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Financial Literacy Week 2020 will be focused on MSME
Reserve Bank of India (RBI) has been conducting Financial Literacy Week (FLW) every year since 2016 to propagate financial education messages on a particular theme across the country. FLW 2018 and FLW 2019 were focused on “Consumer Protection” and “Farmers” respectively. The theme selected for current year FLW is “Micro, Small and Medium Enterprises (MSMEs),” which will be observed from February 10 to February 14, 2020.
Focus of MSME theme will be on creating awareness about aspects relating to formalisation, collateral free loan, discounting of receivables, rehabilitation of stressed units and timely repayment. Banks have been advised to disseminate the information and create awareness among its customers and general public. Further, RBI will undertake a centralized mass media campaign during the month of February 2020 to broadcast essential financial awareness messages to MSME Entrepreneurs.

(Source: www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant गुरुवार, 6 फ़रवरी 2020
59 मिनट में लोन लेने की पूरी प्रक्रिया स्टेप बाई स्टेप

59 मिनट में लोन लेने की पूरी प्रक्रिया स्टेप बाई स्टेप

Rajanish Kant शनिवार, 10 नवंबर 2018
MSME को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट का लोन पोर्टल
  • प्रधानमंत्री ने 12 महत्‍वपूर्ण घोषणाएं कीं
  • एमएसएमई को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट का लोन पोर्टल
  • सीपीएसई को एमएसएमई से 25 प्रतिशत की खरीदारी करना अनिवार्य होगा
  • कंपनी अधिनियम के तहत छोटे आर्थिक अपराधों से जुड़ी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए अध्‍यादेश

   प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) सेक्‍टर के लिए एक ऐतिहासिक सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री ने 12 महत्‍वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जिनसे देश भर में एमएसएमई के विकास और विस्‍तार के साथ-साथ उन्‍हें सहूलियतें देने में मदद मिलेगी।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वह जिन 12 निर्णयों की घोषणा कर रहे हैं, वे एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक नया अध्‍याय साबित होंगे। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि एमएसएमई भारत के प्रमुख रोजगार दाताओं में से एक हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लुधियाना की होजरी और वाराणसी की साड़ियों सहित लघु उद्योगों की गौरवशाली भारतीय परम्‍पराओं का स्‍मरण किया।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्‍द्र सरकार द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों की सफलता को ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत द्वारा लगाई गई ऊंची छलांग में देखा जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि इस सूचकांक में भारत चार वर्षों में 142वें पायदान से ऊपर चढ़कर 77वें पायदान पर पहुंच गया है।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की सहूलियत से जुड़े पांच महत्‍वपूर्ण पहलू हैं। इनमें ऋणों तक पहुंच, बाजार तक पहुंच, तकनीकी उन्‍नयन, कारोबार में सुगमता और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की भावना शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इस सेक्‍टर को दीपावली के उपहार के रूप में वह 12 घोषणाएं कर रहे हैं, जिनसे इन पांचों पहलुओं में से प्रत्‍येक का निदान निकल आएगा।

ऋणों तक पहुंच
    प्रथम घोषणा के रूप में प्रधानमंत्री ने एमएसएमई को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट के लोन पोर्टल का शुभारंभ करने का ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि इस पोर्टल के जरिए सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक के ऋणों को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी पोर्टल के जरिए इस पोर्टल का एक लिंक उपलब्‍ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि ‘नये भारत’ में किसी को भी बार-बार बैंक के चक्‍कर नहीं काटने पड़ेंगे।   
     
     प्रधानमंत्री ने दूसरी घोषणा के रूप में सभी जीएसटी पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने का उल्लेख किया। शिपमेंट से पूर्व और शिपमेंट के बाद की अवधि में ऋण लेने वाले निर्यातकों के लिए प्रधानमंत्री ने ब्याज की छूट तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की।
    प्रधानमंत्री की तीसरी घोषणा यह थी कि पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली सभी कंपनियों को अब आवश्यक रूप से व्यापार प्राप्तियां ई-डिस्काउंटिंग प्रणाली (टीआरईडीएस) पोर्टल में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इस घोषणा में शामिल होने से उद्यमी अपनी आगामी प्राप्तियों के आधार पर बैंकों से ऋण ले सकेंगे। इससे उनके नकदी चक्र की समस्याएं हल हो जाएंगी।
बाजारों तक पहुंच
   प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की बाजार तक पहुंच के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही अनेक कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने चौथी घोषणा यह की कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां को अब 20 प्रतिशत की बजाय अपनी कुल खरीदारी की 25 प्रतिशत खरीदारी एमएसएमई से करने के लिए कहा गया है।
   प्रधानमंत्री की पांचवी घोषणा महिला उद्यमियों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई से की गई आवश्यक 25 प्रतिशत खरीदारी में से 3 प्रतिशत खरीदारी अब महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित की गई हैं।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक आपूर्तिकर्ता अब जीईएम के साथ पंजीकृत हैं इनमें से 40 हजार एमएसएमई हैं। उन्होंने कहा जीईएम के माध्यम से अभी तक 14,000 करोड़ से भी अधिक मूल्य का लेनदेन हुआ है। उन्होंने छठी घोषणा यह की है कि केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को अब आवश्यक रूप से जीईएम का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने सभी विक्रेताओं को जीईएम से पंजीकृत कराना चाहिए।
प्रौद्योगिकी उन्नयन
   प्रौद्योगिकी उन्नयन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में स्थित टूल रूम्स अब उत्पाद डिजाइन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। उनकी सातवीं घोषणा यह थी कि पूरे देश में 22 केंद्र बनाए जाएंगे और टूल रूम के रूप में 100 स्पोक्स स्थापित किए जाएंगे।   
कारोबार में सुगमता
   कारोबार की सुगमता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी 8वीं घोषणा फार्मा कंपनियों के बारे में है। उन्‍होंने कहा कि फार्मा क्षेत्र के सूक्ष्‍मलघु एवं मध्‍यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए क्‍लस्‍टर बनाये जायेंगे। उन्‍होंने कहा कि इन क्‍लस्‍टर के निर्माण की लागत का 70 प्रतिशत केन्‍द्र सरकार वहन करेगी।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि 9वीं घोषणा सरकारी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के बारे में है। उन्‍होंने कहा कि 9वीं घोषणा यह है कि आठ श्रम कानूनों और 10 केन्‍द्रीय नियमों के तहत रिटर्न अब साल में एक ही बार फाइल किये जायेंगे।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि 10वीं घोषणा यह है कि अब प्रतिष्‍ठानों का निरीक्षक द्वारा किये जाने वाला दौरा कंप्‍यूटर आधारित औचक आवंटन के जरिये तय किया जायेगा।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि इकाई स्‍थापित करने के संबंध में उद्यमियों को दो क्‍लीयरेंस की जरूरत होती है- पर्यावरण क्‍लीयरेंस और इकाई स्‍थापित करने की रजामंदी। उन्‍होंने कहा कि 11वीं घोषणा यह है कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण नियमों के तहत इन दोनों क्‍लीयरेंस को एकल अनुमति में समाविष्‍ट कर दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि रिटर्न, स्‍व–प्रमाणीकरण के जरिये स्‍वीकार किया जायेगा।
  12वीं घोषणा के रूप में प्रधानमंत्री ने उल्‍लेख किया कि एक अध्‍यादेश लाया गया है, जिसके तहत कंपनी अधिनियम के संबंध में मामूली उल्‍लंघनों के लिए उद्यमी को अदालतों के चक्‍कर नहीं लगाने होंगे। उन्‍हें आसान प्रक्रियाओं के तहत दुरुस्‍त कर लिया जायेगा।
एमएसएमई सेक्‍टर के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा
   प्रधानमंत्री ने एमएसएमई के सेक्‍टर के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा का भी उल्‍लेख किया है। उन्‍होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक मिशन शुरू किया जायेगा कि उन्‍हें जन-धन खाता, भविष्‍य निधि और बीमा उपलब्‍ध हो।
   प्रधानमंत्री ने कहा कि इन फैसलों से भारत में एमएसएमई सेक्‍टर को मजबूत बनाने में सहायता होगी। उन्‍होंने कहा कि अगले 100 दिनों के दौरान इस आउटरीच कार्यक्रम के कार्यान्‍वयन की गहन निगरानी की जायेगी।      
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant शुक्रवार, 2 नवंबर 2018
इंडियन ओवरसीज बैंक: FD कराने वालों और एमएसएमई कर्जदारों के लिए खुशखबरी
सरकारी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने एफडी ग्राहकों के साथ-साथ एमएसएमई यानी माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज कर्जदारों को खुशखबरी दी है। बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट रेट्स में सालाना 0.10 से 0.80 प्रतिशत का इजाफा किया है जबकि अलग-अलग एमएसएमई कैटेगरी के कर्जदारों के लिए कर्ज दरों में सालाना 0.15-0.90 प्रतिशत की कटौती कर दी है। नई दरें एक अप्रैल से लागू हो गईं हैं। 

> FD रेट्स में इजाफा:
बैंक के नए कदम से एक हफ्ते से लेकर 5 साल और उससे अधिक के ₹ एक करोड़ तक के एफडी पर बैंक अब 4.5-6.8 प्रतिशत सालाना ब्याज देगा। बैंक ने कहा है कि सीनियर सिटीजन को 0.50 प्रतिशत अधिक ब्याज मिलेगा। टैक्स बचाने वाले एफडी पर बैंक सालाना 6.8 प्रतिशत ब्याज देगा। बैंक ने हालांकि एनआरई डिपॉजिट पर जमा ब्याज दर में कोई संशोधन नहीं किया है। आपको बता दूं कि बैंक की देशभर में 3342 शाखाएं और 3278 एटीएम नेटवर्क हैं। 

>MSME कर्ज सस्ता हुआ:
MSME के इंडियन ओवरसीज बैंक से कर्ज लेना सस्ता हो गया है। बैंक ने साथ ही लेटर्स ऑफ क्रेडिट एंड बैंक गारंटी की ओपनिंग पर कमिशन घटा दिया है। बैंक से अब ₹25 लाख-₹ 2करोड़ एमएसएमई लोन लेने पर सालाना 0.50 प्रतिशत कम ब्याज देना पड़ेगा जबकि ₹ 2करोड़ एमएसएमई लोन लेने पर 0.15-0.9 प्रतिशत कम ब्याज देना पड़ेगा। 

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 
(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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Rajanish Kant शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018
छोटे कारोबारियों के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम, मोबाइल एप हुआ लांच, एक ही जगह मिलेगी सारी जानकारी
श्री वेंकैया नायडू ने माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइज फैसिलीटेशन काउंसिल (एमएसईएफसी) पोर्टल और माइएमएसएमई मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया
विलंबित भुगतान के मामलों और सूक्ष्‍म लघु और मध्‍यम उद्यम मंत्रालय की योजनाओं को ऑनलाइन किया गया

1650 करोड़ राशि के विलंबित भुगतान के 3700 मामले पोर्टल पर लाए गए 


 केन्द्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन,  सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने आज (एमएसएमई) की राष्ट्रीय बोर्ड की 15 वीं बैठक के अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय दो महत्वपूर्ण पहलों यानि माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज फेसिलिटेशन काउंसिल (एमएसईएफसी) पोर्टल और माईएमएसएमई मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री कलराज मिश्र, केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह और राज्य मंत्री श्री हरिभाई पार्थिभाई चौधरी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

इस अवसर पर श्री कलराज मिश्र ने कहा कि http://msefc.msme.gov.in पर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज फैसिलिटेशन काउंसिल (एमएसईसीसी) पोर्टल एमएसएमईडी अधिनियम 2006 के विलंबित भुगतान के प्रावधानों को लागू करने में मदद करेगा तथा विलंबित भुगतान के मामलों की निगरानी में भी सहायता करेगा। इस मंच पर पहुंच से सूक्ष्‍म और लघु उद्यमों को विलंबित भुगतान संबंधी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करने में मदद मिलेगी।  दर्ज की गई शिकायतें ई-मेल और एसएमएस के माध्‍यम से संबंध पार्टियों को भेज दी जाएंगी। इससे एमएसएमई मंत्रालय के साथ-साथ संबंधित राज्य सरकार के अधिकारियों को राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर भी हुई प्रगति की निगरानी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि अधिकांश राज्यों ने पहले ही विलंबित भुगतान के मामलों से संबंधित जानकारी एमएसईएफसी पोर्टल पर अपलोड कर दी है। 31.03.2017 के अनुसार 1660 करोड़ रुपये की राशि के  3690 मामलों पर विभिन्न एमएसईएफसी द्वारा विचार किया जा रहा है। वास्तव में यह ऑनलाइन पोर्टल स्‍टार्ट-अप्‍स की बड़ी मदद करेगा क्‍योंकि विलंबित भुगतान स्‍टार्ट-अप्‍स के लिए सबसे बड़ी समस्‍या है।
इसके अलावा http://my.msme.gov.in पर MyMSME पर मोबाइल ऐप की भी श्री एम वेंकैया नायडू द्वारा शुरूआत की गई है जो एक ही स्‍थान पर एमएसएमई मंत्रालय द्वारा  लागू की गई सभी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है। एमएसएमई इकाइयां हमेशा यह शिकायत रहती थी कि सभी योजनाओं के बारे में जानकारियां एक ही स्थान पर उपलब्ध नहीं हो रही हैं। माईएमएसएमई मोबाइल एप की सहायता से इस मंत्रालय द्वारा लागू की गई सभी योजनाओं के बारे में एकल खिड़की पर जानकारी उपलब्‍ध होगी। एमएसएमई इस एप के माध्यम से मंत्रालय से संबंधित शिकायतों को भी दर्ज करा सकती हैं। प्रधानमंत्री ने सिविल सेवा दिवस समारोह के अवसर पर ई-गवर्नेंस से एम-गवर्नेंस (मोबाइल गवर्नेंस) की ओर आगे बढ़ने की जरूरत के बारे में बात की है। इस मोबाइल ऐप ने एमएसएमई सेक्टर को एम-गवर्नेंस के युग में प्रवेश करने के लिए सक्षम बनाया है।

केंद्रीय सुक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्ययम राज्य मंत्री श्री हरिभाई चौधरी ने कहा कि मंत्रालय ने प्रत्‍येक योजना ऑनलाइन करने का कार्य शुरू कर दिया है। एमएसएमई इंटरनेट शिकायत निगरानी प्रणाली ने पहले ही 3,000 से अधिक लोगों की शिकायतों को हल कर दिया है। श्री वेंकैया नायडू ने देश के एमएसएमई क्षेत्र में व्यापार को आसान बनाने की दिशा में शुरू की गई विभिन्न पहलों के लिए श्री कलराज मिश्र की प्रशंसा की और उन्‍हें प्रधान मंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप कदम उठाने के लिए बधाई दी।
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant गुरुवार, 27 अप्रैल 2017