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अंबेडकर जयंती पर PM का तोहफा, जारी किया 'भीम आधार', जानें इसकी खास बातें
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने  संविधाननिर्माता  डॉ. भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती के मौके पर नागपुर में  व्यापारियों के लिए ‘भीम आधार’ मंच की शुरुआत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने  भीम के लिए कैश बैक व रेफरल बोनस योजना की शुरुआत और 75 टाउनशिप के लेस-कैश होने की भी घोषणा की।  प्रधानमंत्री इस दौरान डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाली दो प्रमुख प्रोत्साहन योजनाओं - लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापार योजना के मेगा ड्रॉ के विजेताओं को भी सम्मानित किया।  ये पहलें उस डिजिटल आंदोलन को प्रोत्साहित करेंगी जिस पर देश आगे बढ़ा है और वित्तीय समावेशन के माध्यम से सभी का सामाजिक सशक्तिकरण करने के बाबा साहब के सपने को सुदृढ़ करेंगी।

क्या है 'भीम आधार'-भीम मोबाइल एप की व्यापारिक अंतरफलक 'भीम-आधार' प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च की जानी है जो आधार का उपयोग करते हुए डिजिटल भुगतानों का मार्ग प्रशस्त करेगी। इससे प्रत्येक भारतीय नागरिक अपने बॉयोमीट्रिक डेटा का उपयोग करके डिजिटल रूप से भुगतान कर सकेंगे, जैसे व्यापारियों के किसी भी बायोमीट्रिक सक्षम उपकरण पर अपने अंगूठे का निशान देकर। वो उपकरण स्मार्टफोन भी हो सकता है जिस पर कोई बायोमीट्रिक रीडर लगा हो। ऐसा कोई भी नागरिक जिसके पास स्मार्टफोन, इंटरनेट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड नहीं है वो भी भीम-आधार व्यवस्था के माध्यम से डिजिटल लेन-देन कर पाएगा जिससे डॉ. अंबेडकर का सभी के लिए सामाजिक और वित्तीय सशक्तीकरण का सपना साकार होता है। अब तक 27 प्रमुख बैंक 3 लाख व्यापारियों के साथ इसका हिस्सा बन चुके हैं ताकि वो भीम आधार के माध्यम से भुगतान स्वीकार करना शुरू कर सकें।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने छह महीने की अवधि में 495 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ भीम के लिए कैशबैक और रेफरल बोनस दो योजनाओं की भी शुरुआत की। यह इसलिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि जमीनी स्तर तक डिजिटल भुगतानों की संस्कृति पहुंचे। रेफरल बोनस योजना के अंतर्गत भीम का उपयोग करने वाला मौजूदा व्यक्ति और वो जिस नए उपयोगकर्ता को भीम इस्तेमाल करने का सुझाव देता है, दोनों को कैश बोनस मिलेगा जो सीधे उनके खातों में जमा हो जाएगा। वहीं कैशबैक योजना के तहत जो व्यापारी भीम का उपयोग करते हुए लेनदेन करते हैं उन्हें हर लेनदेन पर कैशबैक मिलेगा। ये दोनों योजनाएं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रशासित और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा लागू की जानी हैं।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा भीम-आधार एप का शुभारंभ और कैशबैक व रेफरल योजनाओं का शुभारंभ भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति को बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करेगा।

भारत में डिजिटल भुगतानों को जन आंदोलन बनाने के लिए नीति आयोग के नेतृत्व में चलाई गई दो शुरुआती प्रोत्साहन योजनाएं - लकी ग्राहक योजना औॅर डिजिधन व्यापार योजना, 100 दिनों के कठिन परिश्रम वाले सूचना, शिक्षा और जनसंपर्क अभियान के बाद समाप्त हो गईं। इसके अंतर्गत 16 लाख विजेताओं ने 258 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि जीती जिसमें जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित और देश के विभिन्न कोनों से ताल्लुक रखने वाले उपभोक्ता और व्यापारी शामिल थे। 

मेगा ड्रॉ के विजेताओं को प्रधानमंत्री द्वारा नागपुर के एक समारोह में कल सम्मानित किया जाएगा। मेगा ड्रॉ के विजेता ही देश में डिजिटल भुगतान क्रांति के प्रसार के प्रमाण हैं।


डिजिटल भुगतान के तरीकों के उपयोग में बढ़ोतरी सक्षम करने के मामले में देश के 100 शहरों में नीति आयोग के नेतृत्व में आयोजित डिजिधन मेलों के 100 दिनों का काफी प्रभाव पड़ा है। देश के 27 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के 100 ग्रामीण और शहरी नगरों में कम से कम 15,000 संस्थान कैशलेस हो चुके हैं। शहरों, छोटे शहरों और गांवों से 15 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी के बीच इन मेलों ने लाखों लोगों को नए बैंक खाते खोलने और नए आधार कार्ड बनाने में सक्षम किया। 
दिसंबर 2016 में लॉन्च होने के बाद सिर्फ चार महीनों में 1.9 करोड़ डाउनलोड दर्ज करके भीम एप ने पहले ही एक नया विश्व रिकार्ड बना दिया है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत ने कई उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल भुगतान तरीकों के माध्यम से होने वाले लेनदेनों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। नवंबर 2016 तक सभी डिजिटल लेनदेनों की संख्या 2,80,000 थी जिनका मूल्य 101 करोड़ रुपये के बराबर था। लेकिन इस साल मार्च तक सिर्फ चार महीनों में विभिन्न डिजिटल भुगतान विधियों का उपयोग करके हुए भुगतानों की मात्रा 23 गुना बढ़कर 63,80,000 डिजिटल लेनदेन की हो गई जिनका मूल्य 2425 करोड़ रुपये है। आधार से होने वाले भुगतान भी नवंबर 2016 में 2.5 करोड़ रुपये तक थे जो मार्च 2017 में बढ़कर 5 करोड़ तक हो गए हैं। इसी अवधि में तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) लेनदेन भी 3.6 करोड़ से बढ़कर 6.7 करोड़ रुपये के हो गए हैं।

मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 2500 करोड़ डिजिटल लेनदेन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री भारत में लगभग 75 टाउनशिप को 'लेस-कैश टाउनशिप' यानी 'कम नकदी उपयोग वाले नगर' घोषित करेंगे। एक लेस-कैश टाउनशिप वो है जहां भुगतान स्वीकृति का बुनियादी ढांचा पूरी तरह तैयार हो चुका है और नगर के सभी परिवारों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल किया जा चुका है। इस लॉन्च में चुनी गई टाउनशिप को प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के द्वारा स्वतंत्र तृतीय पक्ष मूल्यांकन के अधीन किया गया है और इस सूची में केवल उन टाउनशिप को शामिल किया गया है जिनमें समीक्षा अवधि के दौरान कुल लेन-देन के 80% से अधिक भुगतान डिजिटल माध्यमों से किए गए। ये टाउनशिप प्रतिदिन 1.5 लाख से अधिक डिजिटल लेनदेन उत्पन्न कर सकते हैं और इसके एक साल में लगभग 5.5 करोड़ डिजिटल लेनदेन हो सकते हैं।
Digital Payment Revolution : Facts & Figures



Digital Payments Progress

·         Lucky GrahakYojana and DigiDhanVyaparYojana launched on 25.12.2016

·         100 Digi Dhan Melas held in 100 cities all over the country.

·         100 day long information, education and communication campaign led by NITI Aayog to make digital payments a mass movement in India.

·         At least 15,000 institutions have gone cashless across just these 100 rural and urban cities across each one of the 27 states and 7 UTs.
·         With a turnout of over 15 lakh from cities, small towns and villages, the melas have enabled lakhs to open new bank accounts as well as create new Aadhaar cards.
·         Rs.258 crore of prize money won by 16 lakh winners, including customers and merchants belonging to different corners of the country and from varied walks of life.
·         The lucky winners of the Mega Draw felicitated by the Prime Minister in Nagpur.
·         BHIM App and QR Codes launched
·         BHIM App has already created a new world record by registering 1.9 crore downloads in just four months since its launch in December, 2016.
·         India haso seen an unprecedented increase in number of transactions made using several user-friendly digital payment methods viz. UPI,USSD, AePS.
·         Volume of all digital transactions increased by about 23 times with 63,80,000 digital transactions for a value of Rs. 2425 crore in March 2017 compared to 2,80,000 digital transactions worth Rs.101 crore  till November 2016.
·         Aadhaar Enabled Payments have increased from 2.5 crore in November 2016 to over 5 crore in March 2017.
·         Immediate Payment Service (IMPS) transactions have also increased from 3.6 crore to 6.7 crore during the same period.
BHIM-Aadhaar, the merchant interface of the BHIM App
·         It will pave the way for making digital payments by using the Aadhaar platform.
·         Any Indian citizen can  pay digitally using their biometric data like their thumb imprint on a merchants’ biometric enabled device which could be smart phone having a biometric reader.
·         Any citizen without access to smart phones, internet, debit or credit cards will be able to transact digitally through the BHIM Aadhaar platform.
·         Already, 27 major banks are now on board with 7.15 lakh merchants so that they can start accepting payments using BHIM Aadhaar.
ONBOARDING
·         Total Onboarding (including syndicate update): 7.15 lakhs ,  Transactions: 12.62 lakh
·         Aadhar:1.75 Lakh
·         BHIM/UPI 4.79 lakh
·         QR Code:1.68 lakh  
BHIM – Cash back and Referral Bonus Schemes
·         To ensure that the culture of digital payments permeates down to the grassroots.
·         Under the Referral bonus scheme both the existing user who refers BHIM and the new user who adopts BHIM would get a cash bonus credited directly to their account.
·         Under the Cashback scheme the merchants will get a cash back on every transaction using BHIM. Both schemes are to be administered by MEITY and implemented by NPCI.
·         Outlay of Rs. 495 crore for a period of six months.

75 Townships declared Less Cash Townships

·         In order to achieve the target of 2500 crore digital transactions during the current financial year, the Prime Minister announced about 75 townships spread all over India as ‘less-cash townships’.

·         A less-cash township is one where the deployment of payment acceptance infrastructure is complete, all the families in the township are covered under training programs.

·         Selected townships on the basis of third party assessment by Price Waterhouse Coopers (PWC)

·         Townships with more than 80% of the total number of transactions being done through digital modes of payments during the review period are included in this list.

·         These townships are likely to generate over 1.5 lakh digital transactions every day thereby leading to about 5.5 crore digital transactions in a year
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Rajanish Kant शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017
कैशलेस लेन-देन है आसान, जानें हर तरीका विस्तार से
आपका बैंक में अकाउंट है, आपके पास फीचर या स्मार्टफोन है, आपके पास आधार कार्ड है, इंटरनेट कनेक्टिविटी है, डेबिट/क्रेडिट कार्ड है,  तो फिर कैशलेस सोसाइटी का हिस्सा बनने में दिक्कत क्या है? 

कहते हैं कि दुनिया में बदलाव ही एकमात्र स्थाई चीज है, बाकी सबकुछ परिवर्तनशील है। इसलिए बदलाव के साथ बदलना जरूरी है ताकि आपकी किस्मत भी बदलती रहे। इतिहास में कई ऐसे उदाहरण हैं जिसमें बदलाव का विरोध अक्सर विरोध करने वालों के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। हमारे यहां अभी कैशलेश इकोनॉमी की बात की जा रही है। सरकार कैशलेस सोसाइटी बनाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है। कैशलेश लेन-देन को लेकर लोगों में जागरूकता फैला रही है, कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन भी दे रही है। चलिए, सबसे पहले हम बात करते हैं कि ये कैशलेस लेन-देन होता क्या है। 

>कैशलेस लेन-देन का हिस्सा तो हम अभी भी हैं:
हममें से बहुत सारे लोग आज भी कैशलेस लेन-देन का हिस्सा हैं। जब आप चेक, ड्राफ्ट, ऑनलाइन डेबिट/क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप से अपने घर  का सामान खरीदते हैं, कपड़े-जुते-मोबाइल फोन-किताब-मूवी टिकट, रेलवे का टिकट, हवाई जहाज का टिकट खरीदते हैं, होटल बुकिंग कराते हैं, या फिर जब आपकी कंपनी या सरकार आपके खाते में हर महीने की सैलरी या रीइम्बर्समेंट का हस्तांतरण करती है, इनकम
टैक्स भरते हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं, मकान या गाड़ी की ईएमआई चुकाते हैं, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते हैं, ड्रग लाइसेंस लेते हैं, जीएसटी नंबर लेते हैं, परीक्षा के लिए अर्जी देते हैं तो ये सब कैशलेस लेन-देन के ही उदाहरण हैं।  समझिए, पासवर्ड, यूजर नेम, मोबाइल पिन, मोबाइल वॉलेट, ऐप्स हमारी जिंदगी के अहम हिस्से हो गए हैं। 

कहने का मतलब हुआ कि आपके पास नकदी यानी कैश नहीं रहेगा, लेकिन अगर आपके बैंक खाते में नकदी है तो हर चीज आपकी मुट्ठी में रहेगी। आप जब कैशलेस लेन-देन करते रहेंगे तो आपके खाते से सीधे पैसे का हस्तांतरण वहां हो जाएगा, जहां से आप कोई खरीदारी करते हैं या फिर कुछ भी बुकिंग कराते हैं या फिर ईएमआई चुकाते हैं या इंश्योरेंस प्रीमियम भरते हैं, इनकम टैक्स-सेल्स टैक्स भरते हैं।   

>कैशलेस लेनदेन का क्या मतलब होता है ?
कैशलेस लेनदेनों का मतलब ऐसे सौदों से होता है जहाँ पर किसी वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए भुगतान “कैश” के रूप में न करके ऑनलाइन तरीकों जैसे मोबाइल बैंकिंग, इन्टरनेट बैंकिंग,चेक, ड्राफ्ट या किसी अन्य तरीके से जैसे मोबाइल वॉलेट Paytm इत्यादि से होता है|

>कैशलेस लेन के क्या-क्या तरीके होते हैं  और कैसे इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।  
प्रीपेड कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, रुपे डेबिट कार्ड, मास्टर कार्ड, फीचर मोबाइल फोन से, स्मार्टफोन से, ई-वॉलेट से, एईपीएस (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली से), इंटरनेट बैंकिंग से, चेक, ड्राफ्ट। लेकिन, इन सबके लिए आपका बैंक अकाउंट होना जरूरी है। 

यहाँ चार अलग अलग तरीके है कि एक भारतीय नागरिक अपने दूसरे साथी नागरिक या एक विक्रेता को धन हस्तांतरण कर सकते हैं।
1) बैंक कार्ड का प्रयोग: डिजिटल भुगतान करने में मुख्य रूप से तीन प्रकार के बैंक कार्ड मदद करते हैं:

A) प्रीपेड कार्ड्स: ऐसे कार्ड्स बैंक द्वारा पहले से ही पैसे डालकर मिलते हैं। इससे केवल एक निश्चित सीमा के भीतर पैसे का सुरक्षित उपयोग कर सकते हैं। इसमें एक्सिस बैंक स्मार्ट वेतन, एचडीएफसी बैंक फोरेक्सप्लस कार्ड  आदि शामिल हैं।

B) एटीएम/डेबिट कार्ड्स:  ये कार्ड्स खाता खोलने के दौरान सभी खाता धारकों के लिए बैंकों द्वारा जारी किए जाते हैं। एटीएम से पैसे निकालने के अलावा डेबिट कार्ड का इस्तेमाल अलग पीओएस मशीन पर सामान खरीदने और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जा सकता है। रूपे डेबिट कार्ड, वीजा डेबिट कार्ड, मास्टर कार्ड डेबिट कार्ड, कुछ उल्लेख करने लायक उदाहरण हैं। 

C) क्रेडिट कार्ड्स: बैंकों द्वारा ये कार्ड्स उन ग्राहकों को जारी किए जाते हैं जिनके खाते में निश्चित रकम रहती है। ऐसे कार्ड्स का इस्तेमाल अलग-अलग पीओएस मशीन पर सामान खरीदने और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जाता है। पहले से ही बिना पैसा डाले क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल एटीएम से पैसे निकालने के लिए किया किया जा सकता है। उनका सीमित उपयोग है और पैसा हर महीने के अंत में कार्ड में जोड़ा जाता है।

> डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में अंतर:
Debit Card हमारे खाते में रखे पैसो के निकालने के दिया जाता है जबकि Credit Card Processing हम बैंको द्वारा एक तरह से लोन पर दी जाने वाली राशि है। Credit Card Payment Gateway के लिए एक Amount निश्चित किया जाता है जिसका उपयोग हम निर्धारित समय में कर सकते है। इन पैसो का उपयोग करने के बाद हमें Credit Card का Payment करना होता है। Credit Card का भी ऑनलाइन पेमेंट किया जाता है। 

2)फीचर मोबाइल फोन का उपयोग: 
राष्ट्रीय एकीकृत यूएसएसडी प्लेटफार्म (NUUP) पर आधारित एक असंरचित पूरक सेवा डाटा (यूएसएसडी) से लैस मोबाइल फोन के जरिये अब मोबाइल बैंकिंग संभव है। मोबाइल पर*99# डायल करने से विभिन्न कार्यों की एक सूची सामने आएगी। इस तरह एनयूयूपी का उपयोग कर शेष राशि की जानकारी, मिनी स्टेटमेंट और धन हस्तांतरण जैसी सेवाएं ले सकते हैं। विशिष्ट मोबाइल फोन के जरिये धन हस्तांतरण के लिए खाता धारकों को अपने संबंधित बैंकों से एक एम-पिन और एमएमआईडी (मोबाइल मनी आइडेंटिफायर)लेने की जरूरत होती है। 

3) स्मार्टफोन का उपयोग: स्मार्टफोन के जरिये लेन-देन के दो मुख्य तरीके हैं:

A) एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस: यूपीआई भुगतान प्रणाली में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हुए दो बैंकखातों के बीच धन हस्तांतरण कर सकते हैं। इसमें  ग्राहक अपने बैंक खाते से बिना क्रेडिट कार्ड डीटेल्स, आईएफएससी कोड, या नेट बैंकिंग/वॉलेट पासवर्ड की जानकारी दिए बिना विभिन्न व्यापारियों कोऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह का भुगतान कर सकता है। इसके लिए किसी भी मौजूद बैंक से यूपीआई ऐप डाउनलोड करें और किसी भी बैंक खाते के साथ वर्चुअल प्राइवेट पता (VPA) स्थापित करें। फिर आप  VPA के साथ एम-पिन का उपयोग करते हुए किसी को भी धन हस्तांतरण कर सकते हैं। आप एक यूपीआई ऐप में विभिन्न बैंकों को एकीकृत कर सकते हैं।

B) ई-वॉलेट: पैसा रखने के लिए ये एक प्रीपेड अकाउंट है जिसके जरिये बिना डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड के इस्तेमाल के ही भुगतान कर सकते हैं। बस अपने ई-वॉलेट में पैसे डलवायें और जब जरूरत हो, इसका इस्तेमाल करें। ई-वॉलेट चार कदम की एक साधारण प्रक्रिया है:

1) मोबाइल वॉलेट या ई-वॉलेट ऐप डाउनलोड करें 
2) जानकारी देकर नया वॉलेट बनाएं और पंजीकरण कराएं
3) अपने बैंक से आईएमपीएस फंड ट्रांसफर, क्रेडिट कार्ड या 
डेबिट कार्ड का उपयोग कर अपने वॉलेट में पैसे डलवाये
4)ई-वॉलेट से भुगतान करें

कई तरह के वॉलेट हो सकते हैं जैसे बंद वॉलेट (जैसे फ्लिपकार्ट वॉलेट), अर्द्ध बंद वॉलेट (कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन पैसे निकालना या मोचन (रिडेम्प्शन) संभव नहीं है जैसे कि पेटीएम और मोबीक्विक), खुले वॉलेट (जो बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं जैसे एसबीआई बड्डी या एचडीएफसी चिल्लर)। पहले लोग वॉलेट यानि बटुए को अपने पॉकेट में रखते थे लेकिन आजकल इसी बटुए को अब मोबाइल में भी रख सकते है जिसे ई-वालेट / E-Wallet  कहते है इसके लिए हमारे पास खुद का एक बैंक अकाउंट होना जरुरी है और अपने बैंक अकाउंट के साथ अगर Intennetbanking का प्रयोग करते है तो हमारे लिए और भी अच्छा है

ई-वालेट / E-Wallet के लिए हमारे पास एक Smartphone के साथ उसमे Net Connectivity यानि Interent Facility भी होना जरुरी है जो आजकल लगभग सभी युवाओ के पास होता है तो अपने मोबाइल के Playstore में जाकर हमे Paytm, Freecharge, Mowikwik, Novapay या Payumoney जैसे App Download कर सकते है जिनके द्वारा इनमें से किसी App को Activate करने के बाद हमारा मोबाइल एक चलता फिरता बैंक या ई-वालेट / E-Wallet के रूप में तैयार है

तो आप जिस क्षेत्र में रह रहे है वहा पर पता करे की लोग कौन सा App ज्यादा Use कर रहे है उसके हिसाब से अपना ई-वालेट / E-Wallet Activate करे

4)आधार कार्ड का प्रयोग: 
आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS)  आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुए किसी भी पीओएस या माइक्रो एटीएम के साथ पैसा भेजने या प्राप्त करने की आसान और सरल प्रक्रिया है। बस अपना यूनिक आधार संख्या अपने बैंक खाते से जोड़ें और बिना पिन या पासवर्ड के बायोमीट्रिक फिंगरप्रिंट का उपयोग कर लेनदेन करें। 

कोई भी भारतीय जिसके पास बैंक खाता है, ऊपर लिखित विधि से नकदी रहित डिजिटल भुगतान शुरू कर सकता है। हालांकि, सुरक्षित और निश्चित लेनदेन के लिए इन बातों का सख्ती से पालन करना होगा: 

1. हर लेन-देन का संदेश अलर्ट के लिए अपने बैंक में अपना मोबाइल नंबर पंजीकरण कराएं
2. कभी किसी के साथ अपना पिन या एम-पिन साझा ना करें 
3. इंटरनेट/मोबाइल बैंकिंग के लिए अपना पासवर्ड हमेशा बदलते रहें 
4. अपने बैंक खाते स्टेटमेंट की नियमित जांच करें 
5. कभी किसी सार्वजनिक कंप्यूटर या किसी के स्मार्टफोन का उपयोग लेनदेन के लिए मत करें 

>मोबाइल वॉलेट (M-wallet) की लिस्ट:
Airtel Money, Axis Bank Lime, Chillr, Citrus Pay,Freecharge,
FTcash, HDFC PayZapp, ICICI Pockets, Itzcash,Jio Money,mRupee
Oxigen Wallet, Paytm,PhonePe, SBI Buddy, Trupay,Vodafone M-Pesa

>मोबाइल वॉलेट कैसे ऐप डाउनलोड करें:
नकदी की किल्लत है और एटीएम से रकम निकलने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है तो आप मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। वॉलेट में किसी तरह का झंझट भी नहीं है और इसका तरीका एकदम सीधा है: 

अपने फोन पर किसी भी मोबाइल वॉलेट का ऐप डाउनलोड करें। आपको गूगल प्लेस्टोर जैसी वेबसाइट पर ये आसानी से मिल जाएंगे। अपने बैंक खाते से रकम इस ऐप में डाल लें और इसका इस्तेमाल शुरू कर दें। जब भी आप किसी दुकान पर खरीदारी करने जाएंगे तो आपको क्यूआर कोड के पास अपना फोन लेकर जाना होगा,उसे स्कैन करना होगा, जो भी रकम अदा करनी है, उसे आपने अपने फोन में भरा और चुटकी बजाते ही वह रकम दुकानदार के पास पहुंच जाएगी।

>चर्चा में Paytm कैसे करें इस्तेमाल?
Paytm एक ऐसा Mobile App बनाया गया है जिसको हर कोई आसानी से समझ सकता है इसके लिए सबसे पहले अपने मोबाइल में आप Paytm App Download कर ले और Paytm में Id बना लें।  इसके बाद अब अपने Mobile Number द्वारा Paytm में अपना Account बना ले इसके बाद Paytm App के अंदर कई सारे Option देखने को मिलेगे जिसमे My Wallet Option भी दिखाई देगा जिसमे हम अपने Debit Card, Credit Card या Internetbanking से Add Money Option से जितना चाहे उतना पैसा जमा कर सकते है। इसके बाद जब आपके Paytm के Wallet में पैसे Transfer कर लेते है तो अब हमारा Paytm Online Payment  के लिए तैयार है अब चाहे आप कही भी जाए तो तो कौन सा दुकानदार Paytm Use करता है या तो खुद पूछ सकते है या फिर इसके लिए खुद आपका Paytm आपकी Help करेगा इसके लिए आपको Paytm के Paytm Nearby Option में जाए फिर Location Details से उस Area की सभी Paytm Use करने वालो सभी दुकानों की List आपके मोबाइल फोन में होगी जिससे आप आसानी से Shopping कर सकते है

Paytm के सबसे बड़े दो फायदे यही है पहला एक तो इसके उपयोग में किये गये पैसे के लिए कोई हमे Surcharge नही देना पड़ता है और दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है की Paytm द्वारा हमारे उपयोग के उपर Paytm Cashback भी मिलता है यानी हमे इसका उपयोग करने पर कुछ धनराशी भी Paytm द्वारा हमारे Wallet में दिया जाता है और इसके अलावा Paytm Promo Code / Paytm Offers / Paytm Coupons/ Paytm Recharge / Paytm App द्वारा भी बहुत सारी छुट प्राप्त कर सकते है

और जब चाहे तब Paytm में जमा पैसे को किसी बैंक में न जाकर खुद से अपने Bank Account में Transfer कर सकते है।

तो, कैशलेस सोसाइटी का हिस्सा बनना है ना आसान। 


Rajanish Kant शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016