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कर अधिकारी से मिलकर यूजनरेम-पासवर्ड बदल सकते हैं करदाता: वित्त मंत्रालय

साभार-भाषा 
नयी दिल्ली , 14 जून (भाषा) वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में पंजीकृत इकाइयां जीएसटी पहचान संख्या (जीएसटीएन) में पंजीकृत ईमेल तथा मोबाइल नंबर बदलने के लिए वैध दस्तावेजों के साथ अपने न्यायाधिकार क्षेत्र के कर अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। 

राजस्व विभाग को कुछ पंजीकृत इकाइयों से शिकायतें मिली थीं कि पंजीयन के लिए उनकी ओर से पंजीकरण के आवेदन के लिए प्राधिकृत बिचौलियों ने उस दौरान अपने खुद के ईमेल पतों एवं मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया था। अब वे उन्हें उपयोक्ता (यूजर) संबंधी विवरण न हीं दे रहे हैं। 

मंत्रालय ने एक बयान में कहा , ‘‘ करदाताओं की इन दिक्कतों को दूर करने के लिए जीएसटी प्रणाली में प्राधिकृत अधोहस्ताक्षरी का ईमेल एवं मोबाइल नंबर अपडेट करने की सुविधा दी गयी है। ईमेल एवं मोबाइल नंबर को करदाता के संबंधित न्यायाधिकार क्षेत्र के कर अधिकारी के मार्फत अपडेट किया जा सकता है। ’’ 

मंत्रालय ने कहा कि करदाता अपने न्यायाधिकार क्षेत्र के कर अधिकारी से मिलकर अपने कारोबार को आवंटित जीएसटी पहचान संख्या के लिए पासवर्ड ले सकते हैं। करदाता जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध ‘ सर्च टैक्सपेयर ’ विकल्प के जरिये अपना न्यायाधिकार क्षेत्र जान सकते हैं। 

करदाताओं को जीएसटी पहचान संख्या से संबंधित कारोबारी जानकारियों को सत्यापित करने तथा अपनी पहचान के लिए कर अधिकारी को वैध दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। इसके बाद अधिकारी गतिविधियों को प्राधिकृत कर करदाता द्वारा मुहैया कराये गये ईमेल एवं मोबाइल नंबर अपडेट कर देंगे। 

दस्तावेज को अपलोड करने के बाद कर अधिकारी जीएसटी पहचान संख्या का पासवर्ड प्रणाली में बदल देंगे। इसके बाद कर अधिकारी ईमेल आईडी के जरिये करदाता को यूजरनेम तथा तात्कालिक पासवर्ड की जानकारी भेज देंगे। 

करदाता को इस यूजरनेम और तात्कालिक पासवर्ड के साथ पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। कर दाता इसके बाद यूजनरेम और पासवर्ड बदल सकेंगे। 

Rajanish Kant गुरुवार, 14 जून 2018
इनकम टैक्स पेयर्स की संख्या में उछाल, 4 करोड़ से बढ़कर 6.26 करोड़ पर पहुंची, अभी और बढ़ाने का लक्ष्य
देश में कम इनकम टैक्स पेयर्स को लेकर काफी चिंता जताई जाती है। लेकिन, इस साल मार्च में समाप्त वित्तीय साल में इनकम टैक्स पेयर्स का आधार बढ़ा है। सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा है कि 2016-17 में इनकम टैक्स पेयर्स की संख्या 6.26 करोड़ पर पहुंच गई जो कि पहले करीब 4 करोड़ थी। 

चंद्रा ने कहा कि नोटबंदी के बाद से इनकम टैक्स पेयर्स का आधार बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने कई कदम उठाये हैं। इनकम टैक्स पेयर्स का आधार बढ़ने से चंद्रा उत्साहित तो हैं, लेकिन उनका कहना है कि इनका और आधार बढ़ाना जरूरी है जो कि एक बड़ी चुनौती है। 

Rajanish Kant मंगलवार, 25 जुलाई 2017