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₹5 करोड़ कमाने का ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा

₹5 करोड़ कमाने का ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा

Rajanish Kant मंगलवार, 22 मई 2018
कालेधन पर कामयाब कार्रवाई पर सरकार ने थपथपाई अपनी पीठ!
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने पिछले तीन वर्षों में काला धन समाप्त करने में अपार सफलता प्राप्त की, 23064 सर्च / सर्वे किए गए( आयकर17525,सीमा शुल्क 2509, केंद्रीय उत्पाद 1913,सेवा कर 1120) ,1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगा (आयकर 69434,सीमा शुल्क 11405 , केंद्रीय उत्पाद 13952, सेवा कर 42727)।
राजस्व विभाग के अंतर्गत कानून लागू करने वाली एजेंसियों के समन्वित कार्य और निरंतर प्रयास से पिछले तीन वर्षों में काले धन की समस्या से लड़ने में अपार सफलता मिली है।

इस अवधि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में अप्रत्याशित कानूनी कार्रवाई की गई। जहां 23064 सर्च / सर्वे किए गए( आयकर17525,सीमा शुल्क 2509, केंद्रीय उत्पाद 1913,सेवा कर 1120) वहीं 1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया गया (आयकर 69434,सीमा शुल्क 11405 , केंद्रीय उत्पाद 13952, सेवा कर 42727)। साथ ही 2814 मामलों में आपराधिक मुकदमे किए गए( आयकर 1966, सीमा शुल्क 526, केंद्रीय उत्पाद 293,सेवा कर 29)। 3893 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है( सीमा शुल्क 3782, केंद्रीय उत्पाद 47, सेवा कर 64)।

प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन(मनी लॉड्रिंग) विरोधी कारर्वाइयों में तेजी दिखाते हुए 519 मामले दर्ज किए और 396 सर्च आपरेशन किया गया। 79 मामलों में गिरफ्तारियां की गईं और 14,933 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई।

बेनामी प्रतिषेध कानून पिछले 28 वर्षों तक निष्प्रभावी रहा । इसे नवंबर 2016 से व्यापक संशोधन करके प्रभावी बनाया गया है। 245 से अधिक बेनामी लेनदेन का पता लगाया गया। 124 मामलों में 55 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति अस्थाई रूप से जब्त की गई है।

विभिन्न कानूनों को तर्कसंगत बनाया गया है, कमियों को दूर किया गया है और दण्डात्मक प्रावधानों को कठोर बनाया गया है। विभिन तरीकों से नकद लेनदेन पर नजर रखने और नकद लेनदेन पर नियंत्रण रखने के प्रयास किए गए हैं। ऐसे तरीकों में 2 लाख रुपये से ऊपर के नकदी लेनदेन में दंड का प्रावधान, अनुमति योग्य नकद खर्च की सीमा केवल 10,000 रुपये रखना, पैन संख्या प्राप्त करने और आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार की अनिवार्यता तथा 50,000 रुपये से अधिक की नकदी जमा के लिए पैन की अनिवार्यता, बैंक खातों से आधार को आवश्यक रूप में जोड़ना , अचल संपत्ति के हस्तांतरण मामले में 20,000 रुपये और उससे अधिक की रकम पर दण्ड और यह दण्ड बराबर की राशि होगा। नौ नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के बीच बचत खातों में 2.5 लाख रुपये से अधिक जमा और चालू खाते में 12.5 लाख रुपये से अधिक जमा मामले में आवश्यक रूप से सूचित करना शामिल है। हजारों मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐसे मामलों में कानून लागू करने वाली एजेंसियों यानी आईटी, ईडी,एमसीए,एसएफआईओ, सीबीआई के माध्यम से कार्रवाई की गई। पिछले तीन वित्त वर्षों ( 2013-14 से 2015-16) में आयकर जांच से 1155 मुखौटा कंपनियों की जानकारी मिली जिसे 22.000 से अधिक लाभार्थी गैर कानूनी जरिये से उपयोग कर रहे थे। ऐसे लाभार्थियों के नकली लेनदेन में शामिल रकम 13,300 करोड़ रुपये से अधिक है। कारपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कामकाज की दृष्टि से बंद पड़ी कंपनियों के नाम हटाने के लिए एक लाख से अधिक नोटिस जारी किए हैं।
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017
आयकर विभाग शुरू कर रहा है स्‍वच्‍छ धन अभियान, क्या करें काले धन वाले...जानिए...
आयकर विभाग आरंभ कर रहा है स्‍वच्‍छ धन अभियान
आयकर विभाग ने आज स्‍वच्‍छ धन अभियान आरंभ किया है। इस अभियान के आरंभिक चरण में 9 नवम्‍बर से 30 दिसम्‍बर, 2016 तक प्रचुर मात्रा में जमा की गई नकदी की ई-वेरिफिकेशन शामिल है। विमुद्रीकरण आंकड़ों की आय‍कर विभाग के डाटाबेस में उपलब्‍ध सूचना के साथ तुलना करने के लिए डाटा एनेलिटिक्‍स का प्रयोग किया गया हैा पहले बैच में ऐसे लगभग 18 लाख व्‍यक्तियों की पहचान की गई है जिनके मामले में नकदी का लेन-देन  करदाता के प्रोफाइल से मेल नहीं खा रहा है।
आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए अनुपालन लागत घटाने के लिए अपने संसाधनों का श्रेष्‍ठ प्रयोग करते हुए इन लेन-देनों की ऑनलाइन वेरिफिकेशन को सक्षम बनाया है। इन मामलों के संबंध में सूचना  https://incometaxindiaefiling.gov.in पोर्टल पर पैन होल्‍डर की ई-फाइलिंग विंडो में (लॉगइन के पश्‍चात) उपलब्‍ध की जा रही है। पैन होल्‍डर, पोर्टल के कम्‍प्‍लायंस सैक्‍शन के अंतर्गत कैश ट्रांसैक्‍शन्‍स 2016 लिंक का प्रयोग करते हुए इस सूचना को देख सकते हैं। करदाता आयकर कार्यालय जाए बिना ऑनलाइन स्‍पष्‍टीकरण दाखिल कर सकेंगे।
करदाताओं को ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन रिस्‍पॉन्‍स प्रस्‍तुत करने के लिए ई-मेल और एमएमएस  भेजे जाएंगेा जिन करदाताओं ने ई-फाइलिंग पोर्टल  https://incometaxindiaefiling.gov.in पर रजिस्‍ट्रेशन नहीं किया है, वे ‘रजिस्‍टर यूअरसेल्‍फ’ लिंक पर क्लिक करके रजिस्‍टर करें। रजिस्‍टर्ड करदाता इलैक्‍ट्रॉनिक कम्‍यूनीकेशन प्राप्‍त करने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपना ई-मेल एड्रैस तथा मोबाइल नंबर अद्यतन करें व जांच लें।
करदाता को ऑनलाइन रिस्‍पॉन्‍स प्रस्‍तुत करने में सहायता देने के लिए पोर्टल पर विस्‍तृत यूज़र गाइड तथा क्विक रैफरेंस गाइड उपलब्‍ध है। यदि ऑनलाइन रिस्‍पॉन्‍स प्रस्‍तुत करने में कोई कठिनाई हो तो हैल्‍पडेस्‍क से 1800 4250 0025  पर संपर्क किया जा सकता है।
स्‍वीकृत जोखिम मानदण्‍ड पर आधारित मामलों को जांच के लिए चुनने हेतु डाटा एनेलेटिक्‍स का प्रयोग किया जाएगा। यदि मामले को जांच के लिए चुन लिया जाता है तो अतिरिक्‍त सूचना और उसकी प्रतिक्रिया के लिए अनुरोध भी इलैक्‍ट्रॉनिक रूप से संसूचित किया जाएगा। नवीन सूचना, प्रतिक्रिया और डाटा एनेलेटिक्‍स के प्राप्‍त होने पर ऑनलाइन पोर्टल पर सूचना अद्यतित होकर सक्रिय हो जाएगी।
उपलब्‍ध सूचना के आधार पर करदाता की प्रतिक्रिया का मूल्‍यांकन किया जाएगा। यदि नकद के स्रोत का स्‍पष्‍टीकरण उचित पाया जाएगा तो आयकर कार्यालय में आने की आवश्‍यकता नहीं रहेगी और जांच को बंद कर दिया जाएगा। यदि प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना (पीएमजीकेवाई) के अंतर्गत नकद जमा की घोषणा की जाती है तब भी जांच को बंद कर दिया जाएगा।
आयकर विभाग के किसी नोटिस और आयकर अधिनियम तथा लागू अन्‍य नियमों के अंतर्गत कार्रवाई से बचने के लिए इस चरण में शामिल करदाताओं को अपनी प्रतिक्रिया पोर्टल पर 10 दिन के भीतर देनी होगी।
(Source: pib.nic.in)

Rajanish Kant बुधवार, 1 फ़रवरी 2017