Results for "भुगतान संतुलन"
देश का CAD ( चालू खाता घाटा) दोगुना बढ़ा, व्यापार घाटे में भी बढ़ोतरी: RBI


2022-23 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

दूसरी तिमाही (क्यू2) अर्थात् जुलाई-सितंबर 2022-23 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े विवरण-। (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्‍तुत किए गए हैं।

2022-23 की दूसरी तिमाही में भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं

  • भारत के चालू खाते की शेष राशि में 2022-23 की दूसरी तिमाही में 36.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 4.4 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया, जो 2022-23 की पहली तिमाही में 18.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.2 प्रतिशत)1 और एक वर्ष पहले [अर्थात, 2021-22 की दूसरी तिमाही]2 9.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) के घाटे से अधिक है।

  • 2022-23 की दूसरी तिमाही में चालू खाते में घाटे का मुख्य कारण वस्तु व्यापार घाटे का 2022-23 की पहली तिमाही में 63.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 83.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाना और निवेश आय के अंतर्गत निवल व्यय में वृद्धि होना था।

  • सॉफ्टवेयर निर्यात, व्यापार और यात्रा सेवाओं में वृद्धि के कारण सेवा निर्यात में वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर 30.2 प्रतिशत की संवृद्धि दर्ज की गई। निवल सेवा प्राप्तियों में क्रमिक रूप से और वर्ष-दर-वर्ष दोनों आधार पर वृद्धि हुई।

  • प्राथमिक आय खाते से निवल व्यय, जो मुख्यतया निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है, एक वर्ष पहले के 9.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 12.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • निजी अंतरण प्राप्तियों की राशि, जो मुख्यतया विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा विप्रेषण को दर्शाती है, एक वर्ष पहले के उनके स्तर से 29.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 27.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर दर्ज की गई।

  • वित्तीय खाते में, निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश एक वर्ष पहले के 8.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • निवल विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया, जो 2021-22 की दूसरी तिमाही के दौरान 3.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।

  • 2022-23 की दूसरी तिमाही में भारत के लिए निवल बाह्य वाणिज्यिक उधार में 0.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह दर्ज किया गया, जबकि इसमें एक वर्ष पहले 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया था।

  • अनिवासी जमाओं में 2021-22 की दूसरी तिमाही में 0.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवल बहिर्वाह की तुलना में 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया।

  • 2022-23 की दूसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों (बीओपी के आधार पर) में 30.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी हुई, जबकि 2021-22 की दूसरी तिमाही में 31.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई थी (तालिका 1)।

अप्रैल-सितंबर 2022 (2022-23 की पहली छमाही) के दौरान भुगतान संतुलन

  • 2022-23 की पहली छमाही में भारत ने सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत का चालू खाता घाटा दर्ज किया, जो वस्तु व्यापार घाटे में तेज वृद्धि के कारण हुआ, जबकि 2021-22 की पहली छमाही में यह 0.2 प्रतिशत था।

  • सेवाओं और निजी अंतरणों की उच्च निवल प्राप्तियों के कारण वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 2022-23 की पहली छमाही में निवल अदृश्य प्राप्तियां अधिक थीं।

  • 2022-23 की पहली छमाही में 20.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल एफडीआई अंतर्वाह 2021-22 की पहली छमाही में 20.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लगभग बराबर था। पोर्टफोलियो निवेश में 2022-23 की पहली छमाही में 8.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया गया, जबकि इसमें एक वर्ष पहले 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया था।

  • 2022-23 की पहली छमाही में, विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों (बीओपी आधार पर) में 25.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई।

तालिका 1: भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
 जुलाई-सितंबर 2022 प्राजुलाई-सितंबर 2021अप्रैल-सितंबर 2022 प्राअप्रैल-सितंबर 2021
जमानामेनिवलजमानामेनिवलजमानामेनिवलजमानामेनिवल
ए. चालू खाता225.2261.6-36.4194.3204.0-9.7456.0510.6-54.5374.4377.5-3.1
1. माल112.0195.5-83.5104.8149.3-44.5234.8381.4-146.6202.2277.4-75.2
  जिसमें से:            
    पीओएल24.059.2-35.215.738.6-22.951.0112.7-61.728.669.5-41.0
2. सेवा80.045.634.461.435.825.6156.190.665.5117.666.251.4
3. प्राथमिक आय5.817.8-12.06.916.7-9.812.033.2-21.112.529.8-17.3
4. द्वितीयक आय27.52.724.821.22.119.053.15.547.642.14.038.0
बी. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा183.6146.437.3209.8201.48.4376.3321.654.8373.9372.01.9
  जिसमें से:            
    आरक्षित निधियों में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+))30.4030.40.031.2-31.230.44.625.80.063.1-63.1
सी. भूल-चूक (-) (ए+बी)0.00.9-0.91.30.01.30.70.9-0.21.30.11.2
प्रा : प्रारंभिक
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है।

 

1 सीमा शुल्क आंकड़ों में अधोगामी समायोजन के कारण 2022-23 की पहली तिमाही के लिए चालू खाता घाटा 23.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.8 प्रतिशत) से अधोगामी संशोधित किया गया है।

2 https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/PressReleases.aspx?Id=45679&Mode=0. दीर्घावधि शृंखला आंकड़ों के लिए कृपया देखें: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics बाह्य क्षेत्र  › अंतर्राष्ट्रीय व्यापार  › त्रैमासिक / वार्षिक


(साभार- www.rbi.org.in)

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Rajanish Kant शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022
चालू खाता घाटा (CAD)अक्टूबर-दिसंबर के दौरान बढ़ा, GDP का 1.4% पर पहुंचा, विदेश से भेजी जाने वाली रकम में कमी का झटका
चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2016-17 की अक्टूबर-दिसंबर (तीसरी तिमाही) में व्यापार घाटे में मामूली कमी के बावजूद सालाना आधार पर बढ़ा है। यह 2015-16 की तीसरी तिमाही में 7.1 अरब डॉलर (GDP का 1.4%) था जो कि 2016-17 की इसी तिमाही में 7.9 अरब डॉलर (GDP का 1.4%) पर पहुंच गया।  चालू खाता घाटे की इस बढ़ोतरी में सबसे अधिक योगदान दिया है विदेशों में काम कर रहे भारतीय द्वारा भेजी जाने वाली रकम में 
आई कमी। सालाना आधार पर दिसंबर तिमाही में इसमें 3.8% कमी आई है। आरबीआई ने इस बारे में ताजा आंकड़े जारी किए हैं। 

> 2016-17 की तीसरी तिमाही के भुगतान संतुलन (BoP) की और खास बातें:
-शुद्ध अदृश्य प्राप्तियों में कमी आई है, व्यापार घाटे में मामूली कमी
-सालाना आधार पर सर्विस प्राप्तियों में सॉफ्टवेयर सर्विस, फाइनेंशियल सर्विस और
बौद्धिक संपदा अधिकारों पर फीस में कमी से मामूली गिरावट आई है
-निजी स्थानांतरण प्राप्तियों जैसे कि विदेशों में काम कर रहे भारतीयों द्वारा भेजी जाने वाली रकम
में सालाना आधार पर 3.8% कमी
-शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में सालाना आधार पर मामूली कमी
-इक्विटी और डेट पोर्टफोलियो निवेश के आउटफ्लो में इस दौरान सालाना आधार
पर भारी बढ़ोतरी, 2015-16 की तीसरी तिमाही में 0.6 अरब डॉलर के आउटफ्लो के
मुकाबले 2016-17 की तीसरी तिमाही में 11.3 अरब डॉलर का आउटफ्लो

फाइनेंस का फंडा: भाग-23, बढ़ता CAD क्यों बढ़ाता तनाव? 

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Rajanish Kant शुक्रवार, 24 मार्च 2017