क्या करें, क्या ना करें जब बैंक खाते में अचानक आ जाए ढेर सारा पैसा
क्या आपका भी बैंक अकाउंट बेकार पड़ा है, बंद कराने में है समझदारी....
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बैंक खाता खोलने के लिए पैन के अलावा अब आधार काफी होगा, RBI ने KYC नियमों में किया संशोधन
रिजर्व बैंक ने बैंक खाता खोलने के नियमों को काफी आसान बना दिया है। अब बैंक खाता खोलने के लिए आपका पैन या फॉर्म 60 के अलावा 12 अंकों वाला आधार नंबर ही काफी होगा। दरअसल, जब आप बैंक खाता खोलने जाते हैं तो आपसे आपके पहचान और आवासीय प्रमाण पत्र के रूप में कई दस्तावेज की मांग की जाती है। लेकिन, अब ये दोनों काम आपका आधार नंबर या फिर 28 अंकों वाला आधार नामांकन नंबर पूरा कर देगा।
रिजर्व बैंक ने इस बारे में सभी बैंकों को आदेश जारी कर दिया है। रिजर्व बैंक ने साथ ही बैंक अकाउंट के लिए आधार नंबर अनिवार्य भी बना दिया है। जब भी आप आधार नामांकन केंद्र पर आधार बनवाने जाते हैं तो सबसे पहले आपको आधार नामांकन नंबर दिया जाता है और उसके कुछ दिनों के बाद ही आधार नंबर आप दिया जाता है।
रिजर्व बैंक ने अपने ताजा आदेश में केवाईसी नियमों मेंं संशोधन करते हुए कहा है कि अब से किसी भी व्यक्ति का आधार नंबर ही उसका पहचान और आवासीय प्रमाण पत्र दोनों का काम करेगा। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि हर व्यक्ति को आधार नंबर बनवा लेना चाहिए। आधार नंबर UIDAI द्वारा जारी किया गया होना चाहिए। बौंक खाता खोलने के लिए आधार के अलावा पैन या फॉर्म 60 भी देना जरूरी है।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा जारी मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुपालन के तहत सभी बैंकों को नए आदेश का पालन करना चाहिए। रिजर्व बैंक का ताजा आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। यह आदेश सभी तरह के बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, सभी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जारीकर्ता बगैरह पर लागू होगा।
NPS खाता खुलवाने के लिए बैंक खाते का विवरण और मोबाइल नंबर देना जरूरी है-PFRDA
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने नया एनपीएस सदस्य पंजीकरण फॉर्म - अतिरिक्त अनिवार्य आवश्यकताएं निर्धारित कीं -
पेंशन क्षेत्र के नियमन और विकास के लिए भारत सरकार द्वारा पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की स्थापना की गई है, ताकि संबंधित सदस्यों की वृद्धावस्था आय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में परिचालन संबंधी मुद्दों को आसान बनाने एवं संबंधित व्यवस्था को बेहतर करने के उद्देश्य से पीएफआरडीए की ओर से समय-समय पर विभिन्न पहल की जाती रही है। एनपीएस ढांचे के तहत नई कार्यक्षमता का विकास, खाता खोलने एवं निकासी में आसानी, शिकायत प्रबंधन इत्यादि इन पहलों में शामिल हैं। इस संबंध में प्राधिकरण द्वारा बैंक खाते के विवरण और मोबाइल नंबर को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि इसके सदस्यों के हित में परिचालन को आसान बनाने के साथ-साथ एनपीएस से बाहर निकलने की प्रक्रिया को भी परेशानी मुक्त बनाया जा सके।
इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा जारी मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुपालन के तहत नए सदस्यों के साथ-साथ मौजूदा सदस्यों के लिए भी विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (एफएटीसीए) और प्रतिभूतिकरण परिसंपत्ति पुनर्निर्माण एवं प्रतिभूति हित की केंद्रीय रजिस्ट्री (सीईआरएसएआई) को अनिवार्य कर दिया गया है। इन्हें नए सामान्य सदस्य पंजीकरण फॉर्म (सीएसआरएफ) में अनिवार्य कर दिया गया है जिसे नए सदस्यों द्वारा भरना आवश्यक है। मौजूदा सदस्यों को अपने लॉग-इन (www.cra-nsdl.com or https://enps.karvy.com/Login/Login ) में एफएटीसीए स्व-प्रमाणन को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है। उपर्युक्त कार्यक्षमता के बारे में जानकारी भी केंद्रीय अभिलेख-रखरखाव एजेंसी (सीआरए) की वेबसाइटों पर उपलब्ध करा दी गई है। एफएटीसीए स्व-प्रमाणन को ऑनलाइन जमा करने के लिए संबंधित सदस्य द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का भी उल्लेख वेबसाइट पर किया गया है।
सदस्यों अथवा ग्राहकों को अपने फॉर्म को अस्वीकृत होने से बचाने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समस्त अनिवार्य खंडों या रिक्त स्थानों को सही ढंग से भरें और उन्हें रिक्त कतई नहीं छोड़ें।
(स्रोत-पीआईबी)
FATCA यानी फॉरेन अकाउंट्स टैक्स कंप्लायंस एक्ट क्या है, बैंक खाताधारकों को इसके बारे में क्यूं जानना चाहिए
अगर आपका किसी बैंक में खाता है तो FATCA यानी फॉरेन अकाउंट्स टैक्स कंप्लायंस एक्ट के बारे में जरूर जानें। दरअसल, FATCA यानी फॉरेन अकाउंट्स टैक्स कंप्लायंस एक्ट के तहत भारत और यूएस के बीच वित्तीय सूचनाओं का स्वत आदान-प्रदान सुनिश्चित होता है। इसके तहत खाताधारक जिस देश की नागरिकता है, जिस देश में जन्म लिया है और टैक्स रेजिडेंस किस देश में है जैसी सूचनाएं मुहैया करवाते हैं। कुछ समय पहले की एक स्टेटमेंट के मुताबिक वित्तीय संस्थानों से कहा गया है कि वे निश्चित अवधि (जुलाई 2014 से अगस्त 2015) में खुले खातों के लिए स्व-प्रमाणित (सेल्फ सर्टिफाइड) दस्तावेज जमा करवाएं। हालांकि खाता यदि स्व-प्रमाणित (सेल्फ सर्टिफाइड) न होने के चलते बंद कर दिया गया है तो एक बार यह जानकारी मुहैया करवा देंगे तो खाता फिर से सभी प्रकार के संबंधित और लागू होने वाले ट्रांजैक्शन्स के लिए चालू कर दिया जाएगा। बता दें कि यह केवल बैंक खाताधारकों के लिए ही नहीं है बल्कि म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय संस्थानों को भी इस प्रकार का निर्देश कस्टमर के संबंध में दिया गया है। एफएटीसीए का मकसद किसी व्यक्ति विशेष का विदेश में बनाई गई संपत्ति पर नजर रखना है कि वह इस पर टैक्स चुका रहा है या नहीं। FATCA के तहत सभी बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशन्स को यह साफ कह दिया है कि वे प्रावधान के तहत न आने वालों की सूचना प्रेषित करें।
तो अगर 30 अप्रैल 2017 तक बैंकों में स्वयं-प्रमाणपत्र (self-certification) जमा करवा दिया है, तो अच्छी बात है और यदि नहीं तो आपको बता दें कि जिन खाताधारकों के बैंक खाते 1 जुलाई 2014 से लेकर 31 अगस्त 2015 के बीच खुले हैं, और FATCA (Foreign Account Tax Compliance Act) के नियमों से सामंजस्य नहीं रखते हैं तो उनका खाता बंद हो सकता है।
आपको बता दें कि इननकम टैक्स विभाग की ओर से एफएटीसीए के तहत सेल्फ सर्टिफिकेशन की तारीख 30 अप्रैल रखी गई थी जोकि बीत चुकी है। 30 अप्रैल तक अपना केवाईसी डीटेल्स और आधार नंबर बैंक या संबंधित वित्तीय संस्थानों को नहीं दिए तो खाते बंद करने का निर्देश जारी किया जा चुका था। सीबीडीटी ने कुछ समय पहले एक बयान के जरिए कहा था कि यदि आपने इस शर्त को पूरा नहीं किया है तो आप अपने खाते से किसी प्रकार का ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे।