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SGX Nifty (एसजीएक्स निफ्टी) 3 जुलाई, 2023 से GIFT Nifty (गिफ्ट निफ्टी) कहलाएगा, जानें इसके मायने


सिंगापुर एक्सचेंज (SGX) पर कारोबार करने वाले निफ्टी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स का नाम बदलकर GIFT निफ्टी कर दिया गया है। पहले इन्हें एसजीएक्स निफ्टी कहा जाता था। एनएसई ने मंगलवार को घोषणा की कि 3 जुलाई से एसजीएक्स पर सभी बकाया निफ्टी अनुबंधों को ऑर्डर मैचिंग के लिए पूरी तरह से गिफ्ट सिटी स्थित एनएसई आईएफएससी में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। यानी 3 जुलाई 2023 से एसजीएक्स निफ्टी को गिफ्ट निफ्टी के नाम से जाना जाएगा। सभी SGX ऑर्डर पूरी तरह से गिफ्ट सिटी, NSE IFSC एक्सचेंज को 3 जुलाई तक मिलान के लिए स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। इसके लिए  सभी अनुमोदन प्राप्त कर लिए गए हैं।


अप्रैल में सिंगापुर एक्सचेंज द्वारा अपने व्यापारिक सदस्यों को भेजे गए एक परिपत्र के अनुसार, 3 जुलाई तक गिफ्ट सिटी, गांधीनगर में एनएसई आईएफएससी-एसजीएक्स कनेक्ट, एसजीएक्स निफ्टी डेरिवेटिव के लिए एकमात्र व्यापारिक स्थान होगा।

“NSE IFSC-SGX कनेक्ट का पूर्ण पैमाने पर संचालन SGX निफ्टी डेरिवेटिव के NSE IFSC में स्थानांतरित होने के साथ 3 जुलाई 2023 को होगा। स्थानांतरण होने के बाद, सभी अमेरिकी डॉलर-मूल्यवर्ग के निफ्टी डेरिवेटिव अनुबंधों का विशेष रूप से NSE IFSC पर कारोबार किया जाएगा, "सिंगापुर एक्सचेंज से जारी एक परिपत्र ने ये कहा गया है।

SGX के अनुसार, 30 जून, 2023 को, SGX निफ्टी में सभी खुली स्थिति स्वचालित रूप से NSE IFSC निफ्टी में तरलता स्विच के हिस्से के रूप में स्थानांतरित हो जाएगी।

भारत में शेयर बाजार हर दिन सुबह 9:15 बजे (प्री ओपन सेशन 9 बजे सुबह) शुरू होता है, जबकि SGX Nifty, जो 6:30 बजे सुबह भारतीय समयानुसार पर खुलता है। भारतीय शेयर बाजार कैसा प्रदर्शन कर सकता है, के लिए सिंगापुर निफ्टी का प्रदर्शन शुरुआती संकेत के रूप में उपयोग किया जाता है। 

गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में, जिसे GIFT सिटी के रूप में भी जाना जाता है। गिफ्ट निफ्टी निवेशकों को डॉलर-मूल्यवर्ग के निफ्टी फ्यूचर्स अनुबंधों में व्यापार करने की अनुमति देगा जो कि SGX पर उपलब्ध हैं।

इसके अलावा, बाजार सहभागियों की एनएसई आईएफएससी बाजार डेटा तक भी तत्काल पहुंच होगी। NSE IFSC GIFT सिटी, गुजरात में IFSC में स्थित एक एक्सचेंज है, और NSE की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।

विदेशी निवेशक जो भारत में व्यापार नहीं करना चाहते हैं वे अक्सर एसजीएक्स निफ्टी अनुबंधों का उपयोग करते हैं। सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज का राजस्व अपने उच्चतम स्तर पर निफ्टी में 10% तक ट्रेडिंग से आया। सिंगापुर में विदेशी व्यापारियों की व्यापारिक गतिविधि में बदलाव के बारे में चिंताओं के बीच, भारत के स्टॉक एक्सचेंजों ने 2018 की शुरुआत में अगस्त 2019 तक अपने इंडेक्स को विदेशी बाजारों में लाइसेंस देने को निलंबित करने का फैसला किया।

एसजीएक्स निफ्टी में सभी खुले पदों (Open Positions) के एनएसई आईएफएससी निफ्टी में स्थानांतरण के साथ, एसजीएक्स निफ्टी में कोई ओपन इंटरेस्ट शेष नहीं रहेगा। एसजीएक्स निफ्टी को 30 जून को ट्रेडिंग सत्र के अंत के बाद व्यापार से निलंबित कर दिया जाएगा। इसके अलावा, सिंगापुर एक्सचेंज ने कहा था कि वह एसजीएक्स निफ्टी को बाद की तारीख में डीलिस्ट करना चाहता है, जो उचित नियामक प्रक्रिया लंबित है।

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Rajanish Kant बुधवार, 17 मई 2023
NSE को Social Stock Exchange (SSE) लांच करने के लिए अंतिम मंजूरी मिली


देश के मार्केट रेगुलेटर सेबी ने दिग्गज स्टॉक एक्सचेंज एनएसई को सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) लांच करने की अंतिम मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी 22 फरवरी 2023 को मिली है। एनएसई ने इसकी जानकारी दी। उसने कहा कि अलग सेगमेंट के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना की जाएगी।   

इस मौके पर एनएसई के एमडी और सीईओ आशीषकुमार चौहान ने खुशी जताते हुए कहा कि एसएसई खंड सामाजिक उद्यमियों के लिए सामाजिक पहलों को वित्तपोषण करने, उन्हें दृश्यता प्रदान करने और फंड जमावबंदी में वृद्धि पारदर्शिता लाने के लिए नया स्थान प्रदान करेगा।


आपको बता दूं कि सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों द्वारा शेयर बाजार से पैसा जुटाने के लिए अलग सेगमेंट के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज स्थापित करने की मंजूरी दी गई है।

>सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) से किसकों लाभ होगा?

-अलग अलग सामाजिक कामों में जुटे एनजीओ, गैर-लाभकारी संगठनों (Non Profit Organisations) बगैरह सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से पैसे जुटा सकते हैं। इन संगठनों के पास पैसा जुटाने का सीमित जरिया होता है। अब ये इस एक्सचेंज के जरिया पैसा जुटा सकते हैं। इसके लिए ऐसे संगठन को एनपीओ लाना होगा। 

-मौजूदा कानून के मुताबिक, एनपीओ लाने वाले संगठनों को कम से कम 1 करोड़ रुपए का एनपीओ लाना होगा और सब्सक्रिप्शन के लिए कम से कम एप्लीकेशन साइज 2 लाख रुपए का होना चाहिए। 

-किस तरह के सामाजिक काम करने वाले संगठन ला सकते हैं एनपीओ: भूखमरी, गरीबी, कुपोषण और असमानता को दूर करने वाले काम में जुटे सामाजिक संगठन, हेल्थकेयर, शिक्षा को सपोर्ट करने वाले, रोजगार और रोजी-रोटी उपलब्ध कराने के काम में लगे संगठन, महिलाओं को सशक्त करके  लिंग समानता को बढ़ावा देने के काम में लगे संगठन, सामाजिक उद्यमियों के इनक्युबेटर्स को सपोर्ट करने वाले सामाजिक संगठन इस एक्सचेंज से पैसा जुटा सकते हैं। 

-कॉर्पोरेट फाउंडेशंस, राजनीतिक और धार्मिक संगठन या ऐसे गतिविधि चलाने वाले, पेशेवर या व्यापारिक संगठन, इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग कंपनी (सस्ता घर बनाने वाले को छोड़कर) को सोशल उद्यमी नहीं माना जाएगा यानी सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से ऐसे लोग या संगठन पैसे नहीं जुटा सकते हैं। 

आपको बता दूं कि 2019-20 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज  लाने का प्रस्ताव किया था। इस साल अक्टूबर में सेबी ने बीएसई को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज लाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। 


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Rajanish Kant शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023
शेयर बाजार के लिए आज ऐतिहासिक दिन, सारे शेयरों पर T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू, जानें इसका मतलब


भारतीय शेयर बाजार के लिए आज यानी 27 जनवरी 2023 ऐतिहासिक दिन है। कैश सेगमेंट में शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए सभी लिस्टेड शेयरों पर आज से T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू होगा। हालांकि, पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर थोड़े थोड़े शेयरों पर पहले से इस सिस्टम को लागू करके परीक्षण किया जा रहा था। इससे पहले सारे शेयरों पर T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू था। 

T+1 सेटलमेंट का मतलब:

जब निवेशक या ट्रेडर शेयर खरीदते या बेचते हैं तो डीमैट अकाउंट में शेयर आने या बचत खाते में पैसे आने में कुछ समय लगता है। इसके लिए सेबी ने कुछ नियम बनाए हैं। इस नियम का पालन सभी स्टॉक एक्सचेंज और शेयर ब्रोकर को करना होता है। अभी तक भारत में केवल T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू है, यानी खरीद या बिक्री के ऑर्डर के 2 दिन में शेयरों का सेटलमेंट पूरा होता है। T+1 सेटलमेंट सिस्टम में शेयर खरीदने पर  24 घंटे के अंदर आपके डीमैट अकाउंट में वो शेयर आ जाएंगे  और उन शेयरों को बेचने पर उसके पैसे 24 घंटे के अंदर आपके सेविंग्स अकाउंट में आ जाएंगे। 

भारत में 2003 में T+2 (Trade+2) सेटलमेंट सिस्टम लागू हुआ था। 2001 से 2003 तक T+3 (Trade+3) सेटलमेंट सिस्टम लागू था। 2001 से पहले साप्ताहिक सेटलमेंट सिस्टम लागू था। यानी निवेशकों को शेयर बेचने के बाद उससे मिले पैसों को सेविंग्स खाते में पाने के लिए सात कामकाजी दिनों का इंतजार करना पड़ता था और शेयर खरीदने के बाद उन शेयरों को अपने डीमैट खाते में हासिल करने के लिए भी सात कामकाजी दिनों का इंतजार करना होता था। लेकिन, 27 जनवरी 2023 से इसके लिए केवल एक कामकाजी दिन यानी 24 घंटे का इंतजार करना होगा। 





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Rajanish Kant शुक्रवार, 27 जनवरी 2023
SEBI Outage SOP: शेयर बाजार में बाधा आने पर कारोबार का समय बढ़ा दिया जाएगा


शेयर बाजार में कई बार तकनीकी गड़बड़ी की वजह से कारोबार रूक जाने की खबर सुनते होंगे। अब अगर ऐसा होता है, तो शेयर बाजार में कारोबार का समय डेढ़ घंटा बढ़ाया जा सकता है। अभी शेयर बाजार साढ़े तीन बजे दोपहर को बंद हो जाता है, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी की वजह से कारोबार ठप होने की स्थिति में शाम 5 बजे तक कारोबार का समय बढ़ाया जा सकता है। शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने इस बारे में एसओपी जारी किया है।  


एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) के तहत सेबी ने शेयर बाजारों से कारोबार के दौरान किसी भी तरह की बाधा आने पर संबंधित पक्षों को मामला सामने आने के 15 मिनट के भीतर सूचना देने को कहा है। साथ ही कारोबार प्रभावित होने के कुछ मामलों में कारोबारी समय डेढ़ घंटा बढ़ाने को भी कहा है। 

सेबी ने सर्कुलर में कहा, ‘‘अगर तकनीकी कारण या किसी अन्य वजह से शेयर बाजार में कारोबार प्रभावित होता है तो न केवल एमआईआई (बाजार ढांचागत संस्थान यानी शेयर बाजार, डिपोजिटरी, समाशोधन निगम आदि) समेत सभी बाजार प्रतिभागियों को कारोबार थमने की सूचना दी जाए बल्कि अगर जरूरत हो तो कारोबार का समय भी बढ़ाया जाए, ताकि दिन के कारोबार का समुचित निपटान हो सके।’’

एसओपी के तहत, किसी कारण से कारोबार ठप होने की स्थिति में संबंधित शेयर बाजार को इस बारे में बाजार प्रतिभागियों, कारोबारी सदस्यों तक एमआईआई समेत विभिन्न पक्षों को 15 मिनट के भीतर सूचना देनी होगी। सूचना के लिये प्रसारण संदेश के साथ अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, शेयर बाजार को अलग ई-मेल के जरिए सेबी को इसकी सूचना देनी होगी। इसके अलावा, प्रभावित शेयर बाजार प्रारंभिक सूचना से 45 मिनट के अंतराल पर स्थिति के बारे में जानकारी देगा। यह स्थिति सामान्य होने तक जारी रहेगा।

सेबी ने कारोबारी घंटे के विस्तार के संबंध में कहा कि प्रभावित शेयर बाजार पर कामकाज सामान्य कारोबार बंद होने से कम-से-कम एक घंटे पहले सामान्य स्थिति में आ जाता है, उस दिन सभी शेयर बाजारों में कारोबारी घंटे अपरिवर्तित रहेंगे। यदि बाजार बंद होने से एक घंटे पहले कारोबार सामान्य नहीं होता है तो, सभी शेयर बाजारों के लिये कारोबारी घंटे स्वचालित रूप से अतिरिक्त डेढ़ घंटे के लिए बढ़ा दिये जाएंगे।

(लेख साभार- पीटीआई भाषा)

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Rajanish Kant मंगलवार, 10 जनवरी 2023
NSE को Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिली, जानें इससे किसको होगा फायदा


देश के मार्केट रेगुलेटर सेबी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसे अलग सेगमेंट के तौर पर शुरू करना होगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को यह मंजूरी 19 दिसंबर को मिली। 

सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज शुरू की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने पर एनएसई के एमडी और सीईओ आशीषकुमार चौहान ने कहा कि हमलोग एनएसई पर एक सेंगमेंट के तौर पर  Social Stock Exchange (SSE) शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इससे टिकाऊ विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal-SDG) को हासिल करने में जुटे सामाजिक उद्यमियों को तुरंत लाभ होगा। 


आमतौर पर शेयर बाजार में लिस्ट कंपनियां पहले खुले बाजार में अपनी कीमत पर पैसे जुटाने के लिए आईपीओ लाती हैं, फिर शेयर बाजार पर लिस्ट होती हैं। इसके बाद उन कंपनियों के शेयरों की बाजार कीमत पर खरीद-बिक्री होती है। कंपनियां आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल अपने कारोबार को संभालने और बढ़ाने के लिए लगाती है। एक तरह से कह सकते हैं कि स्टॉक एक्सचेंज कंपनियों के लिए पैसा जुटाने का एक जरिया है। हालांकि, शेयरों में पैसा लगाकर निवेशक भी पैसा कमाते हैं। 


>सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज यानी Social Stock Exchange (SSE) से किसकों लाभ होगा?

-अलग अलग सामाजिक कामों में जुटे एनजीओ, गैर-लाभकारी संगठनों (Non Profit Organisations) बगैरह सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से पैसे जुटा सकते हैं। इन संगठनों के पास पैसा जुटाने का सीमित जरिया होता है। अब ये इस एक्सचेंज के जरिया पैसा जुटा सकते हैं। इसके लिए ऐसे संगठन को एनपीओ लाना होगा। 

-मौजूदा कानून के मुताबिक, एनपीओ लाने वाले संगठनों को कम से कम 1 करोड़ रुपए का एनपीओ लाना होगा और सब्सक्रिप्शन के लिए कम से कम एप्लीकेशन साइज 2 लाख रुपए का होना चाहिए। 

-किस तरह के सामाजिक काम करने वाले संगठन ला सकते हैं एनपीओ: भूखमरी, गरीबी, कुपोषण और असमानता को दूर करने वाले काम में जुटे सामाजिक संगठन, हेल्थकेयर, शिक्षा को सपोर्ट करने वाले, रोजगार और रोजी-रोटी उपलब्ध कराने के काम में लगे संगठन, महिलाओं को सशक्त करके  लिंग समानता को बढ़ावा देने के काम में लगे संगठन, सामाजिक उद्यमियों के इनक्युबेटर्स को सपोर्ट करने वाले सामाजिक संगठन इस एक्सचेंज से पैसा जुटा सकते हैं। 

-कॉर्पोरेट फाउंडेशंस, राजनीतिक और धार्मिक संगठन या ऐसे गतिविधि चलाने वाले, पेशेवर या व्यापारिक संगठन, इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग कंपनी (सस्ता घर बनाने वाले को छोड़कर) को सोशल उद्यमी नहीं माना जाएगा यानी सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज से ऐसे लोग या संगठन पैसे नहीं जुटा सकते हैं। 

आपको बता दूं कि 2019-20 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज  लाने का प्रस्ताव किया था। इस साल अक्टूबर में सेबी ने बीएसई को सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज लाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। 

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Rajanish Kant शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022
KFin Tech.(केफिन टेक.) के IPO की हर बात जानें
KFin Tech.(केफिन टेक.) IPO Details: KFin Tech.(केफिन टेक.) का आईपीओ आम निवेशकों के लिए 19 दिसंबर को खुल रहा है। इस एपिसोड में जानिए- -कंपनी की खास खास बात -IPO का प्राइस बैंड -IPO में कम से कम निवेश -IPO अलॉट, पैसे रिफंड, लिस्टिंग की तारीख -IPO में कैसे निवेश करें


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Rajanish Kant शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022
KFin Tech. (केफिन टेक.) का IPO 19 दिसंबर को खुलेगा, जानें खास खास बातें


तकनीक आधारित वित्तीय सेवा देने वाली कंपनी KFin Technologies. (केफिन टेक्नोलॉजीज.) का IPO 19 दिसंबर को खुलेगा और 21 दिसंबर को बंद हो जाएगा। कंपनी इस आईपीओ को जरिये करीब 2,400 करोड़ रुपए जुटाएगी। पूरा का पूरा आईपीओ ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) होगा यानी आईपीओ के तहत केवल मौजूदा प्रोमोटर्स और शेयरहोल्डर्स के शेयर बेचे जाएंगे, बिक्री के लिए नए शेयर जारी नहीं किये जाएंगे। 

>IPO से जुड़ी खास खास बातें:

फेस वैल्यू ₹10 प्रति शेयर 
प्राइस बैंड₹347-₹366 प्रति शेयर 
लॉट साइज40 शेयर्स 
इश्यू साइज करीब ₹1,500.00 करोड़ 
ऑफर फॉर सेल करीब ₹1,500.00 करीब 
रिटेल निवेशक (कम से कम )1 लॉट40 शेयर्स₹14,640
रिटेल निवेशक (अधिक से अधिक 13 लॉट520 शेयर्स ₹190,320

घटना तारीख 
खुलने की तारीख 19 दिसंबर 
बंद होने की तारीख 21 दिसंबर 
अलॉटमेंट की तारीख 26 दिसंबर 
अलॉट नहीं होने पर पैसे वापसी की तारीख 27 दिसंबर 
डिमैट खाते में शेयर ट्रांसफर की तारीख 28 दिसंबर 
लिस्टिंग तारीख 29 दिसंबर 
इस आईपीओ को रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेस (Bigshare Services) है। इस आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, कोटक महिंद्रा कैपिटल, जे.पी. मॉर्गन इंडिया, आईआईएफएल सिक्योरिटीज, जेफरीज इंडिया हैं। 
कंपनी 2017 से कारोबार कर रही है। यह कंपनी कंपनियों के आईपीओ की रजिस्ट्रार के तौर पर काम करती है। म्युचुअल फंड कंपनियों को समाधान देने का काम करती है। 46 भारतीय म्युचुअल फंड कंपनियों में से 27 कंपनी केफिन टेक. की ग्राहक हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के लिए केंद्रीय रिकॉर्डकीपिंग सेवा देने का काम करती है। केफिन 100 से ज्यादा फंड मैनेजर्स के करीब 300 एआईएफ (ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स) को संभाल रही है। 

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Rajanish Kant बुधवार, 14 दिसंबर 2022