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अगले महीने से BSE, NSE पर भी कर सकेंगे कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में ट्रेडिंग
अगर आप कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में ट्रेडिंग करते हैं, तो आपके लिए अगले महीने से ज्यादा विकल्प मिलेंगे। देश के दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज बीएसई यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और एनएसई यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज अगले महीने से कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में ट्रेडिंग शुरू करने जा रहे हैं। सबसे सोने और चांदी में कारोबार शुरू करेंगे। 
फिलहाल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स और एनसीडीएक्स पर कमोडिटी फ्यूचर की ट्रेडिंग होती है। 

मार्केट रेगुलेटर सेबी दोनों स्टॉक एक्सचेंज को कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू करने की मंजूरी दे चुका है। दोनों एक्सचेंज ने संबंधित क्लियरिंग कॉर्पोरेशन से भी नियामिकीय मंजूरी ले चुके हैं। माना जा रहा है कि बीएसई और एनएसई द्वारा कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू किये जाने से कमोडिटी डेरिवेटिव्ज का दायरा बढ़ेगा। 



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Rajanish Kant बुधवार, 19 सितंबर 2018
हाजिर सर्राफा एक्सचेंज (Bullion Spot Exchange) जल्द हकीकत में बदलेगा!
देश में कानूनी प्रक्रिया के तहत चलने वाले हाजिर सर्राफा एक्सचेंज (Bullion Spot Exchange) की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही है। जूलरी कारोबारी के साथ-साथ ग्राहकों को भी ऐसे एक्सचेंज से फायदे की बात कही जा रही है। सरकार भी चाहती है कि देश में ऐसे एक्सचेंज काम करें। 

अब इसको हकीकत में बदलने के लिए देश का दिग्गज कमोडिटी एक्सचेंज MCX यानी Multi Commodity Exchange Of India   और घरेलू बुलियन और जूलरी एसोसिएशन की प्रमुख संस्था IBJA यानी India Bullion & Jewellers Association ने हाथ मिलाया है। इस करार के तहत दोनों मिलकर हाजिर सर्राफा एक्सचेंज (Bullion Spot Exchange) की स्थापना करेंगे।साथ ही देशभर में बुलियन को लेकर लोगों में जागरूकता भी फैलाएंगे। 



एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ मुरुगांक परांजपे ने कहा, "सरकार के विनियमित हाजिर मंच के दृष्टिकोण के अनुरूप एमसीएक्स और आईबीजेए ने देश में एक हाजिर सर्राफा एक्सचेंज स्थापित करने में सहयोग की संभावना का पता लगाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं।


उन्होंने कहा कि इससे कौशलयुक्त मूल्य खोज एवं पारदर्शिता तथा सर्राफा अंशधारकों के लिए देश में विनियमित स्वर्ण एक्सचेंज की व्यापार-कुशल और उपभोक्ता-अनुकूल प्रणाली की स्थापना में मदद मिलेगी।

((कच्चे तेल और नैचुरल गैस के निवेशक इन आंकड़ों पर नजर रखेंगे तो फायदे में रहेंगे
((सोने-चांदी के निवेशक इन आंकड़ों को लेकर अलर्ट रहें, नुकसान से बचे रहेंगे
((बेस मेटल्स में कारोबार करते हैं, तो इन आंकड़ों को नजरअंदाज मत करें, फायदा होगा
((कमोडिटी में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, पहले जान लीजिए कुछ खास बातें
((आप अगर कमोडिटीज डेरिवेटिव्ज ट्रेनर्स बनना चाहते हैं, तो सेबी के इन नियमों का पालन करें
(सेबी ने कमोडिटी फ्यूचर्स में ऑप्शंस ट्रेडिंग के संबंध में गाइडलाइंस जारी की, जानिए इसके फायदे
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां जल्दी से कैश (तरलता) की उम्मीद करते हैं-म्युचुअल फंड्स, इक्विटीज, डिबेंचर्स, कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करते हैं-कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स, डिबेंचर्स,  इक्विटीज या  म्युचुअल फंड्स ?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: बॉन्ड्स, इक्विटीज, म्युचुअल फंड्स में से किसको सबसे ज्यादा सुरक्षित मानते हैं निवेशक ?

(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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Rajanish Kant शुक्रवार, 17 अगस्त 2018
कमोडिटी में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, पहले जान लीजिए कुछ खास बातें
अगर सोना या कच्चे तेल की खबरों को लेकर आप गंभीर रहते हैं, तो अक्सर सुनते होंगे कि वायदा बाजार में सोना उछला या फिसला या फिर कच्चा तेल वायदा की कीमतों में तेजी आई या मंदी आई। दरअसल, जिस वायदा की बात हो रही है, उसकी ट्रेडिंग कमोडिटी एक्सचेंजों में होती है। कमोडिटी में ट्रेडिंग आप भी कर सकते हैं। अगर आप निवेश साधनों में विविधता चाहते हैं,तो कमोडिटी में ट्रे़डिंग भी एक विकल्प है। हेजिंग और  संपत्ति निर्माण यानी वेल्थ क्रिएशन के लिए इक्विटी, रियल इस्टेट, बांड्स जैसे पारंपरिक निवेश साधनों के साथ-साथ कमोडिटी में आप ट्रेडिंग कर सकते हैं। लेकिन, कमोडिटी में ट्रेडिंग करने से पहले इसके  बारे में कुछ खास बातें जान लीजिए।  साथ ही अगर इसमें सक्रिय होकर ट्रेडिंग करना चाहते हैं, इसके बारे में अच्छी जगह से प्रोफेशनल ट्रेंनिंग ले लें।  बिना ट्रेनिंग के ट्रेडिंग खतरनाक हो सकता है। हो सकता है कि आपको एक बार में ही इतना नुकसान उठाना पड़ जाए कि दोबारा ट्रेडिंग करना ही भूल जाएंगे।   

-सबसे पहले कमोडिटी का मतलब:
कमोडिटी का सीधा सा मतलब हुआ रोजाना इस्तेमाल में आने वाली वस्तुएं या उत्पाद और उनके व्युत्पन्न (डेरिवेटिव्ज) वस्तु। इसमें कृषि के साथ-साथ गैर-कृषि वस्तुएं भी शामिल हैं। कृषि उपज को जिंस या अनाज भी कहते हैं। गैर-कृषि वस्तुओं में धातु (मेटल), बेस मेटल, प्रीसियस मेटल,  एनर्जी जैसी वस्तुएं शामिल है। ऐसी वस्तुएं या उत्पाद जिनका एक व्यावसायिक मूल्य हो, साथ ही जिसे बनाया, खरीदा, बेचा, और जिसका उपभोग किया जा सके, उसे कमोडिटी में ट्रेडिंग के नाम से जानते हैं। इसमें शामिल है- बहुमूल्य धातुयें(सोना,चांदी), कोयला, प्राकृतिक गैस, कच्चा तेल, और दैनिक जरूरत वाली वस्तुएं मसलन, मसाले, दाल, चीनी और अन्य कमोडिटी |

-कमोडिटी में ट्रेडिंग कमोडिटी एक्सचेंज के जरिये होती है। देश में तीन प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज हैं- एमसीएक्स यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया, एनसीडीईएक्स यानी नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज और एनएमसीई यानी नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज।  आपको बता दें कि एक्सचेंज में हर कमोडिटीका कारोबार नहीं होता है। जिन कमोडिटी में कारोबार होता है, उनमे कुछ विशेषताओं का होना जरूरी है जैसे – मांग और आपूर्ति का लम्बा चक्र, कमोडिटी का लम्बा जीवनकाल जिसमें उसकी क्वालिटी पर कोई विपरीत असर न पड़े, मूल्य का उसकी मांग और आपूर्ति से तय होना आदि। 

-कमोडिटी- एग्री प्रोडक्ट (इसको जिंस या अनाज भी कहते हैं। )और नॉन एग्री प्रोडक्ट (गैर कृषि उत्पाद)

-एग्री प्रोडक्ट्स: 

MCX के प्रोडक्ट:
Cardamom, Castor seed, Cotton, Crude Palm oil, Kapas, Mentha Oil, RBD Palmolein
इलायची, एरंड (अरंडी) बीज, कॉटन, क्रूड पाम तेल, कपास, मेंथा तेल, आरबीडी पामोलीन

NCDEX के प्रोडक्ट:
1)Cereals and Pulses: Bajra, Barley, Chana, Maize Kharifm Maize Rabi, Wheat
2)Fibres: V-797 kapas, Shankar kapas, 29 mm Cotton
3)Guar Complex: Guar Seed, Guar Gum
4)Plantation Products:Rubber
5)Others:Potato
6)Oil and Oil seeds:Castor Seed, Cotton seed oilcake, Soy Bean, Degummed Soy oil,
Refined soy oil, Mustard Seed, Rapeseed Mustard Seed OilCake, Crude Palm Oil, Soymeal
7)Soft:Sugar M, Sugar S, Gur
8) Spices: Pepper, Turmeric, JEERA, Chilli, Coriander

>नॉन एग्री प्रोडक्ट में मेटल (धातु) और नॉन मेटल प्रोडक्ट (गैर-धात्विक उत्पाद):
-मेटल में प्रीसियस (मूल्यवान धातु) और बेस मेटल:
-बेस मेटल (Base Metals): Steel long Commercial,Steel, Copper,Aluminium, Aluminium Mini, 
Copper, Copper Mini, Lead, Lead Mini, Nickel, Nickel Mini, Zinc, Zinc Mini

अल्युमीनियम, अल्युमीनियम मिनी, कॉपर (तांबा), कॉपर मिनी, लेड (सीसा), लेड मिनी, निकल, निकल मिनी, जस्ता, जस्ता मिनी
-बुलियन या बहुमूल्य धातुएं (Bullion or Precious Metals) : Gold, Gold (100 gms), Gold Hedge, 
Gold Hedge (100 gms), Silver,Silver Hedge, Silver Hedge 5 Kgs, Gold Mini, Gold Guinea, 
Gold Petal, Silver Mini, Silver Micro, Silver 1000 सोना,  सोना मिनी, सोना गिन्नी, सोना पेटल, चांदी, चांदी मिनी,चांदी माइक्रो, चांदी 1000,

-नॉन मेटल या एनर्जी: Crude Oil, Crude Oil Mini, Brent Crude Oil, Natural Gas
क्रूड तेल, क्रूड तेल मिनी, ब्रेंट क्रूड तेल, नेचुरल गैस


-MCX पर मुख्य तौर पर मेटल्स और एनर्जी जबकि NCDEX पर एग्री कमोडिटीज की ट्रेडिंग होती है।
-कमोडिटीज में ट्रेडिंग का समय: सुबह 10.30 बजे से रात के 11.30 बजे/ (11.55 PM) (US डे लाइट सेविंग टाइम पर निर्भर)
>कमोडिटी मार्केट के प्रकार- 1) हाजिर या स्पॉट (Spot) मार्केट, 2)डेरिवेटिव्ज (फ्यूचर एंड ऑप्शन)

1) हाजिर या स्पॉट (Spot) मार्केट- राज्य सरकारों के अधीन, कमोडिटी की नकदी खरीद-बिक्री, मतलब 
पैसा दीजिए, हाथों-हाथ सामान लीजिए। जैसा मंडियों में जाकर हम करते हैं। अपनी जरूरत का सामान देखते हैं,पसंद आता है तो भुगतान करके उसे तुरंत के तुरंत खरीद लेते हैं।  मतलब, स्‍पॉट ट्रेडिंग एक ऐसी खरीद-फरोख्त है जिसमें उत्‍पाद की तुरंत पूर्ति की जाती है।

2)डेरिवेटिव्ज (फ्यूचर, फॉरवर्ड एंड ऑप्शन): पहले यह बाजार फॉरवर्ड मार्केट कमिशन (FMC-Forward Market Commission) के अधीन काम करता था, लेकिन अब यह शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी के अधीन है। यानी सेबी अब कमोडिटी और शेयर बाजार दोनों का रेगुलेटर है। इसके तहत किसी दो पार्टियों के बीच तय की गई तारीख पर उत्‍पादों का आदान-प्रदान करना होता है। यह स्पॉट से बिल्कुल उलटा है। दरअसल, कमोडिटी में ट्रेडिंग का संबंध हाजिर या स्पॉट बाजार से नहीं है, बल्कि कमोडिटी डेरिवेटिव्ज से है। 

एक बात और, अगर आप कमोडिटी डेरिवेटिव्ज में कारोबार करना चाहते हैं, तो कमोडिटी ब्रोकर्स या कमोडिटी सब-ब्रोकर्स के पास डीमैट खाता खुलवाना होगा। लेकिन ध्यान रहे इनका कमोडिटी एक्सचेंजों से पंजीकृत होना जरूरी है। 

-कमोडिटी में ट्रेडिंग करने वालों के लिए जरूरी बेवसाइट
-सेबी: www.sebi.gov.in
-एमसीएक्स की वेबसाइट: www.mcxindia.com
-एनसीडीईएक्स की वेबसाइट: www.ncdex.com
-एनएमसीई की वेबसाइट: www.nmce.com

((सेबी ने कमोडिटी फ्यूचर्स में ऑप्शंस ट्रेडिंग के संबंध में गाइडलाइंस जारी की, जानिए इसके फायदे  
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां जल्दी से कैश (तरलता) की उम्मीद करते हैं-म्युचुअल फंड्स, इक्विटीज, डिबेंचर्स, कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: निवेशक कहां ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करते हैं-कमोडिटी फ्यूचर्स, डेरिवेटिव्स, डिबेंचर्स, इक्विटीज या  म्युचुअल फंड्स ?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: बॉन्ड्स, इक्विटीज, म्युचुअल फंड्स में से किसको सबसे ज्यादा सुरक्षित मानते हैं निवेशक ?
(सेबी इन्वेस्टर सर्वे 2015: रिस्क, रिटर्न के बारे में क्या सोचते हैं निवेशक ?
((आप अगर कमोडिटीज डेरिवेटिव्ज ट्रेनर्स बनना चाहते हैं, तो सेबी के इन नियमों का पालन करें  
((बेस मेटल: 2017 में भी बेहतर प्रदर्शन जारी रहेगा ! 
( कमोडिटीज वायदा कारोबार सभी वर्गों के लिए उपयोगी: कृषि और कल्याण मंत्री
((2017 में एग्री कमोडिटीज का कैसा रहेगा प्रदर्शन; क्या कहते हैं फंडामेंटल के सितारे 






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((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

Rajanish Kant सोमवार, 26 जून 2017