सॉवरेन गोल्ड बांड की अगली सीरीज 14 जनवरी को खुलेगी, प्रति ग्राम कीमत इतनी होगी


भारत सरकार की अधिसूचना संख्या एफ. संख्या-4(22)- डब्ल्यूएंडएम/2018 और दिनांक 08 अक्टूबर, 2018 की प्रेस विज्ञप्ति के संदर्भ में, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स 2018-19 (श्रृंखला-5) को 14 से 18 जनवरी, 2019 वीं अवधि के लिए खोला जाएगा। इस अंशदान अवधि के दौरान बॉन्ड का निर्गम मूल्य 22 जनवरी, 2019 की निपटान तिथि के साथ प्रति ग्राम 3,214 रूपये (रुपए तीन हजार दो सौ चौदह मात्रा) होगा जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिनांक 11 जनवरी, 2019 अपनी प्रेस विज्ञप्ति में भी प्रकाशित किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से भारत सरकार ने निर्गम मूल्य में उन निवेशकों को प्रति ग्राम 50 रूपये (पचास रूपये मात्र) की छूट देने का निर्णय किया गया है जो ऑनलाइन आवेदन करेंगे। भुगतान डिजिटल पद्धति से किया जाएगा। ऐसे निवेशकों के लिए स्वर्ण बाँड का निर्गम मूल्य 3,164 रूपये (तीन हजार एक एक सौ चौंसठ रूपये मात्र) होगा।


सॉवरेन गोल्‍ड बांड योजना 2018-19
इससे पहले भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरेन गोल्‍ड बांड 2018-19 जारी करने का निर्णय लिया है। अक्‍टूबर 2018 से लेकर फरवरी 2019 तक हर महीने सॉवरेन गोल्‍ड बांड जारी किए जाएंगे। ये बांड निम्‍नलिखित कैलेंडर के अनुसार जारी किए जाएंगे :

क्रसं.
सीरीजखरीदने के लिए आवेदन की अवधिबांड जारी करने की तिथि
1
2018-19 सीरीज II
15-19 अक्‍टूबर,  201823 अक्‍टूबर, 2018
22018-19 सीरीज III05-09 नवम्‍बर, 201813 नवम्‍बर, 2018
32018-19 सीरीज IV24-28 दिसंबर, 201801 जनवरी, 2019
42018-19 सीरीज V14–18 जनवरी, 201922 जनवरी, 2019
52018-19 सीरीज VI04-08 फरवरी, 201912 फरवरी, 2019

बांडों की बिक्री बैंकों, स्‍टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों जैसे कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के जरिए की जाएगी। बांड की खूबियों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:
क्र.सं.
मद
विवरण
1उत्‍पाद का नाम
सॉवरेन गोल्‍ड बांड 2018-19
2जारी करना
भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाएंगे।
3पात्रता
बांडों की बिक्री विभिन्‍न व्‍यक्तियोंहिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्‍ट, विश्‍वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्‍थानों जैसे निवासी निकायों तक ही सीमित रहेगी।
4मूल्‍य वर्ग
बांडों को 1 ग्राम की बुनियादी इकाई के साथ सोने के ग्राम संबंधी गुणक में अंकित किया जाएगा।
5अवधि
बांड की अवधि 8 साल होगी और पांचवें, छठे एवं सातवें साल में इससे बाहर निकलने का विकल्‍प रहेगा, जिसका इस्‍तेमाल ब्‍याज भुगतान की तिथियों पर किया जा सकता है।
6न्‍यूनतम आकार
न्‍यूनतम स्‍वीकार्य सीमा 1 ग्राम सोना है।
7अधिकतम सीमा
खरीदने की अधिकतम सीमा व्‍यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए भी 4 किलोग्राम और ट्रस्‍ट एवं इसी तरह के निकायों के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) होगी, जिसके बारे में सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाता है। इस आशय की एक स्‍व-घोषणा पत्र प्राप्‍त करना होगा। वार्षिक सीमा में सरकार द्वारा आरंभिक निर्गमन के दौरान विभिन्‍न सीरीज के तहत खरीदे गए बांड और द्वितीयक बाजार से खरीदे गए बांड भी शामिल होंगे।
8संयुक्‍त धारक
संयुक्‍त रूप से धारण किए जाने की स्थिति में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल प्रथम आवेदक पर लागू होगी।  
9निर्गम मूल्‍य या इश्‍यू प्राइस
बांड का मूल्‍य भारतीय रुपये में तय किया जाएगा जो अभिदान अवधि से ठीक पिछले सप्‍ताह के अंतिम 3 कार्य दिवसों पर 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। स्‍वर्ण बांड का निर्गम मूल्‍य उन लोगों के लिए प्रति ग्राम 50 रुपये कम होगा जो इसकी खरीदारी ऑनलाइन करेंगे और इसका भुगतान डिजिटल मोड के जरिए करेंगे।
10भुगतान का विकल्‍प
बांड का भुगतान या तो नकद अदायगी (अधिकतम 20,000 रुपये तक) अथवा डिमांड ड्राफ्ट या चेक अथवा इलेक्‍ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिए की जा सकेगी।
11निर्गमन फॉर्म
स्‍वर्ण बांडों को जीएस अधिनियम, 2006 के तहत भारत सरकार के स्‍टॉक के रूप में जारी किया जाएगा। निवेशकों को इसके लिए एक धारण (होल्डिंग) प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। बांडों को डिमैट स्‍वरूप में बदला जा सकेगा।
12विमोचन मूल्‍य
विमोचन मूल्‍य भारतीय रुपये में होगा जो 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के पिछले 3 कार्य दिवसों के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा किया जाएगा।
13बिक्री का माध्यम
बांडों की बिक्री बैंकोंस्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल)नामित डाकघरों (जिन्‍हें अधिसूचित किया जा सकता है) और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉ‍क एक्सचेंज लिमिटेड के जरिए या तो सीधे अथवा एजेंटों के जरिए की जाएगी।
14ब्‍याज दर
निवेशकों को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर से मुआवजा दिया जाएगाजो अंकित मूल्‍य पर हर छह महीने में देय होगा।
15जमानत या गारंटी के रूप में 
बांडों का उपयोग ऋणों के लिए जमानत या गारंटी के रूप में किया जा सकता है। ऋण-मूल्‍य (एलटीवी) अनुपात को साधारण स्‍वर्ण ऋण के बराबर तय किया जाएगा जिसके बारे में रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिदेश जारी किया जाएगा। बांडों पर स्‍वत्व अथवा वैध अधिकार को डिपोजिटरी अथवा अधिकृत बैंकों द्वारा चिन्हित किया जाएगा। सॉवरेन गोल्‍ड बांड (एसजीबी) पर ऋण देने का निर्णय कर्जदाता बैंक/संस्‍थान द्वारा लिया जाएगा और इसे एसजीबी धारक का अधिकार नहीं माना जा सकता है।
16केवाईसी दस्‍तावेज
अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ से जुड़े मानक वही होंगे जो भौतिक या ठोस रूप में सोने की खरीदारी के लिए तय किए गए हैं। केवाईसी दस्‍तावेज जैसे कि वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन अथवा टैन/ पासपोर्ट की आवश्‍यकता होगी। प्रत्‍येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशकों को जारी स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन) की प्रति भी अवश्‍य संलग्‍न की जानी चाहिए।
17टैक्‍स देनदारी
आयकर अधिनियम, 1961 (43, 1961) के प्रावधान के अनुसार, स्‍वर्ण बांड पर प्राप्‍त होने वाले ब्‍याज पर टैक्‍स अदा करना होगा। किसी भी व्‍यक्ति को एसजीबी के विमोचन पर होने वाले पूंजीगत लाभ को कर मुक्‍त कर दिया गया है। बांड के हस्‍तांतरण पर किसी भी व्‍यक्ति को प्राप्‍त होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन या मूल्‍य सूचकांक से जोड़ने के कारण टैक्‍स भार कम करने संबंधी फायदे भी मिलेंगे।
18ट्रेडिंग पात्रता
किसी भी निर्धारित तिथि पर बांड जारी होने के एक पखवाड़े के भीतर बांडों की ट्रेडिंग स्‍टॉक एक्‍सचेंजो पर हो सकेगी, जैसा कि आरबीआई द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। 
19 एसएलआर संबंधी पात्रता
स्‍वत्व अथवा वैध अधिकार/ बंधक/गिरवी का उपयोग करने की प्रक्रिया के जरिए बैंकों द्वारा हासिल किए गए बांडों की गिनती वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) के संदर्भ में की जाएगी। 
20कमीशन
बांडों के वितरण पर कमीशन प्राप्‍तकर्ता कार्यालयों को हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के अभिदान पर 1 रुपये की दर से दिया जाएगा और प्राप्‍तकर्ता कार्यालय इस तरह से हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के कमीशन पर कम से कम 50 पैसे को उन एजेंटों अथवा उप-एजेंटों के साथ साझा करेंगे जिनके जरिए संबंधित बिजनेस या कारोबार हासिल किया गया है।  

Rajanish Kant शुक्रवार, 11 जनवरी 2019
नवम्‍बर, 2018 में औद्योगिक विकास दर 0.5 प्रतिशत रही
विनिर्माण क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों में से 10 समूहों ने नवम्‍बर, 2018 के दौरान धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की अप्रैल-नवम्‍बर, 2018 में औद्योगिक विकास दर 5.0 फीसदी रही
नवम्‍बर, 2018 में औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) 126.4 अंक रहाजो नवम्‍बर, 2017 के मुकाबले 0.5 फीसदी ज्‍यादा है। इसका मतलब यही है कि नवम्‍बर, 2018 में औद्योगिक विकास दर 0.5 फीसदी रही। उधरअप्रैल-नवम्‍बर, 2018 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.0 फीसदी आंकी गई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा नवम्‍बर, 2018 के लिए जारी किये गये औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक के त्‍वरित आकलन (आधार वर्ष 2011-12=100) से उपर्युक्‍त जानकारी मिली है। 14 स्रोत एजेंसियों से प्राप्‍त आंकड़ों के आधार पर आईआईपी का आकलन किया जाता है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी)केंद्रीय विद्युत प्राधिकरणपेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और उर्वरक विभाग भी इन एजेंसियों में शामिल हैं।
नवम्‍बर, 2018 में खननविनिर्माण (मैन्‍युफैक्‍चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्‍पादन वृद्धि दर नवम्‍बर, 2017 के मुकाबले क्रमश: 2.7 फीसदी, (-) 0.4 फीसदी तथा 5.1 फीसदी रही। उधरअप्रैल-नवम्‍बर 2018 में इन तीनों क्षेत्रों यानी सेक्‍टरों की उत्‍पादन वृद्धि दर पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में क्रमश: 3.7, 5.0 तथा 6.6 फीसदी आंकी गई है।
उद्योगों की दृष्टि से विनिर्माण क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों (दो अंकों वाली एनआईसी-2018 के अनुसार) में से 10 समूहों ने नवम्‍बर, 2017 की तुलना में नवम्‍बर, 2018 के दौरान धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। इस दौरान पहनने वाले परिधान के विनिर्माण’ ने 22.1 प्रतिशत की सर्वाधिक धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद 'फर्नीचर को छोड़कर काष्ठ और कॉर्क एवं काष्ठ उत्पादों के विनिर्माण' का नम्‍बर आता है जिसने 7.6 प्रतिशत की धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसी तरह 'अन्‍य परिवहन उपकरणों के विनिर्माणने 7.4 प्रतिशत की धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। वहींदूसरी ओर 'मशीनरी एवं उपकरणों को छोड़कर गढ़े धातु उत्पादों के विनिर्माणने (-) 13.4 प्रतिशत की सर्वाधिक ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद 'विद्युत उपकरणों के विनिर्माणका नम्‍बर आता है जिन्‍होंने (-) 9.6 प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसी तरह 'अन्‍य विनिर्माणने (-) 7.3प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है।

उपयोग आधारित वर्गीकरण के अनुसार नवम्‍बर, 2018 में प्राथमिक वस्‍तुओं (प्राइमरी गुड्स)पूंजीगत सामानमध्‍यवर्ती वस्‍तुओं एवं बुनियादी ढांचागत/निर्माण वस्‍तुओं की उत्‍पादन वृद्धि दर नवम्‍बर 2017की तुलना में क्रमश: 3.2 फीसदी, (-) 3.4 फीसदी, (-) 4.5 फीसदी और 5.0 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान का सवाल हैइनकी उत्‍पादन वृद्धि दर नवम्‍बर, 2018 में (-) 0.9 फीसदी रही है। वहींदूसरी ओर गैर-टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान की उत्‍पादन वृद्धि दर नवम्‍बर, 2018 में (-) 0.6फीसदी रही।
इस प्रेस विज्ञप्ति से जुड़ी सूचना मंत्रालय की वेबसाइट http://www.mospi.nic.in पर भी उपलब्ध है।
औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक से जुड़ी विस्‍तृत जानकारी प्राप्‍त करने के लिए अंग्रेजी का अनुलग्‍नक यहां क्लिक करें


(सौ. पीआईबी) 
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


Plz Follow Me on: 

Rajanish Kant
निर्यात को बढ़ावा देने के लिये किफायती कर्ज उपलब्ध कराने की जरूरत: ईईपीसी
सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को निर्यात को बढ़ावा देने के लिये निर्यातकों को समयबद्ध और किफायती बैंक ऋण उपलब्ध करने की जरूरत है। ईईपीसी इंडिया ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। 

इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने कहा कि निर्यात क्षेत्र को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कुल कर्ज में सालाना आधार पर 54 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। 

परिषद ने बयान में कहा, "अक्टूबर 2017 के अंत तक निर्यात क्षेत्र को कुल 434 अरब रुपये (43,400 करोड़ रुपये) का कर्ज दिया गया था। इसकी तुलना में 2018 की इसी अवधि में 197 अरब रुपये (19,700 करोड़ रुपये) का ही कर्ज दिया गया।" 

ईईपीसी इंडिया चेयरमैन रवि सहगल ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और ब्रेक्जिट को लेकर अनिश्चितताओं जैसे वैश्विक कारकों से निर्यात प्रभावित हुआ है। ऋण की उच्च लागत भी निर्यातकों के लिये चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा, "आरबीआई आंकड़ों के मुताबिक, इंजीनियरिंग खंड में ऋण प्रवाह में सुस्ती देखी गयी है। सस्ता कर्ज मिलना उद्योग और निर्यातकों की जीवन रेखा है और इस दिक्कत को जल्द से जल्द दूर किये जाने की जरूरत है।" 

(सौ. पीटीआई भाषा)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


Plz Follow Me on: 

Rajanish Kant गुरुवार, 10 जनवरी 2019
चीन ने अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता को गंभीर बताया
चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका के साथ हुई हालिया व्यापार वार्ता बेहद गंभीर रही और इससे दोनों पक्षों की आपत्तियों को दूर करने का ठोस आधार तैयार हुआ। इससे पहले अमेरिकी पक्ष ने भी व्यापार वार्ता को सकारात्मक बताया था।

अमेरिका ने पिछले साल चीन के 250 अरब डालर के सामान के आयात पर आयात शुल्क 25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। इसके जवाब में चीन ने भी 110 अरब डालर के अमेरिकी सामान के आयात पर शुल्क बढ़ा दिया।

अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को बीजिंग पहुंचा था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के उनके समकक्ष शी चिनफिंग के बीच व्यापार शुल्क युद्ध को तीन माह के लिये स्थगित रखने पर सहमति बनने के बाद अमेरिका और चीन के अधिकारियों की आमने सामने यह पहली बैठक हुई है। दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच अर्जेंटीना में समूह-20 की बैठक के मौके पर एक दिसंबर को अलग से हुई बैठक में यह सहमति बनी थी।

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को यह बैठक मंगलवार को समाप्त करनी थी लेकिन उप-मंत्री स्तर की इस बातचीत को एक दिन आगे बढ़ाकर बुधवार तक कर दिया गया। इससे विश्लेषकों ने माना कि चर्चा में प्रगति हुई है।

अमेरिका के व्यापार और विदेशी कृषि मामलों के कनिष्ठ मंत्री टेड मैक्किनी ने बातचीत पर कहा, ‘‘यह हमारे लिये अच्छी रही।’’ 

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने अपने नेताओं की महत्वपूर्ण आपसी सहमति को सक्रियता से आगे बढ़ाया और साझा दिक्कतों के व्यापारिक एवं संरचनात्मक मुद्दों पर गंभीर, गहरी और विस्तृत बातचीत हुई।

उसने कहा, ‘‘इस बातचीत से आपसी सहमति विस्तृत हुई और एक-दूसरे की दिक्कतों को दूर करने के लिये ठोस आधार तैयार हुआ।’’ 

मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष मजबूत संपर्क बनाये रखने पर सहमत हुए।

अमेरिका चीन का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। वर्ष 2017 में अमेरिका का चीन के साथ कुल व्यापार 635.4 अरब अमेरिकी डालर का रहा। इसमें अमेरिका से निर्यात 129.9 अरब डालर और चीन से किया गया आयात 505.5 अरब डालर रहा। इस प्रकार 2017 में अमेरिका का चीन के साथ वस्तु व्यापार घाटा 375.6 अरब डालर रहा। चीन के साथ सेवाओं के व्यापार के मामले में अमेरिका का 40.2 अरब डालर का व्यापार अधिशेष है।

(सौ. पीटीआई भाषा)
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
बचत, निवेश संबंधी beyourmoneymanager के लेख


Plz Follow Me on: 

Rajanish Kant