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Sensex, Nifty नई ऊंचाई पर पहुंचे



 ('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





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Rajanish Kant सोमवार, 3 जुलाई 2023
Sensex @64,000 & Nifty@19,000 ll सेंसेक्स, निफ्टी नई ऊंचाई पर ll


 

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Rajanish Kant बुधवार, 28 जून 2023
SEBI Outage SOP: शेयर बाजार में बाधा आने पर कारोबार का समय बढ़ा दिया जाएगा


शेयर बाजार में कई बार तकनीकी गड़बड़ी की वजह से कारोबार रूक जाने की खबर सुनते होंगे। अब अगर ऐसा होता है, तो शेयर बाजार में कारोबार का समय डेढ़ घंटा बढ़ाया जा सकता है। अभी शेयर बाजार साढ़े तीन बजे दोपहर को बंद हो जाता है, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी की वजह से कारोबार ठप होने की स्थिति में शाम 5 बजे तक कारोबार का समय बढ़ाया जा सकता है। शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने इस बारे में एसओपी जारी किया है।  


एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) के तहत सेबी ने शेयर बाजारों से कारोबार के दौरान किसी भी तरह की बाधा आने पर संबंधित पक्षों को मामला सामने आने के 15 मिनट के भीतर सूचना देने को कहा है। साथ ही कारोबार प्रभावित होने के कुछ मामलों में कारोबारी समय डेढ़ घंटा बढ़ाने को भी कहा है। 

सेबी ने सर्कुलर में कहा, ‘‘अगर तकनीकी कारण या किसी अन्य वजह से शेयर बाजार में कारोबार प्रभावित होता है तो न केवल एमआईआई (बाजार ढांचागत संस्थान यानी शेयर बाजार, डिपोजिटरी, समाशोधन निगम आदि) समेत सभी बाजार प्रतिभागियों को कारोबार थमने की सूचना दी जाए बल्कि अगर जरूरत हो तो कारोबार का समय भी बढ़ाया जाए, ताकि दिन के कारोबार का समुचित निपटान हो सके।’’

एसओपी के तहत, किसी कारण से कारोबार ठप होने की स्थिति में संबंधित शेयर बाजार को इस बारे में बाजार प्रतिभागियों, कारोबारी सदस्यों तक एमआईआई समेत विभिन्न पक्षों को 15 मिनट के भीतर सूचना देनी होगी। सूचना के लिये प्रसारण संदेश के साथ अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, शेयर बाजार को अलग ई-मेल के जरिए सेबी को इसकी सूचना देनी होगी। इसके अलावा, प्रभावित शेयर बाजार प्रारंभिक सूचना से 45 मिनट के अंतराल पर स्थिति के बारे में जानकारी देगा। यह स्थिति सामान्य होने तक जारी रहेगा।

सेबी ने कारोबारी घंटे के विस्तार के संबंध में कहा कि प्रभावित शेयर बाजार पर कामकाज सामान्य कारोबार बंद होने से कम-से-कम एक घंटे पहले सामान्य स्थिति में आ जाता है, उस दिन सभी शेयर बाजारों में कारोबारी घंटे अपरिवर्तित रहेंगे। यदि बाजार बंद होने से एक घंटे पहले कारोबार सामान्य नहीं होता है तो, सभी शेयर बाजारों के लिये कारोबारी घंटे स्वचालित रूप से अतिरिक्त डेढ़ घंटे के लिए बढ़ा दिये जाएंगे।

(लेख साभार- पीटीआई भाषा)

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Rajanish Kant मंगलवार, 10 जनवरी 2023
भारतीय शेयर बाजार आज दशहरे के मौके पर बंद रहेंगे
आज दशहरा है और दशहरे के मौके पर देशभर में सार्वजनिक अवकाश है। आज सार्वजनिक अवकाश की वजह से भारतीय शेयर बाजार बीएसई, एनएसई बंद रहेंगे। कल से फिर पहले की ही तरह शेयरों की खरीद-बिक्री जारी रहेगी। 

इससे पहले सोमवार को बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 141 अंक गिरकर37,532 पर, जबकि एनएसई का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 48 अंक सुस्त होकर 11,126 पर बंद हुआ। 

इस हफ्ते टीसीएस, इंफोसिस समेत कई बड़ी कंपनियां इस वित्त की जुलाई-सितंबर तिमाही के वित्तीय नतीजे की घोषणा करने जा रही हैं।  

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Rajanish Kant मंगलवार, 8 अक्तूबर 2019
सीतरमण का लघु-बजट: कॉरपोरेट जगत, विदेशी निवेशकों को कर रियायतों की सौगात, बाजार में उत्साह



आर्थिक वृद्धि को नरमी से उबारने तथा निवेश एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने शुक्रवार को कारपोरेट जगत के लिए करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये की राहत वाली कई महत्वपूर्ण कर रियायतों की घोषणाएं की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लघु-बजट के रूप में देखे जा रहे इस ताजा प्रोत्साहन पैकेज से कारपोरेट कर की प्रभावी दरें करीब 10 प्रतिशत नीचे आ गयी हैं।

विश्लेषकों के अनुसार इस तरह भारत इस मामले में निवेशकों के लिए अमेरिका और आसियान के बाजारों की तरह आकर्षक लग सकता है।

आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गिर कर पांच प्रतिशत पर आ गयी जो छह साल का निम्नतम स्तर है। अर्थव्यवस्था को कम वृद्धि की रफ्तार से उबारने के लिए पिछले कुछ सप्ताह में सरकार का यह चौथा प्रोत्साहन पैकेज है।

वित्त मंत्री ने गोवा में जीएसटी परिषद की बैठक से पहले जिन राहतों की घोषणा की, इनसे सरकारी खजाने को सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। इन घोषणाओं को विकास में सहायक तथा भविष्य के अनुकूल माना जा रहा है। हालांकि राजकोषीय स्थिति पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा और घाटा के लक्ष्य को पाने में सरकार के चूकने की आशंका बढ़ गयी है।

सीतारमण ने मौजूदा कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर की आधार दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत करने की घोषणा की। इससे कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 34.94 प्रतिशत से कम होकर 25.17 प्रतिशत पर आ जाएगी।

इसके साथ ही एक अक्टूबर 2019 के बाद बनने वाली तथा 31 मार्च 2023 से पहले परिचालन शुरू कर देने वाली विनिर्माण कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर की आधार दर 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने की भी घोषणा की गयी। इससे इन कंपनियों के लिये प्रभावी कॉरपोरेट कर की दर 29.12 प्रतिशत से कम होकर 17.01 प्रतिशत पर आ जाएगी। हालांकि इस तरह की कंपनियों के लिये एक शर्त है कि ये कंपनियां विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में स्थित इकाइयों को मिलने वाली कर छूट या किसी अन्य प्रकार के कर प्रोत्साहन का लाभ नहीं उठाएंगी।

सरकार के इस कदम से देश में कॉरपोरेट कर की दरें चीन, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर आदि जैसे अन्य प्रतिस्पर्धी एशियाई बाजारों के समतुल्य हो गयी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की घोषणाओं को ऐतिहासिक कदम करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि इससे ‘मेक इन इंडिया’ में बड़ा उछाल आने के साथ ही निवेश भी आकर्षित होगा, निजी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसे बड़ा कदम करार दिया और सरकार की घोषणाओं का स्वागत किया।

इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिये डेरिवेटिव समेत प्रतिभूतियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर धनाढ्य-अधिभार समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर अधिनियम में अध्यादेश लाकर इन बदलावों को अमल में लाया जाएगा।

सीतारमण ने कहा कि इन उपायों से आर्थिक वृद्धि और निवेश में तेजी आएगी। हालांकि उन्होंने इन घोषणाओं का राजकोषीय घाटा के लक्ष्य पर असर पड़ने संबंधी सवाल को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार वास्तविकता के प्रति सजग है और वह बाद में आंकड़ों में सामंजस्य बिठाएगी।

वित्त मंत्री ने एक अन्य राहत देते हुए कहा कि जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी किसी प्रकार का कर नहीं देना होगा।

सीतारमण ने पांच जुलाई को अपने पहले बजट में आय पर अधिक अधिभार के रूप में घोषित धनाढ्यों पर उच्च दर से लगने वाले कर को समाप्त करने की भी घोषणा की। इसके तहत अब प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयर की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर उच्च दर से अधिभार का भुगतान नहीं करना होगा।

इसके साथ ही कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान नहीं करना होगा।

सीतारमण ने कहा कि यदि कोई कंपनी कम की गयी दरों पर भुगतान करने का विकल्प नहीं चुनती है और कर छूट एवं प्रोत्साहन का लाभ उठाती है तो वह पुरानी दरों पर भुगतान करना जारी रखेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘ये कंपनियां छूट व प्रोत्साहन की अवधि समाप्त होने के बाद संशोधित दरों का विकल्प चुन सकती हैं।’’

छूट व प्रोत्साहन का लाभ जारी रखने का विकल्प चुनने वाली कंपनियों को राहत देने के लिये न्यूनतम वैकल्पिक कर की दर 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दी गयी है।

सरकार ने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) का दायरा बढ़ाने की भी घोषणा की। अब कंपनियां सीएसआर के तहत सार्वजनिक इनक्यूबेटर्स और सरकार द्वारा वित्तपोषित शैक्षणिक निकायों पर भी खर्च कर सकती हैं।

सरकार की इन घोषणाओं का निवेशकों की धारणा पर सकारात्मक असर देखने को मिला। बाजार में उत्साह के कारण सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय 2,284.55 अंक तक की बढ़त में चला गया। निफ्टी में भी 600 अंक से अधिक की तेजी देखने को मिली। घरेलू मुद्रा पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ा और रुपया एक समय 66 पैसे की बढ़त में पहुंच गया।

उद्योग जगत तथा उद्योग संगठनों ने सरकार के इस कदम की खूब सराहना की।


(साभार- पीटीआई भाषा)
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सीतरमण का लघु-बजट: कॉरपोरेट जगत, विदेशी निवेशकों को कर रियायतों की सौगात, बाजार में उत्साह

Rajanish Kant शुक्रवार, 20 सितंबर 2019
ये 7 सवाल शेयर बाजार के हर नए निवेशक को परेशान करता है

ये 7 सवाल शेयर बाजार के हर नए निवेशक को परेशान करता है

Rajanish Kant सोमवार, 12 अगस्त 2019
BSE resolved 97 investor’s complaints against companies during the month of July 2019
During the month of July 2019 , BSE received 93 complaints against 84 companies. In the same period 97 complaints were resolved against 85 listed companies. These resolved complaints include complaints brought forward from the previous periods.

Type of complaints
Complaints received
Complaints resolved

Against
Active Companies
Against Suspended Companies
Total
Against Active Companies
Against Suspended Companies
Total
I
3
1
4
2
0
2
II
16
1
17
36
1
37
III
0
0
0
0
0
0
IV
42
0
42
29
1
30
V
0
0
0
0
0
0
VI
29
1
30
27
1
28
Total
90
3
93
94
3
97

The complaints received by BSE from Investors have been categorized as under:

Type I
Non-receipt of money (Refund, Interest, Redemption, Fractional Entitlement.)
Type II : 
Non-receipt of Equity shares (Demat & Physical: In Public/Rights issue,
Remat, Transfer, Transmission, Conversion / Endorsement / Consolidation/
Splitting / Duplicate Certificate)
Type III
Non-receipt of Debt Securities (Demat & Physical: In Public/Rights issue,
Remat, Transfer, Transmission, Conversion / Endorsement / Consolidation/
Splitting / Duplicate Certificate)
Type IV
Non-receipt of Corporate benefits / entitlements (Dividend, Bonus, Rights form,
 Buyback letter of offer, Delisting letter of offer, Annual Report)
Type V
Non-receipt of Interest for delay in: (Refunds, Dividend, Interest on debt security, Redemption of debt security, Securities)
Type VI
Others (Including Non-Adherence to Corporate Governance Norms)


Companies with highest number of complaints pending as on 31st  July, 2019.

Sr. No.
Company Name
Category
Number of complaints pending as on 31/07/2019
1
Geodesic Ltd.
P
27
2
J.K. Pharmachem Ltd.
X
16
3
Teem Laboratories Ltd.
X
12
4
Gujarat Perstorp Electronics Ltd.
P
12
5
Blazon Marbles Limited
X
11
6
Gujarat Narmada Flyash Co. Ltd.
XT
11
7
Global Securities Limited
XT
10
8
Softrak Venture Investments Ltd.
X
9
9
Willard India Ltd.
XT
8
10
Rane Computers Consultancy Ltd
P
8

These aforesaid companies are presently suspended at the Exchange for surveillance reasons/ certain non-compliances with the listing regulations/procedural reasons or as per operation of law.
(Sources: www.bseindia.com)




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Rajanish Kant शनिवार, 10 अगस्त 2019