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Income Tax Notice क्यों मिलता है
Why can you attract Income Tax Notice क्या कभी आपने सोचा है कि किसी को इनकम टैक्स नोटिस क्यों मिलता है। विस्तार से जानने के लिए इस एपिसोड को शुरू से लेकर अंत तक देखें।


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Rajanish Kant मंगलवार, 18 जुलाई 2023
इनकम टैक्स का नोटिस मिले, तो क्या करें; If you get Income Tax Notice, wh...

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इनकम टैक्स का नोटिस मिले, तो क्या करें; If you get Income Tax Notice, wh...

Rajanish Kant गुरुवार, 2 मार्च 2017
इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, क्या करूं ?
आय पर टैक्स नहीं चुकाने वालों, काला धन जमा करने वालों, इनकम छुपाकर रखने वालों के लिए आयकर विभाग (Income Tax Department) सुनामी से कम नहीं होता है। विभाग अक्सर ऐसे बेईमान लोगों और संस्थाओं या फिर कंपनियों पर कार्रवाई करके ये संदेश देता है कि आप जो भी कमाते  हैं उसे छुपाइए मत और ईमानदारी से टैक्स भरें, आईटी रिटर्न फाइल करें और जहां जरूरी हो वहां अपने पैन कार्ड नंबर का उल्लेंख करें।

कई बार ईमानदार टैक्सपेयर्स (आयकर दाता) भी आयकर विभाग के रडार पर आ जाते हैं, और किसी कारणवश उनके पास नोटिस भेज दिया जाता है। इनकम टैक्स विभाग का नाम सुनकर ही उनमें से ज्यादातर लोगों के हाथ-पांव फुलने लगते हैं। उनमें घबराहट सातवें आसमान पर पहुंच जाती है। अगर आपको भी इनकम टैक्स का  नोटिस मिले या मिला हो, तो आप निम्नलिखित उपाय अपनाकर राहत की सांस ले सकते हैं..........

1- केवल नोटिस मिलने मात्र से परेशान मत होइए, जरूरी नहीं कि नोटिस किसी गड़बड़ी के सिलसिले में ही आया हो।  कई बार रूटीन पूछताछ या किसी अन्य तरह की जानकारी के लिए भी असेसिंग ऑफिसर (एओ) नोटिस भेजते हैं।

2-नोटिस से घबराइए मत और ना ही उसे नजरअंदाज करें। जाहिर है जब भी आपको नोटिस मिलता है आप घबरा उठते हैं। यहां तक उस नोटिस को नजरअंदाज भी कर बैठते हैं। ऐसा करना आसान है, लेकिन दोनों काम गलत हैं। स्थिति को सावधानीपूर्वक संभालें, वरना भारी जु्र्माने के लिए तैयार रहें।  

3-नोटिस आने पर यह देखे कि क्या वो आपके पैन कार्ड नंबर को जारी किया गया है? आपको बता दें कि आयकर विभाग पैन कार्ड नंबर के आधार पर नोटिस जारी करता है ना कि नाम के आधार पर। ऐसे में कई बार भूलवश किसी व्यक्ति का नोटिस दूसरे व्यक्ति के पास चला जाता है। हो सकता है कि  नोटिस ऐसे ही किसी दूसरे व्यक्ति  का हो, जिसका नाम और जन्म तिथि आपसे मेल खाती हो। नोटिस में दिए गए पैन नंबर का मिलान जरूर कर लें। पैन नंबर के आधार पर नाम और पते की गड़बड़ी है आसानी से पता लगाई जा सकती है क्योंकि आयकर विभाग पैन नंबर के आधार पर नोटिस जारी करता है, न कि नाम से।

4-सभी दस्तावेज व्यवस्थित कर लें। यह भी संभव है कि नोटिस भेजने के लिए आपके रिटर्न को इत्तेफाकन ही जांच के लिए चुन लिया गया हो। इसलिए  नोटिस मिलने पर डरने के बजाय आयकर विभाग द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेजों और बाकी सूचनाओं को इकट्ठा करें। इन दस्तावेजों में आपके लेन-देन से संबंधित कागजात हो सकते हैं, आईटी रिटर्न की रसीद हो सकती है, प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन लिया हो तो उससे संबंधित कागजात हो सकते हैं, आयकर स्रोत जानने के लिए बैंक अकाउंट दिखाना पड़ सकता है या फिर भुगतान के बारे में बताने के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड स्टेटमेंट शामिल रह सकता है।

5- नोटिस का गुम हो जाना आपकी मुश्किल बढ़ा सकता है। ऐसे में इसकी फोटो कॉपी या स्कैनिंग करवा कर रख लेना चाहिए। नोटिस ई-मेल से मिलने पर इसे कंप्यूटर पर डाउनलोड करना बेहतर होगा।

6- आयकर कानून की धारा 143(3) के तहत जिस वित्त वर्ष में रिटर्न दाखिल किया गया है, उसके समापन के छह महीने के अंदर स्क्रूटनी एसेसमेंट का नोटिस भेजा जाता है। अगर नोटिस इसके बाद भेजा जाता है, तो इसे वैध नहीं माना जाएगा। हालांकि टैक्स चोरी का संदेह होने पर धारा 148 के तहत संबंधित कर निर्धारण साल के आखिर से छह साल बाद तक वह नोटिस  भेज सकता है। यह राशि अगर एक लाख से कम है तो जांच के लिए समय सीमा महज 4 साल तक होगी।

7- नोटिस में उसे जारी करने वाले अधिकारी का नाम और पद जरूर दिया होता है। अधिकारी के हस्ताक्ष, मुहर, दफ्तर का पता और इनकम टैक्स वॉर्ड और सर्कल का जिक्र भी नोटिस में अवश्य होता है। नोटिस ई-मेल से मिलने पर उसका डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (डीआईएन) जरूर देखें।

8-अगर सिर्फ ज्यादा टैक्स के लिए नोटिस भेजा गया है, तो इससे खुद भी निपटा जा सकता है। मामला थोड़ा उलझाने वाला  है, तो किसी टैक्स सलाहकार की मदद लेना बेहतर रहेगा। प्रोफेशनल व्यक्ति को आप रिटर्न के मामले में हुई गड़बड़ी के बारे में सटीक ढंग से बता सकेगा और नोटिस का बेहतर जवाब तैयार करने में आपकी मदद करेगा।

>क्यों मिलते हैं इनकम टैक्स के नोटिस: 
-आईटी रिटर्न फाइल क्यों नहीं किया गया
-अधिक वैल्यू के लेन-देन करने पर पैन कार्ड नंबर की जानकारी नहीं देने पर
-अपने सेंविंग्स बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपए या उससे अधिक की नकदी जमा करने पर
-साल में 30 लाख रुपए या उससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री करने पर
-आयकर के स्रोत के बारे में सही जानकारी नहीं देने या आयकर विभाग द्वारा
आपके द्वारा दी गई आयकर स्रोत के बारे में जानकारी से संतुष्ट नहीं होने पर
-निवेश या डिपॉजिट के स्रोत के बारे में जानकारी लेने के लिए
-टैक्सपेयर्स को टीडीएस क्रेडिट ना होना
-आमदनी में भारी गिरावट
-काफी अधिक करछूट की मांग
.-आइटी रिटर्न भरने में गलतियां

>इनकम टैक्स विभाग क्या पूछ सकता है: 
-बिना पैन कार्ड का उल्लेख किये 10 लाख रुपए या उससे अधिक नकदी जमा करना के संबंध में
-बिना पैन कार्ड का उल्लेख किये 30 लाख रुपए या उससे अधिक की प्रॉपर्टी के लेन-देन के संबंध में
-किसी खास वित्त वर्ष के लिए आईटी रिटर्न क्यों दाखिल नहीं किया गया
-अगर रिटर्न दाखिल किया गया, तो नकदी/निवेश के स्रोत बताएं
-क्या आपकी इनकम पर टैक्स का भुगतान किया गया है

>दस्तावेज, जिसे दिखाना पड़ सकता है:
-आईटी रिटर्न की रसीद
-बैंक अकाउंट डीटेल्स
-क्रेडिट कार्ड अकाउंट
-लोन लेने पर लोन देने वाले बैंक या संस्था द्वारा जारी Sanction Letter या ईएमआई सर्टिफिकेट
>नोटिस में उल्लिखित इनकम टैक्स के अलग-अलग धाराओं का मतलब:
-131 (1 A): Assessing officer had reason to suspect that income has been concealed.
-133 A:  For survey or scrutiny of accounts.
-142 : For not filing the income tax return. For scrutiny of accounts and documents
in support of the return filed by taxpayer.
-143 (1): For adjustment or additional tax demand if an error or incorrect information is
detected in the return filed by the taxpayer.
-143 (2): For scrutiny assessment after detailed inquiry by assessing officer.
-148: For reassessment if the officer believes some income has escaped assessment.
-156: For dues (tax,interest, penalty, fine or any other sum)payable by the assessee.  
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Rajanish Kant शनिवार, 19 नवंबर 2016