Results for "How to invest in share market"
सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
आप भी बन सकते हैं शेयर बाजार के सुपरस्टार
शेयर बाजार का स्टार बनना मुमकिन ही नहीं, आसान भी है
कैसे बनें शेयर बाजार के शेर: आप हर रोज कुछ न कुछ सामान जरूर खरीदते होंगे। कुछ सामान उसी दिन के लिए होते होंगे, कुछ महीने भर के लिए और कुछ लंबे समय के लिए। लेकिन, इसके साथ ही एक सच ये भी है कि ये सामान आप अपनी जरूरत, अपने बजट के हिसाब से काफी-कुछ सोच-विचारकर, मोल-भाव कर खरीदते होंगे ना कि अपनी आंख-कान बंद करके।

ऐसा भी शायद ही होता होगा कि आपके दोस्त या आपके परिचित या आपके रिश्तेदार ने कुछ कहा और बिना सोचे-समझें आपने वो सामान खरीद लिया हुआ हो या फिर जब तक बहुत जरूरी ना हो तब तक अपने बजट से बाहर जाकर कोई सामान खरीदने की हिम्मत की होगी। कुछ लोग अपवाद हो सकते हैं।

एक बात और कई बार आप गलत सामान का भी चयन कर लेते होंगे लेकिन अगली बार से सामान खरीदने में ज्यादा सावधानी बरतते होंगे, ना कि सामान लेना ही बंद कर देते होंगे। ठीक यही सिद्धांत शेयर बाजार में भी पैसे लगाते वक्त ध्यान में रखने की जरूरत पड़ती है। मसलन, आप जिन शेयरों में पैसे लगाने जा रहे हैं, उनके बारे में पूरी तरह से रिसर्च कर लें, उन लक्ष्यों को भी तय कर लें जिसके लिए पैसे लगाने जा रहे हैं, फिर अपना पॉकेट भी देख लें कि कितना पैसा आप निवेश कर सकते हैं।

जोखिम प्रबंधन जरूरी: आपको भी ये भी देखना होगा कि आप कितनी अवधि या कितना रिटर्न मिलने तक निवेश जारी रख सकते हैं। हां, एक बार और आप किस हद तक जोखिम उठा सकते हैं, उस बारे में भी आपको अंदाज होना चाहिए। जोखिम प्रबंधन के लिए शेयर बाजार में एक प्रक्रिया होती है, जिसे स्टॉप लॉस कहा जाता है।

स्टॉप लॉस लगाने का फायदा ये है कि अगर आप अपने जोखिम के मुताबिक स्टॉप लॉस लगाते हैं, तो फिर गिरावट की स्थिति में आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा। लेकिन, साथ ही ये भी ध्यान रखें कि अगर आपके मुताबिक, शेयर बाजार में तेजी आ गई है तो मुनाफावसूलने में देरी मत करें। शेयर बाजार में पैसे लगाते समय आप जानकारों की राय लें, लेकिन फैसला आपको ही करना चाहिए, जैसा कि बाजार में कोई सामान लेते वक्त करते हैं।

साथ ही ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि एक बार कोई सामान लेने के बाद अगर वो खराब निकल जाए, तो उसे खरीदना बंद नहीं करते हैं, उसी तरह एक बार शेयर में नुकसान होने पर निवश नहीं करने का संकल्प लेना भी ठीक नहीं है। तब आप ज्यादा सतर्क हो जाएं। उनको भी आप देखें जो शेयर बाजार से पैसे बना रहे हैं।

इतना सब जानने के बाद, अब आप सोच रहे होंगे कि शेयर बाजार में एंट्री कैसे की जाती है। चलिए, हम आपके इस असमंजस को दूर कर देते हैं। इंटरनेट या ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा शुरू होने से शेयर बाजार में पैसे लगाना आसान हो गया है। इसे दूसरे शब्दों में 'शेयर बाजार में लोकतंत्र' आना भी कह सकते हैं। इसने ब्रोकर या दलाल के पीछे भागने और कागजी कामों के भार को भी खत्म कर दिया है। अब बोक्रर द्वारा फोन के माध्यम से आप शेयरों की खरीद-बिक्री तो कर ही सकते हैं, इंटरनेट के माध्यम से आप खुद भी इस काम को अंजाम दे सकते हैं।
-3 तरह के अकाउंट की जरूरत: लेकिन, शेयर बाजार में एंट्री से पहले आपके पास डिमैट अकाउंट के अलावा ब्रोकिंग और बैंक अकाउंट होना जरुरी है।

अगर आप स्टॉक मार्केट में शेयर की खरीद और बिक्री करना चाहते हैं तो सबसे पहले किसी शेयर बाजार के रेग्यूलेटर securities Exchange Board Of India यानी सेबी के पास रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के पास ब्रोकिंग अकाउंट खुलवाएं। इसके अलावा आपको किसी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के पास डीमैट अकाउंट भी ओपन करवाना होगा।

फिलहाल अपने यहां National Securities Depositoiry Limited यानी NSDL और Central Depository Services (india) Limited. यानी CSDL डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स हैं। डीमैट अकाउंट ओपन करवाने के लिए सबसे पहले आपको डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट के पास जाकर फॉर्म भरना होगा। एनएसडीएल और सीडीएसएल की वेबसाइट पर मान्यताप्राप्त डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट्स यानी डीपी की सूची दी हुई है। खाता खुलने के बाद आपको एक अकाउंट नंबर और डीपी आईडी नंबर मिलेगा। अपने डीपी के साथ किसी तरह के लेन-देन के लिए आपको दोनों नंबर देने होंगे। निवेशक icicidirect.com, hdfcsecurities.com, sharekhan.com, indiabulls.com, investsmartonline.com जैसी इंटरनेट ट्रेडिंग कंपनियों के पास तीनों तरह के अकाउंट खुलवा सकते हैं।

आप अपने डीमैट अकाउंट के जरिए आईपीओ के लिए आवेदन, शेयरों की खरीद बिक्री, शेयरों का ट्रांसफर और फिजीकल रूप में पड़े शेयरों को डीमैटेरियलाइज कर सकते हैं।

बाजार में कारोबार के लिए आपके पास बैंक सेविंग अकाउंट भी होने जरूरी हैं ताकि शेयरों की बिक्री से मिलने वाली रकम या शेयर खरीदने के लिए पैसों का भुगतान किया जा सके। कंपनियां अपने निवेशकों को डिविडेंड का भुगतान भी उसी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करती हैं। कई ब्रोकर्स तीनों अकाउंट की सुविधा अपने ग्राहकों को देते हैं।

जब आपने इतना सबकुछ कर ही लिया है तो अपने ब्रोकर को ऑर्डर प्लेस कर दें और कर लीजिए शेयर बाजार में एंट्री।

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Rajanish Kant शनिवार, 14 मार्च 2015