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Cash में पेमेंट करने पर Income Tax Notice आएगा?
Can Cash payment Attract An Income Tax Notice हममें से बहुत सारे लोग कैश यानी नकदी में सामान खरीदते हैं। बहुत सारे दर्शकजानना चाहते हैं कि क्या कैश में पेमेंट करने पर इनकम टैक्स का नोटिस मिल सकता है। तो, अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो इस एपिसोड को शुरू से लेकर अंत तक देखें। हम इस एपिसोड में 6 ऐसी लेन-देन का जिक्र करेंगे, जिसमें इनकम टैक्स लेन-देन करने वालों को नोटिस भेजकर जवाब मांग सकता है। अगर इनकम टैक्स का नोटिस मिल गया तो क्या करना है ये भी इस एपिसोड में हम आपको बताएंगे।


('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





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Rajanish Kant सोमवार, 12 जून 2023
शेयर बाजार के लिए आज ऐतिहासिक दिन, सारे शेयरों पर T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू, जानें इसका मतलब


भारतीय शेयर बाजार के लिए आज यानी 27 जनवरी 2023 ऐतिहासिक दिन है। कैश सेगमेंट में शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए सभी लिस्टेड शेयरों पर आज से T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू होगा। हालांकि, पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर थोड़े थोड़े शेयरों पर पहले से इस सिस्टम को लागू करके परीक्षण किया जा रहा था। इससे पहले सारे शेयरों पर T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू था। 

T+1 सेटलमेंट का मतलब:

जब निवेशक या ट्रेडर शेयर खरीदते या बेचते हैं तो डीमैट अकाउंट में शेयर आने या बचत खाते में पैसे आने में कुछ समय लगता है। इसके लिए सेबी ने कुछ नियम बनाए हैं। इस नियम का पालन सभी स्टॉक एक्सचेंज और शेयर ब्रोकर को करना होता है। अभी तक भारत में केवल T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू है, यानी खरीद या बिक्री के ऑर्डर के 2 दिन में शेयरों का सेटलमेंट पूरा होता है। T+1 सेटलमेंट सिस्टम में शेयर खरीदने पर  24 घंटे के अंदर आपके डीमैट अकाउंट में वो शेयर आ जाएंगे  और उन शेयरों को बेचने पर उसके पैसे 24 घंटे के अंदर आपके सेविंग्स अकाउंट में आ जाएंगे। 

भारत में 2003 में T+2 (Trade+2) सेटलमेंट सिस्टम लागू हुआ था। 2001 से 2003 तक T+3 (Trade+3) सेटलमेंट सिस्टम लागू था। 2001 से पहले साप्ताहिक सेटलमेंट सिस्टम लागू था। यानी निवेशकों को शेयर बेचने के बाद उससे मिले पैसों को सेविंग्स खाते में पाने के लिए सात कामकाजी दिनों का इंतजार करना पड़ता था और शेयर खरीदने के बाद उन शेयरों को अपने डीमैट खाते में हासिल करने के लिए भी सात कामकाजी दिनों का इंतजार करना होता था। लेकिन, 27 जनवरी 2023 से इसके लिए केवल एक कामकाजी दिन यानी 24 घंटे का इंतजार करना होगा। 





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Rajanish Kant शुक्रवार, 27 जनवरी 2023
अगर SBI को ATM इस्तेमाल करते हैं, तो...
देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने अपने ATM ग्राहकों को झटका दिया हा। बैंक ने ATM  से निकालने वाले कैश की रोजाना सीमा 50 प्रतिशत घटा दी है। अब आप SBI के एटीएम से 1 दिन में सिर्फ 20 हजार रुपए ही निकाल सकते हैं। पहले ये लिमिट 40 हजार रुपए थी। नई लिमिट 31 अक्टूबर 2018 से लागू होगी।
बैंक ने अपने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि उसके एनालिसिस में पता चला है कि अधिकतर लोग एटीएम से इतनी ही रकम निकालते हैं। इसलिए अधिकतर ग्राहकों के लिए 20 हजार रुपए की लिमिट ठीक है। बैंक का ये भी कहना है कि वह यह देखना चाह रहा है कि क्या छोटी रकम के जरिए फ्रॉड पर लगाम लगाई जा सकती है।
बैंक ने हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी ग्राहक को ज्यादा कैश की जरूरत पड़ती है तो वो कार्ड के दूसरे वैरियंट के लिए अप्लाई कर सकता है। इस तरह के कार्ड उन लोगों को जारी किए जाते हैं तो अपने अकाउंट में ज्यादा मिनिमम बैलेंस रखते हैं।

Rajanish Kant मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018
ATM में फिर होगी कैश की किल्लत, नए नियम से आएगी आफत!

ATM में फिर होगी कैश की किल्लत, नए नियम से आएगी आफत!

Rajanish Kant सोमवार, 20 अगस्त 2018
नकदी को ना ना...डिजिटल भुगतान का स्वागत
मोदी सरकार की नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान की मुहिम जोर पकड़ रही है। नोटबंदी और निकासी की सीमा खत्म होने के बाद भी कैश का इस्तेमाल नोटबंदी से पहले की अवधि यानी पिछले साल 8 नवंबर के मुकाबले कम है। लोग 8 नवंबर से पहले के मुकाबले अब भी 26 प्रतिशत कम कैश का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, यूपीआई समेत डिजिटल लेन-देन का प्रचलन बढ़ रहा है। 

रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च तक सिस्टम में 13.32 लाख करोड़ रुपए की कुल नकदी और मुद्रा प्रचलन में थी। फिलहाल सिस्टम में जो नकदी और मुद्रा है वह पिछले साल नवंबर के शुरुआत के 74 प्रतिशत है यानी 26 प्रतिशत कम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध लगाने के समय सिस्टम में 17.97 लाख करोड़ की नकदी और मुद्रा प्रचलन में थी। 

बैंकों से साप्ताहिक नकदी निकासी की बात करें, तो यह लगातार चौथे हफ्ते गिरी है।  10 मार्च वाले हफ्ते में 47,400 करोड़ रुपए की नकदी की निकासी हुई थी जो कि 31 मार्च को समाप्त हफ्ते में घटकर 22,194 करोड़ रुपए रह गई। 
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
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Rajanish Kant सोमवार, 10 अप्रैल 2017
सोने का गहना...कैश में अब इतने रु. से अधिक का मत लेना...वरना पड़ेगा रोना, क्योंकि...
कैश में अगर सोना खरीदने जा रहे हैं तो आपके लिए एक बुरी खबर है। सरकार  कैश लेन-देन को हतोत्साहित करने और सोने की जमाखोरी पर नकेल कसने के लिए एक अप्रैल 2017 से नए नियम लागू कर रही है। जी हां...एक अप्रैल से कैश में दो लाख रुपये से अधिक के गहने खरीदने पर कुल रकम का 1 प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह- tax collected at source) देना होगा। अभी तक इसकी सीमा 5 लाख  रुपये थी। यानी कैश में गहने खरीदने पर अब आपको ज्यादा कीमत देनी होगी। 

वित्त विधेयक 2017 पारित होने के बाद गहने भी सामान्य वस्तुओं की श्रेणी में आ जाएंगे जिन पर दो लाख रुपये से अधिक की खरीद पर एक प्रतिशत टीसीएस देना होता है।  

वित्त विधेयक, 2017 कहता है, ‘‘मौजूदा प्रावधान गहनों की पांच लाख रुपये से अधिक की कैश बिक्री पर एक प्रतिशत स्रोत पर कर काटने का है। कैश लेन-देन पर अंकुश के मद्देनजर इसे समाप्त करने का प्रस्ताव है।’’ वित्त विधेयक 2017 में प्रस्तावित संशोधन के बाद कैश में पांच लाख रुपये से ज्यादा के गहनों की खरीद टीसीएस के दायरे से बाहर हो जाएगी और इसे अब ‘अन्य वस्तुओं’ के रूप में वगीकृत किया जाएगा और दो लाख रुपये से अधिक की खरीद पर एक प्रतिशत का टीसीएस काटा जाएगा.

सोनाऔर ज्वैलरी पर टीसीएस का नियम 1 जुलाई 2012 से लागू है। बुलियन के रूप में सोना (बिस्किट, बार) खरीदने पर दो लाख रुपए से ज्यादा कैश पर 1% टीसीएस लगता है। ज्वैलरी के लिए यह सीमा 5 लाख रुपए है। 2016-17 के बजट में वस्तुओं और सेवाओं की दो लाख रु. से ज्यादा की कैश खरीद पर 1% लगा दिया गया था। इसमें ज्वैलरी को भी शामिल किया गया था। लेकिन ज्वैलर्स की करीब डेढ़ महीने की हड़ताल के बाद सरकार ने इसे वापस ले लिया और ज्वैलरी पर 5 लाख की सीमा बरकरार रही। 

बता दें कि बजट में 3 लाख रुपए से अधिक कैश लेनदेन पर  भी रोक लगाने का प्रावधान है। नियम तोड़ने पर कैश लेने वाले को पूरी रकम पर 100% जुर्माना लगेगा। यानी जितना कैश लिया, उतना ही जुर्माना देना पड़ेगा। 

>जानिए इस नए नियम से आप पर कितना असर होगा?
मान लिया आपने एक बार में कैश में 3 लाख रु. के गहने खरीदना है, तो अब तक आपको इसके लिए तीन लाख रुपए ही चुकाने होते हैं लेकिन एक अप्रैल के बाद जब नया नियम लागू होगा, तो आपको देना है ( 3 लाख+3 लाख का 1%) यानी ( 3 लाख+3,000) मतलब, तीन हजार रुपए ज्यादा। जबकि पहले 5 लाख रुपए तक गहने कैश में बिना कोई टीसीएस दिए खरीद सकते थे।


((सोना रखने की लिमिट से मत घबराएं, अतिरिक्त सोना गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में जमा कराएं, जानें स्कीम की खास बातें
(सोने में निवेश पर मोदी सरकार की पहल पढ़ें beyourmoneymanager पर
((2017 में कहां बनेगा पैसा; बैंक FD, सोना, इक्विटी, रियल एस्टेट या डेट इंस्ट्रूमेंट  में ? 
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((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
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((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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Rajanish Kant सोमवार, 20 फ़रवरी 2017