भारत डायनामिक्स का अगले पांच साल में 25,000 करोड़ रुपये के आर्डर का लक्ष्य

रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम भारत डायनामिक्स लि. (बीडीएल) को उम्मीद है कि अगले पांच साल में उसकी आर्डर बुक 25,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। 

बीडीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कमोडोर सिद्धार्थ मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘‘हम 2024 तक कुल 25,000 करोड़ रुपये के आर्डर की उम्मीद कर रहे हैं। इनमें 8,000 करोड़ रुपये के मौजूदा आर्डर शामिल हैं जिनका क्रियान्वयन 2023-24 तक होना है।’’ 

मिश्रा ने कहा, ‘‘हम तीसरी पीढ़ी के प्रक्षेपास्त्र का विकास कर रहे हैं। हम अन्य ओईएम (मूल उपकर विनिर्माताओं) के साथ सहयोग में चौथी और पांचवीं पीढ़ी के प्रक्षेपास्त्र के विकास की भी तैयारी में हैं।’’ 

बीडीएल की स्थापना 1970 में हुई थी। यह निर्देशित प्रक्षेपास्त्र और अन्य संबद्ध रक्षा उपकरणों का विनिर्माण करती है। 

(सौ. पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant मंगलवार, 16 जुलाई 2019
फेडरल बैंक का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 46 प्रतिशत बढ़कर 384 करोड़ रुपये पर

निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में 46 प्रतिशत बढ़कर 384.21 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 262.71 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। 

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 3,620.82 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,938.24 करोड़ रुपये थी। 

तिमाही के दौरान बैंक की ब्याज आय बढ़कर 3,229.30 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 2,667.38 करोड़ रुपये थी। 

समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर कुल ऋण का 2.99 प्रतिशत रह गईं, जो 30 जून, 2018 को तीन प्रतिशत थीं। 

इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए भी 1.72 प्रतिशत से 1.49 प्रतिशत रह गया। 

तिमाही के दौरान बैंक का डूबे कर्ज के लिए प्रावधान और अन्य आकस्मिक खर्च घटकर 192.04 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 199.15 करोड़ रुपये था। 


(सौ. पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant
यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री जून में 4.6 प्रतिशत घटीः फाडा

वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के मुताबिक नकदी की कमी और मानसून में देरी से जून में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 4.6 प्रतिशत घटकर 2,24,755 इकाइयों पर रही।

फाडा के मुताबिक जून, 2018 में 2,35,539 यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी।

वहीं दोपहिया वाहनों की बिक्री भी पिछले महीने पांच प्रतिशत की गिरावट के साथ 13,24,822 इकाइयों पर रही। यह आंकड़ा पिछले साल जून में 13,94,770 इकाइयों पर रहा था।

संगठन के मुताबिक वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 19.3 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 48,752 इकाइयों पर रही, जो पिछले साल इसी महीने में 60,378 इकाइयों पर रही थी।

फेडरेशन के आंकड़े के मुताबिक तिपहिया वाहनों की बिक्री 2.8 फीसदी की गिरावट के साथ 48,447 वाहनों पर रही। यह आंकड़ा 2018 के जून में 49,837 वाहनों पर रहा था।

फाडा के मुताबिक सभी श्रेणियों में वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 5.4 प्रतिशत गिरकर 16,46,776 इकाइयों पर रहा है। पिछले साल जून में सभी श्रेणियों के वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 17,40,524 इकाइयों पर रहा था।

फाडा के अध्यक्ष आशीष हर्षराज ने बयान जारी कर कहा, 'सकारात्मक रुख एवं उम्मीदों के साथ शुरुआत के बावजूद महीने का समापन नकदी संकट एवं मानसून में देरी के कारण नकारात्मक वृद्धि के साथ हुआ।' 

उन्होंने कहा कि सभी श्रेणियों में उपभोक्ताओं की धारणा कमजोर बनी रही।


(सौ. पीटीआई भाषा)
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Rajanish Kant
ये 4 काम करें, महीने के अंत तक पैसा खत्म नहीं होगा#Money #Spend #Salary ...

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Rajanish Kant
आठ महीने बाद निर्यात में गिरावट, जून में 9.71 घटकर 25.01 अरब डालर रहा, सोने का आयात 13% बढ़ा

देश के निर्यात में इस साल जून महीने में आठ महीने बाद पहली बार गिरावट दर्ज की गयी है। रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग वस्तुओं तथा पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात कम होने से देश का कुल निर्यात जून 2019 में 9.71 प्रतिशत घटकर 25.01 अरब डालर रहा।

सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार एक साल पहले इसी महीने में यह 27.7 अरब डालर था। 

आयात भी इस साल जून में 9 प्रतिशत घटकर 40.29 अरब डालर रहा जो इससे पूर्व वर्ष 2018 के इसी महीने में 44.3 अरब डालर था। इससे व्यापार घाटा 15.28 अरब डालर रहा।

पिछले साल जून महीने में व्यापार घाटा 16.6 अरब डालर था। पिछली बार सितंबर 2018 में निर्यात में 2.15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी।

रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग वस्तुओं, पेट्रोलियम उत्पाद, प्लास्टिक, हस्तशिल्प, तैयार (रेडिमेड) परिधान, रसायन, चमड़ा और समुद्री उत्पादों, आयल मील और तिलहन के निर्यात में कमी से कुल निर्यात में गिरावट दर्ज की गयी।

आंकड़ों पर अपनी टिप्पणी में वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने कहा, ‘‘जून महीने में निर्यात में गिरावट का बड़ा कारण पिछले साल जून महीने में तुलनात्मक आधार अत्यधिक मजबूत होना है।’’ 

उन्होंने कहा कि कुछ वैश्विक प्रवृत्तियों के कारण भी निर्यात में गिरावट दर्ज की गयी। 

सचिव ने संवाददाताओं से कहा कि विश्वबैंक ने अपनी वैश्विक आर्थिक संभावना (जून 2019) में 2019 में वैश्विक व्यापार के कमजोर रहने का अनुमान जताया है।

वैश्विक व्यापार में इस साल 2.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि का अनुमान है। यह पिछले अनुमान के मुकाबले एक प्रतिशत अंक कम है।

दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भी हाल के महीनों में निर्यात में गिरावट दर्ज की गयी। डब्ल्यूटीओ के ताजा आंकड़े के अनुसार जापान, यूरोपीय संघ और चीन के निर्यात में अप्रैल में क्रमश: 5.88 प्रतिशत, 4.30 प्रतिशत तथा 2.75 प्रतिशत की गिरावट आयी है। अप्रैल में अमेरिका का निर्यात भी 2.12 प्रतिशत कम हुआ। 

मंत्रालय ने बयान में कहा कि रखरखाव की वजह से ओएनजीसी मैंगलोर पेट्रोकेमिकल लि. के अस्थायी रूप से बंद होने (17 अप्रैल से 28 जून) के कारण पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर असर पड़ा। जून 2019 में जामनगर रिफाइनरी में रखरखाव के कारण काम बाधित रहा।

इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात प्रभावित होने का कारण स्टील की वैश्विक कीमतों में गिरावट है।

तेल एवं गैर-तेल आयात क्रमश: 13.33 प्रतिशत घटकर 11 अरब डालर और 7.34 प्रतिशत कम होकर 29.26 अरब डालर रहा।

इस साल अप्रैल-जून के दौरान निर्यात 1.69 प्रतिशत घटकर 81 अरब डालर रहा जबकि आयात 0.29 प्रतिशत घटकर 127 अरब डालर रहा।

इससे इस दौरान व्यापार घाटा कम होकर 45 अरब डालर रहा जो इससे पूर्व अप्रैल-जून 2018 में 46 अरब डालर था।

सोने का आयात जून महीने में 13 प्रतिशत बढ़कर 2.7 अरब डालर रहा।

इस बीच, आरबीआई के ताजा आंकड़े के अनुसार मई में सेवा निर्यात 15.49 प्रतिशत बढ़कर 18.68 अरब डालर रहा। 

वहीं आयात आलोच्य महीने में 22.37 प्रतिशत बढ़कर 12.49 अरब डालर रहा।


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भारत, ब्रिटेन व्यापार अड़चनों को दूर करने के लिये तीन नये द्विपक्षीय कार्य समूह बनाने पर सहमत

भारत और ब्रिटेन ने खाद्य और पेय पदार्थों, स्वास्थ्य देखभाल और डेटा सेवाओं जैसे कुछ खास क्षेत्रों में व्यापार के रास्ते में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिये तीन नये द्विपक्षीय कार्य समूह बनाने पर सहमति जताई है। 

दोनों देशों की सोमवार को यहां हुई संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति की बैठक में यह सहमति बनी है। कारोबार बढ़ाने को लेकर बनाये गये इन तीन नये व्यावसायिक कार्य समूहों को ब्रिटेन-भारत व्यावसायिक परिषद द्वारा चलाया जायेगा। इसके साथ भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) भी इस काम में उनके साथ होंगे। 

ब्रिटेन भारत व्यावसायिक परिषद के मुख्य परिचालन अधिकारी केविन मैक्कोले ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा, ‘‘संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति इतनी महत्वपूर्ण क्यों है क्योंकि यह सरकार से सरकार के बीच द्विपक्षीय से आगे बढ़कर है और इसमें उद्योग जगत की सीधी संलिप्तता है।’’ 

उन्होंने कहा कि आज तीन नये द्विपक्षीय व्यावसायिक नेतृत्व वाले समूह बनाये गये हैं। इनका मकसद क्षेत्र विशेष से जुड़े मुद्दों को गहराई से समझना है। उन्हें कारोबारी की नजर से देखना और फिर मंत्रियों को इस बारे में जरूरी सुझाव देना है। खाद्य और पेय पदार्थों, जीव विज्ञान और स्वास्थ्य देखभाल तथा डिजिटल और आंकड़े सेवाओं के क्षेत्र में किस प्रकार शेष रुकावटों को दूर किया जा सकता है इस बारे में सिफारिशें दी जायेंगीं। 

संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति का काम व्यापार में आड़े आने वाले गैर- शुल्कीय प्रतिबंधों की पहचान करना और उनका निदान तलाशना है।
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