फंड में कितना पैसा लगाना है, निवेशकों को खुद तय करना पड़ता है लेकिन ई-क्लास फंड में कुल अलॉकेशन का 50 परसेंट से ज्यादा नहीं लगा सकते हैं। अगर इन तीनों फंड में पैसा लगाने को लेकर आप असमंजस में हैं तो आपके लिए भी एक अलग से विकल्प है।
आप लाइफस्टेज फंड में निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेशक की उम्र के हिसाब से इक्विटी में पैसे लगाया जाता है। ये एक डिफॉल्ट विकल्प के तौर पर रहता है। असेट अलोकेशन नहीं किए जाने पर फंड हाउस इस नियम का पालन करते हैं।
-NPS में निवेश पर कितनी इनकम टैक्स छूट: अलग-अलग सेक्शन के तहत इसमें निवेश पर इनकम टैक्स की सुविधा है। जैसे, सेक्शन 80CCD के तहत सालाना आप डेढ़ लाख रुपए तक, सेक्शन 80CCD (1b)के 50 हजार रुपए तक और सेक्शन  80CCD(2) के तहत (बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता) के 10 परसेंट तक की छूट के हकदार हैं।
-पेंशन फंड चुनने की आजादी: पेंशन फंड और यूलिप के उलट NPS में निवेशकों को पेंशन फंड मैनेजर्स चुनने की आजादी है। अपनी सहुलियत और फायदे के हिसाब से छह मैनेजर्स में कोई भी  मैनेजर आप चुन सकते हैं। साथ ही आपको मैनेजर अगर पसंद ना आए या फिर नुकसान हो रहा हो तो उसे बदल भी सकते हैं।लेकिन याद रखें एक साल में एक ही बार फंड मैनेजर बदलने की सुविधा मिलेगी।
-कितना शुल्क: NPS में निवेश करना सबसे सस्ता निवेश साधन है। इसका एक्सपेंस रेश्यो महज 0.01% है। इसमें परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN)लेने के समय आपको कुछ शुल्क चुकाना होगा। इसके अलावा, ट्रांजैक्शन शुल्क के तौर पर हर कंट्रीब्यबशन का 0.25 परसेंट या 20 रुपए चुकाना होगा।
-पैसे निकालने के नियम: NPS अकाउंट से पैसे निकालने के नियम काफी सख्त हैं। 60 साल की उम्र होने तक आपको पैसे निकालने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, खास वजहों मसलन मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की उच्च शिक्षा या फिर बेटी की शादी या फिर घर खरीदने जैसे कामों के लिए कुल रकम का  25% पैसा निकालने का प्रस्ताव किया गया है।
नोट: याद रखें सिर्फ टैक्स छूट के इरादे से NPS में पैसा मत लगाएं। साथ इस में  निवेश से पहले निवेश सलाहकार या फिर टैक्स एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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